नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय वायु सेना के पास उसका पहला सी-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट आ चुका है। वायु सेना ने शुक्रवार को एक आधिकारिक जानकारी में बताया कि अब 25 सितंबर को हिंडन स्टेशन में सी-295 विमान को औपचारिक रूप से शामिल किया जाएगा।
रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह इस कार्यक्रमों के मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम में एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी उपस्थित रहेंगे।
वायु सेना स्टेशन हिंडन में ही भारतीय वायु सेना और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीएफआई) 25 और 26 सितंबर को भारत ड्रोन शक्ति 2023 का आयोजन भी कर रहे हैं। इस दौरान विभिन्न प्रकार के ड्रोन आकाश में बेहतरीन प्रदर्शन करते नजर आएंगे।
साथ-साथ भारतीय ड्रोन उद्योग की क्षमता का प्रदर्शन देखने को मिलेगा।
यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस से भारतीय वायु सेना के लिए सी- 295 ट्रांसपोर्ट विमान खरीदा गया है। विमान की डिलीवरी भारतीय वायु सेन को स्पेन में दी गई। इसके लिए भारतीय वायु सेना के एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी स्पेन पहुंचे थे। विमान की डिलीवरी हासिल करने के उपरांत वायु सेना प्रमुख ने नए विमान में उड़ान भी भरी।
ये एयरक्राफ्ट शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग कर सकते हैं। विशेषज्ञों मुताबिक यह विमान महज 320 मीटर की दूरी में ही टेक-ऑफ कर सकता है। लैंडिंग के लिए इसे मात्र 670 मीटर की लंबाई चाहिए। ऐसी स्थिति में यह विमान भारत चीन सीमा के नजदीक लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम जैसे पहाड़ी इलाकों में वायु सेना के ऑपरेशन में शामिल हो सकता है।
एयरक्राफ्ट अपने साथ 5 से 10 टन तक वजन ले जा सकता है। विमान एक बार में अपने साथ 71 सैनिक, 44 पैराट्रूपर्स, 24 स्ट्रेचर या 5 कार्गो पैलेट को ले जा सकता है। इसके साथ ही यह ट्रांसपोर्ट विमान 480 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ की गई डील 56 विमानों के लिए है। इनमें से 16 विमानों का निर्माण स्पेन में हो रहा है। जबकि, शेष बचे 40 विमान गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस सिस्टम कंपनी द्वारा तैयार किए जाएंगे। सितंबर 2021 में भारत ने यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ कुल 56 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के लिए करीब 21,935 करोड़ रुपए की डील की है।
सी295 विमान भारतीय वायु सेना के एवरो-748 विमानों का स्थान लेंगे। यह विमान भारतीय वायुसेना में छह दशक पहले सेना में आए थे। सी295 विमान का इस्तेमाल सैन्य साजो-सामान और रसद पहुंचाने के लिए किया जाता है। यह विमान ऐसे स्थान पर भी पहुंच सकता है, जहां भारी ट्रांसपोर्ट विमानों के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता।
टाटा एडवांस सिस्टम 2024 के मध्य तक सी-295 विमान बनाना शुरू करेगी। फिलहाल, इसकी फाइनल असेम्बली लाइन का काम चल रहा है। भारत में पहला स्वदेशी सी-295 विमान 2026 में बन कर तैयार होगा।
–आईएएनएस
जीसीबी
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नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय वायु सेना के पास उसका पहला सी-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट आ चुका है। वायु सेना ने शुक्रवार को एक आधिकारिक जानकारी में बताया कि अब 25 सितंबर को हिंडन स्टेशन में सी-295 विमान को औपचारिक रूप से शामिल किया जाएगा।
रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह इस कार्यक्रमों के मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम में एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी उपस्थित रहेंगे।
वायु सेना स्टेशन हिंडन में ही भारतीय वायु सेना और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीएफआई) 25 और 26 सितंबर को भारत ड्रोन शक्ति 2023 का आयोजन भी कर रहे हैं। इस दौरान विभिन्न प्रकार के ड्रोन आकाश में बेहतरीन प्रदर्शन करते नजर आएंगे।
साथ-साथ भारतीय ड्रोन उद्योग की क्षमता का प्रदर्शन देखने को मिलेगा।
यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस से भारतीय वायु सेना के लिए सी- 295 ट्रांसपोर्ट विमान खरीदा गया है। विमान की डिलीवरी भारतीय वायु सेन को स्पेन में दी गई। इसके लिए भारतीय वायु सेना के एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी स्पेन पहुंचे थे। विमान की डिलीवरी हासिल करने के उपरांत वायु सेना प्रमुख ने नए विमान में उड़ान भी भरी।
ये एयरक्राफ्ट शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग कर सकते हैं। विशेषज्ञों मुताबिक यह विमान महज 320 मीटर की दूरी में ही टेक-ऑफ कर सकता है। लैंडिंग के लिए इसे मात्र 670 मीटर की लंबाई चाहिए। ऐसी स्थिति में यह विमान भारत चीन सीमा के नजदीक लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम जैसे पहाड़ी इलाकों में वायु सेना के ऑपरेशन में शामिल हो सकता है।
एयरक्राफ्ट अपने साथ 5 से 10 टन तक वजन ले जा सकता है। विमान एक बार में अपने साथ 71 सैनिक, 44 पैराट्रूपर्स, 24 स्ट्रेचर या 5 कार्गो पैलेट को ले जा सकता है। इसके साथ ही यह ट्रांसपोर्ट विमान 480 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ की गई डील 56 विमानों के लिए है। इनमें से 16 विमानों का निर्माण स्पेन में हो रहा है। जबकि, शेष बचे 40 विमान गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस सिस्टम कंपनी द्वारा तैयार किए जाएंगे। सितंबर 2021 में भारत ने यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ कुल 56 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के लिए करीब 21,935 करोड़ रुपए की डील की है।
सी295 विमान भारतीय वायु सेना के एवरो-748 विमानों का स्थान लेंगे। यह विमान भारतीय वायुसेना में छह दशक पहले सेना में आए थे। सी295 विमान का इस्तेमाल सैन्य साजो-सामान और रसद पहुंचाने के लिए किया जाता है। यह विमान ऐसे स्थान पर भी पहुंच सकता है, जहां भारी ट्रांसपोर्ट विमानों के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता।
