वैशाली, 2 मई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 30 अप्रैल को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में देश में जाति जनगणना कराने का फैसला लिया गया। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के मुख्य प्रवक्ता राजीव रंजन ने शुक्रवार को इस बात पर खुशी जाहिर की और इसे सरकार का ऐतिहासिक निर्णय बताया।
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “यह एक ऐतिहासिक निर्णय है। सदियों की गैर-बराबरी को दूर करने के लिए यह बड़ा फैसला है। यह स्पष्ट संदेश है कि ‘मोदी है तो मुमकिन है’। बिहार ने रास्ता दिखाया और देश ने अपनाया।”
उन्होंने कहा कि बिहार की जातीय सर्वे की जो सफलता है, उस सफलता ने पूरे देश में एक वातावरण बनाया और अंत में पीएम मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने पूरे देश में इसे लागू करने का फैसला किया।
केंद्र सरकार के जातिगत जनगणना कराने के फैसले का श्रेय लिए जाने पर राजीव रंजन ने कहा, “58 साल से देश में कांग्रेस की सरकार और अनेक राज्यों में कभी राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कभी समाजवादी पार्टी (सपा) और उनके अन्य साथी दलों की सरकारें रहीं। उन्हें अपने समय में जातिगत सर्वे कराने का अधिकार था, लेकिन उन्होंने ऐसा क्यों नहीं कराया। ऐसे में बाल की खाल निकालने की कोशिश करना गलत है। देश की जनता को जो यकीन है, वह पीएम मोदी के नेतृत्व पर है।”
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को दिल्ली में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के बाद केंद्र सरकार द्वारा लिए गए फैसलों की जानकारी दी। इस बैठक में सरकार ने देशभर में जाति जनगणना कराने का भी फैसला किया है।
उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि कांग्रेस की सरकार ने आज तक जाति जनगणना का विरोध किया है। आजादी के बाद से अब तक देश में जितनी बार भी जनगणना हुई, उसमें जातियों की गणना नहीं की गई। वहीं, देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस समेत तमाम दलों ने केंद्र सरकार के जातिगत जनगणना कराने के फैसले का स्वागत किया है।
–आईएएनएस
एससीएच/एकेजे