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Home ताज़ा समाचार

दक्षिण कोरिया : महाभियोग प्रस्ताव पारित होने के बाद राष्ट्रपति यून निलंबित, अब आगे क्या होगा?

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December 14, 2024
in ताज़ा समाचार
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सोल, 14 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति यून सूक योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित होने के बाद सभी की निगाहें संवैधानिक न्यायालय पर टिकी हैं, जो राष्ट्रपति यून सूक योल के महाभियोग पर अंतिम फैसला लेगा। यून को निलंबित कर दिया गया है जबकि प्रधानमंत्री कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर रहे हैं।

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नेशनल असेंबली ने शनिवार को राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित कर दिया। यह प्रस्ताव पिछहे हफ्ते मार्शल लॉ लागू करने के लिए उनके खिलाफ यह प्रस्ताव लाया गया था।

योनहाप न्यूज एजेंसी के मुताबिक अब न्यायालय के पास यह फैसला लेने के लिए 180 दिन का समय है कि संसद के उस फैसले को मंजूरी दी जाए या नहीं, जिसके तहत या तो यून को पद से हटाया जाएगा या उन्हें पद पर बहाल किया जाएगा।

राष्ट्रपति के खिलाफ आखिरी महाभियोग 2016 में हुआ था, जब तत्कालीन राष्ट्रपति पार्क ग्यून-हे को उनकी सीट से हटा दिया गया था।

पार्क के लिए नेशनल असेंबली के अनुरोध को मंजूरी देने में न्यायलय को 91 दिन लगे।

दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति रोह मू-ह्यून के मामले में, न्यायालय ने 63 दिनों के विचार-विमर्श के बाद 2004 में संसद के महाभियोग के अनुरोध को खारिज कर दिया था।

यदि यून पर महाभियोग लगाया जाता है, तो दक्षिण कोरिया को उनके पद से हटने के दो महीने के भीतर राष्ट्रपति चुनाव कराना होगा। तब तक, प्रधान मंत्री हान डक-सू कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम करेंगे।

बता दें राष्ट्रपति यून ने मंगलवार (03 दिसंबर) रात को आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की, लेकिन बुधवार को संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया।

मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा। हालांकि चंद घटों के लिए लागू हुए मार्शल लॉ ने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया।

–आईएएनएस

एमके/

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सोल, 14 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति यून सूक योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित होने के बाद सभी की निगाहें संवैधानिक न्यायालय पर टिकी हैं, जो राष्ट्रपति यून सूक योल के महाभियोग पर अंतिम फैसला लेगा। यून को निलंबित कर दिया गया है जबकि प्रधानमंत्री कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर रहे हैं।

नेशनल असेंबली ने शनिवार को राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित कर दिया। यह प्रस्ताव पिछहे हफ्ते मार्शल लॉ लागू करने के लिए उनके खिलाफ यह प्रस्ताव लाया गया था।

योनहाप न्यूज एजेंसी के मुताबिक अब न्यायालय के पास यह फैसला लेने के लिए 180 दिन का समय है कि संसद के उस फैसले को मंजूरी दी जाए या नहीं, जिसके तहत या तो यून को पद से हटाया जाएगा या उन्हें पद पर बहाल किया जाएगा।

राष्ट्रपति के खिलाफ आखिरी महाभियोग 2016 में हुआ था, जब तत्कालीन राष्ट्रपति पार्क ग्यून-हे को उनकी सीट से हटा दिया गया था।

पार्क के लिए नेशनल असेंबली के अनुरोध को मंजूरी देने में न्यायलय को 91 दिन लगे।

दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति रोह मू-ह्यून के मामले में, न्यायालय ने 63 दिनों के विचार-विमर्श के बाद 2004 में संसद के महाभियोग के अनुरोध को खारिज कर दिया था।

यदि यून पर महाभियोग लगाया जाता है, तो दक्षिण कोरिया को उनके पद से हटने के दो महीने के भीतर राष्ट्रपति चुनाव कराना होगा। तब तक, प्रधान मंत्री हान डक-सू कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम करेंगे।

बता दें राष्ट्रपति यून ने मंगलवार (03 दिसंबर) रात को आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की, लेकिन बुधवार को संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया।

मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा। हालांकि चंद घटों के लिए लागू हुए मार्शल लॉ ने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया।

–आईएएनएस

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सोल, 14 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति यून सूक योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित होने के बाद सभी की निगाहें संवैधानिक न्यायालय पर टिकी हैं, जो राष्ट्रपति यून सूक योल के महाभियोग पर अंतिम फैसला लेगा। यून को निलंबित कर दिया गया है जबकि प्रधानमंत्री कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर रहे हैं।

