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Home Today's Special News

जी-20 के प्रतिनिधि पुणे की समृद्ध विरासत से रूबरू हुए, आगा खान पैलेस का दौरा किया

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January 18, 2023
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जी-20 के प्रतिनिधि पुणे की समृद्ध विरासत से रूबरू हुए, आगा खान पैलेस का दौरा किया
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पुणे, 18 जनवरी (आईएएनएस)। जी-20 के प्रतिनिधियों ने आगा खान पैलेस सहित पुणे के कुछ ऐतिहासिक और विरासत स्थलों का दौरा किया और विभिन्न स्थानों के इतिहास और महत्व के बारे में जाना, अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

जी20 टीम ने प्रसिद्ध आगा खान पैलेस का दौरा किया, जहां महात्मा गांधी को भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के दौरान उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी और उनके सचिव महादेव देसाई के अलावा सरोजिनी नायडू के साथ लगभग दो साल तक कैद में रखा गया था।

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प्रतिनिधियों को गांधीजी और कस्तूरबा के बचपन और उनके जीवन, स्वतंत्रता संग्राम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका आदि के बारे में जानकारी प्रदान की गई कि कैसे यहां जेल में बंद होने के कुछ दिन बाद (15 अगस्त, 1942) महादेव देसाई का निधन हुआ, और फिर कस्तूरबा का निधन (22 फरवरी, 1944) को हुआ। वह संग्रहालय के चारों ओर घूमे, वहां प्रदर्शित प्रदर्शनों को देखा, गांधीजी की विरासत, चरखा और महल परिसर में समाधियों के बारे में जानकारी ली।

1630 में शाहजी राजे भोसले द्वारा निर्मित ऐतिहासिक लाल महल में, प्रतिनिधियों ने उनके बेटे और बाद में महान मराठा योद्धा-राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास और जीवन के बारे में जाना और अपनी माता राजमाता जीजामाता भोसले सहित बाल्यकाल में कई वर्षों तक यहां रहने वाले बाल शिवाजी की मूर्तियों के दर्शन किए और उन्हें प्रणाम किया।

1732 में निर्मित शनिवार वाड़ा की भव्यता को देखकर पर्यटक (विजिटर्स) रोमांचित हो उठे, जो 5 भव्य दरवाजों (द्वारों) के साथ पूर्ववर्ती किला परिसर था, जिसके भीतर एक हजार से अधिक लोग रहते थे, लेकिन अधिकांश किले आग और अन्य आपदाओं में नष्ट हो गए थे, हालांकि अवशेष अभी भी विस्मयकारी हैं।

जी20 प्रतिनिधिमंडल ने नाना वाड़ा का दौरा किया, माना जाता है कि इसे 1780 के आसपास महान नाना फड़नवीस के निवास के रूप में बनाया गया था, जो पेशवाओं के मुख्य प्रशासक थे और अंग्रेजों द्वारा मराठा मैकियावेली के रूप में जाने जाते थे, प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के इतिहास में उनके योगदान के बारे में जानकारी ली।

जी20 प्रतिनिधियों के साथ नगर आयुक्त विक्रम कुमार, विकास धाकने, संतोष देशमुख, सुप्रिया करमरकर, नीलम महाजन, अजीत आप्टे, संदीप गोडबोले, चंद्रकांत दलवी, और अन्य जैसे शीर्ष अधिकारी थे।

यात्रा का समन्वय कर रहे एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि उत्साहित प्रतिनिधियों ने इन सभी ऐतिहासिक, विरासत स्थलों के बारे में बहुत कुछ सीखा, कई सवाल पूछे, विभिन्न स्थानों पर तस्वीरें और सेल्फी लीं।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

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पुणे, 18 जनवरी (आईएएनएस)। जी-20 के प्रतिनिधियों ने आगा खान पैलेस सहित पुणे के कुछ ऐतिहासिक और विरासत स्थलों का दौरा किया और विभिन्न स्थानों के इतिहास और महत्व के बारे में जाना, अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

जी20 टीम ने प्रसिद्ध आगा खान पैलेस का दौरा किया, जहां महात्मा गांधी को भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के दौरान उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी और उनके सचिव महादेव देसाई के अलावा सरोजिनी नायडू के साथ लगभग दो साल तक कैद में रखा गया था।

प्रतिनिधियों को गांधीजी और कस्तूरबा के बचपन और उनके जीवन, स्वतंत्रता संग्राम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका आदि के बारे में जानकारी प्रदान की गई कि कैसे यहां जेल में बंद होने के कुछ दिन बाद (15 अगस्त, 1942) महादेव देसाई का निधन हुआ, और फिर कस्तूरबा का निधन (22 फरवरी, 1944) को हुआ। वह संग्रहालय के चारों ओर घूमे, वहां प्रदर्शित प्रदर्शनों को देखा, गांधीजी की विरासत, चरखा और महल परिसर में समाधियों के बारे में जानकारी ली।

