अगरतला, 28 फरवरी (आईएएनएस)। त्रिपुरा में एक बड़े विवाद के बाद राज्य सरकार के महाराजा बीर बिक्रम (एमबीबी) विश्वविद्यालय ने मंगलवार को इस बात से इनकार किया कि उसने कोई चुनावी सर्वेक्षण प्रकाशित किया है।
एमबीबी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार सुमंत चक्रवर्ती ने कहा कि विश्वविद्यालय ने त्रिपुरा में 16 फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बारे में कोई सर्वेक्षण प्रकाशित नहीं किया है।
एक बयान में कहा गया है कि नीति अनुसंधान और समकालीन भारत अध्ययन केंद्र (पीआरएसीसीआईएस) द्वारा त्रिपुरा मतदाता 2023 चुनाव – सर्वेक्षण रिपोर्ट शीर्षक वाली पोल सर्वे रिपोर्ट एक स्वतंत्र सर्वेक्षण है और एमबीबी विश्वविद्यालय ने किसी व्यक्ति, समूह या संगठन को इसके नाम या लोगो या फोटो का उपयोग करने के लिए अधिकृत नहीं किया है।
इसमें कहा गया है कि एमबीबी यूनिवर्सिटी ने अपनी पोल सर्वे रिपोर्ट में पीआरएसीसीआईएस द्वारा अपने नाम और लोगो के इस्तेमाल की कड़ी निंदा की है।
समकालीन भारत के क्षेत्र कार्य-आधारित अध्ययन में विशेषज्ञता रखने वाली दिल्ली स्थित एक शोध संस्था पीआरएसीसीआईएस ने अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट में भविष्यवाणी की है कि भाजपा 60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा चुनावों में 34-39 सीटें जीतेगी।
त्रिपुरा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) गिट्टे किरणकुमार दिनकरराव ने माकपा-कांग्रेस के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल को बताया कि चुनाव आयोग एमबीबी विश्वविद्यालय को कारण बताओ नोटिस जारी करेगा।
माकपा के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी ने सीईओ से मुलाकात के बाद कहा कि कोई सरकारी विश्वविद्यालय चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए सर्वेक्षण नहीं कर सकता।
चौधरी ने कांग्रेस नेता सुदीप रॉय बर्मन के साथ विश्वविद्यालय के कुलपति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
यह दावा करते हुए कि सीट-बंटवारे के समायोजन पर चुनाव लड़ने वाली वाम-कांग्रेस सत्ता में वापस आएगी, उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण की भविष्यवाणी सच्चाई से बहुत दूर थी।
–आईएएनएस
एसजीके/एएनएम
अगरतला, 28 फरवरी (आईएएनएस)। त्रिपुरा में एक बड़े विवाद के बाद राज्य सरकार के महाराजा बीर बिक्रम (एमबीबी) विश्वविद्यालय ने मंगलवार को इस बात से इनकार किया कि उसने कोई चुनावी सर्वेक्षण प्रकाशित किया है।
एमबीबी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार सुमंत चक्रवर्ती ने कहा कि विश्वविद्यालय ने त्रिपुरा में 16 फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बारे में कोई सर्वेक्षण प्रकाशित नहीं किया है।
एक बयान में कहा गया है कि नीति अनुसंधान और समकालीन भारत अध्ययन केंद्र (पीआरएसीसीआईएस) द्वारा त्रिपुरा मतदाता 2023 चुनाव – सर्वेक्षण रिपोर्ट शीर्षक वाली पोल सर्वे रिपोर्ट एक स्वतंत्र सर्वेक्षण है और एमबीबी विश्वविद्यालय ने किसी व्यक्ति, समूह या संगठन को इसके नाम या लोगो या फोटो का उपयोग करने के लिए अधिकृत नहीं किया है।
इसमें कहा गया है कि एमबीबी यूनिवर्सिटी ने अपनी पोल सर्वे रिपोर्ट में पीआरएसीसीआईएस द्वारा अपने नाम और लोगो के इस्तेमाल की कड़ी निंदा की है।
समकालीन भारत के क्षेत्र कार्य-आधारित अध्ययन में विशेषज्ञता रखने वाली दिल्ली स्थित एक शोध संस्था पीआरएसीसीआईएस ने अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट में भविष्यवाणी की है कि भाजपा 60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा चुनावों में 34-39 सीटें जीतेगी।
त्रिपुरा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) गिट्टे किरणकुमार दिनकरराव ने माकपा-कांग्रेस के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल को बताया कि चुनाव आयोग एमबीबी विश्वविद्यालय को कारण बताओ नोटिस जारी करेगा।
माकपा के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी ने सीईओ से मुलाकात के बाद कहा कि कोई सरकारी विश्वविद्यालय चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए सर्वेक्षण नहीं कर सकता।
चौधरी ने कांग्रेस नेता सुदीप रॉय बर्मन के साथ विश्वविद्यालय के कुलपति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
यह दावा करते हुए कि सीट-बंटवारे के समायोजन पर चुनाव लड़ने वाली वाम-कांग्रेस सत्ता में वापस आएगी, उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण की भविष्यवाणी सच्चाई से बहुत दूर थी।
–आईएएनएस
एसजीके/एएनएम