deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home राष्ट्रीय

तमिलनाडु : जल्लीकट्टू को सुप्रीम अनुमति मिलने पर द्रमुक, अन्य में श्रेय लेने की होड़

by
May 18, 2023
in राष्ट्रीय
0
तमिलनाडु : जल्लीकट्टू को सुप्रीम अनुमति मिलने पर द्रमुक, अन्य में श्रेय लेने की होड़
0
SHARES
1
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

चेन्नई, 18 मई (आईएएनएस)। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक, अन्नाद्रमुक और भाजपा ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय द्वारा सांडों को काबू में करने वाले खेल जल्लीकट्टू के आयोजन की अनुमति दिए जाने का श्रेय लेने की होड़ देखी जा रही है।

न्यायमूर्ति के.एम. जोसफ ने कहा कि यह विधायिका के विचार को बाधित नहीं करेगा, क्योंकि उनका मानना है कि खेल राज्य की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है।

READ ALSO

राजस्थान के भरतपुर जिले में वज्रपात से दो लोगों की मौत

सूरीनाम में भारत के राजदूत सुभाष पी गुप्ता ने यूपी के औद्योगिक विकास मंत्री से की मुलाकात

शीर्ष अदालत ने कहा कि जब विधायिका ने घोषणा की है कि जल्लीकट्टू तमिलनाडु की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है, तो न्यायपालिका एक अलग दृष्टिकोण नहीं रख सकती। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इसे तय करने के लिए सबसे उपयुक्त जगह विधायिका है।

पीठ ने यह भी कहा कि तमिलनाडु में सांडों को वश में करने का पारंपरिक खेल पिछली शताब्दी से चल रहा है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने एक ट्वीट में कहा, सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ का फैसला ऐतिहासिक है।

स्टालिन ने यह भी कहा कि अरिंगनल्लूर में एक बड़ा जलिकट्टू मैदान बनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा, हम अगले पोंगल के दौरान बड़े पैमाने पर जल्लीकट्टू मनाएंगे।

इस बीच, तमिलनाडु के कानून मंत्री एस. रघुपति ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि सांडों पर क्रूरता नहीं की जाती, तमिलनाडु सरकार सांडों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने फैसले में एकमत थी और तमिलनाडु सरकार ने मामले में पेश होने के लिए सबसे अच्छे वकीलों को लगाया था और तर्को को प्रभावी ढंग से रखा था।

अन्नाद्रमुक नेता और पूर्व मंत्री सी. विजयभास्कर ने यहां मीडिया को बताया कि जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध पिछली यूपीए सरकार ने 2011 में लगाया था।

उन्होंने कहा कि जल्लीकट्टू को फिर से शुरू करने के लिए अध्यादेश अन्नाद्रमुक शासन के दौरान लाया गया था और जल्लीकट्टू तीन साल बाद राज्य में फिर से शुरू हुआ।

उन्होंने यह भी कहा कि अन्नाद्रमुक सरकार ने जल्लीकट्टू को फिर से शुरू करने के लिए उच्चतम न्यायालय के समक्ष निरंतर प्रयास किए थे।

इस बीच, भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने शीर्ष अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, भाजपा की राज्य इकाई और तमिलनाडु के लोगों की ओर से, हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके लगातार प्रयासों के लिए धन्यवाद देते हैं। तमिलनाडु के सांस्कृतिक खेल जल्लीकट्टू पर लगा प्रतिबंध पूरी तरह से हटा लिया गया।

उन्होंने यह भी कहा कि यह कांग्रेस के नेतृत्व वाली पिछली यूपीए सरकार थी, जिसने जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगाया था।

अन्नामलाई ने कहा कि भाजपा और एनडीए सरकार के प्रयासों से तमिलनाडु में प्रतिबंध हटा लिया गया।

–आईएएनएस

एसजीके

ADVERTISEMENT

चेन्नई, 18 मई (आईएएनएस)। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक, अन्नाद्रमुक और भाजपा ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय द्वारा सांडों को काबू में करने वाले खेल जल्लीकट्टू के आयोजन की अनुमति दिए जाने का श्रेय लेने की होड़ देखी जा रही है।

न्यायमूर्ति के.एम. जोसफ ने कहा कि यह विधायिका के विचार को बाधित नहीं करेगा, क्योंकि उनका मानना है कि खेल राज्य की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि जब विधायिका ने घोषणा की है कि जल्लीकट्टू तमिलनाडु की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है, तो न्यायपालिका एक अलग दृष्टिकोण नहीं रख सकती। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इसे तय करने के लिए सबसे उपयुक्त जगह विधायिका है।

पीठ ने यह भी कहा कि तमिलनाडु में सांडों को वश में करने का पारंपरिक खेल पिछली शताब्दी से चल रहा है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने एक ट्वीट में कहा, सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ का फैसला ऐतिहासिक है।

स्टालिन ने यह भी कहा कि अरिंगनल्लूर में एक बड़ा जलिकट्टू मैदान बनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा, हम अगले पोंगल के दौरान बड़े पैमाने पर जल्लीकट्टू मनाएंगे।