1630 में शाहजी राजे भोसले द्वारा निर्मित ऐतिहासिक लाल महल में, प्रतिनिधियों ने उनके बेटे और बाद में महान मराठा योद्धा-राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास और जीवन के बारे में जाना और अपनी माता राजमाता जीजामाता भोसले सहित बाल्यकाल में कई वर्षों तक यहां रहने वाले बाल शिवाजी की मूर्तियों के दर्शन किए और उन्हें प्रणाम किया।

1732 में निर्मित शनिवार वाड़ा की भव्यता को देखकर पर्यटक (विजिटर्स) रोमांचित हो उठे, जो 5 भव्य दरवाजों (द्वारों) के साथ पूर्ववर्ती किला परिसर था, जिसके भीतर एक हजार से अधिक लोग रहते थे, लेकिन अधिकांश किले आग और अन्य आपदाओं में नष्ट हो गए थे, हालांकि अवशेष अभी भी विस्मयकारी हैं।

जी20 प्रतिनिधिमंडल ने नाना वाड़ा का दौरा किया, माना जाता है कि इसे 1780 के आसपास महान नाना फड़नवीस के निवास के रूप में बनाया गया था, जो पेशवाओं के मुख्य प्रशासक थे और अंग्रेजों द्वारा मराठा मैकियावेली के रूप में जाने जाते थे, प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के इतिहास में उनके योगदान के बारे में जानकारी ली।

जी20 प्रतिनिधियों के साथ नगर आयुक्त विक्रम कुमार, विकास धाकने, संतोष देशमुख, सुप्रिया करमरकर, नीलम महाजन, अजीत आप्टे, संदीप गोडबोले, चंद्रकांत दलवी, और अन्य जैसे शीर्ष अधिकारी थे।

यात्रा का समन्वय कर रहे एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि उत्साहित प्रतिनिधियों ने इन सभी ऐतिहासिक, विरासत स्थलों के बारे में बहुत कुछ सीखा, कई सवाल पूछे, विभिन्न स्थानों पर तस्वीरें और सेल्फी लीं।

–आईएएनएस

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पुणे, 18 जनवरी (आईएएनएस)। जी-20 के प्रतिनिधियों ने आगा खान पैलेस सहित पुणे के कुछ ऐतिहासिक और विरासत स्थलों का दौरा किया और विभिन्न स्थानों के इतिहास और महत्व के बारे में जाना, अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

जी20 टीम ने प्रसिद्ध आगा खान पैलेस का दौरा किया, जहां महात्मा गांधी को भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के दौरान उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी और उनके सचिव महादेव देसाई के अलावा सरोजिनी नायडू के साथ लगभग दो साल तक कैद में रखा गया था।

प्रतिनिधियों को गांधीजी और कस्तूरबा के बचपन और उनके जीवन, स्वतंत्रता संग्राम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका आदि के बारे में जानकारी प्रदान की गई कि कैसे यहां जेल में बंद होने के कुछ दिन बाद (15 अगस्त, 1942) महादेव देसाई का निधन हुआ, और फिर कस्तूरबा का निधन (22 फरवरी, 1944) को हुआ। वह संग्रहालय के चारों ओर घूमे, वहां प्रदर्शित प्रदर्शनों को देखा, गांधीजी की विरासत, चरखा और महल परिसर में समाधियों के बारे में जानकारी ली।

1630 में शाहजी राजे भोसले द्वारा निर्मित ऐतिहासिक लाल महल में, प्रतिनिधियों ने उनके बेटे और बाद में महान मराठा योद्धा-राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास और जीवन के बारे में जाना और अपनी माता राजमाता जीजामाता भोसले सहित बाल्यकाल में कई वर्षों तक यहां रहने वाले बाल शिवाजी की मूर्तियों के दर्शन किए और उन्हें प्रणाम किया।

1732 में निर्मित शनिवार वाड़ा की भव्यता को देखकर पर्यटक (विजिटर्स) रोमांचित हो उठे, जो 5 भव्य दरवाजों (द्वारों) के साथ पूर्ववर्ती किला परिसर था, जिसके भीतर एक हजार से अधिक लोग रहते थे, लेकिन अधिकांश किले आग और अन्य आपदाओं में नष्ट हो गए थे, हालांकि अवशेष अभी भी विस्मयकारी हैं।

जी20 प्रतिनिधिमंडल ने नाना वाड़ा का दौरा किया, माना जाता है कि इसे 1780 के आसपास महान नाना फड़नवीस के निवास के रूप में बनाया गया था, जो पेशवाओं के मुख्य प्रशासक थे और अंग्रेजों द्वारा मराठा मैकियावेली के रूप में जाने जाते थे, प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के इतिहास में उनके योगदान के बारे में जानकारी ली।

