नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने दोनों पड़ोसी राज्यों में ‘पराली’ जलाने के कारण राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण में खतरनाक वृद्धि के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की है।
उपराज्यपाल ने कहा कि दिल्ली में 2 करोड़ से अधिक लोगों के साथ संसद, सुप्रीम कोर्ट और कई राजनयिक मिशनों का घर है, यहां शिखर सम्मेलनों और सम्मेलनों में भाग लेने वाले आगंतुक, पर्यटक और राजनयिक भी आते हैं। ये सभी मुख्य रूप से पराली जलाने से उत्पन्न धुएं और स्मॉग के कारण होने वाले दुर्बल वायु प्रदूषण के परिणाम भुगतते हैं।
वीके सक्सेना ने पिछले साल फसल अवशेष जलाने को नियंत्रित करने में हरियाणा के प्रयासों की सराहना की, जिसने दिल्ली में वायु गुणवत्ता के मुद्दों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
हालांकि, चालू वर्ष के चिंताजनक आंकड़े गहरी चिंता पैदा कर रहे हैं। अकेले हरियाणा में 15 सितंबर से 11 अक्टूबर के बीच फसल अवशेष जलाने के 340 मामले दर्ज किए गए हैं, जो 2022 में इसी अवधि के दौरान 83 मामलों से काफी अधिक हैं।
इसी तरह, पंजाब में इन तारीखों के बीच, फसल अवशेष जलाने के 1,063 मामले दर्ज किए गए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 300 मामलों की वृद्धि है। सक्सेना ने कहा कि क्षेत्र के राजनीतिक नेताओं के इस मुद्दे का समाधान करने के वादे के बावजूद, इस चिंताजनक ट्रेंड ने दिल्ली निवासियों और अधिकारियों को गंभीर वायु गुणवत्ता के मुद्दों से जूझने पर मजबूर कर दिया है।
उन्होंने दोनों मुख्यमंत्रियों से इस बार-बार आने वाले मुद्दे का स्थायी समाधान खोजने के लिए उपलब्ध संसाधनों को जुटाने और किसानों के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया है।
उपराज्यपाल ने दिल्ली की छवि और उसके निवासियों की भलाई पर इस वायु प्रदूषण के प्रभाव पर भी जोर दिया और दोनों राज्यों से निर्णायक रूप से कार्य करने का आग्रह किया।
इस बीच, दिल्ली ने वायु प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों, जैसे वाहनों के उत्सर्जन और सड़कों तथा फुटपाथों से निकलने वाली धूल से निपटने के अपने प्रयास जारी रखे हैं। जैसे-जैसे सर्दी का मौसम आता है, फसल अवशेष जलाने पर नियंत्रण पर ध्यान और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि दिल्ली अपने निवासियों और आगंतुकों को स्वच्छ और सांस लेने योग्य हवा प्रदान करने का प्रयास करती है।
उपराज्यपाल ने कहा, “आपकी ओर से सभी उपचारात्मक उपायों की आशा में, मैं आपको एक बार फिर आश्वस्त करता हूं कि हम दिल्ली में इस मुद्दे के समाधान के लिए हर आवश्यक कदम उठा रहे हैं।”
–आईएएनएस
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