नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)। 54वें जीएसटी काउंसिल की बैठक में दिल्ली सरकार के विरोध के बाद रिसर्च ग्रांट को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाएगा। आम आदमी पार्टी की दिल्ली और पंजाब सरकार के जीएसटी काउंसिल में विरोध पर केंद्र सरकार, रिसर्च ग्रांट को जीएसटी के दायरे से बाहर करने के लिए राज़ी हो गई है।
दिल्ली सरकार की वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि काउंसिल ने रिसर्च ग्रांट पर जीएसटी नहीं लगाने का फैसला लिया है, यह देश के विकास के लिए एक बड़ा कदम है। शिक्षण संस्थानों के रिसर्च ग्रांट पर टैक्स लगाना टैक्स टेररिज्म के समान है। लेकिन, ‘आम आदमी पार्टी’ के विरोध के बाद रिसर्च ग्रांट को जीएसटी के दायरे से बाहर करने का फैसला रिसर्च के जरिए देश की तरक्की में योगदान देने वाले हमारे शैक्षिक संस्थाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा।
वित्त मंत्री आतिशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, “आम आदमी पार्टी ने लगातार रिसर्च ग्रांट पर जीएसटी का विरोध किया। आज ‘जीएसटी काउंसिल’ की बैठक में दिल्ली और पंजाब सरकार ने इस मुद्दे को उठाया कि शिक्षण संस्थानों को मिली रिसर्च ग्रांट, चाहे वो सरकारी ग्रांट हो या प्राइवेट, पर जीएसटी नहीं लगना चाहिए। मुझे खुशी है कि आज जीएसटी काउंसिल ने ‘रिसर्च ग्रांट’ पर जीएसटी नहीं लगाने का फैसला लिया है। यह देश के विकास के लिए एक बड़ा कदम है।”
इस मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहमति बनने पर आतिशी ने खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, ”यह रिसर्च के जरिए देश की तरक्की में योगदान देने वाले हमारे शैक्षिक संस्थाओं के लिए बहुत बड़ा फैसला है।”
बता दें कि शिक्षण संस्थानों को मिलने वाले प्राइवेट रिसर्च ग्रांट पर केंद्र सरकार 18 प्रतिशत जीएसटी लेती है। पिछले दिनों केंद्र सरकार ने देश के छह बड़े शिक्षण संस्थानों को रिसर्च ग्रांट पर 220 करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस भेजा था।
–आईएएनएस
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