जी20 प्रतिनिधियों के साथ नगर आयुक्त विक्रम कुमार, विकास धाकने, संतोष देशमुख, सुप्रिया करमरकर, नीलम महाजन, अजीत आप्टे, संदीप गोडबोले, चंद्रकांत दलवी, और अन्य जैसे शीर्ष अधिकारी थे।

यात्रा का समन्वय कर रहे एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि उत्साहित प्रतिनिधियों ने इन सभी ऐतिहासिक, विरासत स्थलों के बारे में बहुत कुछ सीखा, कई सवाल पूछे, विभिन्न स्थानों पर तस्वीरें और सेल्फी लीं।

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जी20 टीम ने प्रसिद्ध आगा खान पैलेस का दौरा किया, जहां महात्मा गांधी को भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के दौरान उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी और उनके सचिव महादेव देसाई के अलावा सरोजिनी नायडू के साथ लगभग दो साल तक कैद में रखा गया था।

प्रतिनिधियों को गांधीजी और कस्तूरबा के बचपन और उनके जीवन, स्वतंत्रता संग्राम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका आदि के बारे में जानकारी प्रदान की गई कि कैसे यहां जेल में बंद होने के कुछ दिन बाद (15 अगस्त, 1942) महादेव देसाई का निधन हुआ, और फिर कस्तूरबा का निधन (22 फरवरी, 1944) को हुआ। वह संग्रहालय के चारों ओर घूमे, वहां प्रदर्शित प्रदर्शनों को देखा, गांधीजी की विरासत, चरखा और महल परिसर में समाधियों के बारे में जानकारी ली।

1630 में शाहजी राजे भोसले द्वारा निर्मित ऐतिहासिक लाल महल में, प्रतिनिधियों ने उनके बेटे और बाद में महान मराठा योद्धा-राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास और जीवन के बारे में जाना और अपनी माता राजमाता जीजामाता भोसले सहित बाल्यकाल में कई वर्षों तक यहां रहने वाले बाल शिवाजी की मूर्तियों के दर्शन किए और उन्हें प्रणाम किया।

1732 में निर्मित शनिवार वाड़ा की भव्यता को देखकर पर्यटक (विजिटर्स) रोमांचित हो उठे, जो 5 भव्य दरवाजों (द्वारों) के साथ पूर्ववर्ती किला परिसर था, जिसके भीतर एक हजार से अधिक लोग रहते थे, लेकिन अधिकांश किले आग और अन्य आपदाओं में नष्ट हो गए थे, हालांकि अवशेष अभी भी विस्मयकारी हैं।

जी20 प्रतिनिधिमंडल ने नाना वाड़ा का दौरा किया, माना जाता है कि इसे 1780 के आसपास महान नाना फड़नवीस के निवास के रूप में बनाया गया था, जो पेशवाओं के मुख्य प्रशासक थे और अंग्रेजों द्वारा मराठा मैकियावेली के रूप में जाने जाते थे, प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के इतिहास में उनके योगदान के बारे में जानकारी ली।

जी20 प्रतिनिधियों के साथ नगर आयुक्त विक्रम कुमार, विकास धाकने, संतोष देशमुख, सुप्रिया करमरकर, नीलम महाजन, अजीत आप्टे, संदीप गोडबोले, चंद्रकांत दलवी, और अन्य जैसे शीर्ष अधिकारी थे।

यात्रा का समन्वय कर रहे एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि उत्साहित प्रतिनिधियों ने इन सभी ऐतिहासिक, विरासत स्थलों के बारे में बहुत कुछ सीखा, कई सवाल पूछे, विभिन्न स्थानों पर तस्वीरें और सेल्फी लीं।

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जी20 टीम ने प्रसिद्ध आगा खान पैलेस का दौरा किया, जहां महात्मा गांधी को भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के दौरान उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी और उनके सचिव महादेव देसाई के अलावा सरोजिनी नायडू के साथ लगभग दो साल तक कैद में रखा गया था।

प्रतिनिधियों को गांधीजी और कस्तूरबा के बचपन और उनके जीवन, स्वतंत्रता संग्राम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका आदि के बारे में जानकारी प्रदान की गई कि कैसे यहां जेल में बंद होने के कुछ दिन बाद (15 अगस्त, 1942) महादेव देसाई का निधन हुआ, और फिर कस्तूरबा का निधन (22 फरवरी, 1944) को हुआ। वह संग्रहालय के चारों ओर घूमे, वहां प्रदर्शित प्रदर्शनों को देखा, गांधीजी की विरासत, चरखा और महल परिसर में समाधियों के बारे में जानकारी ली।

1630 में शाहजी राजे भोसले द्वारा निर्मित ऐतिहासिक लाल महल में, प्रतिनिधियों ने उनके बेटे और बाद में महान मराठा योद्धा-राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास और जीवन के बारे में जाना और अपनी माता राजमाता जीजामाता भोसले सहित बाल्यकाल में कई वर्षों तक यहां रहने वाले बाल शिवाजी की मूर्तियों के दर्शन किए और उन्हें प्रणाम किया।

