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Home ताज़ा समाचार

दिल्ली में कनाडाई दूतावास ने स्थानीय कर्मचारियों को कार्यालय छोड़ने के लिए कहा

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September 19, 2023
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 19 सितंबर (आईएएनएस)। भारत द्वारा एक कनाडाई राजनयिक को निष्कासित किए जाने के कुछ घंटों बाद मंगलवार की दोपहर में राष्ट्रीय राजधानी स्थित कनाडाई दूतावास ने प्रतिशोध में अपने स्थानीय कर्मचारियों को इस दौरान परिसर छोड़ने के लिए कहा। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में कनाडाई दूतावास दोपहर दो बजे के बाद बंद कर दिया गया।

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सूत्र ने कहा कि दूतावास में कार्यरत स्थानीय कर्मचारियों को मौजूदा राजनयिक तनाव को देखते हुए तुरंत परिसर खाली करने के लिए कहा गया।

सूत्र ने आगे कहा कि एक ईमेल संचार में दूतावास के अधिकारियों द्वारा सभी कर्मचारियों को किसी भी मीडिया से बात नहीं करने या सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट नहीं करने के लिए कहा गया है।

हालांकि, संपर्क करने पर कनाडाई दूतावास के अधिकारियों ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

भारत और कनाडा के बीच बिगड़ते राजनयिक संबंधों के बीच भारत सरकार ने मंगलवार को यहां स्थित एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया और उन्हें अगले पांच दिनों के भीतर देश छोड़ने के लिए कहा गया है।

भारत में कनाडा के उच्चायुक्त (कैमरून मैके) को मंगलवार को समन मिला, जिसके दौरान भारत सरकार ने वर्तमान में देश में तैनात एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने के अपने फैसले से अवगत कराया।

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि संबंधित राजनयिक को आधिकारिक तौर पर अगले पांच दिनों के भीतर भारत से प्रस्थान करने का निर्देश दिया गया है।

बयान में कहा गया, “यह निर्णय हमारे आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी पर भारत सरकार की बढ़ती चिंता को दर्शाता है।”

यह निर्णय तब लिया गया, जब कनाडा सरकार ने एक उच्च पदस्थ भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया।

यह घटनाक्रम तब शुरू हुआ, जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा सोमवार को संसद में एक आपातकालीन बयान में भारत सरकार पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्‍या में संलिप्‍त होने का आरोप लगाया।

ट्रूडो ने कहा कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियां जून में ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और भारत सरकार के एजेंटों के बीच संभावित संबंध की जांच कर रही हैं।

भारत ने कनाडा सरकार के उन दावों को खारिज कर दिया है कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में उसकी संलिप्तता थी।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ” हम कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और उनके विदेश मंत्री के संसद में दिए बयान को खारिज करते हैं। निज्जर की हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता का आरोप बेतुका और पूर्वाग्रह से प्रेरित है।”

–आईएएनएस

एसजीके

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नई दिल्ली, 19 सितंबर (आईएएनएस)। भारत द्वारा एक कनाडाई राजनयिक को निष्कासित किए जाने के कुछ घंटों बाद मंगलवार की दोपहर में राष्ट्रीय राजधानी स्थित कनाडाई दूतावास ने प्रतिशोध में अपने स्थानीय कर्मचारियों को इस दौरान परिसर छोड़ने के लिए कहा। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में कनाडाई दूतावास दोपहर दो बजे के बाद बंद कर दिया गया।

सूत्र ने कहा कि दूतावास में कार्यरत स्थानीय कर्मचारियों को मौजूदा राजनयिक तनाव को देखते हुए तुरंत परिसर खाली करने के लिए कहा गया।

सूत्र ने आगे कहा कि एक ईमेल संचार में दूतावास के अधिकारियों द्वारा सभी कर्मचारियों को किसी भी मीडिया से बात नहीं करने या सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट नहीं करने के लिए कहा गया है।

हालांकि, संपर्क करने पर कनाडाई दूतावास के अधिकारियों ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

भारत और कनाडा के बीच बिगड़ते राजनयिक संबंधों के बीच भारत सरकार ने मंगलवार को यहां स्थित एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया और उन्हें अगले पांच दिनों के भीतर देश छोड़ने के लिए कहा गया है।