टाटा एडवांस सिस्टम 2024 के मध्य तक सी-295 विमान बनाना शुरू करेगी। फिलहाल, इसकी फाइनल असेम्बली लाइन का काम चल रहा है। भारत में पहला स्वदेशी सी-295 विमान 2026 में बन कर तैयार होगा।
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नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय वायु सेना के पास उसका पहला सी-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट आ चुका है। वायु सेना ने शुक्रवार को एक आधिकारिक जानकारी में बताया कि अब 25 सितंबर को हिंडन स्टेशन में सी-295 विमान को औपचारिक रूप से शामिल किया जाएगा।
रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह इस कार्यक्रमों के मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम में एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी उपस्थित रहेंगे।
वायु सेना स्टेशन हिंडन में ही भारतीय वायु सेना और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीएफआई) 25 और 26 सितंबर को भारत ड्रोन शक्ति 2023 का आयोजन भी कर रहे हैं। इस दौरान विभिन्न प्रकार के ड्रोन आकाश में बेहतरीन प्रदर्शन करते नजर आएंगे।
साथ-साथ भारतीय ड्रोन उद्योग की क्षमता का प्रदर्शन देखने को मिलेगा।
यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस से भारतीय वायु सेना के लिए सी- 295 ट्रांसपोर्ट विमान खरीदा गया है। विमान की डिलीवरी भारतीय वायु सेन को स्पेन में दी गई। इसके लिए भारतीय वायु सेना के एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी स्पेन पहुंचे थे। विमान की डिलीवरी हासिल करने के उपरांत वायु सेना प्रमुख ने नए विमान में उड़ान भी भरी।
ये एयरक्राफ्ट शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग कर सकते हैं। विशेषज्ञों मुताबिक यह विमान महज 320 मीटर की दूरी में ही टेक-ऑफ कर सकता है। लैंडिंग के लिए इसे मात्र 670 मीटर की लंबाई चाहिए। ऐसी स्थिति में यह विमान भारत चीन सीमा के नजदीक लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम जैसे पहाड़ी इलाकों में वायु सेना के ऑपरेशन में शामिल हो सकता है।
एयरक्राफ्ट अपने साथ 5 से 10 टन तक वजन ले जा सकता है। विमान एक बार में अपने साथ 71 सैनिक, 44 पैराट्रूपर्स, 24 स्ट्रेचर या 5 कार्गो पैलेट को ले जा सकता है। इसके साथ ही यह ट्रांसपोर्ट विमान 480 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ की गई डील 56 विमानों के लिए है। इनमें से 16 विमानों का निर्माण स्पेन में हो रहा है। जबकि, शेष बचे 40 विमान गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस सिस्टम कंपनी द्वारा तैयार किए जाएंगे। सितंबर 2021 में भारत ने यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ कुल 56 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के लिए करीब 21,935 करोड़ रुपए की डील की है।
सी295 विमान भारतीय वायु सेना के एवरो-748 विमानों का स्थान लेंगे। यह विमान भारतीय वायुसेना में छह दशक पहले सेना में आए थे। सी295 विमान का इस्तेमाल सैन्य साजो-सामान और रसद पहुंचाने के लिए किया जाता है। यह विमान ऐसे स्थान पर भी पहुंच सकता है, जहां भारी ट्रांसपोर्ट विमानों के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता।
टाटा एडवांस सिस्टम 2024 के मध्य तक सी-295 विमान बनाना शुरू करेगी। फिलहाल, इसकी फाइनल असेम्बली लाइन का काम चल रहा है। भारत में पहला स्वदेशी सी-295 विमान 2026 में बन कर तैयार होगा।
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रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह इस कार्यक्रमों के मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम में एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी उपस्थित रहेंगे।
वायु सेना स्टेशन हिंडन में ही भारतीय वायु सेना और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीएफआई) 25 और 26 सितंबर को भारत ड्रोन शक्ति 2023 का आयोजन भी कर रहे हैं। इस दौरान विभिन्न प्रकार के ड्रोन आकाश में बेहतरीन प्रदर्शन करते नजर आएंगे।
साथ-साथ भारतीय ड्रोन उद्योग की क्षमता का प्रदर्शन देखने को मिलेगा।
यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस से भारतीय वायु सेना के लिए सी- 295 ट्रांसपोर्ट विमान खरीदा गया है। विमान की डिलीवरी भारतीय वायु सेन को स्पेन में दी गई। इसके लिए भारतीय वायु सेना के एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी स्पेन पहुंचे थे। विमान की डिलीवरी हासिल करने के उपरांत वायु सेना प्रमुख ने नए विमान में उड़ान भी भरी।
ये एयरक्राफ्ट शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग कर सकते हैं। विशेषज्ञों मुताबिक यह विमान महज 320 मीटर की दूरी में ही टेक-ऑफ कर सकता है। लैंडिंग के लिए इसे मात्र 670 मीटर की लंबाई चाहिए। ऐसी स्थिति में यह विमान भारत चीन सीमा के नजदीक लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम जैसे पहाड़ी इलाकों में वायु सेना के ऑपरेशन में शामिल हो सकता है।
एयरक्राफ्ट अपने साथ 5 से 10 टन तक वजन ले जा सकता है। विमान एक बार में अपने साथ 71 सैनिक, 44 पैराट्रूपर्स, 24 स्ट्रेचर या 5 कार्गो पैलेट को ले जा सकता है। इसके साथ ही यह ट्रांसपोर्ट विमान 480 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ की गई डील 56 विमानों के लिए है। इनमें से 16 विमानों का निर्माण स्पेन में हो रहा है। जबकि, शेष बचे 40 विमान गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस सिस्टम कंपनी द्वारा तैयार किए जाएंगे। सितंबर 2021 में भारत ने यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ कुल 56 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के लिए करीब 21,935 करोड़ रुपए की डील की है।
सी295 विमान भारतीय वायु सेना के एवरो-748 विमानों का स्थान लेंगे। यह विमान भारतीय वायुसेना में छह दशक पहले सेना में आए थे। सी295 विमान का इस्तेमाल सैन्य साजो-सामान और रसद पहुंचाने के लिए किया जाता है। यह विमान ऐसे स्थान पर भी पहुंच सकता है, जहां भारी ट्रांसपोर्ट विमानों के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता।