इस बीच, तमिलनाडु के कानून मंत्री एस. रघुपति ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि सांडों पर क्रूरता नहीं की जाती, तमिलनाडु सरकार सांडों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने फैसले में एकमत थी और तमिलनाडु सरकार ने मामले में पेश होने के लिए सबसे अच्छे वकीलों को लगाया था और तर्को को प्रभावी ढंग से रखा था।

अन्नाद्रमुक नेता और पूर्व मंत्री सी. विजयभास्कर ने यहां मीडिया को बताया कि जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध पिछली यूपीए सरकार ने 2011 में लगाया था।

उन्होंने कहा कि जल्लीकट्टू को फिर से शुरू करने के लिए अध्यादेश अन्नाद्रमुक शासन के दौरान लाया गया था और जल्लीकट्टू तीन साल बाद राज्य में फिर से शुरू हुआ।

उन्होंने यह भी कहा कि अन्नाद्रमुक सरकार ने जल्लीकट्टू को फिर से शुरू करने के लिए उच्चतम न्यायालय के समक्ष निरंतर प्रयास किए थे।

इस बीच, भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने शीर्ष अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, भाजपा की राज्य इकाई और तमिलनाडु के लोगों की ओर से, हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके लगातार प्रयासों के लिए धन्यवाद देते हैं। तमिलनाडु के सांस्कृतिक खेल जल्लीकट्टू पर लगा प्रतिबंध पूरी तरह से हटा लिया गया।

उन्होंने यह भी कहा कि यह कांग्रेस के नेतृत्व वाली पिछली यूपीए सरकार थी, जिसने जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगाया था।

अन्नामलाई ने कहा कि भाजपा और एनडीए सरकार के प्रयासों से तमिलनाडु में प्रतिबंध हटा लिया गया।

–आईएएनएस

एसजीके

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

चेन्नई, 18 मई (आईएएनएस)। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक, अन्नाद्रमुक और भाजपा ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय द्वारा सांडों को काबू में करने वाले खेल जल्लीकट्टू के आयोजन की अनुमति दिए जाने का श्रेय लेने की होड़ देखी जा रही है।

न्यायमूर्ति के.एम. जोसफ ने कहा कि यह विधायिका के विचार को बाधित नहीं करेगा, क्योंकि उनका मानना है कि खेल राज्य की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि जब विधायिका ने घोषणा की है कि जल्लीकट्टू तमिलनाडु की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है, तो न्यायपालिका एक अलग दृष्टिकोण नहीं रख सकती। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इसे तय करने के लिए सबसे उपयुक्त जगह विधायिका है।

पीठ ने यह भी कहा कि तमिलनाडु में सांडों को वश में करने का पारंपरिक खेल पिछली शताब्दी से चल रहा है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने एक ट्वीट में कहा, सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ का फैसला ऐतिहासिक है।

स्टालिन ने यह भी कहा कि अरिंगनल्लूर में एक बड़ा जलिकट्टू मैदान बनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा, हम अगले पोंगल के दौरान बड़े पैमाने पर जल्लीकट्टू मनाएंगे।

इस बीच, तमिलनाडु के कानून मंत्री एस. रघुपति ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि सांडों पर क्रूरता नहीं की जाती, तमिलनाडु सरकार सांडों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने फैसले में एकमत थी और तमिलनाडु सरकार ने मामले में पेश होने के लिए सबसे अच्छे वकीलों को लगाया था और तर्को को प्रभावी ढंग से रखा था।

अन्नाद्रमुक नेता और पूर्व मंत्री सी. विजयभास्कर ने यहां मीडिया को बताया कि जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध पिछली यूपीए सरकार ने 2011 में लगाया था।

उन्होंने कहा कि जल्लीकट्टू को फिर से शुरू करने के लिए अध्यादेश अन्नाद्रमुक शासन के दौरान लाया गया था और जल्लीकट्टू तीन साल बाद राज्य में फिर से शुरू हुआ।

उन्होंने यह भी कहा कि अन्नाद्रमुक सरकार ने जल्लीकट्टू को फिर से शुरू करने के लिए उच्चतम न्यायालय के समक्ष निरंतर प्रयास किए थे।

इस बीच, भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने शीर्ष अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, भाजपा की राज्य इकाई और तमिलनाडु के लोगों की ओर से, हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके लगातार प्रयासों के लिए धन्यवाद देते हैं। तमिलनाडु के सांस्कृतिक खेल जल्लीकट्टू पर लगा प्रतिबंध पूरी तरह से हटा लिया गया।

उन्होंने यह भी कहा कि यह कांग्रेस के नेतृत्व वाली पिछली यूपीए सरकार थी, जिसने जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगाया था।

अन्नामलाई ने कहा कि भाजपा और एनडीए सरकार के प्रयासों से तमिलनाडु में प्रतिबंध हटा लिया गया।

