तिरुनेलवेली, 15 मार्च (आईएएनएस)। तमिलनाडु किसान संघ के सचिव और तमिलनाडु किसान आंदोलन के समन्वयक नल्लासामी ने राज्य के कृषि बजट की आलोचना करते हुए इसे महज एक दिखावा करार दिया है।
उन्होंने राज्य सरकार से कृषि आयोग की सिफारिशों को तत्काल लागू करने की मांग की और साथ ही गन्ना किसानों के लिए समर्थन मूल्य में वृद्धि की आवश्यकता जताई।
नल्लासामी ने खासतौर पर तमिलनाडु कृषि वन योजना पर भी सवाल उठाए, जिसका उद्देश्य चंदन, महोगनी और सागौन के पेड़ों की खेती और बिक्री को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि पहले चुराए गए चंदन के पेड़ों की जांच नहीं की गई थी, जिससे वर्तमान योजना का उद्देश्य खोखला हो गया है और इसका प्रभावी क्रियान्वयन संभव नहीं हो पा रहा है।
इसके अलावा, नल्लासामी ने कावेरी नदी और जलमार्ग के लिए 13 करोड़ रुपये के आवंटन की भी आलोचना की, जिसे उन्होंने “हाथी का भोजन” करार दिया। यह तमिल मुहावरा सामान्यतः ऐसी योजनाओं के लिए प्रयोग किया जाता है जिनमें आवंटित राशि नाकाफी हो और वास्तविक आवश्यकता को पूरा करने में असमर्थ हो।
किसान नेता ने सरकार से अपील की कि वह किसानों की असली समस्याओं की ओर ध्यान दें और उनके लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाए।
तमिलनाडु के वित्त मंत्री थंगम थेन्नारसु ने राज्य सचिवालय स्थित विधान सभा भवन में 2025-26 का बजट पेश किया ।
इस दौरान वित्त मंत्री थंगम थेन्नारसु ने कहा कि बजट का उद्देश्य हाशिए पर पड़े समुदायों का उत्थान करना, छात्रों को सहायता प्रदान करना तथा पेशेवरों के लिए अधिक अवसर पैदा करना है। बजट में महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा, 2,000 एकड़ के आधुनिक शहर का विकास, तथा 2,000 गिग श्रमिकों को इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने के लिए 20,000 रुपए की सब्सिडी शामिल है। औद्योगिक पार्कों, किसान का उन्नयन, कौशल विकास और परिवहन बुनियादी ढांचे में रणनीतिक निवेश के साथ-साथ तमिलनाडु की आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन को बजट में प्राथमिकता दी गई है।
–आईएएनएस
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