टाटा एडवांस सिस्टम 2024 के मध्य तक सी-295 विमान बनाना शुरू करेगी। फिलहाल, इसकी फाइनल असेम्बली लाइन का काम चल रहा है। भारत में पहला स्वदेशी सी-295 विमान 2026 में बन कर तैयार होगा।
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नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय वायु सेना के पास उसका पहला सी-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट आ चुका है। वायु सेना ने शुक्रवार को एक आधिकारिक जानकारी में बताया कि अब 25 सितंबर को हिंडन स्टेशन में सी-295 विमान को औपचारिक रूप से शामिल किया जाएगा।
रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह इस कार्यक्रमों के मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम में एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी उपस्थित रहेंगे।
वायु सेना स्टेशन हिंडन में ही भारतीय वायु सेना और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीएफआई) 25 और 26 सितंबर को भारत ड्रोन शक्ति 2023 का आयोजन भी कर रहे हैं। इस दौरान विभिन्न प्रकार के ड्रोन आकाश में बेहतरीन प्रदर्शन करते नजर आएंगे।
साथ-साथ भारतीय ड्रोन उद्योग की क्षमता का प्रदर्शन देखने को मिलेगा।
यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस से भारतीय वायु सेना के लिए सी- 295 ट्रांसपोर्ट विमान खरीदा गया है। विमान की डिलीवरी भारतीय वायु सेन को स्पेन में दी गई। इसके लिए भारतीय वायु सेना के एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी स्पेन पहुंचे थे। विमान की डिलीवरी हासिल करने के उपरांत वायु सेना प्रमुख ने नए विमान में उड़ान भी भरी।
ये एयरक्राफ्ट शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग कर सकते हैं। विशेषज्ञों मुताबिक यह विमान महज 320 मीटर की दूरी में ही टेक-ऑफ कर सकता है। लैंडिंग के लिए इसे मात्र 670 मीटर की लंबाई चाहिए। ऐसी स्थिति में यह विमान भारत चीन सीमा के नजदीक लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम जैसे पहाड़ी इलाकों में वायु सेना के ऑपरेशन में शामिल हो सकता है।
एयरक्राफ्ट अपने साथ 5 से 10 टन तक वजन ले जा सकता है। विमान एक बार में अपने साथ 71 सैनिक, 44 पैराट्रूपर्स, 24 स्ट्रेचर या 5 कार्गो पैलेट को ले जा सकता है। इसके साथ ही यह ट्रांसपोर्ट विमान 480 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ की गई डील 56 विमानों के लिए है। इनमें से 16 विमानों का निर्माण स्पेन में हो रहा है। जबकि, शेष बचे 40 विमान गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस सिस्टम कंपनी द्वारा तैयार किए जाएंगे। सितंबर 2021 में भारत ने यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ कुल 56 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के लिए करीब 21,935 करोड़ रुपए की डील की है।
सी295 विमान भारतीय वायु सेना के एवरो-748 विमानों का स्थान लेंगे। यह विमान भारतीय वायुसेना में छह दशक पहले सेना में आए थे। सी295 विमान का इस्तेमाल सैन्य साजो-सामान और रसद पहुंचाने के लिए किया जाता है। यह विमान ऐसे स्थान पर भी पहुंच सकता है, जहां भारी ट्रांसपोर्ट विमानों के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता।
टाटा एडवांस सिस्टम 2024 के मध्य तक सी-295 विमान बनाना शुरू करेगी। फिलहाल, इसकी फाइनल असेम्बली लाइन का काम चल रहा है। भारत में पहला स्वदेशी सी-295 विमान 2026 में बन कर तैयार होगा।
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रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह इस कार्यक्रमों के मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम में एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी उपस्थित रहेंगे।
वायु सेना स्टेशन हिंडन में ही भारतीय वायु सेना और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीएफआई) 25 और 26 सितंबर को भारत ड्रोन शक्ति 2023 का आयोजन भी कर रहे हैं। इस दौरान विभिन्न प्रकार के ड्रोन आकाश में बेहतरीन प्रदर्शन करते नजर आएंगे।
साथ-साथ भारतीय ड्रोन उद्योग की क्षमता का प्रदर्शन देखने को मिलेगा।
यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस से भारतीय वायु सेना के लिए सी- 295 ट्रांसपोर्ट विमान खरीदा गया है। विमान की डिलीवरी भारतीय वायु सेन को स्पेन में दी गई। इसके लिए भारतीय वायु सेना के एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी स्पेन पहुंचे थे। विमान की डिलीवरी हासिल करने के उपरांत वायु सेना प्रमुख ने नए विमान में उड़ान भी भरी।
ये एयरक्राफ्ट शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग कर सकते हैं। विशेषज्ञों मुताबिक यह विमान महज 320 मीटर की दूरी में ही टेक-ऑफ कर सकता है। लैंडिंग के लिए इसे मात्र 670 मीटर की लंबाई चाहिए। ऐसी स्थिति में यह विमान भारत चीन सीमा के नजदीक लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम जैसे पहाड़ी इलाकों में वायु सेना के ऑपरेशन में शामिल हो सकता है।
एयरक्राफ्ट अपने साथ 5 से 10 टन तक वजन ले जा सकता है। विमान एक बार में अपने साथ 71 सैनिक, 44 पैराट्रूपर्स, 24 स्ट्रेचर या 5 कार्गो पैलेट को ले जा सकता है। इसके साथ ही यह ट्रांसपोर्ट विमान 480 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ की गई डील 56 विमानों के लिए है। इनमें से 16 विमानों का निर्माण स्पेन में हो रहा है। जबकि, शेष बचे 40 विमान गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस सिस्टम कंपनी द्वारा तैयार किए जाएंगे। सितंबर 2021 में भारत ने यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ कुल 56 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के लिए करीब 21,935 करोड़ रुपए की डील की है।
सी295 विमान भारतीय वायु सेना के एवरो-748 विमानों का स्थान लेंगे। यह विमान भारतीय वायुसेना में छह दशक पहले सेना में आए थे। सी295 विमान का इस्तेमाल सैन्य साजो-सामान और रसद पहुंचाने के लिए किया जाता है। यह विमान ऐसे स्थान पर भी पहुंच सकता है, जहां भारी ट्रांसपोर्ट विमानों के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता।
टाटा एडवांस सिस्टम 2024 के मध्य तक सी-295 विमान बनाना शुरू करेगी। फिलहाल, इसकी फाइनल असेम्बली लाइन का काम चल रहा है। भारत में पहला स्वदेशी सी-295 विमान 2026 में बन कर तैयार होगा।
