जबलपुर/छिंदवाड़ा. जबलपुर से छिंदवाड़ा स्थानांतरित होकर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के विशेष न्यायाधीश के पद पर पदस्थ युवा जज मोहित दीवान की सोमवार सुबह बैडमिंटन खेलते वक्त हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई. श्री दीवान के आकस्मिक निधन से छिंदवाड़ा के साथ-साथ जबलपुर के न्याय क्षेत्र में भी शोक की लहर हैं.
छिंदवाड़ा के साथ जबलपुर में भी अधिवक्ताओं एवं न्यायाधीशों ने शोक संवेदनाएं व्यक्त की. बताया जा रहा हैं कि श्री दीवान सोमवार सुबह रोज की तरह सतपुड़ा क्लब में बैडमिंटन खेल रहे थे.
इसी दौरान उनके सीने में अचानक दर्द उठा और वे जमीन पर गिर पड़े. श्री दीवान के अचानक अचेत होकर गिरने से साथी खिलाड़ी एवं वहां उपस्थित अन्य लोग भी उनकी तरफ दौड़े. क्लब में अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया. आनन-फानन में श्री दीवान को तत्काल एंबुलेंस से करीब के निजी अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सीय परीक्षण के बाद चिकित्सकों की टीम ने उन्हें सीपीआर भी दिया लेकिन चिकित्सकों के खासे प्रयासों के बाद भी उनकी सांसों की डोर टूट गई.
ज्ञात हो कि उत्तर भारत में बर्फबारी के कारण छिंदवाड़ा में भी तापमान में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है. सोमवार सुबह भी जिले के ग्रामीण क्षेत्र में 3.7 डिग्री व शहरी क्षेत्रों में 6.9 डिग्री दर्ज तापमान दर्ज किया गया. चिकित्सकों का कहना है कि ठंड में शरीर सहित हृदय की नसें सिकुड़ जाती हैं ऐसे में ब्लॉकेज होने पर हृदयाघात की आशंका बढ़ जाती है. कम उम्र के लोगों को हृदयाघाट से पहले कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते है.
35 से ज्यादा उम्र वालों को नियमित बीपी, शुगर संबंधी नियमित जांच कराने की सलाह दी गई हैं साथ ही चिकित्सकों का कहना हैं कि किसी भी कसरत या खेलकूद के पहले शरीर को गर्म (वार्मअप) जरुर कर लेना चाहिए. यह घटना बढ़ते हृदय रोगों और शारीरिक देखभाल के महत्व को रेखांकित करती है. समय रहते सावधानी बरतकर ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है. जज मोहित दीवान की असामयिक मृत्यु ने हृदय स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता को उजागर किया है.