नई दिल्ली, 22 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर शराब पीकर गाड़ी चलाने की बढ़ती घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लिया है और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है।
आयोग ने अपने नोटिस में कहा है कि शराब पीकर गाड़ी चलाना न केवल दुर्घटनाओं के सबसे आम कारणों में से एक है, बल्कि महिला सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा खतरा है। इस खतरे को तत्काल रोकने की जरूरत है।
आयोग ने दिल्ली पुलिस द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान शराब पीकर वाहन चलाने वालों की पहचान करने के लिए ब्रेथ एनालाइजर के इस्तेमाल पर रोक लगाने का मुद्दा भी उठाया।
दिल्ली में सड़कों पर शराब पीकर गाड़ी चलाने से रोकने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा उठाए गए कदमों की जांच करने के लिए आयोग ने इस मामले की जांच के लिए कहा है और दिल्ली पुलिस से कुछ मुद्दों पर जवाब मांगा है।
डीसीडब्ल्यू ने पूछा है कि क्या शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की पहचान करने के लिए ब्रेथ एनालाइजर का इस्तेमाल फिर से शुरू कर दिया गया है।
यह भी जानने की कोशिश की गई है कि शराब पीकर गाड़ी चलाने के खतरे की जांच के लिए ब्रेथ एनालाइजर का इस्तेमाल फिर से शुरू नहीं करने के क्या कारण हैं।
आयोग ने दिल्ली पुलिस से दिल्ली पुलिस के पास उपलब्ध कार्यात्मक सांस विश्लेषक परीक्षण मशीनों की संख्या प्रस्तुत करने के लिए भी कहा है।
डीसीडब्ल्यू ने दिल्ली पुलिस द्वारा 2017 के बाद से शराब पीकर गाड़ी चलाने के लिए जारी किए गए चालानों की संख्या और विशेष रूप से 31 दिसंबर, 2022 की शाम 6 बजे से रात 9 बजे के बीच जारी किए गए ऐसे चालानों की संख्या पूछी है।
डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालिवाल ने कहा, उस दिन मेरी रात्रि जागरण का एक प्रमुख निष्कर्ष यह था कि दिल्ली में जिस निर्लज्जता से लोग शराब पीकर गाड़ी चला रहे हैं, वह महिलाओं और लड़कियों के लिए गंभीर सुरक्षा चिंता पैदा कर रहा है। इसकी तत्काल जांच की जरूरत है। मैंने दिल्ली को एक नोटिस जारी किया है। ट्रैफिक पुलिस इस खतरे की जांच के लिए उठाए गए कदमों का पता लगाने के लिए विशेष रूप से अंजलि को दिल्ली की सड़कों पर पांच शराबी लोगों द्वारा घसीटकर हत्या के बाद।
मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग ने पुलिस से 24 जनवरी तक उसके सवालों के जवाब देने को कहा है।
–आईएएनएस
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