1732 में निर्मित शनिवार वाड़ा की भव्यता को देखकर पर्यटक (विजिटर्स) रोमांचित हो उठे, जो 5 भव्य दरवाजों (द्वारों) के साथ पूर्ववर्ती किला परिसर था, जिसके भीतर एक हजार से अधिक लोग रहते थे, लेकिन अधिकांश किले आग और अन्य आपदाओं में नष्ट हो गए थे, हालांकि अवशेष अभी भी विस्मयकारी हैं।

जी20 प्रतिनिधिमंडल ने नाना वाड़ा का दौरा किया, माना जाता है कि इसे 1780 के आसपास महान नाना फड़नवीस के निवास के रूप में बनाया गया था, जो पेशवाओं के मुख्य प्रशासक थे और अंग्रेजों द्वारा मराठा मैकियावेली के रूप में जाने जाते थे, प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के इतिहास में उनके योगदान के बारे में जानकारी ली।

जी20 प्रतिनिधियों के साथ नगर आयुक्त विक्रम कुमार, विकास धाकने, संतोष देशमुख, सुप्रिया करमरकर, नीलम महाजन, अजीत आप्टे, संदीप गोडबोले, चंद्रकांत दलवी, और अन्य जैसे शीर्ष अधिकारी थे।

यात्रा का समन्वय कर रहे एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि उत्साहित प्रतिनिधियों ने इन सभी ऐतिहासिक, विरासत स्थलों के बारे में बहुत कुछ सीखा, कई सवाल पूछे, विभिन्न स्थानों पर तस्वीरें और सेल्फी लीं।

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जी20 टीम ने प्रसिद्ध आगा खान पैलेस का दौरा किया, जहां महात्मा गांधी को भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के दौरान उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी और उनके सचिव महादेव देसाई के अलावा सरोजिनी नायडू के साथ लगभग दो साल तक कैद में रखा गया था।

प्रतिनिधियों को गांधीजी और कस्तूरबा के बचपन और उनके जीवन, स्वतंत्रता संग्राम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका आदि के बारे में जानकारी प्रदान की गई कि कैसे यहां जेल में बंद होने के कुछ दिन बाद (15 अगस्त, 1942) महादेव देसाई का निधन हुआ, और फिर कस्तूरबा का निधन (22 फरवरी, 1944) को हुआ। वह संग्रहालय के चारों ओर घूमे, वहां प्रदर्शित प्रदर्शनों को देखा, गांधीजी की विरासत, चरखा और महल परिसर में समाधियों के बारे में जानकारी ली।

1630 में शाहजी राजे भोसले द्वारा निर्मित ऐतिहासिक लाल महल में, प्रतिनिधियों ने उनके बेटे और बाद में महान मराठा योद्धा-राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास और जीवन के बारे में जाना और अपनी माता राजमाता जीजामाता भोसले सहित बाल्यकाल में कई वर्षों तक यहां रहने वाले बाल शिवाजी की मूर्तियों के दर्शन किए और उन्हें प्रणाम किया।

1732 में निर्मित शनिवार वाड़ा की भव्यता को देखकर पर्यटक (विजिटर्स) रोमांचित हो उठे, जो 5 भव्य दरवाजों (द्वारों) के साथ पूर्ववर्ती किला परिसर था, जिसके भीतर एक हजार से अधिक लोग रहते थे, लेकिन अधिकांश किले आग और अन्य आपदाओं में नष्ट हो गए थे, हालांकि अवशेष अभी भी विस्मयकारी हैं।

जी20 प्रतिनिधिमंडल ने नाना वाड़ा का दौरा किया, माना जाता है कि इसे 1780 के आसपास महान नाना फड़नवीस के निवास के रूप में बनाया गया था, जो पेशवाओं के मुख्य प्रशासक थे और अंग्रेजों द्वारा मराठा मैकियावेली के रूप में जाने जाते थे, प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के इतिहास में उनके योगदान के बारे में जानकारी ली।

जी20 प्रतिनिधियों के साथ नगर आयुक्त विक्रम कुमार, विकास धाकने, संतोष देशमुख, सुप्रिया करमरकर, नीलम महाजन, अजीत आप्टे, संदीप गोडबोले, चंद्रकांत दलवी, और अन्य जैसे शीर्ष अधिकारी थे।

यात्रा का समन्वय कर रहे एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि उत्साहित प्रतिनिधियों ने इन सभी ऐतिहासिक, विरासत स्थलों के बारे में बहुत कुछ सीखा, कई सवाल पूछे, विभिन्न स्थानों पर तस्वीरें और सेल्फी लीं।

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जी20 टीम ने प्रसिद्ध आगा खान पैलेस का दौरा किया, जहां महात्मा गांधी को भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के दौरान उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी और उनके सचिव महादेव देसाई के अलावा सरोजिनी नायडू के साथ लगभग दो साल तक कैद में रखा गया था।