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रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह इस कार्यक्रमों के मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम में एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी उपस्थित रहेंगे।
वायु सेना स्टेशन हिंडन में ही भारतीय वायु सेना और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीएफआई) 25 और 26 सितंबर को भारत ड्रोन शक्ति 2023 का आयोजन भी कर रहे हैं। इस दौरान विभिन्न प्रकार के ड्रोन आकाश में बेहतरीन प्रदर्शन करते नजर आएंगे।
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यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस से भारतीय वायु सेना के लिए सी- 295 ट्रांसपोर्ट विमान खरीदा गया है। विमान की डिलीवरी भारतीय वायु सेन को स्पेन में दी गई। इसके लिए भारतीय वायु सेना के एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी स्पेन पहुंचे थे। विमान की डिलीवरी हासिल करने के उपरांत वायु सेना प्रमुख ने नए विमान में उड़ान भी भरी।
ये एयरक्राफ्ट शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग कर सकते हैं। विशेषज्ञों मुताबिक यह विमान महज 320 मीटर की दूरी में ही टेक-ऑफ कर सकता है। लैंडिंग के लिए इसे मात्र 670 मीटर की लंबाई चाहिए। ऐसी स्थिति में यह विमान भारत चीन सीमा के नजदीक लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम जैसे पहाड़ी इलाकों में वायु सेना के ऑपरेशन में शामिल हो सकता है।
एयरक्राफ्ट अपने साथ 5 से 10 टन तक वजन ले जा सकता है। विमान एक बार में अपने साथ 71 सैनिक, 44 पैराट्रूपर्स, 24 स्ट्रेचर या 5 कार्गो पैलेट को ले जा सकता है। इसके साथ ही यह ट्रांसपोर्ट विमान 480 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ की गई डील 56 विमानों के लिए है। इनमें से 16 विमानों का निर्माण स्पेन में हो रहा है। जबकि, शेष बचे 40 विमान गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस सिस्टम कंपनी द्वारा तैयार किए जाएंगे। सितंबर 2021 में भारत ने यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ कुल 56 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के लिए करीब 21,935 करोड़ रुपए की डील की है।
सी295 विमान भारतीय वायु सेना के एवरो-748 विमानों का स्थान लेंगे। यह विमान भारतीय वायुसेना में छह दशक पहले सेना में आए थे। सी295 विमान का इस्तेमाल सैन्य साजो-सामान और रसद पहुंचाने के लिए किया जाता है। यह विमान ऐसे स्थान पर भी पहुंच सकता है, जहां भारी ट्रांसपोर्ट विमानों के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता।
टाटा एडवांस सिस्टम 2024 के मध्य तक सी-295 विमान बनाना शुरू करेगी। फिलहाल, इसकी फाइनल असेम्बली लाइन का काम चल रहा है। भारत में पहला स्वदेशी सी-295 विमान 2026 में बन कर तैयार होगा।
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रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह इस कार्यक्रमों के मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम में एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी उपस्थित रहेंगे।
वायु सेना स्टेशन हिंडन में ही भारतीय वायु सेना और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीएफआई) 25 और 26 सितंबर को भारत ड्रोन शक्ति 2023 का आयोजन भी कर रहे हैं। इस दौरान विभिन्न प्रकार के ड्रोन आकाश में बेहतरीन प्रदर्शन करते नजर आएंगे।
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यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस से भारतीय वायु सेना के लिए सी- 295 ट्रांसपोर्ट विमान खरीदा गया है। विमान की डिलीवरी भारतीय वायु सेन को स्पेन में दी गई। इसके लिए भारतीय वायु सेना के एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी स्पेन पहुंचे थे। विमान की डिलीवरी हासिल करने के उपरांत वायु सेना प्रमुख ने नए विमान में उड़ान भी भरी।
ये एयरक्राफ्ट शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग कर सकते हैं। विशेषज्ञों मुताबिक यह विमान महज 320 मीटर की दूरी में ही टेक-ऑफ कर सकता है। लैंडिंग के लिए इसे मात्र 670 मीटर की लंबाई चाहिए। ऐसी स्थिति में यह विमान भारत चीन सीमा के नजदीक लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम जैसे पहाड़ी इलाकों में वायु सेना के ऑपरेशन में शामिल हो सकता है।
एयरक्राफ्ट अपने साथ 5 से 10 टन तक वजन ले जा सकता है। विमान एक बार में अपने साथ 71 सैनिक, 44 पैराट्रूपर्स, 24 स्ट्रेचर या 5 कार्गो पैलेट को ले जा सकता है। इसके साथ ही यह ट्रांसपोर्ट विमान 480 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ की गई डील 56 विमानों के लिए है। इनमें से 16 विमानों का निर्माण स्पेन में हो रहा है। जबकि, शेष बचे 40 विमान गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस सिस्टम कंपनी द्वारा तैयार किए जाएंगे। सितंबर 2021 में भारत ने यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ कुल 56 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के लिए करीब 21,935 करोड़ रुपए की डील की है।
सी295 विमान भारतीय वायु सेना के एवरो-748 विमानों का स्थान लेंगे। यह विमान भारतीय वायुसेना में छह दशक पहले सेना में आए थे। सी295 विमान का इस्तेमाल सैन्य साजो-सामान और रसद पहुंचाने के लिए किया जाता है। यह विमान ऐसे स्थान पर भी पहुंच सकता है, जहां भारी ट्रांसपोर्ट विमानों के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता।
टाटा एडवांस सिस्टम 2024 के मध्य तक सी-295 विमान बनाना शुरू करेगी। फिलहाल, इसकी फाइनल असेम्बली लाइन का काम चल रहा है। भारत में पहला स्वदेशी सी-295 विमान 2026 में बन कर तैयार होगा।
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नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय वायु सेना के पास उसका पहला सी-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट आ चुका है। वायु सेना ने शुक्रवार को एक आधिकारिक जानकारी में बताया कि अब 25 सितंबर को हिंडन स्टेशन में सी-295 विमान को औपचारिक रूप से शामिल किया जाएगा।
रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह इस कार्यक्रमों के मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम में एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी उपस्थित रहेंगे।
वायु सेना स्टेशन हिंडन में ही भारतीय वायु सेना और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीएफआई) 25 और 26 सितंबर को भारत ड्रोन शक्ति 2023 का आयोजन भी कर रहे हैं। इस दौरान विभिन्न प्रकार के ड्रोन आकाश में बेहतरीन प्रदर्शन करते नजर आएंगे।
साथ-साथ भारतीय ड्रोन उद्योग की क्षमता का प्रदर्शन देखने को मिलेगा।
यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस से भारतीय वायु सेना के लिए सी- 295 ट्रांसपोर्ट विमान खरीदा गया है। विमान की डिलीवरी भारतीय वायु सेन को स्पेन में दी गई। इसके लिए भारतीय वायु सेना के एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी स्पेन पहुंचे थे। विमान की डिलीवरी हासिल करने के उपरांत वायु सेना प्रमुख ने नए विमान में उड़ान भी भरी।
ये एयरक्राफ्ट शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग कर सकते हैं। विशेषज्ञों मुताबिक यह विमान महज 320 मीटर की दूरी में ही टेक-ऑफ कर सकता है। लैंडिंग के लिए इसे मात्र 670 मीटर की लंबाई चाहिए। ऐसी स्थिति में यह विमान भारत चीन सीमा के नजदीक लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम जैसे पहाड़ी इलाकों में वायु सेना के ऑपरेशन में शामिल हो सकता है।
एयरक्राफ्ट अपने साथ 5 से 10 टन तक वजन ले जा सकता है। विमान एक बार में अपने साथ 71 सैनिक, 44 पैराट्रूपर्स, 24 स्ट्रेचर या 5 कार्गो पैलेट को ले जा सकता है। इसके साथ ही यह ट्रांसपोर्ट विमान 480 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ की गई डील 56 विमानों के लिए है। इनमें से 16 विमानों का निर्माण स्पेन में हो रहा है। जबकि, शेष बचे 40 विमान गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस सिस्टम कंपनी द्वारा तैयार किए जाएंगे। सितंबर 2021 में भारत ने यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ कुल 56 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के लिए करीब 21,935 करोड़ रुपए की डील की है।
सी295 विमान भारतीय वायु सेना के एवरो-748 विमानों का स्थान लेंगे। यह विमान भारतीय वायुसेना में छह दशक पहले सेना में आए थे। सी295 विमान का इस्तेमाल सैन्य साजो-सामान और रसद पहुंचाने के लिए किया जाता है। यह विमान ऐसे स्थान पर भी पहुंच सकता है, जहां भारी ट्रांसपोर्ट विमानों के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता।
टाटा एडवांस सिस्टम 2024 के मध्य तक सी-295 विमान बनाना शुरू करेगी। फिलहाल, इसकी फाइनल असेम्बली लाइन का काम चल रहा है। भारत में पहला स्वदेशी सी-295 विमान 2026 में बन कर तैयार होगा।
–आईएएनएस
जीसीबी
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नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय वायु सेना के पास उसका पहला सी-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट आ चुका है। वायु सेना ने शुक्रवार को एक आधिकारिक जानकारी में बताया कि अब 25 सितंबर को हिंडन स्टेशन में सी-295 विमान को औपचारिक रूप से शामिल किया जाएगा।
रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह इस कार्यक्रमों के मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम में एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी उपस्थित रहेंगे।
वायु सेना स्टेशन हिंडन में ही भारतीय वायु सेना और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीएफआई) 25 और 26 सितंबर को भारत ड्रोन शक्ति 2023 का आयोजन भी कर रहे हैं। इस दौरान विभिन्न प्रकार के ड्रोन आकाश में बेहतरीन प्रदर्शन करते नजर आएंगे।
साथ-साथ भारतीय ड्रोन उद्योग की क्षमता का प्रदर्शन देखने को मिलेगा।
यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस से भारतीय वायु सेना के लिए सी- 295 ट्रांसपोर्ट विमान खरीदा गया है। विमान की डिलीवरी भारतीय वायु सेन को स्पेन में दी गई। इसके लिए भारतीय वायु सेना के एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी स्पेन पहुंचे थे। विमान की डिलीवरी हासिल करने के उपरांत वायु सेना प्रमुख ने नए विमान में उड़ान भी भरी।
ये एयरक्राफ्ट शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग कर सकते हैं। विशेषज्ञों मुताबिक यह विमान महज 320 मीटर की दूरी में ही टेक-ऑफ कर सकता है। लैंडिंग के लिए इसे मात्र 670 मीटर की लंबाई चाहिए। ऐसी स्थिति में यह विमान भारत चीन सीमा के नजदीक लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम जैसे पहाड़ी इलाकों में वायु सेना के ऑपरेशन में शामिल हो सकता है।
एयरक्राफ्ट अपने साथ 5 से 10 टन तक वजन ले जा सकता है। विमान एक बार में अपने साथ 71 सैनिक, 44 पैराट्रूपर्स, 24 स्ट्रेचर या 5 कार्गो पैलेट को ले जा सकता है। इसके साथ ही यह ट्रांसपोर्ट विमान 480 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ की गई डील 56 विमानों के लिए है। इनमें से 16 विमानों का निर्माण स्पेन में हो रहा है। जबकि, शेष बचे 40 विमान गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस सिस्टम कंपनी द्वारा तैयार किए जाएंगे। सितंबर 2021 में भारत ने यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ कुल 56 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के लिए करीब 21,935 करोड़ रुपए की डील की है।
सी295 विमान भारतीय वायु सेना के एवरो-748 विमानों का स्थान लेंगे। यह विमान भारतीय वायुसेना में छह दशक पहले सेना में आए थे। सी295 विमान का इस्तेमाल सैन्य साजो-सामान और रसद पहुंचाने के लिए किया जाता है। यह विमान ऐसे स्थान पर भी पहुंच सकता है, जहां भारी ट्रांसपोर्ट विमानों के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता।
टाटा एडवांस सिस्टम 2024 के मध्य तक सी-295 विमान बनाना शुरू करेगी। फिलहाल, इसकी फाइनल असेम्बली लाइन का काम चल रहा है। भारत में पहला स्वदेशी सी-295 विमान 2026 में बन कर तैयार होगा।
