रांची, 9 मार्च (आईएएनएस)। झारखंड के सीनियर आईएएस राजीव अरुण एक्का के खिलाफ जांच की मांग को लेकर प्रदेश भाजपा अब सीधे ईडी के पास पहुंच गई है। गुरुवार को पार्टी की प्रदेश इकाई के एक प्रतिनिधिमंडल ने रांची स्थित ईडी के जोनल कार्यालय पहुंचकर आईएएस से जुड़ा विवादास्पद वीडियो क्लिप, पेन ड्राइव और कई कागजात सौंपे। पार्टी ने ईडी के डायरेक्टर के नाम एक पत्र भी लिखा है, जिसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रधान सचिव रहे राजीव अरुण एक्का ने सरकार में बिचौलिया गिरी और दलाली करने वाले विशाल चौधरी के साथ सांठगांठ कर करोड़ों रुपए की अवैध कमाई की है। उनके खिलाफ अविलंब जांच होनी चाहिए।
बता दें कि भाजपा विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने बीते रविवार को आईएएस राजीव अरुण एक्का का 22 सेकेंड का एक वीडियो क्लिप जारी करते हुए दावा किया था कि वे एक पावर ब्रोकर विशाल चौधरी के निजी दफ्तर में बैठकर सरकारी फाइल निपटा रहे हैं। इस वीडियो में वहां मौजूद एक व्यक्ति पैसे की लेनदेन की भी चर्चा कर रहा है। वीडियो में उसकी बात साफ सुनी जा सकती है। इस वीडियो में आईएएस राजीव अरुण एक्का के बगल में एक महिला खड़ी होकर फाइल पलट रही है। यह महिला विशाल चौधरी की स्टाफ बताई जा रही है। यह वीडियो क्लिप सामने आने के बाद राज्य सरकार ने देर शाम एक नोटिफिकेशन जारी कर उन्हें मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव पद से हटा दिया था। एक्का गृह विभाग और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के भी प्रधान सचिव थे। उन्हें इन पदों से भी हटाते हुए उनका तबादला पंचायती राज विभाग में कर दिया गया था।
भाजपा के मुताबिक सीएम के प्रधान सचिव गृह, कारा जैसे संवेदनशील विभागों के भी प्रभार में रहे। इस विभाग का कार्य राज्य और देश की सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है। ऐसे में आशंका है कि राजीव अरूण ने दलाल विशाल के माध्यम से बड़े पैमाने पर मनी लांड्रिंग की है। गृह विभाग सीधे सीएम के अधीन है और सीएम के यहां निर्णय के लिए जाने वाली तमाम फाइल भी इस अधिकारी के माध्यम से जाती थी। ऐसे में विशाल के मार्फत वसूली का हिस्सा सीएम तक भी पहुंच रहा होगा, इसकी गहन जांच होनी चाहिए।
ईडी के दफ्तर में पत्र और वीडियो क्लिपिंग सौंपने वाले भाजपा के प्रतिनिधिमंडल में पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर, प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, प्रदेश प्रवक्ता सरोज सिंह, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह समेत अन्य शामिल थे।
–आईएएनएस
एसएनसी/एएनएम
रांची, 9 मार्च (आईएएनएस)। झारखंड के सीनियर आईएएस राजीव अरुण एक्का के खिलाफ जांच की मांग को लेकर प्रदेश भाजपा अब सीधे ईडी के पास पहुंच गई है। गुरुवार को पार्टी की प्रदेश इकाई के एक प्रतिनिधिमंडल ने रांची स्थित ईडी के जोनल कार्यालय पहुंचकर आईएएस से जुड़ा विवादास्पद वीडियो क्लिप, पेन ड्राइव और कई कागजात सौंपे। पार्टी ने ईडी के डायरेक्टर के नाम एक पत्र भी लिखा है, जिसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रधान सचिव रहे राजीव अरुण एक्का ने सरकार में बिचौलिया गिरी और दलाली करने वाले विशाल चौधरी के साथ सांठगांठ कर करोड़ों रुपए की अवैध कमाई की है। उनके खिलाफ अविलंब जांच होनी चाहिए।
बता दें कि भाजपा विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने बीते रविवार को आईएएस राजीव अरुण एक्का का 22 सेकेंड का एक वीडियो क्लिप जारी करते हुए दावा किया था कि वे एक पावर ब्रोकर विशाल चौधरी के निजी दफ्तर में बैठकर सरकारी फाइल निपटा रहे हैं। इस वीडियो में वहां मौजूद एक व्यक्ति पैसे की लेनदेन की भी चर्चा कर रहा है। वीडियो में उसकी बात साफ सुनी जा सकती है। इस वीडियो में आईएएस राजीव अरुण एक्का के बगल में एक महिला खड़ी होकर फाइल पलट रही है। यह महिला विशाल चौधरी की स्टाफ बताई जा रही है। यह वीडियो क्लिप सामने आने के बाद राज्य सरकार ने देर शाम एक नोटिफिकेशन जारी कर उन्हें मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव पद से हटा दिया था। एक्का गृह विभाग और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के भी प्रधान सचिव थे। उन्हें इन पदों से भी हटाते हुए उनका तबादला पंचायती राज विभाग में कर दिया गया था।
भाजपा के मुताबिक सीएम के प्रधान सचिव गृह, कारा जैसे संवेदनशील विभागों के भी प्रभार में रहे। इस विभाग का कार्य राज्य और देश की सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है। ऐसे में आशंका है कि राजीव अरूण ने दलाल विशाल के माध्यम से बड़े पैमाने पर मनी लांड्रिंग की है। गृह विभाग सीधे सीएम के अधीन है और सीएम के यहां निर्णय के लिए जाने वाली तमाम फाइल भी इस अधिकारी के माध्यम से जाती थी। ऐसे में विशाल के मार्फत वसूली का हिस्सा सीएम तक भी पहुंच रहा होगा, इसकी गहन जांच होनी चाहिए।
ईडी के दफ्तर में पत्र और वीडियो क्लिपिंग सौंपने वाले भाजपा के प्रतिनिधिमंडल में पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर, प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, प्रदेश प्रवक्ता सरोज सिंह, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह समेत अन्य शामिल थे।
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