रांची, 20 जून (आईएएनएस)। झारखंड हाईकोर्ट ने झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) सिविल सर्विस की प्रारंभिक परीक्षा के संशोधित मॉडल आंसर को चुनौती देने वाली याचिकाएं गुरुवार को खारिज कर दी। इसके साथ ही 22 जून से होने वाली जेपीएससी मेंस परीक्षा को लेकर बना संशय समाप्त हो गया है।
याचिकाएं प्रियंका अनुज, जया कुमारी, सिद्धार्थ सौरभ एवं अन्य की ओर से दायर की गई थी। इसमें जेपीएससी की ओर से जारी संशोधित मॉडल आंसर में त्रुटियों का दावा किया गया था। कहा गया था कि इस आंसर शीट के आधार पर जारी पीटी का रिजल्ट रद्द करते हुए 22 जून से होने वाली मुख्य परीक्षा पर रोक लगाई जानी चाहिए। इन अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता अमृतांशु वत्स एवं शुभाशीष रसिक सोरेन ने दलीलें पेश की।
सुनवाई के दौरान जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल एवं प्रिंस कुमार ने कोर्ट को बताया कि जेपीएससी ने 11वीं संयुक्त सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा के बाद मॉडल आंसर प्रकाशित किया था। इसके बाद आयोग ने अभ्यर्थियों से आपत्ति भी मांगी थी। प्राप्त आपत्तियों पर विचार के बाद जेपीएससी ने संशोधित मॉडल आंसर जारी किया और इसके आधार पर रिजल्ट प्रकाशित किया। अब कुछ अभ्यर्थी बेबुनियाद तरीके से आपत्ति खड़ी कर रहे हैं। इससे परीक्षा की प्रक्रिया बाधित होगी और सफल परीक्षार्थियों का भविष्य प्रभावित हो सकता है।
अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अभ्यर्थियों की याचिकाएं खारिज कर दी।
जेपीएससी पीटी की परीक्षाएं 17 मार्च 2024 को राज्य के 24 जिलों में बनाए गए 834 परीक्षा केंद्रों पर ली गई थी। इस परीक्षा में 3.50 लाख से अधिक परीक्षार्थी शामिल हुए थे। इस परीक्षा के जरिए कुल 342 पदों पर नियुक्ति होनी है।
–आईएएनएस
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