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नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय वायु सेना के पास उसका पहला सी-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट आ चुका है। वायु सेना ने शुक्रवार को एक आधिकारिक जानकारी में बताया कि अब 25 सितंबर को हिंडन स्टेशन में सी-295 विमान को औपचारिक रूप से शामिल किया जाएगा।
रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह इस कार्यक्रमों के मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम में एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी उपस्थित रहेंगे।
वायु सेना स्टेशन हिंडन में ही भारतीय वायु सेना और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीएफआई) 25 और 26 सितंबर को भारत ड्रोन शक्ति 2023 का आयोजन भी कर रहे हैं। इस दौरान विभिन्न प्रकार के ड्रोन आकाश में बेहतरीन प्रदर्शन करते नजर आएंगे।
साथ-साथ भारतीय ड्रोन उद्योग की क्षमता का प्रदर्शन देखने को मिलेगा।
यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस से भारतीय वायु सेना के लिए सी- 295 ट्रांसपोर्ट विमान खरीदा गया है। विमान की डिलीवरी भारतीय वायु सेन को स्पेन में दी गई। इसके लिए भारतीय वायु सेना के एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी स्पेन पहुंचे थे। विमान की डिलीवरी हासिल करने के उपरांत वायु सेना प्रमुख ने नए विमान में उड़ान भी भरी।
ये एयरक्राफ्ट शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग कर सकते हैं। विशेषज्ञों मुताबिक यह विमान महज 320 मीटर की दूरी में ही टेक-ऑफ कर सकता है। लैंडिंग के लिए इसे मात्र 670 मीटर की लंबाई चाहिए। ऐसी स्थिति में यह विमान भारत चीन सीमा के नजदीक लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम जैसे पहाड़ी इलाकों में वायु सेना के ऑपरेशन में शामिल हो सकता है।
एयरक्राफ्ट अपने साथ 5 से 10 टन तक वजन ले जा सकता है। विमान एक बार में अपने साथ 71 सैनिक, 44 पैराट्रूपर्स, 24 स्ट्रेचर या 5 कार्गो पैलेट को ले जा सकता है। इसके साथ ही यह ट्रांसपोर्ट विमान 480 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ की गई डील 56 विमानों के लिए है। इनमें से 16 विमानों का निर्माण स्पेन में हो रहा है। जबकि, शेष बचे 40 विमान गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस सिस्टम कंपनी द्वारा तैयार किए जाएंगे। सितंबर 2021 में भारत ने यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ कुल 56 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के लिए करीब 21,935 करोड़ रुपए की डील की है।
सी295 विमान भारतीय वायु सेना के एवरो-748 विमानों का स्थान लेंगे। यह विमान भारतीय वायुसेना में छह दशक पहले सेना में आए थे। सी295 विमान का इस्तेमाल सैन्य साजो-सामान और रसद पहुंचाने के लिए किया जाता है। यह विमान ऐसे स्थान पर भी पहुंच सकता है, जहां भारी ट्रांसपोर्ट विमानों के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता।
टाटा एडवांस सिस्टम 2024 के मध्य तक सी-295 विमान बनाना शुरू करेगी। फिलहाल, इसकी फाइनल असेम्बली लाइन का काम चल रहा है। भारत में पहला स्वदेशी सी-295 विमान 2026 में बन कर तैयार होगा।
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नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय वायु सेना के पास उसका पहला सी-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट आ चुका है। वायु सेना ने शुक्रवार को एक आधिकारिक जानकारी में बताया कि अब 25 सितंबर को हिंडन स्टेशन में सी-295 विमान को औपचारिक रूप से शामिल किया जाएगा।
रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह इस कार्यक्रमों के मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम में एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी उपस्थित रहेंगे।
वायु सेना स्टेशन हिंडन में ही भारतीय वायु सेना और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीएफआई) 25 और 26 सितंबर को भारत ड्रोन शक्ति 2023 का आयोजन भी कर रहे हैं। इस दौरान विभिन्न प्रकार के ड्रोन आकाश में बेहतरीन प्रदर्शन करते नजर आएंगे।
साथ-साथ भारतीय ड्रोन उद्योग की क्षमता का प्रदर्शन देखने को मिलेगा।
यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस से भारतीय वायु सेना के लिए सी- 295 ट्रांसपोर्ट विमान खरीदा गया है। विमान की डिलीवरी भारतीय वायु सेन को स्पेन में दी गई। इसके लिए भारतीय वायु सेना के एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी स्पेन पहुंचे थे। विमान की डिलीवरी हासिल करने के उपरांत वायु सेना प्रमुख ने नए विमान में उड़ान भी भरी।
ये एयरक्राफ्ट शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग कर सकते हैं। विशेषज्ञों मुताबिक यह विमान महज 320 मीटर की दूरी में ही टेक-ऑफ कर सकता है। लैंडिंग के लिए इसे मात्र 670 मीटर की लंबाई चाहिए। ऐसी स्थिति में यह विमान भारत चीन सीमा के नजदीक लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम जैसे पहाड़ी इलाकों में वायु सेना के ऑपरेशन में शामिल हो सकता है।
एयरक्राफ्ट अपने साथ 5 से 10 टन तक वजन ले जा सकता है। विमान एक बार में अपने साथ 71 सैनिक, 44 पैराट्रूपर्स, 24 स्ट्रेचर या 5 कार्गो पैलेट को ले जा सकता है। इसके साथ ही यह ट्रांसपोर्ट विमान 480 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ की गई डील 56 विमानों के लिए है। इनमें से 16 विमानों का निर्माण स्पेन में हो रहा है। जबकि, शेष बचे 40 विमान गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस सिस्टम कंपनी द्वारा तैयार किए जाएंगे। सितंबर 2021 में भारत ने यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ कुल 56 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के लिए करीब 21,935 करोड़ रुपए की डील की है।
सी295 विमान भारतीय वायु सेना के एवरो-748 विमानों का स्थान लेंगे। यह विमान भारतीय वायुसेना में छह दशक पहले सेना में आए थे। सी295 विमान का इस्तेमाल सैन्य साजो-सामान और रसद पहुंचाने के लिए किया जाता है। यह विमान ऐसे स्थान पर भी पहुंच सकता है, जहां भारी ट्रांसपोर्ट विमानों के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता।