नेशनल असेंबली ने शनिवार को राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित कर दिया। यह प्रस्ताव पिछहे हफ्ते मार्शल लॉ लागू करने के लिए उनके खिलाफ यह प्रस्ताव लाया गया था।

योनहाप न्यूज एजेंसी के मुताबिक अब न्यायालय के पास यह फैसला लेने के लिए 180 दिन का समय है कि संसद के उस फैसले को मंजूरी दी जाए या नहीं, जिसके तहत या तो यून को पद से हटाया जाएगा या उन्हें पद पर बहाल किया जाएगा।

राष्ट्रपति के खिलाफ आखिरी महाभियोग 2016 में हुआ था, जब तत्कालीन राष्ट्रपति पार्क ग्यून-हे को उनकी सीट से हटा दिया गया था।

पार्क के लिए नेशनल असेंबली के अनुरोध को मंजूरी देने में न्यायलय को 91 दिन लगे।

दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति रोह मू-ह्यून के मामले में, न्यायालय ने 63 दिनों के विचार-विमर्श के बाद 2004 में संसद के महाभियोग के अनुरोध को खारिज कर दिया था।

यदि यून पर महाभियोग लगाया जाता है, तो दक्षिण कोरिया को उनके पद से हटने के दो महीने के भीतर राष्ट्रपति चुनाव कराना होगा। तब तक, प्रधान मंत्री हान डक-सू कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम करेंगे।

बता दें राष्ट्रपति यून ने मंगलवार (03 दिसंबर) रात को आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की, लेकिन बुधवार को संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया।

मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा। हालांकि चंद घटों के लिए लागू हुए मार्शल लॉ ने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया।

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नेशनल असेंबली ने शनिवार को राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित कर दिया। यह प्रस्ताव पिछहे हफ्ते मार्शल लॉ लागू करने के लिए उनके खिलाफ यह प्रस्ताव लाया गया था।

योनहाप न्यूज एजेंसी के मुताबिक अब न्यायालय के पास यह फैसला लेने के लिए 180 दिन का समय है कि संसद के उस फैसले को मंजूरी दी जाए या नहीं, जिसके तहत या तो यून को पद से हटाया जाएगा या उन्हें पद पर बहाल किया जाएगा।

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दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति रोह मू-ह्यून के मामले में, न्यायालय ने 63 दिनों के विचार-विमर्श के बाद 2004 में संसद के महाभियोग के अनुरोध को खारिज कर दिया था।

यदि यून पर महाभियोग लगाया जाता है, तो दक्षिण कोरिया को उनके पद से हटने के दो महीने के भीतर राष्ट्रपति चुनाव कराना होगा। तब तक, प्रधान मंत्री हान डक-सू कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम करेंगे।

बता दें राष्ट्रपति यून ने मंगलवार (03 दिसंबर) रात को आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की, लेकिन बुधवार को संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया।

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नेशनल असेंबली ने शनिवार को राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित कर दिया। यह प्रस्ताव पिछहे हफ्ते मार्शल लॉ लागू करने के लिए उनके खिलाफ यह प्रस्ताव लाया गया था।

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दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति रोह मू-ह्यून के मामले में, न्यायालय ने 63 दिनों के विचार-विमर्श के बाद 2004 में संसद के महाभियोग के अनुरोध को खारिज कर दिया था।

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नेशनल असेंबली ने शनिवार को राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित कर दिया। यह प्रस्ताव पिछहे हफ्ते मार्शल लॉ लागू करने के लिए उनके खिलाफ यह प्रस्ताव लाया गया था।

योनहाप न्यूज एजेंसी के मुताबिक अब न्यायालय के पास यह फैसला लेने के लिए 180 दिन का समय है कि संसद के उस फैसले को मंजूरी दी जाए या नहीं, जिसके तहत या तो यून को पद से हटाया जाएगा या उन्हें पद पर बहाल किया जाएगा।

राष्ट्रपति के खिलाफ आखिरी महाभियोग 2016 में हुआ था, जब तत्कालीन राष्ट्रपति पार्क ग्यून-हे को उनकी सीट से हटा दिया गया था।

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योनहाप न्यूज एजेंसी के मुताबिक अब न्यायालय के पास यह फैसला लेने के लिए 180 दिन का समय है कि संसद के उस फैसले को मंजूरी दी जाए या नहीं, जिसके तहत या तो यून को पद से हटाया जाएगा या उन्हें पद पर बहाल किया जाएगा।

