deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home ताज़ा समाचार

डीटीसी की महिला कर्मचारियों की मांगों के समर्थन में पुरुष कर्मचारियों का प्रदर्शन

by
November 18, 2024
in ताज़ा समाचार
0
0
SHARES
3
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 17 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के महिला कर्मचारियों का प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। महिला कर्मचारियों के समर्थन में अब पुरुष कर्मचारी भी आ गए हैं। कर्मचारियों ने समान काम के लिए समान वेतन, पक्की नौकरी और निजीकरण की प्रक्रिया को रोकने की मांग की है।

READ ALSO

योगी सरकार की बड़ी पहल : 1990 से पहले के संपूर्ण राजस्व अभिलेखों के डिजिटलाइजेशन की तैयारी

खेल मंत्री मांडविया ने भारत के खेल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए खेलो इंडिया के तहत वार्षिक कैलेंडर लॉन्च किया

महिला कर्मचारियों के समर्थन में डीटीसी के पुरुष कर्मचारियों ने भी रविवार को सरोजनी नगर डिपो में बैठक की। इसमें दिल्ली के विभिन्न डिपो के कर्मचारियों ने भारी संख्या में भाग लिया। कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों के समर्थन में आवाज उठाई और चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों का समाधान नहीं हुआ, तो वे हड़ताल करने पर मजबूर होंगे।

डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के अध्यक्ष ललित चौधरी ने आईएएनएस से कहा, “हमारी माताओं और बहनों ने जो प्रदर्शन शुरू किया था, हम उनके समर्थन में यहां इकट्ठे हुए हैं। हमारी मांग है कि हमें समान काम के लिए समान वेतन मिले, और हमें पक्की नौकरी दी जाए। हम चाहते हैं कि हमें 60 साल की उम्र तक रोजगार की गारंटी मिले, जैसा कि दिल्ली सरकार ने कुछ साल पहले वादा किया था। हमारे साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए, हमें सम्मानजनक वेतन मिलना चाहिए। हमारी मांग है कि डीटीसी का निजीकरण तुरंत बंद किया जाए, क्योंकि निजी बस ऑपरेटरों को डीटीसी की बसों की सेवा देने से दिल्ली की जनता को कोई फायदा नहीं होगा।”

ललित चौधरी ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगों का समाधान नहीं किया, तो कर्मचारी आंदोलन और तेज कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पहले ही 13 नवंबर को अल्टीमेटम दिया गया था कि अगर समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो हम हड़ताल, धरना-प्रदर्शन या चक्का जाम जैसे कदम उठा सकते हैं। हमें उम्मीद थी कि सरकार हमारी समस्याओं को गंभीरता से लेगी, लेकिन ऐसा लगता है कि वह हमें नजरअंदाज कर रही है।

डीटीसी के कंडक्टर इमरान खान ने कहा, “हमारी मांगें बिल्कुल सही हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने पहले ही आदेश दिया है कि डीटीसी का निजीकरण रोका जाए, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है। हमें एक स्थिर नौकरी और समान वेतन की आवश्यकता है। आजकल डीटीसी की नई इलेक्ट्रिक बसों में एक भी डीटीसी कर्मचारी का ड्राइवर नहीं है। सभी निजी कंपनियों के ड्राइवर इन बसों को चला रहे हैं। हम अपनी नौकरी की सुरक्षा चाहते हैं। हमारे कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी हर रोज शोषण का सामना कर रहे हैं, और कई बार तो वे मानसिक दबाव के कारण आत्महत्या तक कर लेते हैं।”

–आईएएनएस

पीएसके/एकेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 17 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के महिला कर्मचारियों का प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। महिला कर्मचारियों के समर्थन में अब पुरुष कर्मचारी भी आ गए हैं। कर्मचारियों ने समान काम के लिए समान वेतन, पक्की नौकरी और निजीकरण की प्रक्रिया को रोकने की मांग की है।

