इंफाल, 2 मार्च (आईएएनएस)। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) मणिपुर में जातीय हिंसा से विस्थापित मतदाताओं को आगामी लोकसभा चुनाव में वोट डालने में सक्षम बनाने के लिए राहत शिविरों में विशेष मतदान केंद्र स्थापित करेगा। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी
चुनाव अधिकारियों ने कहा कि चुनाव आयोग ने केंद्र और राज्य सरकारों के साथ परामर्श के बाद यह निर्णय लिया।
ईसीआई के एक बयान में कहा गया है, “इसी तरह की पिछली मिसाल के अनुसार, आंतरिक रूप से विस्थापित मतदाताओं को राहत शिविरों में स्थापित किए जाने वाले विशेष मतदान केंद्रों पर मतदान करने की सुविधा दी जाएगी।”
आगे कहा गया है, “अतिरिक्त उपायुक्त या समकक्ष रैंक का एक अधिकारी या एसडीओ (उस जिले का, जिसमें निर्दिष्ट मतदाता रह रहे हैं) को प्रत्येक जिले के लिए सहायक रिटर्निंग अधिकारी के रूप में नामित किया जा सकता है, जैसा भी मामला हो, विशेष रूप से निर्दिष्ट मतदाताओं के लिए।”
इन मतदान केंद्रों पर मतदान प्रत्येक संसदीय क्षेत्र के लिए अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का उपयोग करके आयोजित किया जाएगा।
मणिपुर सरकार इस समय लगभग 320 राहत शिविर संचालित कर रही है, जिनमें 59,000 से अधिक पुरुष, महिलाएं और बच्चे रह रहे हैं।
पिछले साल 3 मई को मैतेई और कुकी-ज़ोमी समुदाय के बीच भड़की जातीय हिंसा के बाद कम से कम 219 लोग मारे गए, 1,500 घायल हुए और 60,000 लोग विस्थापित हुए।
मैतेई समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद दंगे शुरू हुए।
–आईएएनएस
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