टाटा एडवांस सिस्टम 2024 के मध्य तक सी-295 विमान बनाना शुरू करेगी। फिलहाल, इसकी फाइनल असेम्बली लाइन का काम चल रहा है। भारत में पहला स्वदेशी सी-295 विमान 2026 में बन कर तैयार होगा।
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नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय वायु सेना के पास उसका पहला सी-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट आ चुका है। वायु सेना ने शुक्रवार को एक आधिकारिक जानकारी में बताया कि अब 25 सितंबर को हिंडन स्टेशन में सी-295 विमान को औपचारिक रूप से शामिल किया जाएगा।
रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह इस कार्यक्रमों के मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम में एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी उपस्थित रहेंगे।
वायु सेना स्टेशन हिंडन में ही भारतीय वायु सेना और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीएफआई) 25 और 26 सितंबर को भारत ड्रोन शक्ति 2023 का आयोजन भी कर रहे हैं। इस दौरान विभिन्न प्रकार के ड्रोन आकाश में बेहतरीन प्रदर्शन करते नजर आएंगे।
साथ-साथ भारतीय ड्रोन उद्योग की क्षमता का प्रदर्शन देखने को मिलेगा।
यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस से भारतीय वायु सेना के लिए सी- 295 ट्रांसपोर्ट विमान खरीदा गया है। विमान की डिलीवरी भारतीय वायु सेन को स्पेन में दी गई। इसके लिए भारतीय वायु सेना के एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी स्पेन पहुंचे थे। विमान की डिलीवरी हासिल करने के उपरांत वायु सेना प्रमुख ने नए विमान में उड़ान भी भरी।
ये एयरक्राफ्ट शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग कर सकते हैं। विशेषज्ञों मुताबिक यह विमान महज 320 मीटर की दूरी में ही टेक-ऑफ कर सकता है। लैंडिंग के लिए इसे मात्र 670 मीटर की लंबाई चाहिए। ऐसी स्थिति में यह विमान भारत चीन सीमा के नजदीक लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम जैसे पहाड़ी इलाकों में वायु सेना के ऑपरेशन में शामिल हो सकता है।
एयरक्राफ्ट अपने साथ 5 से 10 टन तक वजन ले जा सकता है। विमान एक बार में अपने साथ 71 सैनिक, 44 पैराट्रूपर्स, 24 स्ट्रेचर या 5 कार्गो पैलेट को ले जा सकता है। इसके साथ ही यह ट्रांसपोर्ट विमान 480 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ की गई डील 56 विमानों के लिए है। इनमें से 16 विमानों का निर्माण स्पेन में हो रहा है। जबकि, शेष बचे 40 विमान गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस सिस्टम कंपनी द्वारा तैयार किए जाएंगे। सितंबर 2021 में भारत ने यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ कुल 56 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के लिए करीब 21,935 करोड़ रुपए की डील की है।
सी295 विमान भारतीय वायु सेना के एवरो-748 विमानों का स्थान लेंगे। यह विमान भारतीय वायुसेना में छह दशक पहले सेना में आए थे। सी295 विमान का इस्तेमाल सैन्य साजो-सामान और रसद पहुंचाने के लिए किया जाता है। यह विमान ऐसे स्थान पर भी पहुंच सकता है, जहां भारी ट्रांसपोर्ट विमानों के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता।
टाटा एडवांस सिस्टम 2024 के मध्य तक सी-295 विमान बनाना शुरू करेगी। फिलहाल, इसकी फाइनल असेम्बली लाइन का काम चल रहा है। भारत में पहला स्वदेशी सी-295 विमान 2026 में बन कर तैयार होगा।
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नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय वायु सेना के पास उसका पहला सी-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट आ चुका है। वायु सेना ने शुक्रवार को एक आधिकारिक जानकारी में बताया कि अब 25 सितंबर को हिंडन स्टेशन में सी-295 विमान को औपचारिक रूप से शामिल किया जाएगा।
रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह इस कार्यक्रमों के मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम में एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी उपस्थित रहेंगे।
वायु सेना स्टेशन हिंडन में ही भारतीय वायु सेना और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीएफआई) 25 और 26 सितंबर को भारत ड्रोन शक्ति 2023 का आयोजन भी कर रहे हैं। इस दौरान विभिन्न प्रकार के ड्रोन आकाश में बेहतरीन प्रदर्शन करते नजर आएंगे।
साथ-साथ भारतीय ड्रोन उद्योग की क्षमता का प्रदर्शन देखने को मिलेगा।
यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस से भारतीय वायु सेना के लिए सी- 295 ट्रांसपोर्ट विमान खरीदा गया है। विमान की डिलीवरी भारतीय वायु सेन को स्पेन में दी गई। इसके लिए भारतीय वायु सेना के एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी स्पेन पहुंचे थे। विमान की डिलीवरी हासिल करने के उपरांत वायु सेना प्रमुख ने नए विमान में उड़ान भी भरी।
ये एयरक्राफ्ट शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग कर सकते हैं। विशेषज्ञों मुताबिक यह विमान महज 320 मीटर की दूरी में ही टेक-ऑफ कर सकता है। लैंडिंग के लिए इसे मात्र 670 मीटर की लंबाई चाहिए। ऐसी स्थिति में यह विमान भारत चीन सीमा के नजदीक लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम जैसे पहाड़ी इलाकों में वायु सेना के ऑपरेशन में शामिल हो सकता है।
एयरक्राफ्ट अपने साथ 5 से 10 टन तक वजन ले जा सकता है। विमान एक बार में अपने साथ 71 सैनिक, 44 पैराट्रूपर्स, 24 स्ट्रेचर या 5 कार्गो पैलेट को ले जा सकता है। इसके साथ ही यह ट्रांसपोर्ट विमान 480 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ की गई डील 56 विमानों के लिए है। इनमें से 16 विमानों का निर्माण स्पेन में हो रहा है। जबकि, शेष बचे 40 विमान गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस सिस्टम कंपनी द्वारा तैयार किए जाएंगे। सितंबर 2021 में भारत ने यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ कुल 56 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के लिए करीब 21,935 करोड़ रुपए की डील की है।