राष्ट्रपति के खिलाफ आखिरी महाभियोग 2016 में हुआ था, जब तत्कालीन राष्ट्रपति पार्क ग्यून-हे को उनकी सीट से हटा दिया गया था।

पार्क के लिए नेशनल असेंबली के अनुरोध को मंजूरी देने में न्यायलय को 91 दिन लगे।

दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति रोह मू-ह्यून के मामले में, न्यायालय ने 63 दिनों के विचार-विमर्श के बाद 2004 में संसद के महाभियोग के अनुरोध को खारिज कर दिया था।

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नेशनल असेंबली ने शनिवार को राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित कर दिया। यह प्रस्ताव पिछहे हफ्ते मार्शल लॉ लागू करने के लिए उनके खिलाफ यह प्रस्ताव लाया गया था।

योनहाप न्यूज एजेंसी के मुताबिक अब न्यायालय के पास यह फैसला लेने के लिए 180 दिन का समय है कि संसद के उस फैसले को मंजूरी दी जाए या नहीं, जिसके तहत या तो यून को पद से हटाया जाएगा या उन्हें पद पर बहाल किया जाएगा।

राष्ट्रपति के खिलाफ आखिरी महाभियोग 2016 में हुआ था, जब तत्कालीन राष्ट्रपति पार्क ग्यून-हे को उनकी सीट से हटा दिया गया था।

पार्क के लिए नेशनल असेंबली के अनुरोध को मंजूरी देने में न्यायलय को 91 दिन लगे।

दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति रोह मू-ह्यून के मामले में, न्यायालय ने 63 दिनों के विचार-विमर्श के बाद 2004 में संसद के महाभियोग के अनुरोध को खारिज कर दिया था।

यदि यून पर महाभियोग लगाया जाता है, तो दक्षिण कोरिया को उनके पद से हटने के दो महीने के भीतर राष्ट्रपति चुनाव कराना होगा। तब तक, प्रधान मंत्री हान डक-सू कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम करेंगे।

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नेशनल असेंबली ने शनिवार को राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित कर दिया। यह प्रस्ताव पिछहे हफ्ते मार्शल लॉ लागू करने के लिए उनके खिलाफ यह प्रस्ताव लाया गया था।

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दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति रोह मू-ह्यून के मामले में, न्यायालय ने 63 दिनों के विचार-विमर्श के बाद 2004 में संसद के महाभियोग के अनुरोध को खारिज कर दिया था।

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सोल, 14 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति यून सूक योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित होने के बाद सभी की निगाहें संवैधानिक न्यायालय पर टिकी हैं, जो राष्ट्रपति यून सूक योल के महाभियोग पर अंतिम फैसला लेगा। यून को निलंबित कर दिया गया है जबकि प्रधानमंत्री कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर रहे हैं।

नेशनल असेंबली ने शनिवार को राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित कर दिया। यह प्रस्ताव पिछहे हफ्ते मार्शल लॉ लागू करने के लिए उनके खिलाफ यह प्रस्ताव लाया गया था।

योनहाप न्यूज एजेंसी के मुताबिक अब न्यायालय के पास यह फैसला लेने के लिए 180 दिन का समय है कि संसद के उस फैसले को मंजूरी दी जाए या नहीं, जिसके तहत या तो यून को पद से हटाया जाएगा या उन्हें पद पर बहाल किया जाएगा।

राष्ट्रपति के खिलाफ आखिरी महाभियोग 2016 में हुआ था, जब तत्कालीन राष्ट्रपति पार्क ग्यून-हे को उनकी सीट से हटा दिया गया था।

पार्क के लिए नेशनल असेंबली के अनुरोध को मंजूरी देने में न्यायलय को 91 दिन लगे।

दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति रोह मू-ह्यून के मामले में, न्यायालय ने 63 दिनों के विचार-विमर्श के बाद 2004 में संसद के महाभियोग के अनुरोध को खारिज कर दिया था।

यदि यून पर महाभियोग लगाया जाता है, तो दक्षिण कोरिया को उनके पद से हटने के दो महीने के भीतर राष्ट्रपति चुनाव कराना होगा। तब तक, प्रधान मंत्री हान डक-सू कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम करेंगे।

बता दें राष्ट्रपति यून ने मंगलवार (03 दिसंबर) रात को आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की, लेकिन बुधवार को संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया।

मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा। हालांकि चंद घटों के लिए लागू हुए मार्शल लॉ ने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया।

