रांची, 6 मार्च (आईएएनएस)। गर्मी की दस्तक के साथ झारखंड के जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ गई हैं। पिछले चार दिन में बोकारो, गिरिडीह और रांची के तीन जंगलों में आग लग गई। वन विभाग दमकल की मदद से आग पर काबू पाने की कोशिशों में जुटा है।
गिरिडीह में सीसीएल (सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड) की कोलियरी के पास स्थित जुबली पहाड़ी से गुरुवार की दोपहर अचानक आग की ऊंची लपटें उठने लगीं। देखते-देखते इसने पहाड़ी के बड़े इलाके में लगे पेड़-पौधों को अपनी चपेट में ले लिया।
पहाड़ी पर सीसीएल का मैगजीन हाउस भी स्थित है, जहां खनन कार्यों में उपयोग के लिए बारूद का भंडारण किया जाता है। आग के वहां पहुंचने के खतरे को देखते हुए सीसीएल प्रबंधन और जिला प्रशासन तत्काल सक्रिय हो गया है। दमकल के कई दस्ते मौके पर पहुंचे और आग बुझाने की कोशिशें शुरू हुईं। शाम सात बजे तक लपटें कुछ कम जरूर हुई हैं, लेकिन आस-पास का इलाका धुएं और गुबार से भर गया।
शाम तक आग पास से गुजरने वाले नेशनल हाइवे के बिल्कुल करीब तक पहुंच गई थी। आशंका जताई जा रही है कि पहाड़ी पर असामाजिक तत्वों ने आग लगाई है। यहां पिछले साल भी आग लगी थी, जिसे बुझाने में भारी मशक्कत करनी पड़ी थी।
बोकारो जिले के झुमरा पहाड़ की तलहटी में स्थित जंगलों में भी सोमवार-मंगलवार से ही आग लगी है। इसने देखते-देखते करीब पांच किलोमीटर के इलाके को अपनी चपेट में ले लिया है। आग से कई पेड़ झुलस गए हैं। गोमिया प्रखंड जमनीजारा, सरैया पानी, चमटा जरा, सरैया कोचा गांव के पास स्थित जंगलों में जहां-तहां लपटें उठती दिखाई पड़ रही हैं। स्थानीय लोग आग बुझाने की कोशिशों में जुटे हैं, लेकिन तेज हवा की वजह से परेशानी आ रही है।
आग की सूचना वन विभाग को भी दी गई है। बोकारो के डीएफओ रजनीश कुमार के निर्देश पर वनरक्षियों और अन्य कर्मचारियों का एक दल लुगू, झुमरा पहाड़ आदि क्षेत्रों के जंगलों में लगी आग बुझाने में जुटा है। स्थानीय लोगों से भी सहयोग की अपील की जा रही है।
रांची-मुरी रेलखंड पर किता स्टेशन के पास स्थित जंगल में बुधवार की रात आग लग गई। इसकी चपेट में आकर कई पेड़-पौधे नष्ट हो गए। बुधवार को ही वन विभाग को इसकी सूचना दी गई। इसके बाद आग बुझाने की कोशिशें जारी हैं।
–आईएएनएस
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