सी295 विमान भारतीय वायु सेना के एवरो-748 विमानों का स्थान लेंगे। यह विमान भारतीय वायुसेना में छह दशक पहले सेना में आए थे। सी295 विमान का इस्तेमाल सैन्य साजो-सामान और रसद पहुंचाने के लिए किया जाता है। यह विमान ऐसे स्थान पर भी पहुंच सकता है, जहां भारी ट्रांसपोर्ट विमानों के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता।
टाटा एडवांस सिस्टम 2024 के मध्य तक सी-295 विमान बनाना शुरू करेगी। फिलहाल, इसकी फाइनल असेम्बली लाइन का काम चल रहा है। भारत में पहला स्वदेशी सी-295 विमान 2026 में बन कर तैयार होगा।
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नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय वायु सेना के पास उसका पहला सी-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट आ चुका है। वायु सेना ने शुक्रवार को एक आधिकारिक जानकारी में बताया कि अब 25 सितंबर को हिंडन स्टेशन में सी-295 विमान को औपचारिक रूप से शामिल किया जाएगा।
रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह इस कार्यक्रमों के मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम में एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी उपस्थित रहेंगे।
वायु सेना स्टेशन हिंडन में ही भारतीय वायु सेना और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीएफआई) 25 और 26 सितंबर को भारत ड्रोन शक्ति 2023 का आयोजन भी कर रहे हैं। इस दौरान विभिन्न प्रकार के ड्रोन आकाश में बेहतरीन प्रदर्शन करते नजर आएंगे।
साथ-साथ भारतीय ड्रोन उद्योग की क्षमता का प्रदर्शन देखने को मिलेगा।
यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस से भारतीय वायु सेना के लिए सी- 295 ट्रांसपोर्ट विमान खरीदा गया है। विमान की डिलीवरी भारतीय वायु सेन को स्पेन में दी गई। इसके लिए भारतीय वायु सेना के एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी स्पेन पहुंचे थे। विमान की डिलीवरी हासिल करने के उपरांत वायु सेना प्रमुख ने नए विमान में उड़ान भी भरी।
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एयरक्राफ्ट अपने साथ 5 से 10 टन तक वजन ले जा सकता है। विमान एक बार में अपने साथ 71 सैनिक, 44 पैराट्रूपर्स, 24 स्ट्रेचर या 5 कार्गो पैलेट को ले जा सकता है। इसके साथ ही यह ट्रांसपोर्ट विमान 480 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ की गई डील 56 विमानों के लिए है। इनमें से 16 विमानों का निर्माण स्पेन में हो रहा है। जबकि, शेष बचे 40 विमान गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस सिस्टम कंपनी द्वारा तैयार किए जाएंगे। सितंबर 2021 में भारत ने यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ कुल 56 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के लिए करीब 21,935 करोड़ रुपए की डील की है।
सी295 विमान भारतीय वायु सेना के एवरो-748 विमानों का स्थान लेंगे। यह विमान भारतीय वायुसेना में छह दशक पहले सेना में आए थे। सी295 विमान का इस्तेमाल सैन्य साजो-सामान और रसद पहुंचाने के लिए किया जाता है। यह विमान ऐसे स्थान पर भी पहुंच सकता है, जहां भारी ट्रांसपोर्ट विमानों के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता।
टाटा एडवांस सिस्टम 2024 के मध्य तक सी-295 विमान बनाना शुरू करेगी। फिलहाल, इसकी फाइनल असेम्बली लाइन का काम चल रहा है। भारत में पहला स्वदेशी सी-295 विमान 2026 में बन कर तैयार होगा।
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रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह इस कार्यक्रमों के मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम में एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी उपस्थित रहेंगे।
वायु सेना स्टेशन हिंडन में ही भारतीय वायु सेना और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीएफआई) 25 और 26 सितंबर को भारत ड्रोन शक्ति 2023 का आयोजन भी कर रहे हैं। इस दौरान विभिन्न प्रकार के ड्रोन आकाश में बेहतरीन प्रदर्शन करते नजर आएंगे।
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यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस से भारतीय वायु सेना के लिए सी- 295 ट्रांसपोर्ट विमान खरीदा गया है। विमान की डिलीवरी भारतीय वायु सेन को स्पेन में दी गई। इसके लिए भारतीय वायु सेना के एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी स्पेन पहुंचे थे। विमान की डिलीवरी हासिल करने के उपरांत वायु सेना प्रमुख ने नए विमान में उड़ान भी भरी।
ये एयरक्राफ्ट शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग कर सकते हैं। विशेषज्ञों मुताबिक यह विमान महज 320 मीटर की दूरी में ही टेक-ऑफ कर सकता है। लैंडिंग के लिए इसे मात्र 670 मीटर की लंबाई चाहिए। ऐसी स्थिति में यह विमान भारत चीन सीमा के नजदीक लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम जैसे पहाड़ी इलाकों में वायु सेना के ऑपरेशन में शामिल हो सकता है।
एयरक्राफ्ट अपने साथ 5 से 10 टन तक वजन ले जा सकता है। विमान एक बार में अपने साथ 71 सैनिक, 44 पैराट्रूपर्स, 24 स्ट्रेचर या 5 कार्गो पैलेट को ले जा सकता है। इसके साथ ही यह ट्रांसपोर्ट विमान 480 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ की गई डील 56 विमानों के लिए है। इनमें से 16 विमानों का निर्माण स्पेन में हो रहा है। जबकि, शेष बचे 40 विमान गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस सिस्टम कंपनी द्वारा तैयार किए जाएंगे। सितंबर 2021 में भारत ने यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ कुल 56 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के लिए करीब 21,935 करोड़ रुपए की डील की है।
सी295 विमान भारतीय वायु सेना के एवरो-748 विमानों का स्थान लेंगे। यह विमान भारतीय वायुसेना में छह दशक पहले सेना में आए थे। सी295 विमान का इस्तेमाल सैन्य साजो-सामान और रसद पहुंचाने के लिए किया जाता है। यह विमान ऐसे स्थान पर भी पहुंच सकता है, जहां भारी ट्रांसपोर्ट विमानों के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता।
टाटा एडवांस सिस्टम 2024 के मध्य तक सी-295 विमान बनाना शुरू करेगी। फिलहाल, इसकी फाइनल असेम्बली लाइन का काम चल रहा है। भारत में पहला स्वदेशी सी-295 विमान 2026 में बन कर तैयार होगा।