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जी20 प्रतिनिधिमंडल ने नाना वाड़ा का दौरा किया, माना जाता है कि इसे 1780 के आसपास महान नाना फड़नवीस के निवास के रूप में बनाया गया था, जो पेशवाओं के मुख्य प्रशासक थे और अंग्रेजों द्वारा मराठा मैकियावेली के रूप में जाने जाते थे, प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के इतिहास में उनके योगदान के बारे में जानकारी ली।

जी20 प्रतिनिधियों के साथ नगर आयुक्त विक्रम कुमार, विकास धाकने, संतोष देशमुख, सुप्रिया करमरकर, नीलम महाजन, अजीत आप्टे, संदीप गोडबोले, चंद्रकांत दलवी, और अन्य जैसे शीर्ष अधिकारी थे।

यात्रा का समन्वय कर रहे एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि उत्साहित प्रतिनिधियों ने इन सभी ऐतिहासिक, विरासत स्थलों के बारे में बहुत कुछ सीखा, कई सवाल पूछे, विभिन्न स्थानों पर तस्वीरें और सेल्फी लीं।

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जी20 टीम ने प्रसिद्ध आगा खान पैलेस का दौरा किया, जहां महात्मा गांधी को भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के दौरान उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी और उनके सचिव महादेव देसाई के अलावा सरोजिनी नायडू के साथ लगभग दो साल तक कैद में रखा गया था।

प्रतिनिधियों को गांधीजी और कस्तूरबा के बचपन और उनके जीवन, स्वतंत्रता संग्राम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका आदि के बारे में जानकारी प्रदान की गई कि कैसे यहां जेल में बंद होने के कुछ दिन बाद (15 अगस्त, 1942) महादेव देसाई का निधन हुआ, और फिर कस्तूरबा का निधन (22 फरवरी, 1944) को हुआ। वह संग्रहालय के चारों ओर घूमे, वहां प्रदर्शित प्रदर्शनों को देखा, गांधीजी की विरासत, चरखा और महल परिसर में समाधियों के बारे में जानकारी ली।

1630 में शाहजी राजे भोसले द्वारा निर्मित ऐतिहासिक लाल महल में, प्रतिनिधियों ने उनके बेटे और बाद में महान मराठा योद्धा-राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास और जीवन के बारे में जाना और अपनी माता राजमाता जीजामाता भोसले सहित बाल्यकाल में कई वर्षों तक यहां रहने वाले बाल शिवाजी की मूर्तियों के दर्शन किए और उन्हें प्रणाम किया।

1732 में निर्मित शनिवार वाड़ा की भव्यता को देखकर पर्यटक (विजिटर्स) रोमांचित हो उठे, जो 5 भव्य दरवाजों (द्वारों) के साथ पूर्ववर्ती किला परिसर था, जिसके भीतर एक हजार से अधिक लोग रहते थे, लेकिन अधिकांश किले आग और अन्य आपदाओं में नष्ट हो गए थे, हालांकि अवशेष अभी भी विस्मयकारी हैं।

जी20 प्रतिनिधिमंडल ने नाना वाड़ा का दौरा किया, माना जाता है कि इसे 1780 के आसपास महान नाना फड़नवीस के निवास के रूप में बनाया गया था, जो पेशवाओं के मुख्य प्रशासक थे और अंग्रेजों द्वारा मराठा मैकियावेली के रूप में जाने जाते थे, प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के इतिहास में उनके योगदान के बारे में जानकारी ली।

जी20 प्रतिनिधियों के साथ नगर आयुक्त विक्रम कुमार, विकास धाकने, संतोष देशमुख, सुप्रिया करमरकर, नीलम महाजन, अजीत आप्टे, संदीप गोडबोले, चंद्रकांत दलवी, और अन्य जैसे शीर्ष अधिकारी थे।

यात्रा का समन्वय कर रहे एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि उत्साहित प्रतिनिधियों ने इन सभी ऐतिहासिक, विरासत स्थलों के बारे में बहुत कुछ सीखा, कई सवाल पूछे, विभिन्न स्थानों पर तस्वीरें और सेल्फी लीं।

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पुणे, 18 जनवरी (आईएएनएस)। जी-20 के प्रतिनिधियों ने आगा खान पैलेस सहित पुणे के कुछ ऐतिहासिक और विरासत स्थलों का दौरा किया और विभिन्न स्थानों के इतिहास और महत्व के बारे में जाना, अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

जी20 टीम ने प्रसिद्ध आगा खान पैलेस का दौरा किया, जहां महात्मा गांधी को भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के दौरान उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी और उनके सचिव महादेव देसाई के अलावा सरोजिनी नायडू के साथ लगभग दो साल तक कैद में रखा गया था।

