नई दिल्ली, 4 मार्च (आईएएनएस)। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शनिवार को कहा कि डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (डीपीडीपी) विधेयक के मसौदे के संबंध में किसी तरह के संदेह या सवाल की जरूरत नहीं है।
एक ट्वीट में मंत्री ने कहा कि विधेयक को जल्द ही संसद की मंजूरी के लिए तैयार किया जा रहा है।
चंद्रशेखर ने कहा, डीपीडीपी विधेयक के संबंध में किसी भी तरह के संदेह या प्रश्न की आवश्यकता नहीं है। व्यापक सार्वजनिक परामर्श के बाद इसे जल्द ही सरकार और संसद की मंजूरी के लिए तैयार किया जा रहा है।
उनकी टिप्पणी इस बहस के बीच आई कि क्या संचार और आईटी पर स्थायी समिति ने मंजूरी के लिए संसद में जाने से पहले डेटा संरक्षण विधेयक के मसौदे को अपनी मंजूरी दे दी थी।
संसदीय स्थायी समिति के कुछ सदस्यों ने कहा कि उन्हें अभी मसौदा विधेयक को मंजूरी देनी है।
सरकार ने पिछले साल अगस्त में विवादास्पद पीडीपी विधेयक को वापस ले लिया था जिसमें 81 संशोधन किए गए थे। इसका उद्देश्य एक नया विधेयक पेश करना था, जो व्यापक कानूनी ढांचे में फिट बैठता है और अरबों नागरिकों के डेटा की सुरक्षा करता है।
नया मसौदा कुछ उपयोगकता के डेटा को कुछ अधिसूचित देशों और क्षेत्रों के साथ सीमा पार स्थानांतरित करने की अनुमति देगा।
नए पीडीपी बिल में डेटा उल्लंघनों को रोकने में विफल रहने वाले लोगों और कंपनियों पर 250 करोड़ रुपये तक के दंड का भी प्रस्ताव है।
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, डीपीडीपी विधेयक को डेटा सुरक्षा के संबंध में चिंताओं और शिकायतों के निवारण के लिए इस तरह से तैयार किया जाएगा कि तंत्र समाज के हर वर्ग के लिए सुलभ और प्रभावी हो।
वैष्णव ने कहा था कि जैसे ही पीडीपी बिल को अंतिम रूप दिया जाएगा, सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि ²ष्टिकोण डेटा प्रवाह को बाधित किए बिना डेटा सुरक्षा को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करे।
–आईएएनएस
पीके/सीबीटी
नई दिल्ली, 4 मार्च (आईएएनएस)। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शनिवार को कहा कि डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (डीपीडीपी) विधेयक के मसौदे के संबंध में किसी तरह के संदेह या सवाल की जरूरत नहीं है।
एक ट्वीट में मंत्री ने कहा कि विधेयक को जल्द ही संसद की मंजूरी के लिए तैयार किया जा रहा है।
चंद्रशेखर ने कहा, डीपीडीपी विधेयक के संबंध में किसी भी तरह के संदेह या प्रश्न की आवश्यकता नहीं है। व्यापक सार्वजनिक परामर्श के बाद इसे जल्द ही सरकार और संसद की मंजूरी के लिए तैयार किया जा रहा है।
उनकी टिप्पणी इस बहस के बीच आई कि क्या संचार और आईटी पर स्थायी समिति ने मंजूरी के लिए संसद में जाने से पहले डेटा संरक्षण विधेयक के मसौदे को अपनी मंजूरी दे दी थी।
संसदीय स्थायी समिति के कुछ सदस्यों ने कहा कि उन्हें अभी मसौदा विधेयक को मंजूरी देनी है।
सरकार ने पिछले साल अगस्त में विवादास्पद पीडीपी विधेयक को वापस ले लिया था जिसमें 81 संशोधन किए गए थे। इसका उद्देश्य एक नया विधेयक पेश करना था, जो व्यापक कानूनी ढांचे में फिट बैठता है और अरबों नागरिकों के डेटा की सुरक्षा करता है।
नया मसौदा कुछ उपयोगकता के डेटा को कुछ अधिसूचित देशों और क्षेत्रों के साथ सीमा पार स्थानांतरित करने की अनुमति देगा।
नए पीडीपी बिल में डेटा उल्लंघनों को रोकने में विफल रहने वाले लोगों और कंपनियों पर 250 करोड़ रुपये तक के दंड का भी प्रस्ताव है।
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, डीपीडीपी विधेयक को डेटा सुरक्षा के संबंध में चिंताओं और शिकायतों के निवारण के लिए इस तरह से तैयार किया जाएगा कि तंत्र समाज के हर वर्ग के लिए सुलभ और प्रभावी हो।
वैष्णव ने कहा था कि जैसे ही पीडीपी बिल को अंतिम रूप दिया जाएगा, सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि ²ष्टिकोण डेटा प्रवाह को बाधित किए बिना डेटा सुरक्षा को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करे।
–आईएएनएस
पीके/सीबीटी