नई दिल्ली, 19 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने शनिवार को मानसून के मौसम के दौरान आईजीआई हवाईअड्डे और आसपास के द्वारका क्षेत्र में और आसपास बाढ़ और जलभराव को खत्म करने के उद्देश्य से चल रही एयरपोर्ट ड्रेन परियोजना पर काम की प्रगति का जायजा लिया।
यह परियोजना इस वर्ष जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए मानसून के महीनों के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले प्रतिनिधियों और गणमान्य व्यक्तियों के परेशानी मुक्त आवागमन को भी सुनिश्चित करेगी।
यह प्रमुख जल निकासी परियोजना, जो आईजीआई हवाईअड्डे से नजफगढ़ नाले तक वर्षा जल निर्वहन को चैनलाइज करेगी, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा निष्पादित की जा रही है और इस साल जून तक पूरा होने की उम्मीद है।
एलजी ने रेलवे ट्रैक के नीचे पुलिया के निर्माण स्थल और द्वारका सेक्टर 8 में साइट का निरीक्षण किया और अधिकारियों को जल्द से जल्द काम पूरा करने के लिए जनशक्ति और अन्य संसाधनों को बढ़ाने का निर्देश दिया।
आईजीआई हवाईअड्डे पर मौजूदा दो नालियां हवाईअड्डे से भारी मात्रा में बारिश के पानी के निर्वहन के लिए अपर्याप्त साबित हुई हैं, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर भारी बारिश के दौरान आईजीआई हवाईअड्डे में और उसके आसपास गंभीर जलभराव हो जाता है और इस तरह कई दिनों तक उड़ानें बाधित और रद्द हो जाती हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी होती है।
जलभराव ने कई मौकों पर आईजीआई हवाईअड्डे को बंद करने पर मजबूर कर दिया।
डीडीए द्वारका क्षेत्र में 5 जल निकायों का निर्माण कर रहा है, जिनका उपयोग मानसून के दौरान अतिप्रवाह वर्षाजल के भंडारण के लिए किया जाएगा।
सक्सेना ने इस अवसर पर कहा कि हवाईअड्डे के नाले के निर्माण के साथ जल निकायों के निर्माण से हवाईयात्रियों और द्वारका के स्थानीय निवासियों को बड़ी राहत मिलेगी।
उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान हवाईअड्डे के साथ-साथ द्वारका की सड़कों से बहते पानी को इन जल निकायों में प्रवाहित किया जा सकता है।
हवाईअड्डे का नाला चरम बारिश के दौरान प्रति सेकेंड 70 सीयूएम पानी छोड़ने में सक्षम होगा।
नाला आईजीआई हवाईअड्डे के परिसर के अंदर से शुरू होगा, द्वारका सेक्टर-8 में हवाईअड्डे की सीमा से सटे एक चौड़ी पुलिया के माध्यम से रेलवे पटरियों के नीचे से गुजरेगा और डीडीए के ट्रंक ड्रेन-2 (टीडी-2) से जुड़ जाएगा जो बारिश के पानी को नजफगढ़ ड्रेन में ले जाएगा।
एयरपोर्ट का नाला 20 मीटर चौड़ा और 2 मीटर गहरा होगा।
–आईएएनएस
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