जबलपुर. शहर में इन दिनों ठंड अपना रौद्र रुप दिखा रही हैं. ठंड से न तो दिन में राहत हैं और न हीं गलाने वाली ठंड रात में राहत दे रही हैं. भीषण सर्दी को देखते हुए नगर निगम में बेघर और फुटपाथ में रात गुजारने वालों के लिए खास इंतजाम किए हैं. यहां पुरानी बसों को आश्रय स्थल में बदला गया है.
दरअसल, शहर में पुरानी बसों में आश्रय गृह बनाए गए हैं. नगर निगम सीमा अंतर्गत शीत ऋतु के प्रभाव से बचाव हेतु शहरी बेघरों, फुटपाथ पर रहने वाले आवासहीनों और निराश्रित जनों को ठंड के प्रभाव से बचाव हेतु नगर निगम द्वारा संचालित आश्रय स्थलों में ठहराए जाने का कार्य किया जा रहा है.
पुरानी बसों से गजब जुगाड़
जबलपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड के सीईओ सचिन विश्वकर्मा ने बताया कि नगर निगम द्वारा पुरानी बसों के अलावा जिन स्थानों को आश्रय के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है. उन स्थानों को आवश्यक व्यवस्थाओं और सुविधाओं जैसे गद्दे, तकिए, कंबल, चादर इत्यादि से सुसज्जित कर ठहरने तथा ठंड के प्रभाव से बचाने योग्य बनाया गया है.
आश्रय स्थल में बदली गई पुरानी बस को शहर के मुख्य स्थान आई.एस.बी.टी. बस स्टैंड पर स्थापित किया गया है. इससे खुले आसमान के नीचे निवास कर रहे निराश्रित लोगों को उसमें ठहराया जा सके.
आश्रय स्थल में अलाव की जगह लगाए गए हीटर
उन्होंने बताया कि विगत वर्ष में शीत ऋतु के दौरान आश्रय स्थल में ठहरने वाले लोगों के लिए अलाव की व्यवस्था की गई थी. वर्तमान में नगर निगम द्वारा वायु प्रदूषण को नियंत्रित रखने समस्त आश्रय स्थलों में अलाव के स्थान पर इलेक्ट्रिक रूम हीटर की व्यवस्था सुनिश्चित की है जिससे आश्रय स्थल में ठहरने वाले हितग्राहियों को ठंड से राहत प्राप्त हो तथा वायु की गुणवत्ता भी नियंत्रित रहे.
बताया गया है कि निगम ने शहरी बेघरों हेतु रात्रिकालीन सर्वे टीम गठित कर शहर के विभिन्न स्थानों में सर्वे कार्य भी नियमित रूप से संपादित कर रही है. साथ ही निराश्रित लोगों को आश्रय स्थलों में ठहराए जाने का कार्य किया जा रहा है.