चेन्नई, 11 फरवरी (आईएएनएस)। तमिलनाडु में तिरुपुर जिला प्रशासन ने जिले के दो इलाकों के बीच स्थित एक दीवार के एक हिस्से को ध्वस्त कर दिया।
दीवार शनिवार को ढहा दी गई, जिसे आमतौर पर ‘अस्पृश्यता दीवार’ के रूप में जाना जाता है। यह एक आवासीय क्षेत्र में दो जातियों के लोगों को अलग करती है।
दीवार का बचा हुआ हिस्सा सोमवार और मंगलवार को तोड़ा जाएगा। इससे करीब 60 दलित परिवारों को आम रास्ते से गुजरने में मदद मिलेगी।
सेवुर गांव अविनाशी में अनुसूचित जाति के लोगों द्वारा बसा हुआ देविन्द्र नगर, दीवार द्वारा वीआईपी नगर से अलग किया गया है। दोनों क्षेत्रों को अलग करने वाली ‘अस्पृश्यता’ की दीवार लंबे समय से अनुसूचित जाति समुदाय के लिए चिंता का विषय रही है।
तमिलनाडु अस्पृश्यता उन्मूलन मोर्चा (टीयूईएफ) जैसे सामाजिक संगठन इस प्रथा के खिलाफ मुखर अभियान चला रहे हैं।
टीयूईएफ के तिरुपुर जिला सचिव, सी.के. कनगराज ने कहा कि यह मुद्दा पिछले 16 वर्षों से क्षेत्र में चल रहा है और संगठन (टीयूईएफ) अस्पृश्यता की दीवार को हटाने में सबसे आगे रहा है। उन्होंने दीवार का एक हिस्सा गिराए जाने का स्वागत किया और कहा कि यह सही दिशा में उठाया गया सही कदम है।
देविन्द्र नगर की ग्रामीण मल्लिका, जो अनुसूचित समुदाय से हैं, ने आईएएनएस को बताया, “अधिकारियों का एक समूह शनिवार दोपहर को आया और अस्पृश्यता की दीवार के एक हिस्से को ध्वस्त कर दिया, जो हमारे लिए लंबे समय से परेशानी बनी हुई थी।”
उन्होंने आगे कहा, “अब हम काफी राहत महसूस कर रहे हैं।”
हालांकि, वीआईपी रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के अधिकारियों ने कहा कि सोमवार को दोनों आवासीय क्षेत्रों के बीच एक शांति बैठक निर्धारित थी और राजस्व अधिकारियों ने दीवार के एक हिस्से को ध्वस्त कर जल्दबाजी की है।
एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि दीवार उनके निवासियों की सुरक्षा के लिए बनाई गई थी और उन्होंने कहा कि वे विध्वंस के खिलाफ अदालत जाएंगे।
–आईएएनएस
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