महिला कर्मचारियों के समर्थन में डीटीसी के पुरुष कर्मचारियों ने भी रविवार को सरोजनी नगर डिपो में बैठक की। इसमें दिल्ली के विभिन्न डिपो के कर्मचारियों ने भारी संख्या में भाग लिया। कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों के समर्थन में आवाज उठाई और चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों का समाधान नहीं हुआ, तो वे हड़ताल करने पर मजबूर होंगे।

डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के अध्यक्ष ललित चौधरी ने आईएएनएस से कहा, “हमारी माताओं और बहनों ने जो प्रदर्शन शुरू किया था, हम उनके समर्थन में यहां इकट्ठे हुए हैं। हमारी मांग है कि हमें समान काम के लिए समान वेतन मिले, और हमें पक्की नौकरी दी जाए। हम चाहते हैं कि हमें 60 साल की उम्र तक रोजगार की गारंटी मिले, जैसा कि दिल्ली सरकार ने कुछ साल पहले वादा किया था। हमारे साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए, हमें सम्मानजनक वेतन मिलना चाहिए। हमारी मांग है कि डीटीसी का निजीकरण तुरंत बंद किया जाए, क्योंकि निजी बस ऑपरेटरों को डीटीसी की बसों की सेवा देने से दिल्ली की जनता को कोई फायदा नहीं होगा।”

ललित चौधरी ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगों का समाधान नहीं किया, तो कर्मचारी आंदोलन और तेज कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पहले ही 13 नवंबर को अल्टीमेटम दिया गया था कि अगर समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो हम हड़ताल, धरना-प्रदर्शन या चक्का जाम जैसे कदम उठा सकते हैं। हमें उम्मीद थी कि सरकार हमारी समस्याओं को गंभीरता से लेगी, लेकिन ऐसा लगता है कि वह हमें नजरअंदाज कर रही है।

डीटीसी के कंडक्टर इमरान खान ने कहा, “हमारी मांगें बिल्कुल सही हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने पहले ही आदेश दिया है कि डीटीसी का निजीकरण रोका जाए, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है। हमें एक स्थिर नौकरी और समान वेतन की आवश्यकता है। आजकल डीटीसी की नई इलेक्ट्रिक बसों में एक भी डीटीसी कर्मचारी का ड्राइवर नहीं है। सभी निजी कंपनियों के ड्राइवर इन बसों को चला रहे हैं। हम अपनी नौकरी की सुरक्षा चाहते हैं। हमारे कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी हर रोज शोषण का सामना कर रहे हैं, और कई बार तो वे मानसिक दबाव के कारण आत्महत्या तक कर लेते हैं।”

–आईएएनएस

पीएसके/एकेजे

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 17 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के महिला कर्मचारियों का प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। महिला कर्मचारियों के समर्थन में अब पुरुष कर्मचारी भी आ गए हैं। कर्मचारियों ने समान काम के लिए समान वेतन, पक्की नौकरी और निजीकरण की प्रक्रिया को रोकने की मांग की है।

महिला कर्मचारियों के समर्थन में डीटीसी के पुरुष कर्मचारियों ने भी रविवार को सरोजनी नगर डिपो में बैठक की। इसमें दिल्ली के विभिन्न डिपो के कर्मचारियों ने भारी संख्या में भाग लिया। कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों के समर्थन में आवाज उठाई और चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों का समाधान नहीं हुआ, तो वे हड़ताल करने पर मजबूर होंगे।

डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के अध्यक्ष ललित चौधरी ने आईएएनएस से कहा, “हमारी माताओं और बहनों ने जो प्रदर्शन शुरू किया था, हम उनके समर्थन में यहां इकट्ठे हुए हैं। हमारी मांग है कि हमें समान काम के लिए समान वेतन मिले, और हमें पक्की नौकरी दी जाए। हम चाहते हैं कि हमें 60 साल की उम्र तक रोजगार की गारंटी मिले, जैसा कि दिल्ली सरकार ने कुछ साल पहले वादा किया था। हमारे साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए, हमें सम्मानजनक वेतन मिलना चाहिए। हमारी मांग है कि डीटीसी का निजीकरण तुरंत बंद किया जाए, क्योंकि निजी बस ऑपरेटरों को डीटीसी की बसों की सेवा देने से दिल्ली की जनता को कोई फायदा नहीं होगा।”