–आईएएनएस

एसजीके

ADVERTISEMENT

चेन्नई, 18 मई (आईएएनएस)। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक, अन्नाद्रमुक और भाजपा ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय द्वारा सांडों को काबू में करने वाले खेल जल्लीकट्टू के आयोजन की अनुमति दिए जाने का श्रेय लेने की होड़ देखी जा रही है।

न्यायमूर्ति के.एम. जोसफ ने कहा कि यह विधायिका के विचार को बाधित नहीं करेगा, क्योंकि उनका मानना है कि खेल राज्य की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि जब विधायिका ने घोषणा की है कि जल्लीकट्टू तमिलनाडु की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है, तो न्यायपालिका एक अलग दृष्टिकोण नहीं रख सकती। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इसे तय करने के लिए सबसे उपयुक्त जगह विधायिका है।

पीठ ने यह भी कहा कि तमिलनाडु में सांडों को वश में करने का पारंपरिक खेल पिछली शताब्दी से चल रहा है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने एक ट्वीट में कहा, सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ का फैसला ऐतिहासिक है।

स्टालिन ने यह भी कहा कि अरिंगनल्लूर में एक बड़ा जलिकट्टू मैदान बनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा, हम अगले पोंगल के दौरान बड़े पैमाने पर जल्लीकट्टू मनाएंगे।

इस बीच, तमिलनाडु के कानून मंत्री एस. रघुपति ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि सांडों पर क्रूरता नहीं की जाती, तमिलनाडु सरकार सांडों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने फैसले में एकमत थी और तमिलनाडु सरकार ने मामले में पेश होने के लिए सबसे अच्छे वकीलों को लगाया था और तर्को को प्रभावी ढंग से रखा था।

अन्नाद्रमुक नेता और पूर्व मंत्री सी. विजयभास्कर ने यहां मीडिया को बताया कि जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध पिछली यूपीए सरकार ने 2011 में लगाया था।

उन्होंने कहा कि जल्लीकट्टू को फिर से शुरू करने के लिए अध्यादेश अन्नाद्रमुक शासन के दौरान लाया गया था और जल्लीकट्टू तीन साल बाद राज्य में फिर से शुरू हुआ।

उन्होंने यह भी कहा कि अन्नाद्रमुक सरकार ने जल्लीकट्टू को फिर से शुरू करने के लिए उच्चतम न्यायालय के समक्ष निरंतर प्रयास किए थे।

इस बीच, भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने शीर्ष अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, भाजपा की राज्य इकाई और तमिलनाडु के लोगों की ओर से, हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके लगातार प्रयासों के लिए धन्यवाद देते हैं। तमिलनाडु के सांस्कृतिक खेल जल्लीकट्टू पर लगा प्रतिबंध पूरी तरह से हटा लिया गया।

उन्होंने यह भी कहा कि यह कांग्रेस के नेतृत्व वाली पिछली यूपीए सरकार थी, जिसने जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगाया था।

अन्नामलाई ने कहा कि भाजपा और एनडीए सरकार के प्रयासों से तमिलनाडु में प्रतिबंध हटा लिया गया।

–आईएएनएस

एसजीके

Related Posts

राजस्थान के भरतपुर जिले में वज्रपात से दो लोगों की मौत
राष्ट्रीय

राजस्थान के भरतपुर जिले में वज्रपात से दो लोगों की मौत

June 17, 2025
राष्ट्रीय

सूरीनाम में भारत के राजदूत सुभाष पी गुप्ता ने यूपी के औद्योगिक विकास मंत्री से की मुलाकात

June 17, 2025
बिहार में वज्रपात से 12 की मौत, सीएम नीतीश ने जताई संवेदना, 4 लाख की सहायता राशि का ऐलान
राष्ट्रीय

बिहार में वज्रपात से 12 की मौत, सीएम नीतीश ने जताई संवेदना, 4 लाख की सहायता राशि का ऐलान

June 17, 2025
‘जातिगत जनगणना’ न्यायपूर्ण शासन और संसाधनों के उचित वितरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम : मौलाना महमूद मदनी
राष्ट्रीय

‘जातिगत जनगणना’ न्यायपूर्ण शासन और संसाधनों के उचित वितरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम : मौलाना महमूद मदनी

June 17, 2025
मध्य प्रदेश : योग दिवस पर बारिश की संभावना के चलते विशेष इंतजाम
राष्ट्रीय

मध्य प्रदेश : योग दिवस पर बारिश की संभावना के चलते विशेष इंतजाम

June 17, 2025
बिहार में अब घर बैठे कर सकेंगे मतदान, निर्वाचन आयोग देगी ‘ई-वोटिंग’ की सुविधा
राष्ट्रीय

बिहार में अब घर बैठे कर सकेंगे मतदान, निर्वाचन आयोग देगी ‘ई-वोटिंग’ की सुविधा

June 17, 2025
Next Post
पाकिस्तान में पीटीआई को प्रतिबंधित संगठन घोषित करने की कवायद

पाकिस्तान में पीटीआई को प्रतिबंधित संगठन घोषित करने की कवायद

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

084736
Total views : 5894757
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In