कोलकाता, 9 जून (आईएएनएस)। तृणमूल कांग्रेस से निष्कासित नेता कुंतल घोष की कैदी की याचिका के बारे में सीबीआई कोलकाता में प्रेसीडेंसी सेंट्रल करेक्शनल होम के अधीक्षक देबाशीष चक्रवर्ती से पूछताछ कर रही है। घोष ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय एजेंसियां उन पर पश्चिम बंगाल में स्कूल भर्ती मामले में तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी का नाम लेने के लिए दबाव डाल रही थीं।
इस घोटाले में आरोपी घोष ने एक स्थानीय थाने और धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत के एक न्यायाधीश को पत्र लिखकर केंद्रीय एजेंसियों पर इस आशय का आरोप लगाया था।
सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारी चक्रवर्ती से पूछताछ कर रहे हैं कि क्या उचित प्रक्रियाओं का पालन किया गया था और कैदी की याचिका दायर करने से पहले घोष ने उनकी मंजूरी मांगी थी।
अधिकारी उस जेल कर्मचारी के बारे में जानकारी मांग रहे हैं जिसने घोष का पत्र स्थानीय थाने और पीएमएलए की विशेष अदालत के न्यायाधीश के कार्यालय तक पत्र पहुंचाया था।
सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों के वकीलों ने इस कैदी की याचिका अलग से दायर करने के औचित्य पर सवाल उठाया है, जबकि घोष के वकील ने कभी भी अदालत के भीतर इस तरह का आरोप नहीं लगाया था।
केंद्रीय एजेंसी के वकीलों ने अदालत को यह भी बताया कि घोष ने ये आरोप अभिषेक बनर्जी द्वारा इसी तरह के आरोप लगाने के एक दिन बाद लगाया था। बनर्जी ने केंद्रीय एजेंसियों के खिलाफ करोड़ों रुपये के शारदा चिटफंड घोटाले में तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पर दबाव बनाने की बात कही थी।
हाल ही में, सीबीआई के अधिकारियों ने घोष से प्रेसीडेंसी केंद्रीय सुधार गृह परिसर के संबंध में भी पूछताछ की थी। मुख्य सवाल यह था कि क्या घोष ने किसी तरह के दबाव में ये कैदी की याचिकाएं दायर की थीं।
हालांकि, सूत्रों ने बताया कि घोष ने बताया कि उन पर पत्र लिखने का कोई दबाव नहीं था।
–आईएएनएस
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