नई दिल्ली, 7 अप्रैल (आईएएनएस)। सरकार ने शुक्रवार को कहा कि उसे ऐसे किसी भी मामले की जानकारी नहीं है, जहां दुर्भावनापूर्ण उद्देश्यों के लिए चेहरे की पहचान तकनीक (एफआरटी) का दुरुपयोग किया गया हो।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि एफआरटी तकनीक की अशुद्धि के संबंध में कोई विश्वसनीय जानकारी नहीं है। चेहरे की पहचान तकनीक किसी व्यक्ति के चेहरे का उपयोग करके उनकी पहचान करने या पुष्टि करने का एक तरीका है। चेहरे की पहचान प्रणाली का उपयोग फोटो, वीडियो या रीयल-टाइम में लोगों की पहचान करने के लिए किया जा सकता है।
दूरसंचार मंत्रालय ने टेलीकॉम सिम सब्सक्राइबर वेरिफिकेशन (एएसटीआर) के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और फेशियल रिकॉग्निशन पावर्ड सॉल्यूशन पर एक परियोजना शुरू की है, जो सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं में नकली या जाली दस्तावेजों का उपयोग करके कई मोबाइल कनेक्शन प्राप्त करने वाले फर्जी सिम ग्राहकों का पता लगाने और उन्हें समाप्त करने के लिए एक नेक्स्ट-जेन स्वदेशी और अभिनव समाधान है।
सरकार अपनी डिजी यात्रा पहल में चेहरे की पहचान प्रणाली का उपयोग हवाई अड्डों पर यात्रियों को सहज और परेशानी मुक्त अनुभव प्रदान करने के लिए कर रही है, जिसमें कई स्पर्श बिंदुओं पर टिकट और आईडी के सत्यापन की आवश्यकता नहीं है। डिजी यात्रा 1 दिसंबर, 2022 को दिल्ली, बेंगलुरु और वाराणसी हवाई अड्डों पर शुरू की गई थी।
सूत्रों ने बताया कि सारथी प्रणाली में इस्तेमाल की जाने वाली एफआरटी तकनीक 99.9 फीसदी सटीक है। सारथी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का वेब पोर्टल है, जिसे ड्राइविंग लाइसेंस, शिक्षार्थी का लाइसेंस, स्थानांतरण और स्वामित्व फॉर्म जैसी ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करने के लिए लॉन्च किया गया था।
यातायात उल्लंघनों की पहचान के लिए राज्य पुलिस या परिवहन प्राधिकरणों द्वारा अधिकृत बाहरी एजेंसियों द्वारा वाहन पहचान और स्वचालित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली के लिए भी एफआरटी का उपयोग किया जाता है, जिन्हें सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा यातायात चालान या नोटिस में परिवर्तित किया जाता है।
–आईएएनएस
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