–आईएएनएस

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सोल, 14 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति यून सूक योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित होने के बाद सभी की निगाहें संवैधानिक न्यायालय पर टिकी हैं, जो राष्ट्रपति यून सूक योल के महाभियोग पर अंतिम फैसला लेगा। यून को निलंबित कर दिया गया है जबकि प्रधानमंत्री कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर रहे हैं।

नेशनल असेंबली ने शनिवार को राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित कर दिया। यह प्रस्ताव पिछहे हफ्ते मार्शल लॉ लागू करने के लिए उनके खिलाफ यह प्रस्ताव लाया गया था।

योनहाप न्यूज एजेंसी के मुताबिक अब न्यायालय के पास यह फैसला लेने के लिए 180 दिन का समय है कि संसद के उस फैसले को मंजूरी दी जाए या नहीं, जिसके तहत या तो यून को पद से हटाया जाएगा या उन्हें पद पर बहाल किया जाएगा।

राष्ट्रपति के खिलाफ आखिरी महाभियोग 2016 में हुआ था, जब तत्कालीन राष्ट्रपति पार्क ग्यून-हे को उनकी सीट से हटा दिया गया था।

पार्क के लिए नेशनल असेंबली के अनुरोध को मंजूरी देने में न्यायलय को 91 दिन लगे।

दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति रोह मू-ह्यून के मामले में, न्यायालय ने 63 दिनों के विचार-विमर्श के बाद 2004 में संसद के महाभियोग के अनुरोध को खारिज कर दिया था।

यदि यून पर महाभियोग लगाया जाता है, तो दक्षिण कोरिया को उनके पद से हटने के दो महीने के भीतर राष्ट्रपति चुनाव कराना होगा। तब तक, प्रधान मंत्री हान डक-सू कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम करेंगे।

बता दें राष्ट्रपति यून ने मंगलवार (03 दिसंबर) रात को आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की, लेकिन बुधवार को संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया।

मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा। हालांकि चंद घटों के लिए लागू हुए मार्शल लॉ ने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया।

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नेशनल असेंबली ने शनिवार को राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित कर दिया। यह प्रस्ताव पिछहे हफ्ते मार्शल लॉ लागू करने के लिए उनके खिलाफ यह प्रस्ताव लाया गया था।

योनहाप न्यूज एजेंसी के मुताबिक अब न्यायालय के पास यह फैसला लेने के लिए 180 दिन का समय है कि संसद के उस फैसले को मंजूरी दी जाए या नहीं, जिसके तहत या तो यून को पद से हटाया जाएगा या उन्हें पद पर बहाल किया जाएगा।

राष्ट्रपति के खिलाफ आखिरी महाभियोग 2016 में हुआ था, जब तत्कालीन राष्ट्रपति पार्क ग्यून-हे को उनकी सीट से हटा दिया गया था।

पार्क के लिए नेशनल असेंबली के अनुरोध को मंजूरी देने में न्यायलय को 91 दिन लगे।

दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति रोह मू-ह्यून के मामले में, न्यायालय ने 63 दिनों के विचार-विमर्श के बाद 2004 में संसद के महाभियोग के अनुरोध को खारिज कर दिया था।

यदि यून पर महाभियोग लगाया जाता है, तो दक्षिण कोरिया को उनके पद से हटने के दो महीने के भीतर राष्ट्रपति चुनाव कराना होगा। तब तक, प्रधान मंत्री हान डक-सू कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम करेंगे।

बता दें राष्ट्रपति यून ने मंगलवार (03 दिसंबर) रात को आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की, लेकिन बुधवार को संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया।

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योनहाप न्यूज एजेंसी के मुताबिक अब न्यायालय के पास यह फैसला लेने के लिए 180 दिन का समय है कि संसद के उस फैसले को मंजूरी दी जाए या नहीं, जिसके तहत या तो यून को पद से हटाया जाएगा या उन्हें पद पर बहाल किया जाएगा।

राष्ट्रपति के खिलाफ आखिरी महाभियोग 2016 में हुआ था, जब तत्कालीन राष्ट्रपति पार्क ग्यून-हे को उनकी सीट से हटा दिया गया था।

पार्क के लिए नेशनल असेंबली के अनुरोध को मंजूरी देने में न्यायलय को 91 दिन लगे।

दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति रोह मू-ह्यून के मामले में, न्यायालय ने 63 दिनों के विचार-विमर्श के बाद 2004 में संसद के महाभियोग के अनुरोध को खारिज कर दिया था।

यदि यून पर महाभियोग लगाया जाता है, तो दक्षिण कोरिया को उनके पद से हटने के दो महीने के भीतर राष्ट्रपति चुनाव कराना होगा। तब तक, प्रधान मंत्री हान डक-सू कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम करेंगे।

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