अगरतला, 19 फरवरी (आईएएनएस)। पूर्वोत्तर राज्य 26 फरवरी से शुरू होने वाले अपने पहले ‘त्रिपुरा अंतर्राष्ट्रीय कठपुतली महोत्सव’ की मेजबानी के लिए जोर-शोर से तैयारी कर रहा है।
इस कार्यक्रम में विभिन्न देशों के साथ-साथ भारतीय राज्यों के कठपुतली थिएटर समूह भी भाग लेंगे।
त्रिपुरा कठपुतली थिएटर के निदेशक प्रभितंगसु दास ने कहा कि तीन दिवसीय (26-28 फरवरी) महोत्सव में अमेरिका, ब्राजील, स्पेन और बांग्लादेश के कठपुतली थिएटर समूह और नई दिल्ली, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और मेजबान त्रिपुरा के छह समूह भाग लेंगे।
दास ने सोमवार को मीडिया को बताया कि अंतर्राष्ट्रीय कठपुतली महोत्सव का आयोजन त्रिपुरा कठपुतली थिएटर के 50 साल पूरे होने के जश्न के रूप में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 28 फरवरी को समापन दिवस पर, “थिएटर और कठपुतली सीखने और जागरूकता के दो प्रभावशाली उपकरण हैं” विषय पर एक सेमिनार भी आयोजित किया जाएगा।”
दास, जिन्हें समकालीन कठपुतली में उनके योगदान के लिए 2016 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार के अलावा कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है, ने कहा कि त्रिपुरा कठपुतली थिएटर समूह विभिन्न विषयों पर कठपुतली शो करने के अलावा कलाकारों को मुफ्त में प्रशिक्षण भी प्रदान कर रहा है।
त्रिपुरा कठपुतली थियेटर समूह, जिसने दुनिया के कई देशों और देश के विभिन्न राज्यों में प्रदर्शन किया है, ने पारंपरिक “पुतुल नाच” (कठपुतली नृत्य) के माध्यम से कोविड-19 महामारी के दौरान बड़े पैमाने पर जागरूकता कार्यक्रम चलाया था, जिससे लोगों का ध्यान उस तरफ गया और सराहना मिली।
–आईएएनएस
एकेजे/
अगरतला, 19 फरवरी (आईएएनएस)। पूर्वोत्तर राज्य 26 फरवरी से शुरू होने वाले अपने पहले ‘त्रिपुरा अंतर्राष्ट्रीय कठपुतली महोत्सव’ की मेजबानी के लिए जोर-शोर से तैयारी कर रहा है।
इस कार्यक्रम में विभिन्न देशों के साथ-साथ भारतीय राज्यों के कठपुतली थिएटर समूह भी भाग लेंगे।
त्रिपुरा कठपुतली थिएटर के निदेशक प्रभितंगसु दास ने कहा कि तीन दिवसीय (26-28 फरवरी) महोत्सव में अमेरिका, ब्राजील, स्पेन और बांग्लादेश के कठपुतली थिएटर समूह और नई दिल्ली, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और मेजबान त्रिपुरा के छह समूह भाग लेंगे।
दास ने सोमवार को मीडिया को बताया कि अंतर्राष्ट्रीय कठपुतली महोत्सव का आयोजन त्रिपुरा कठपुतली थिएटर के 50 साल पूरे होने के जश्न के रूप में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 28 फरवरी को समापन दिवस पर, “थिएटर और कठपुतली सीखने और जागरूकता के दो प्रभावशाली उपकरण हैं” विषय पर एक सेमिनार भी आयोजित किया जाएगा।”
दास, जिन्हें समकालीन कठपुतली में उनके योगदान के लिए 2016 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार के अलावा कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है, ने कहा कि त्रिपुरा कठपुतली थिएटर समूह विभिन्न विषयों पर कठपुतली शो करने के अलावा कलाकारों को मुफ्त में प्रशिक्षण भी प्रदान कर रहा है।
त्रिपुरा कठपुतली थियेटर समूह, जिसने दुनिया के कई देशों और देश के विभिन्न राज्यों में प्रदर्शन किया है, ने पारंपरिक “पुतुल नाच” (कठपुतली नृत्य) के माध्यम से कोविड-19 महामारी के दौरान बड़े पैमाने पर जागरूकता कार्यक्रम चलाया था, जिससे लोगों का ध्यान उस तरफ गया और सराहना मिली।
–आईएएनएस
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