ललित चौधरी ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगों का समाधान नहीं किया, तो कर्मचारी आंदोलन और तेज कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पहले ही 13 नवंबर को अल्टीमेटम दिया गया था कि अगर समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो हम हड़ताल, धरना-प्रदर्शन या चक्का जाम जैसे कदम उठा सकते हैं। हमें उम्मीद थी कि सरकार हमारी समस्याओं को गंभीरता से लेगी, लेकिन ऐसा लगता है कि वह हमें नजरअंदाज कर रही है।

डीटीसी के कंडक्टर इमरान खान ने कहा, “हमारी मांगें बिल्कुल सही हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने पहले ही आदेश दिया है कि डीटीसी का निजीकरण रोका जाए, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है। हमें एक स्थिर नौकरी और समान वेतन की आवश्यकता है। आजकल डीटीसी की नई इलेक्ट्रिक बसों में एक भी डीटीसी कर्मचारी का ड्राइवर नहीं है। सभी निजी कंपनियों के ड्राइवर इन बसों को चला रहे हैं। हम अपनी नौकरी की सुरक्षा चाहते हैं। हमारे कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी हर रोज शोषण का सामना कर रहे हैं, और कई बार तो वे मानसिक दबाव के कारण आत्महत्या तक कर लेते हैं।”

–आईएएनएस

पीएसके/एकेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 17 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के महिला कर्मचारियों का प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। महिला कर्मचारियों के समर्थन में अब पुरुष कर्मचारी भी आ गए हैं। कर्मचारियों ने समान काम के लिए समान वेतन, पक्की नौकरी और निजीकरण की प्रक्रिया को रोकने की मांग की है।

महिला कर्मचारियों के समर्थन में डीटीसी के पुरुष कर्मचारियों ने भी रविवार को सरोजनी नगर डिपो में बैठक की। इसमें दिल्ली के विभिन्न डिपो के कर्मचारियों ने भारी संख्या में भाग लिया। कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों के समर्थन में आवाज उठाई और चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों का समाधान नहीं हुआ, तो वे हड़ताल करने पर मजबूर होंगे।

डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के अध्यक्ष ललित चौधरी ने आईएएनएस से कहा, “हमारी माताओं और बहनों ने जो प्रदर्शन शुरू किया था, हम उनके समर्थन में यहां इकट्ठे हुए हैं। हमारी मांग है कि हमें समान काम के लिए समान वेतन मिले, और हमें पक्की नौकरी दी जाए। हम चाहते हैं कि हमें 60 साल की उम्र तक रोजगार की गारंटी मिले, जैसा कि दिल्ली सरकार ने कुछ साल पहले वादा किया था। हमारे साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए, हमें सम्मानजनक वेतन मिलना चाहिए। हमारी मांग है कि डीटीसी का निजीकरण तुरंत बंद किया जाए, क्योंकि निजी बस ऑपरेटरों को डीटीसी की बसों की सेवा देने से दिल्ली की जनता को कोई फायदा नहीं होगा।”

ललित चौधरी ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगों का समाधान नहीं किया, तो कर्मचारी आंदोलन और तेज कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पहले ही 13 नवंबर को अल्टीमेटम दिया गया था कि अगर समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो हम हड़ताल, धरना-प्रदर्शन या चक्का जाम जैसे कदम उठा सकते हैं। हमें उम्मीद थी कि सरकार हमारी समस्याओं को गंभीरता से लेगी, लेकिन ऐसा लगता है कि वह हमें नजरअंदाज कर रही है।