प्रतिनिधियों को गांधीजी और कस्तूरबा के बचपन और उनके जीवन, स्वतंत्रता संग्राम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका आदि के बारे में जानकारी प्रदान की गई कि कैसे यहां जेल में बंद होने के कुछ दिन बाद (15 अगस्त, 1942) महादेव देसाई का निधन हुआ, और फिर कस्तूरबा का निधन (22 फरवरी, 1944) को हुआ। वह संग्रहालय के चारों ओर घूमे, वहां प्रदर्शित प्रदर्शनों को देखा, गांधीजी की विरासत, चरखा और महल परिसर में समाधियों के बारे में जानकारी ली।

1630 में शाहजी राजे भोसले द्वारा निर्मित ऐतिहासिक लाल महल में, प्रतिनिधियों ने उनके बेटे और बाद में महान मराठा योद्धा-राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास और जीवन के बारे में जाना और अपनी माता राजमाता जीजामाता भोसले सहित बाल्यकाल में कई वर्षों तक यहां रहने वाले बाल शिवाजी की मूर्तियों के दर्शन किए और उन्हें प्रणाम किया।

1732 में निर्मित शनिवार वाड़ा की भव्यता को देखकर पर्यटक (विजिटर्स) रोमांचित हो उठे, जो 5 भव्य दरवाजों (द्वारों) के साथ पूर्ववर्ती किला परिसर था, जिसके भीतर एक हजार से अधिक लोग रहते थे, लेकिन अधिकांश किले आग और अन्य आपदाओं में नष्ट हो गए थे, हालांकि अवशेष अभी भी विस्मयकारी हैं।

जी20 प्रतिनिधिमंडल ने नाना वाड़ा का दौरा किया, माना जाता है कि इसे 1780 के आसपास महान नाना फड़नवीस के निवास के रूप में बनाया गया था, जो पेशवाओं के मुख्य प्रशासक थे और अंग्रेजों द्वारा मराठा मैकियावेली के रूप में जाने जाते थे, प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के इतिहास में उनके योगदान के बारे में जानकारी ली।

जी20 प्रतिनिधियों के साथ नगर आयुक्त विक्रम कुमार, विकास धाकने, संतोष देशमुख, सुप्रिया करमरकर, नीलम महाजन, अजीत आप्टे, संदीप गोडबोले, चंद्रकांत दलवी, और अन्य जैसे शीर्ष अधिकारी थे।

यात्रा का समन्वय कर रहे एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि उत्साहित प्रतिनिधियों ने इन सभी ऐतिहासिक, विरासत स्थलों के बारे में बहुत कुछ सीखा, कई सवाल पूछे, विभिन्न स्थानों पर तस्वीरें और सेल्फी लीं।

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पुणे, 18 जनवरी (आईएएनएस)। जी-20 के प्रतिनिधियों ने आगा खान पैलेस सहित पुणे के कुछ ऐतिहासिक और विरासत स्थलों का दौरा किया और विभिन्न स्थानों के इतिहास और महत्व के बारे में जाना, अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

जी20 टीम ने प्रसिद्ध आगा खान पैलेस का दौरा किया, जहां महात्मा गांधी को भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के दौरान उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी और उनके सचिव महादेव देसाई के अलावा सरोजिनी नायडू के साथ लगभग दो साल तक कैद में रखा गया था।

प्रतिनिधियों को गांधीजी और कस्तूरबा के बचपन और उनके जीवन, स्वतंत्रता संग्राम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका आदि के बारे में जानकारी प्रदान की गई कि कैसे यहां जेल में बंद होने के कुछ दिन बाद (15 अगस्त, 1942) महादेव देसाई का निधन हुआ, और फिर कस्तूरबा का निधन (22 फरवरी, 1944) को हुआ। वह संग्रहालय के चारों ओर घूमे, वहां प्रदर्शित प्रदर्शनों को देखा, गांधीजी की विरासत, चरखा और महल परिसर में समाधियों के बारे में जानकारी ली।

1630 में शाहजी राजे भोसले द्वारा निर्मित ऐतिहासिक लाल महल में, प्रतिनिधियों ने उनके बेटे और बाद में महान मराठा योद्धा-राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास और जीवन के बारे में जाना और अपनी माता राजमाता जीजामाता भोसले सहित बाल्यकाल में कई वर्षों तक यहां रहने वाले बाल शिवाजी की मूर्तियों के दर्शन किए और उन्हें प्रणाम किया।

1732 में निर्मित शनिवार वाड़ा की भव्यता को देखकर पर्यटक (विजिटर्स) रोमांचित हो उठे, जो 5 भव्य दरवाजों (द्वारों) के साथ पूर्ववर्ती किला परिसर था, जिसके भीतर एक हजार से अधिक लोग रहते थे, लेकिन अधिकांश किले आग और अन्य आपदाओं में नष्ट हो गए थे, हालांकि अवशेष अभी भी विस्मयकारी हैं।

