चेन्नई, 11 मार्च (आईएएनएस)। तमिलनाडु वन विभाग ने अवैध रूप से लगाए गए और हाई वोल्टेज कनेक्टिविटी वाले सौर बाड़ों की निगरानी के लिए हाथियों के रास्तों पर गश्त तेज कर दी है।
तमिलनाडु के वन विभाग ने हाथियों के रास्तों में किसानों द्वारा बनाए गए अवैध और हाई-वोल्टेज बाड़ की वास्तविकता को जांच की, जिससे हाथियों की मौत हो गई।
तमिलनाडु के वन विभाग के सूत्रों के अनुसार, पिछले 10 सालों में अवैध रूप से और हाई वोल्टेज वाले सौर बाड़ से बिजली के झटके से 89 हाथियों की मौत हो गई है।
हाल ही में धर्मपुरी में तीन मादा हाथियों को करंट लग गया था।
तमिलनाडु के वन विभाग ने पहले ही स्थानीय जिला कलेक्टरों और राज्य के कृषि विभाग को स्थापित सौर बाड़ों की निगरानी में स्थानीय निकायों को शामिल करने के लिए सूचित कर दिया है।
वन विभाग ने जिला कलेक्टरों को यह भी निर्देश दिया है कि वे किसानों को सौर बाड़ डिजाइन के साथ-साथ इससे गुजरने वाले वोल्टेज के लिए मंजूरी लेने का निर्देश दें।
मद्रास उच्च न्यायालय ने वोल्टेज विनियमन के लिए बीआईएस-अनुरूप एनर्जाइजर का उपयोग करने का निर्देश दिया था।
मद्रास उच्च न्यायालय ने भी राज्य के वन विभाग को निर्देश दिया था कि कार्योत्तर अनुमोदन के साथ सोलर फेंसिंग को विनियमित किया जाए, लेकिन आदेश का पालन नहीं किया गया है।
तीन मादा हाथियों की मौत के बाद, राज्य के वन विभाग ने जंगली हाथियों के जीवन की रक्षा के लिए उपाय किए हैं और सौर बाड़ों की कड़ी निगरानी की जा रही है।
डिंडीगुल जिले के एक वन्यजीव कार्यकर्ता मनोहरन सुकुमार ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, तीन मादा हाथियों की मौत ने लोगों की आंखों में आंसू ला दिए। किसान द्वारा हाई वोल्टेज के साथ सौर बाड़ लगाने के कारण हाथियों की मौत हो गई। नियामक तंत्र जिसमें किसान को वन विभाग से बाड़ की कार्योत्तर स्वीकृति लेनी होती है और अगर विभाग ने पहले इसकी निगरानी की होती तो हाथियों की जान बचाई जा सकती थी।
उन्होंने कहा कि किसानों को इस बात की जानकारी नहीं होगी कि वे जिस एनर्जाइजर का उपयोग कर रहे हैं वह कानूनी है या अवैध है, यह कहते हुए कि राज्य के सीमावर्ती वन क्षेत्रों के सभी किसानों को ठीक से जागरूकता प्रदान की जानी चाहिए।
–आईएएनएस
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