डीटीसी के कंडक्टर इमरान खान ने कहा, “हमारी मांगें बिल्कुल सही हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने पहले ही आदेश दिया है कि डीटीसी का निजीकरण रोका जाए, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है। हमें एक स्थिर नौकरी और समान वेतन की आवश्यकता है। आजकल डीटीसी की नई इलेक्ट्रिक बसों में एक भी डीटीसी कर्मचारी का ड्राइवर नहीं है। सभी निजी कंपनियों के ड्राइवर इन बसों को चला रहे हैं। हम अपनी नौकरी की सुरक्षा चाहते हैं। हमारे कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी हर रोज शोषण का सामना कर रहे हैं, और कई बार तो वे मानसिक दबाव के कारण आत्महत्या तक कर लेते हैं।”

–आईएएनएस

पीएसके/एकेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 17 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के महिला कर्मचारियों का प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। महिला कर्मचारियों के समर्थन में अब पुरुष कर्मचारी भी आ गए हैं। कर्मचारियों ने समान काम के लिए समान वेतन, पक्की नौकरी और निजीकरण की प्रक्रिया को रोकने की मांग की है।

महिला कर्मचारियों के समर्थन में डीटीसी के पुरुष कर्मचारियों ने भी रविवार को सरोजनी नगर डिपो में बैठक की। इसमें दिल्ली के विभिन्न डिपो के कर्मचारियों ने भारी संख्या में भाग लिया। कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों के समर्थन में आवाज उठाई और चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों का समाधान नहीं हुआ, तो वे हड़ताल करने पर मजबूर होंगे।

डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के अध्यक्ष ललित चौधरी ने आईएएनएस से कहा, “हमारी माताओं और बहनों ने जो प्रदर्शन शुरू किया था, हम उनके समर्थन में यहां इकट्ठे हुए हैं। हमारी मांग है कि हमें समान काम के लिए समान वेतन मिले, और हमें पक्की नौकरी दी जाए। हम चाहते हैं कि हमें 60 साल की उम्र तक रोजगार की गारंटी मिले, जैसा कि दिल्ली सरकार ने कुछ साल पहले वादा किया था। हमारे साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए, हमें सम्मानजनक वेतन मिलना चाहिए। हमारी मांग है कि डीटीसी का निजीकरण तुरंत बंद किया जाए, क्योंकि निजी बस ऑपरेटरों को डीटीसी की बसों की सेवा देने से दिल्ली की जनता को कोई फायदा नहीं होगा।”

ललित चौधरी ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगों का समाधान नहीं किया, तो कर्मचारी आंदोलन और तेज कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पहले ही 13 नवंबर को अल्टीमेटम दिया गया था कि अगर समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो हम हड़ताल, धरना-प्रदर्शन या चक्का जाम जैसे कदम उठा सकते हैं। हमें उम्मीद थी कि सरकार हमारी समस्याओं को गंभीरता से लेगी, लेकिन ऐसा लगता है कि वह हमें नजरअंदाज कर रही है।

डीटीसी के कंडक्टर इमरान खान ने कहा, “हमारी मांगें बिल्कुल सही हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने पहले ही आदेश दिया है कि डीटीसी का निजीकरण रोका जाए, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है। हमें एक स्थिर नौकरी और समान वेतन की आवश्यकता है। आजकल डीटीसी की नई इलेक्ट्रिक बसों में एक भी डीटीसी कर्मचारी का ड्राइवर नहीं है। सभी निजी कंपनियों के ड्राइवर इन बसों को चला रहे हैं। हम अपनी नौकरी की सुरक्षा चाहते हैं। हमारे कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी हर रोज शोषण का सामना कर रहे हैं, और कई बार तो वे मानसिक दबाव के कारण आत्महत्या तक कर लेते हैं।”