जी20 प्रतिनिधिमंडल ने नाना वाड़ा का दौरा किया, माना जाता है कि इसे 1780 के आसपास महान नाना फड़नवीस के निवास के रूप में बनाया गया था, जो पेशवाओं के मुख्य प्रशासक थे और अंग्रेजों द्वारा मराठा मैकियावेली के रूप में जाने जाते थे, प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के इतिहास में उनके योगदान के बारे में जानकारी ली।

जी20 प्रतिनिधियों के साथ नगर आयुक्त विक्रम कुमार, विकास धाकने, संतोष देशमुख, सुप्रिया करमरकर, नीलम महाजन, अजीत आप्टे, संदीप गोडबोले, चंद्रकांत दलवी, और अन्य जैसे शीर्ष अधिकारी थे।

यात्रा का समन्वय कर रहे एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि उत्साहित प्रतिनिधियों ने इन सभी ऐतिहासिक, विरासत स्थलों के बारे में बहुत कुछ सीखा, कई सवाल पूछे, विभिन्न स्थानों पर तस्वीरें और सेल्फी लीं।

–आईएएनएस

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जी20 टीम ने प्रसिद्ध आगा खान पैलेस का दौरा किया, जहां महात्मा गांधी को भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के दौरान उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी और उनके सचिव महादेव देसाई के अलावा सरोजिनी नायडू के साथ लगभग दो साल तक कैद में रखा गया था।

प्रतिनिधियों को गांधीजी और कस्तूरबा के बचपन और उनके जीवन, स्वतंत्रता संग्राम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका आदि के बारे में जानकारी प्रदान की गई कि कैसे यहां जेल में बंद होने के कुछ दिन बाद (15 अगस्त, 1942) महादेव देसाई का निधन हुआ, और फिर कस्तूरबा का निधन (22 फरवरी, 1944) को हुआ। वह संग्रहालय के चारों ओर घूमे, वहां प्रदर्शित प्रदर्शनों को देखा, गांधीजी की विरासत, चरखा और महल परिसर में समाधियों के बारे में जानकारी ली।

1630 में शाहजी राजे भोसले द्वारा निर्मित ऐतिहासिक लाल महल में, प्रतिनिधियों ने उनके बेटे और बाद में महान मराठा योद्धा-राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास और जीवन के बारे में जाना और अपनी माता राजमाता जीजामाता भोसले सहित बाल्यकाल में कई वर्षों तक यहां रहने वाले बाल शिवाजी की मूर्तियों के दर्शन किए और उन्हें प्रणाम किया।

1732 में निर्मित शनिवार वाड़ा की भव्यता को देखकर पर्यटक (विजिटर्स) रोमांचित हो उठे, जो 5 भव्य दरवाजों (द्वारों) के साथ पूर्ववर्ती किला परिसर था, जिसके भीतर एक हजार से अधिक लोग रहते थे, लेकिन अधिकांश किले आग और अन्य आपदाओं में नष्ट हो गए थे, हालांकि अवशेष अभी भी विस्मयकारी हैं।

जी20 प्रतिनिधिमंडल ने नाना वाड़ा का दौरा किया, माना जाता है कि इसे 1780 के आसपास महान नाना फड़नवीस के निवास के रूप में बनाया गया था, जो पेशवाओं के मुख्य प्रशासक थे और अंग्रेजों द्वारा मराठा मैकियावेली के रूप में जाने जाते थे, प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के इतिहास में उनके योगदान के बारे में जानकारी ली।

जी20 प्रतिनिधियों के साथ नगर आयुक्त विक्रम कुमार, विकास धाकने, संतोष देशमुख, सुप्रिया करमरकर, नीलम महाजन, अजीत आप्टे, संदीप गोडबोले, चंद्रकांत दलवी, और अन्य जैसे शीर्ष अधिकारी थे।

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जी20 टीम ने प्रसिद्ध आगा खान पैलेस का दौरा किया, जहां महात्मा गांधी को भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के दौरान उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी और उनके सचिव महादेव देसाई के अलावा सरोजिनी नायडू के साथ लगभग दो साल तक कैद में रखा गया था।

प्रतिनिधियों को गांधीजी और कस्तूरबा के बचपन और उनके जीवन, स्वतंत्रता संग्राम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका आदि के बारे में जानकारी प्रदान की गई कि कैसे यहां जेल में बंद होने के कुछ दिन बाद (15 अगस्त, 1942) महादेव देसाई का निधन हुआ, और फिर कस्तूरबा का निधन (22 फरवरी, 1944) को हुआ। वह संग्रहालय के चारों ओर घूमे, वहां प्रदर्शित प्रदर्शनों को देखा, गांधीजी की विरासत, चरखा और महल परिसर में समाधियों के बारे में जानकारी ली।

1630 में शाहजी राजे भोसले द्वारा निर्मित ऐतिहासिक लाल महल में, प्रतिनिधियों ने उनके बेटे और बाद में महान मराठा योद्धा-राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास और जीवन के बारे में जाना और अपनी माता राजमाता जीजामाता भोसले सहित बाल्यकाल में कई वर्षों तक यहां रहने वाले बाल शिवाजी की मूर्तियों के दर्शन किए और उन्हें प्रणाम किया।

