रांची, 2 अगस्त (आईएएनएस)। “आदिवासी तेज कैसे हो सकते हैं ?” झारखंड विधानसभा की कार्यवाही के दौरान यह बयान देकर एक बार फिर चर्चा में आए कांग्रेस के विधायक डॉ. इरफान अंसारी का विवादों के साथ चोली-दामन का रिश्ता है।
शायद ही कोई महीना गुजरता हो, जब वह अपने अजीबो-गरीब बयानों और हरकतों को लेकर विवादों में नहीं रहते। इरफान अंसारी झारखंड विधानसभा में जामताड़ा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह कभी जामताड़ा में होने वाले साइबर क्राइम को वहां के लोगों का टैलेंट बता देते हैं तो कभी झारखंड के किसी विधानसभा क्षेत्र को मुस्लिमों की बड़ी आबादी के चलते ‘मिनी पाकिस्तान’ कह देते हैं।
वह सदन में कभी चुनरी ओढ़कर और तिलक लगाकर पहुंच जाते हैं तो कभी मंदिर में लगाए गए तिलक को माथे से मिटाकर विवादों में घिर जाते हैं। उन पर पीएम के खिलाफ अपशब्द के इस्तेमाल तक का आरोप लग चुका है, हालांकि इस मामले में वह साक्ष्य के अभाव में अदालत से बरी हो चुके हैं।
इरफान अंसारी पर राज्य में अपनी ही सरकार गिराने की साजिश रचने तक का आरोप लगा है। वह अपने तीन साथी विधायकों के साथ पिछले साल जुलाई में कोलकाता में 48 लाख रुपए कैश के साथ गिरफ्तार हुए थे। इस मामले में वह फिलहाल जमानत पर हैं। पार्टी ने इस मामले में उन्हें सस्पेंड कर दिया था। हालांकि, बीते हफ्ते पार्टी नेतृत्व ने उनका सस्पेंशन वापस ले लिया।
इरफान अंसारी ने दो महीने पहले अपने एक बयान में कहा था कि यदि गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को हराना है तो यहां किसी मुस्लिम कैंडिडेट को चुनाव लड़ने के लिए उतारना होगा, क्योंकि सभी को पता है कि गोड्डा के मधुपुर, जरमुंडी, महगामा और गोड्डा में मुस्लिम वोटर्स की बड़ी तादाद है। इरफान यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि महगामा क्षेत्र को तो मुस्लिमों की बड़ी आबादी के चलते ‘मिनी पाकिस्तान’ कहा जाता है। इस बयान पर बवाल मचा तो उन्होंने तुरंत यू-टर्न ले लिया।
इरफान ने सफाई में कहा कि यह बात बीजेपी के लोग कहते हैं और उन्होंने बीजेपी की मानसिकता को उजागर करने के उद्देश्य से यह बात कही थी। पिछले साल जुलाई महीने में उन्होंने जामताड़ा में होने वाले साइबर क्राइम को जस्टिफाई करते हुए कहा था कि जामताड़ा ईश्वर चंद्र विद्यासागर जैसे महापुरुष की भूमि है। यह ज्ञान की भूमि है। यहां के लोग मिनटों में दूसरों का पैसा उड़ा लेते हैं। यह उनका ‘गॉड-गिफ्टेड टैलेंट’ है।
पिछले हफ्ते उन्होंने मणिपुर हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए कह दिया कि भाजपा को वोट देने का मतलब है बच्चियों से रेप होने देना। पिछले साल जून में रांची में सांप्रदायिक उपद्रव के दौरान पुलिस की गोली से मारे गए दो मुस्लिम युवकों को उन्होंने शहीद का दर्जा देने की मांग कर डाली थी। पिछले साल उन्होंने जामताड़ा में फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के गालों से भी चिकनी सड़क बनाने का बयान दे दिया था। तब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने उन्हें बयान देने में संयम बरतने की नसीहत दे दी थी।
दूध-दही पर जीएसटी लगाने के केंद्र सरकार के फैसले पर विरोध जताते हुए इरफान अंसारी ने पीएम मोदी की तुलना कंस से कर दी थी। उन्होंने कहा था- कंस ने भी दूध-दही और मक्खन पर टैक्स लगाया था। उसके बाद कंस का क्या हुआ सबको पता है।
इरफान अंसारी एमबीबीएस डॉक्टर हैं। उन्होंने यूक्रेन से मेडिकल की पढ़ाई की है। कोरोना के थर्ड वेब के दौरान उन्होंने लोगों को ज्यादा मास्क न लगाने की सलाह देते हुए कहा था कि यह बात वह एमबीबीएस डॉक्टर की हैसियत से बोल रहे हैं।
इरफान अंसारी की दूध दुहते, रिक्शा चलाते और मंदिर पहुंचकर पूजा करते तस्वीरें भी वायरल हुई हैं। दो साल पहले देवघर के बाबा वैद्यनाथ मंदिर के गर्भगृह में घुसकर उन्होंने पूजा की थी तो इस पर विवाद खड़ा हो गया था। सांसद निशिकांत दुबे ने इसे वैद्यनाथ धाम की धार्मिक परंपरा के प्रतिकूल बताया था।
इरफान अंसारी के पिता फुरकान अंसारी गोड्डा से सांसद रह चुके हैं। उन्होंने भी पिछले महीने धर्मांतरण को लेकर अजीबो-गरीब बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि हमारे पूर्वज यादव जाति के थे। उनका धर्मांतरण औरंगजेब ने नहीं कराया था, बल्कि हिंदू सामंतवादियों के अत्याचार के तंग आकर उन्होंने इस्लाम स्वीकार किया था।
–आईएएनएस
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