नई दिल्ली, 11 मार्च (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन से पूछताछ कर सकते हैं, क्योंकि दो दिन पहले गिरफ्तार किए गए ड्रग किंगपिन जाफर सादिक ने दावा किया था कि उसने मंत्री को 7 लाख रुपये दिए थे।
सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि जाफर सादिक ने एनसीबी के सामने कबूल किया है कि उसने पिछले साल तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के बेटे को करीब 7 लाख रुपये दिए थे।
सूत्रों ने कहा, “एजेंसी ने जांच शुरू कर दी है और उदयनिधि स्टालिन को जांच में शामिल होने के लिए कहा जा सकता है।”
जाफर सादिक के बयान और कबूलनामे के बाद ईडी ने मादक पदार्थों की अंतर्राष्ट्रीय तस्करी के मामले में उसकी कथित संलिप्तता के लिए पीएमएलए के तहत मामला भी दर्ज किया था।
एक अन्य सूत्र ने कहा कि एनसीबी को जाफर सादिक के दावों के संबंध में उदयनिधि स्टालिन को भी तलब किए जाने की संभावना है।
गौरतलब है कि एनसीबी ड्रग मामले की, जबकि ईडी पीएमएलए के तहत मामले की जांच करेगी।
एनसीबी ने पिछले महीने एक बड़े ड्रग कार्टेल का पर्दाफाश किया था और तमिलनाडु में तीन लोगों को पकड़ा था।
अधिकारियों ने विभिन्न छापों के जरिए ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के लिए खाद्य पाउडर और सूखे नारियल के भीतर छुपाया गया 50 किलोग्राम दवा-निर्माण पदार्थ स्यूडोएफ़ेड्रिन जब्त किया।
एनसीबी के अनुसार, जाफर सादिक ने भारत में स्यूडोफेड्रिन की खरीद और खाद्य-ग्रेड कार्गो के रूप में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और मलेशिया में इसकी तस्करी के लिए जिम्मेदार नेटवर्क का नेतृत्व किया।
एनसीबी ने आरोप लगाया कि ड्रग माफिया के सिंडिकेट ने तीन वर्षों में 45 शिपमेंट भेजे थे, जिसमें कुल मिलाकर लगभग 3,500 किलोग्राम स्यूडोफेड्रिन था।
पूछताछ के दौरान उसने कथित तौर पर अपने अवैध ड्रग व्यापार से पर्याप्त मुनाफा कमाने की बात कबूल की। साथ ही बताया कि उसने फिल्म निर्माण और आतिथ्य जैसे वैध व्यवसायों में निवेश किया था।
एजेंसियां जाफर सादिक के मादक पदार्थों की तस्करी से संबंधित वित्तीय संबंधों की जांच कर रही हैं, ताकि उसके वित्तपोषण स्रोतों को उजागर किया जा सके और नशीली दवाओं से प्राप्त आय से लाभान्वित होने वाले लोगों की पहचान की जा सके।
–आईएएनएस
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