कोलकाता, 1 मार्च (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि जब संदेशखाली में महिलाएं स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेताओं के अत्याचारों के खिलाफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मदद मांग रही थीं, तो वह “आरोपियों को बचाने” में व्यस्त थीं।
प्रधानमंत्री ने हुगली जिले के आरामबाग में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए कहा, “आखिरकार, राज्य भाजपा नेताओं के लगातार विरोध-प्रदर्शन और जनता के भारी दबाव के बाद, उत्पीड़न के पीछे के मुख्य आरोपी को कल गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन इससे पहले, वह इतने दिनों तक फरार रहा। निश्चित रूप से कोई उसे बचा रहा था।”
उन्होंने कहा, “संदेशखाली की महिलाओं ने इस तरह के जघन्य उत्पीड़न के खिलाफ सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री से सख्त मदद मांगी। लेकिन उस समय, वह वास्तव में आरोपियों को बचाने में व्यस्त थीं।”
पीएम ने कहा, “समय आ गया है कि पश्चिम बंगाल के लोग मुख्यमंत्री से पूछें कि क्या कुछ लोगों के वोट उनके लिए इतने महत्वपूर्ण हैं, भले ही यह महिलाओं की गरिमा की कीमत पर हो।”
प्रधानमंत्री ने विपक्षी ‘इंडिया’ गुट के नेताओं पर संदेशखाली मामले में “पूरी तरह से चुप रहने” और “आँखें मूँद लेने” का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ” ‘इंडिया’ ब्लॉक में किसी ने भी संदेशखाली में जो कुछ हो रहा था, उस पर मुख्यमंत्री से स्पष्टीकरण मांगने की हिम्मत नहीं की। कोई भी वहां असहाय महिलाओं से मिलने नहीं गया…कांग्रेस अध्यक्ष ने क्या कहा, यह जानकर आप चौंक जाएंगे। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में ऐसी चीजें होती रहती हैं। क्या यह पश्चिम बंगाल के लोगों, खासकर महिलाओं का अपमान नहीं है?”
प्रधानमंत्री ने कहा कि संदेशखाली में जो हुआ, वह उस पश्चिम बंगाल के लिए ”शर्म की बात” है जहां राजा राम मोहन राय ने महिलाओं के सम्मान के लिए काम किया। उन्होंने कहा, “वह अब जहां भी होंगे, मुझे यकीन है कि राजा राम मोहन राय की आत्मा संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार से दुःखी हो रही होगी।”
–आईएएनएस
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