–आईएएनएस

पीएसके/एकेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 17 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के महिला कर्मचारियों का प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। महिला कर्मचारियों के समर्थन में अब पुरुष कर्मचारी भी आ गए हैं। कर्मचारियों ने समान काम के लिए समान वेतन, पक्की नौकरी और निजीकरण की प्रक्रिया को रोकने की मांग की है।

महिला कर्मचारियों के समर्थन में डीटीसी के पुरुष कर्मचारियों ने भी रविवार को सरोजनी नगर डिपो में बैठक की। इसमें दिल्ली के विभिन्न डिपो के कर्मचारियों ने भारी संख्या में भाग लिया। कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों के समर्थन में आवाज उठाई और चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों का समाधान नहीं हुआ, तो वे हड़ताल करने पर मजबूर होंगे।

डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के अध्यक्ष ललित चौधरी ने आईएएनएस से कहा, “हमारी माताओं और बहनों ने जो प्रदर्शन शुरू किया था, हम उनके समर्थन में यहां इकट्ठे हुए हैं। हमारी मांग है कि हमें समान काम के लिए समान वेतन मिले, और हमें पक्की नौकरी दी जाए। हम चाहते हैं कि हमें 60 साल की उम्र तक रोजगार की गारंटी मिले, जैसा कि दिल्ली सरकार ने कुछ साल पहले वादा किया था। हमारे साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए, हमें सम्मानजनक वेतन मिलना चाहिए। हमारी मांग है कि डीटीसी का निजीकरण तुरंत बंद किया जाए, क्योंकि निजी बस ऑपरेटरों को डीटीसी की बसों की सेवा देने से दिल्ली की जनता को कोई फायदा नहीं होगा।”

ललित चौधरी ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगों का समाधान नहीं किया, तो कर्मचारी आंदोलन और तेज कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पहले ही 13 नवंबर को अल्टीमेटम दिया गया था कि अगर समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो हम हड़ताल, धरना-प्रदर्शन या चक्का जाम जैसे कदम उठा सकते हैं। हमें उम्मीद थी कि सरकार हमारी समस्याओं को गंभीरता से लेगी, लेकिन ऐसा लगता है कि वह हमें नजरअंदाज कर रही है।

डीटीसी के कंडक्टर इमरान खान ने कहा, “हमारी मांगें बिल्कुल सही हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने पहले ही आदेश दिया है कि डीटीसी का निजीकरण रोका जाए, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है। हमें एक स्थिर नौकरी और समान वेतन की आवश्यकता है। आजकल डीटीसी की नई इलेक्ट्रिक बसों में एक भी डीटीसी कर्मचारी का ड्राइवर नहीं है। सभी निजी कंपनियों के ड्राइवर इन बसों को चला रहे हैं। हम अपनी नौकरी की सुरक्षा चाहते हैं। हमारे कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी हर रोज शोषण का सामना कर रहे हैं, और कई बार तो वे मानसिक दबाव के कारण आत्महत्या तक कर लेते हैं।”

–आईएएनएस

पीएसके/एकेजे

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 17 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के महिला कर्मचारियों का प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। महिला कर्मचारियों के समर्थन में अब पुरुष कर्मचारी भी आ गए हैं। कर्मचारियों ने समान काम के लिए समान वेतन, पक्की नौकरी और निजीकरण की प्रक्रिया को रोकने की मांग की है।

महिला कर्मचारियों के समर्थन में डीटीसी के पुरुष कर्मचारियों ने भी रविवार को सरोजनी नगर डिपो में बैठक की। इसमें दिल्ली के विभिन्न डिपो के कर्मचारियों ने भारी संख्या में भाग लिया। कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों के समर्थन में आवाज उठाई और चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों का समाधान नहीं हुआ, तो वे हड़ताल करने पर मजबूर होंगे।

डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के अध्यक्ष ललित चौधरी ने आईएएनएस से कहा, “हमारी माताओं और बहनों ने जो प्रदर्शन शुरू किया था, हम उनके समर्थन में यहां इकट्ठे हुए हैं। हमारी मांग है कि हमें समान काम के लिए समान वेतन मिले, और हमें पक्की नौकरी दी जाए। हम चाहते हैं कि हमें 60 साल की उम्र तक रोजगार की गारंटी मिले, जैसा कि दिल्ली सरकार ने कुछ साल पहले वादा किया था। हमारे साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए, हमें सम्मानजनक वेतन मिलना चाहिए। हमारी मांग है कि डीटीसी का निजीकरण तुरंत बंद किया जाए, क्योंकि निजी बस ऑपरेटरों को डीटीसी की बसों की सेवा देने से दिल्ली की जनता को कोई फायदा नहीं होगा।”

ललित चौधरी ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगों का समाधान नहीं किया, तो कर्मचारी आंदोलन और तेज कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पहले ही 13 नवंबर को अल्टीमेटम दिया गया था कि अगर समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो हम हड़ताल, धरना-प्रदर्शन या चक्का जाम जैसे कदम उठा सकते हैं। हमें उम्मीद थी कि सरकार हमारी समस्याओं को गंभीरता से लेगी, लेकिन ऐसा लगता है कि वह हमें नजरअंदाज कर रही है।

डीटीसी के कंडक्टर इमरान खान ने कहा, “हमारी मांगें बिल्कुल सही हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने पहले ही आदेश दिया है कि डीटीसी का निजीकरण रोका जाए, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है। हमें एक स्थिर नौकरी और समान वेतन की आवश्यकता है। आजकल डीटीसी की नई इलेक्ट्रिक बसों में एक भी डीटीसी कर्मचारी का ड्राइवर नहीं है। सभी निजी कंपनियों के ड्राइवर इन बसों को चला रहे हैं। हम अपनी नौकरी की सुरक्षा चाहते हैं। हमारे कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी हर रोज शोषण का सामना कर रहे हैं, और कई बार तो वे मानसिक दबाव के कारण आत्महत्या तक कर लेते हैं।”

–आईएएनएस

पीएसके/एकेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 17 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के महिला कर्मचारियों का प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। महिला कर्मचारियों के समर्थन में अब पुरुष कर्मचारी भी आ गए हैं। कर्मचारियों ने समान काम के लिए समान वेतन, पक्की नौकरी और निजीकरण की प्रक्रिया को रोकने की मांग की है।

महिला कर्मचारियों के समर्थन में डीटीसी के पुरुष कर्मचारियों ने भी रविवार को सरोजनी नगर डिपो में बैठक की। इसमें दिल्ली के विभिन्न डिपो के कर्मचारियों ने भारी संख्या में भाग लिया। कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों के समर्थन में आवाज उठाई और चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों का समाधान नहीं हुआ, तो वे हड़ताल करने पर मजबूर होंगे।

डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के अध्यक्ष ललित चौधरी ने आईएएनएस से कहा, “हमारी माताओं और बहनों ने जो प्रदर्शन शुरू किया था, हम उनके समर्थन में यहां इकट्ठे हुए हैं। हमारी मांग है कि हमें समान काम के लिए समान वेतन मिले, और हमें पक्की नौकरी दी जाए। हम चाहते हैं कि हमें 60 साल की उम्र तक रोजगार की गारंटी मिले, जैसा कि दिल्ली सरकार ने कुछ साल पहले वादा किया था। हमारे साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए, हमें सम्मानजनक वेतन मिलना चाहिए। हमारी मांग है कि डीटीसी का निजीकरण तुरंत बंद किया जाए, क्योंकि निजी बस ऑपरेटरों को डीटीसी की बसों की सेवा देने से दिल्ली की जनता को कोई फायदा नहीं होगा।”

ललित चौधरी ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगों का समाधान नहीं किया, तो कर्मचारी आंदोलन और तेज कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पहले ही 13 नवंबर को अल्टीमेटम दिया गया था कि अगर समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो हम हड़ताल, धरना-प्रदर्शन या चक्का जाम जैसे कदम उठा सकते हैं। हमें उम्मीद थी कि सरकार हमारी समस्याओं को गंभीरता से लेगी, लेकिन ऐसा लगता है कि वह हमें नजरअंदाज कर रही है।

