रांची, 4 फरवरी (आईएएनएस)। झारखंड के सरकारी अधिकारियों और कर्मियों को इंटरनेट और सोशल मीडिया पर किसी तरह के पोस्ट लिखने और शेयर करने के दौरान सरकार की विस्तृत गाइडलाइन का पालन करना होगा। राज्य सरकार के कार्मिक विभाग की ओर से इसे लेकर सर्कुलर जारी किया गया है।
सर्कुलर में कहा गया है कि पदाधिकारियों या कर्मियों को इंटरनेट मीडिया जैसे व्हाट्सएप, एक्स, इंस्टाग्राम आदि पर कोई भी पोस्ट करने या किसी दूसरे की पोस्ट शेयर करते समय ‘झारखंड सरकारी सेवक आचार नियमावली’ का अनुपालन करना चाहिए।
सरकारी कर्मी इंटरनेट मीडिया पर उसी सीमा तक अपने विचारों को व्यक्त कर सकते हैं, जिस सीमा तक सरकार द्वारा उसे आपत्तिजनक नहीं माना जाए। गाइडलाइन में ऑफिस आवर में अनावश्यक रूप से निजी अकाउंट का प्रयोग नहीं करने के भी निर्देश दिए गए हैं। गाइडलाइन के उल्लंघन की स्थिति में संबंधित सरकारी सेवकों के विरुद्ध विधि-सम्मत कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है।
कार्मिक विभाग के प्रधान सचिव प्रवीण टोप्पो के हस्ताक्षर से जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि समय-समय पर ऐसे मामले सामने आते रहते हैं, जिनमें सरकारी सेवकों द्वारा इंटरनेट मीडिया पर कुछ ऐसे तथ्यों को साझा कर दिया जाता है, जो उन्हें नहीं करना चाहिए था। ‘झारखंड सरकारी सेवक आचार नियमावली’ के नियम 3(1) में स्पष्ट रूप से अंकित है कि सरकारी सेवक पूरी शालीनता रखेगा, कर्त्तव्य के प्रति निष्ठा रखेगा एवं ऐसा कोई काम नहीं करेगा, जो सरकारी सेवक के लिए अशोभनीय हो।
सर्कुलर में कहा गया है कि सरकारी सेवक इंटरनेट मीडिया पर ऐसे पोस्ट साझा करने से बचेंगे, जो आपत्तिजनक, भेदभावपूर्ण एवं राजनीतिक रूप से पक्षपातपूर्ण हो। परामर्श दिया गया है कि वे किसी राजनीतिक, धर्मनिरपेक्षता विरोधी, सांप्रदायिक गतिविधियों का समर्थन नहीं करेंगे और न ही उसे सब्सक्राइब करते हुए अपने पोस्ट, ब्लॉग आदि के माध्यम से उसका समर्थन करेंगे।
सरकार द्वारा अपनाई गई किसी नीति या कार्रवाई पर पोस्ट आदि के माध्यम से चर्चा या आलोचना से दूर रहने की हिदायत भी सर्कुलर में दी गई है। सर्कुलर में कहा गया है कि सरकारी अफसर या कर्मी अपने सहकर्मी या व्यक्तियों के बारे में ऐसे पोस्ट साझा नहीं करेंगे, जो अभद्र, अश्लील या धमकी भरा हो। किसी भी उन्मादी गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे और न ही अपने आश्रितों को शामिल होने की अनुमति देंगे। किसी भी पोस्ट में किसी भी जाति, धर्म, वर्ग, संप्रदाय, लिंग, व्यवसाय, क्षेत्र, राज्य आदि के संबंध में कोई भेदभावपूर्ण टिप्पणी नहीं करेंगे। किसी उत्पाद या उद्यम का समर्थन नहीं करेंगे।
अपने कार्य स्थल से संबंधित शिकायतों को वीडियो या फोटो के रूप में पोस्ट, ब्लॉग या किसी अन्य रूप में इंटरनेट मीडिया पर साझा नहीं करने और प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपने कार्यालय या विभाग के कार्यों से संबंधित किसी भी संवेदनशील, गोपनीय सरकारी सूचनाओं को साझा नहीं करने की हिदायत दी गई है।
सोशल मीडिया पर सभ्य व्यवहार का प्रयोग करते हुए ट्रोलिंग से अपने आप को दूर रखने को कहा गया है। सरकारी सेवक अपने अकाउंट की डीपी या प्रोफाइल पिक्चर पर किसी भी संगठन या राजनीतिक दल आदि से संबंधित प्रतीक नहीं लगाएंगे। विभागीय आदेश, अधिसूचना, संकल्प आदि व्यक्तिगत अकाउंट पर साझा नहीं करेंगे।
कर्मियों को निर्देशित किया गया है कि न्यायालयों द्वारा पारित किसी भी आदेश के संबंध में ऐसा कोई भी पोस्ट साझा नहीं करेंगे, जिससे न्यायालय की अवमानना की स्थिति उत्पन्न हो। सरकारी सेवक कार्य अवधि में इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसी भी प्रकार की कोचिंग, लेक्चर, वेबिनार आदि में आमंत्रित किए जाने एवं उसमें भाग लेने के पूर्व अपने नियंत्री पदाधिकारी को सूचित कर अनुमति लेंगे।
–आईएएनएस
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