1732 में निर्मित शनिवार वाड़ा की भव्यता को देखकर पर्यटक (विजिटर्स) रोमांचित हो उठे, जो 5 भव्य दरवाजों (द्वारों) के साथ पूर्ववर्ती किला परिसर था, जिसके भीतर एक हजार से अधिक लोग रहते थे, लेकिन अधिकांश किले आग और अन्य आपदाओं में नष्ट हो गए थे, हालांकि अवशेष अभी भी विस्मयकारी हैं।

जी20 प्रतिनिधिमंडल ने नाना वाड़ा का दौरा किया, माना जाता है कि इसे 1780 के आसपास महान नाना फड़नवीस के निवास के रूप में बनाया गया था, जो पेशवाओं के मुख्य प्रशासक थे और अंग्रेजों द्वारा मराठा मैकियावेली के रूप में जाने जाते थे, प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के इतिहास में उनके योगदान के बारे में जानकारी ली।

जी20 प्रतिनिधियों के साथ नगर आयुक्त विक्रम कुमार, विकास धाकने, संतोष देशमुख, सुप्रिया करमरकर, नीलम महाजन, अजीत आप्टे, संदीप गोडबोले, चंद्रकांत दलवी, और अन्य जैसे शीर्ष अधिकारी थे।

यात्रा का समन्वय कर रहे एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि उत्साहित प्रतिनिधियों ने इन सभी ऐतिहासिक, विरासत स्थलों के बारे में बहुत कुछ सीखा, कई सवाल पूछे, विभिन्न स्थानों पर तस्वीरें और सेल्फी लीं।

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जी20 टीम ने प्रसिद्ध आगा खान पैलेस का दौरा किया, जहां महात्मा गांधी को भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के दौरान उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी और उनके सचिव महादेव देसाई के अलावा सरोजिनी नायडू के साथ लगभग दो साल तक कैद में रखा गया था।

प्रतिनिधियों को गांधीजी और कस्तूरबा के बचपन और उनके जीवन, स्वतंत्रता संग्राम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका आदि के बारे में जानकारी प्रदान की गई कि कैसे यहां जेल में बंद होने के कुछ दिन बाद (15 अगस्त, 1942) महादेव देसाई का निधन हुआ, और फिर कस्तूरबा का निधन (22 फरवरी, 1944) को हुआ। वह संग्रहालय के चारों ओर घूमे, वहां प्रदर्शित प्रदर्शनों को देखा, गांधीजी की विरासत, चरखा और महल परिसर में समाधियों के बारे में जानकारी ली।

1630 में शाहजी राजे भोसले द्वारा निर्मित ऐतिहासिक लाल महल में, प्रतिनिधियों ने उनके बेटे और बाद में महान मराठा योद्धा-राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास और जीवन के बारे में जाना और अपनी माता राजमाता जीजामाता भोसले सहित बाल्यकाल में कई वर्षों तक यहां रहने वाले बाल शिवाजी की मूर्तियों के दर्शन किए और उन्हें प्रणाम किया।

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1630 में शाहजी राजे भोसले द्वारा निर्मित ऐतिहासिक लाल महल में, प्रतिनिधियों ने उनके बेटे और बाद में महान मराठा योद्धा-राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास और जीवन के बारे में जाना और अपनी माता राजमाता जीजामाता भोसले सहित बाल्यकाल में कई वर्षों तक यहां रहने वाले बाल शिवाजी की मूर्तियों के दर्शन किए और उन्हें प्रणाम किया।

1732 में निर्मित शनिवार वाड़ा की भव्यता को देखकर पर्यटक (विजिटर्स) रोमांचित हो उठे, जो 5 भव्य दरवाजों (द्वारों) के साथ पूर्ववर्ती किला परिसर था, जिसके भीतर एक हजार से अधिक लोग रहते थे, लेकिन अधिकांश किले आग और अन्य आपदाओं में नष्ट हो गए थे, हालांकि अवशेष अभी भी विस्मयकारी हैं।

जी20 प्रतिनिधिमंडल ने नाना वाड़ा का दौरा किया, माना जाता है कि इसे 1780 के आसपास महान नाना फड़नवीस के निवास के रूप में बनाया गया था, जो पेशवाओं के मुख्य प्रशासक थे और अंग्रेजों द्वारा मराठा मैकियावेली के रूप में जाने जाते थे, प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के इतिहास में उनके योगदान के बारे में जानकारी ली।

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जी20 टीम ने प्रसिद्ध आगा खान पैलेस का दौरा किया, जहां महात्मा गांधी को भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के दौरान उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी और उनके सचिव महादेव देसाई के अलावा सरोजिनी नायडू के साथ लगभग दो साल तक कैद में रखा गया था।

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