रीवा देशबन्धु. ठंड का असर दिखने लगा है. बच्चों में इसका ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है. निमोनिया, और वायरल फिवर के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. जीएमएच में प्रतिदिन एक दर्जन से अधिक बच्चों को भर्ती करना पड़ रहा है. आलम यह है कि बच्चा वार्ड फुल हो चुका है. एक बेड में दो से तीन बच्चों को लिटा कर इलाज करना पड़ रहा है.
ओव्हरलोड के चलते चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ की परेशानी भी बढ़ गई है. उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों में दिन व रात दोनों तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. रात के वक्त सर्द हवाएं भी चलने लगी हैं. ऐसे में बच्चे बीमार हो रहे हैं. जीएमएच की पीडियाट्रिक ओपीडी में प्रतिदिन करीब 200 बच्चे पहुंच रहे हैं.
ज्यादातर में निमोनिया की शिकायत मिल रही है. इसमें से करीब एक दर्जन बच्चे ऐसे होते हैं, जिनकी हालत गंभीर होती और उन्हें भर्ती करना पड़ रहा है. पिछले कई दिनों से यह हालात निर्मित हैं. ऐसे में बच्चा वार्ड फुल हो चुका है. एक बेड में दो से तीन बच्चों को लिटा कर इलाज करना पड़ रहा है. भीड़ बढ़ने से चिकित्सकों का काम भी बढ़ गया है. सीमित स्टाफ से ज्यादा मरीजों का उपचार कराना मुश्किल हो रहा है.