नई दिल्ली, 15 जून (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली नाबालिग पहलवान की प्राथमिकी रद्द करने की मांग की।
पटियाला हाउस कोर्ट के सामने पुलिस ने 550 पन्नों की रिपोर्ट में कहा कि नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोप में कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले।
पुलिस ने कहा, पॉक्सो मामले में जांच पूरी होने के बाद हमने शिकायतकर्ता यानी पीड़िता के पिता और खुद पीड़िता के बयानों के आधार पर मामले को रद्द करने का अनुरोध करते हुए सीआरपीसी की धारा 173 के तहत एक पुलिस रिपोर्ट प्रस्तुत की है।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई चार जुलाई को निर्धारित की है।
नाबालिग रेसलर के आरोप पर एक प्राथमिकी यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज की गई थी।
हालांकि, इस मामले में शामिल नाबालिग पहलवान के पिता ने दावा किया कि उन्होंने डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत दर्ज कराई थी।
पिता ने कहा कि वो अपनी बेटी के खिलाफ डब्ल्यूएफआई प्रमुख के पक्षपातपूर्ण रवैये से गुस्से में थे, इसलिए ये आरोप लगाया था।
सूत्रों के अनुसार, नाबालिग का सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दूसरा बयान 5 जून को अदालत में दर्ज किया गया था और उसमें उसने यौन उत्पीड़न का आरोप नहीं लगाया था।
–आईएएनएस
एसकेपी
नई दिल्ली, 15 जून (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली नाबालिग पहलवान की प्राथमिकी रद्द करने की मांग की।
पटियाला हाउस कोर्ट के सामने पुलिस ने 550 पन्नों की रिपोर्ट में कहा कि नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोप में कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले।
पुलिस ने कहा, पॉक्सो मामले में जांच पूरी होने के बाद हमने शिकायतकर्ता यानी पीड़िता के पिता और खुद पीड़िता के बयानों के आधार पर मामले को रद्द करने का अनुरोध करते हुए सीआरपीसी की धारा 173 के तहत एक पुलिस रिपोर्ट प्रस्तुत की है।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई चार जुलाई को निर्धारित की है।
नाबालिग रेसलर के आरोप पर एक प्राथमिकी यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज की गई थी।
हालांकि, इस मामले में शामिल नाबालिग पहलवान के पिता ने दावा किया कि उन्होंने डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत दर्ज कराई थी।
पिता ने कहा कि वो अपनी बेटी के खिलाफ डब्ल्यूएफआई प्रमुख के पक्षपातपूर्ण रवैये से गुस्से में थे, इसलिए ये आरोप लगाया था।
सूत्रों के अनुसार, नाबालिग का सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दूसरा बयान 5 जून को अदालत में दर्ज किया गया था और उसमें उसने यौन उत्पीड़न का आरोप नहीं लगाया था।
–आईएएनएस
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