नई दिल्ली, 20 जुलाई (आईएएनएस)। भारत के 117 एथलीट पेरिस ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार हैं। इन खिलाड़ियों से पदक की बड़ी आस भी है। टोक्यो ओलंपिक में भारत ने एथलेटिक्स में बहुप्रतीक्षित गोल्ड मेडल के साथ, कुल मिलाकर सात मेडल जीते थे। पेरिस ओलंपिक में टोक्यो ओलंपिक के पांच पदक विजेता ही भाग ले रहे हैं।
भारत के स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा एक बार फिर से देश के लिए पदक की सबसे बड़ी उम्मीद हैं। नीरज ने टोक्यो में एथलेटिक्स में व्यक्तिगत स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा था। पेरिस में भी वह पुरुष जैवलिन थ्रो इवेंट में पदक के लिए भाला फेंकने उतरेंगे। टोक्यो में भारत को सिल्वर मेडल दिलाने वाली महिला वेटलिफ्टर मीराबाई चानू इस बार भी 49 किलोग्राम भारवर्ग में भारत की चुनौती पेश करेंगी। भारत की ओर से मीराबाई ने ही टोक्यो में पहली बार पदक जीता था।
महिला बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने टोक्यो में वेल्टरवेट कैटेगरी में कांस्य पदक जीता था। इस बार वह 75 किलोग्राम भारवर्ग कैटेगरी में रिंग में उतरेंगी। भारत की स्टार शटलर पीवी सिंधु ने टोक्यो ओलंपिक में महिला सिंगल इवेंट में देश को कांस्य पदक दिलाया था। इस बार भी वह ओलंपिक मेडल की हैट्रिक लगाने के लिए उतरेंगी।
भारतीय पुरुष हॉकी टीम का टोक्यो में कांस्य पदक जीतना एक भावनात्मक पल था। यह टीम एक बार फिर से पदक की रेस में शामिल होने के लिए पेरिस में दमखम लगाएगी। हालांकि महिला हॉकी टीम इस बार क्वालीफाई नहीं कर पाई है।
टोक्यो में भारत को दो रेसलिंग मेडल दिलाने वाले दो रेसलर भी इस बार ओलंपिक का हिस्सा नहीं है। रवि कुमार दहिया ने पुरुष 57 किलोग्राम कैटेगरी में टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता था। एक और रेसलर और टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया भी पेरिस ओलंपिक का हिस्सा नहीं हैं। रवि कुमार और बजरंग पूनिया इस बार सिलेक्शन ट्रायल में हारने के बाद ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए।
–आईएएनएस
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