डीटीसी के कंडक्टर इमरान खान ने कहा, “हमारी मांगें बिल्कुल सही हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने पहले ही आदेश दिया है कि डीटीसी का निजीकरण रोका जाए, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है। हमें एक स्थिर नौकरी और समान वेतन की आवश्यकता है। आजकल डीटीसी की नई इलेक्ट्रिक बसों में एक भी डीटीसी कर्मचारी का ड्राइवर नहीं है। सभी निजी कंपनियों के ड्राइवर इन बसों को चला रहे हैं। हम अपनी नौकरी की सुरक्षा चाहते हैं। हमारे कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी हर रोज शोषण का सामना कर रहे हैं, और कई बार तो वे मानसिक दबाव के कारण आत्महत्या तक कर लेते हैं।”

–आईएएनएस

पीएसके/एकेजे

Related Posts

ताज़ा समाचार

योगी सरकार की बड़ी पहल : 1990 से पहले के संपूर्ण राजस्व अभिलेखों के डिजिटलाइजेशन की तैयारी

May 18, 2025
ताज़ा समाचार

खेल मंत्री मांडविया ने भारत के खेल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए खेलो इंडिया के तहत वार्षिक कैलेंडर लॉन्च किया

May 18, 2025
ताज़ा समाचार

विदेश मंत्री जयशंकर 19 से 24 मई तक नीदरलैंड, डेनमार्क, जर्मनी की यात्रा पर रहेंगे

May 18, 2025
ताज़ा समाचार

‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर सेलेब्स की चुप्पी से आहत पुनीत इस्सर, पूछा- हम खामोश क्यों हैं?

May 18, 2025
ताज़ा समाचार

गोंडा में ‘शौर्य तिरंगा यात्रा’ का आयोजन, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता को समर्पित

May 18, 2025
ताज़ा समाचार

केंद्र सरकार को विदेश जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में और सदस्यों को शामिल करना चाहिए था : फखरुल हसन चांद

May 18, 2025
Next Post

अणुशक्तिनगर में जनता का अपार समर्थन, हिंदू-मुस्लिम को साथ लेकर चलना मकसद : फहद अहमद

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

POPULAR NEWS

बंदा प्रकाश तेलंगाना विधान परिषद के उप सभापति चुने गए

बंदा प्रकाश तेलंगाना विधान परिषद के उप सभापति चुने गए

February 12, 2023
बीएसएफ ने मेघालय में 40 मवेशियों को छुड़ाया, 3 तस्कर गिरफ्तार

बीएसएफ ने मेघालय में 40 मवेशियों को छुड़ाया, 3 तस्कर गिरफ्तार

February 12, 2023
चीनी शताब्दी की दूर-दूर तक संभावना नहीं

चीनी शताब्दी की दूर-दूर तक संभावना नहीं

February 12, 2023

बंगाल के जलपाईगुड़ी में बाढ़ जैसे हालात, शहर में घुसने लगा नदी का पानी

August 26, 2023
राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

May 5, 2024

EDITOR'S PICK

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के करीबियों की घोटाले में संलिप्तता, ईडी ने किया खुलासा : सूत्र

July 9, 2024

विदेश में आतंकियों के खात्मे में ‘भारत की भूमिका’ पर ब्रिटिश अखबार के दावे से पाकिस्तान में खलबली

April 5, 2024
मोदी ने हिरोशिमा में महात्मा गांधी की प्रतिमा का किया अनावरण

मोदी ने हिरोशिमा में महात्मा गांधी की प्रतिमा का किया अनावरण

May 20, 2023

हैदराबाद पुलिस ने परिवार को आग से बचाया

December 22, 2023
ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

081785
Total views : 5876378
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In