भारत में कनाडा के उच्चायुक्त (कैमरून मैके) को मंगलवार को समन मिला, जिसके दौरान भारत सरकार ने वर्तमान में देश में तैनात एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने के अपने फैसले से अवगत कराया।

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि संबंधित राजनयिक को आधिकारिक तौर पर अगले पांच दिनों के भीतर भारत से प्रस्थान करने का निर्देश दिया गया है।

बयान में कहा गया, “यह निर्णय हमारे आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी पर भारत सरकार की बढ़ती चिंता को दर्शाता है।”

यह निर्णय तब लिया गया, जब कनाडा सरकार ने एक उच्च पदस्थ भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया।

यह घटनाक्रम तब शुरू हुआ, जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा सोमवार को संसद में एक आपातकालीन बयान में भारत सरकार पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्‍या में संलिप्‍त होने का आरोप लगाया।

ट्रूडो ने कहा कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियां जून में ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और भारत सरकार के एजेंटों के बीच संभावित संबंध की जांच कर रही हैं।

भारत ने कनाडा सरकार के उन दावों को खारिज कर दिया है कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में उसकी संलिप्तता थी।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ” हम कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और उनके विदेश मंत्री के संसद में दिए बयान को खारिज करते हैं। निज्जर की हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता का आरोप बेतुका और पूर्वाग्रह से प्रेरित है।”

–आईएएनएस

एसजीके

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नई दिल्ली, 19 सितंबर (आईएएनएस)। भारत द्वारा एक कनाडाई राजनयिक को निष्कासित किए जाने के कुछ घंटों बाद मंगलवार की दोपहर में राष्ट्रीय राजधानी स्थित कनाडाई दूतावास ने प्रतिशोध में अपने स्थानीय कर्मचारियों को इस दौरान परिसर छोड़ने के लिए कहा। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में कनाडाई दूतावास दोपहर दो बजे के बाद बंद कर दिया गया।

सूत्र ने कहा कि दूतावास में कार्यरत स्थानीय कर्मचारियों को मौजूदा राजनयिक तनाव को देखते हुए तुरंत परिसर खाली करने के लिए कहा गया।

सूत्र ने आगे कहा कि एक ईमेल संचार में दूतावास के अधिकारियों द्वारा सभी कर्मचारियों को किसी भी मीडिया से बात नहीं करने या सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट नहीं करने के लिए कहा गया है।

हालांकि, संपर्क करने पर कनाडाई दूतावास के अधिकारियों ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

भारत और कनाडा के बीच बिगड़ते राजनयिक संबंधों के बीच भारत सरकार ने मंगलवार को यहां स्थित एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया और उन्हें अगले पांच दिनों के भीतर देश छोड़ने के लिए कहा गया है।

भारत में कनाडा के उच्चायुक्त (कैमरून मैके) को मंगलवार को समन मिला, जिसके दौरान भारत सरकार ने वर्तमान में देश में तैनात एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने के अपने फैसले से अवगत कराया।

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि संबंधित राजनयिक को आधिकारिक तौर पर अगले पांच दिनों के भीतर भारत से प्रस्थान करने का निर्देश दिया गया है।

बयान में कहा गया, “यह निर्णय हमारे आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी पर भारत सरकार की बढ़ती चिंता को दर्शाता है।”

यह निर्णय तब लिया गया, जब कनाडा सरकार ने एक उच्च पदस्थ भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया।

यह घटनाक्रम तब शुरू हुआ, जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा सोमवार को संसद में एक आपातकालीन बयान में भारत सरकार पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्‍या में संलिप्‍त होने का आरोप लगाया।

ट्रूडो ने कहा कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियां जून में ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और भारत सरकार के एजेंटों के बीच संभावित संबंध की जांच कर रही हैं।

भारत ने कनाडा सरकार के उन दावों को खारिज कर दिया है कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में उसकी संलिप्तता थी।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ” हम कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और उनके विदेश मंत्री के संसद में दिए बयान को खारिज करते हैं। निज्जर की हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता का आरोप बेतुका और पूर्वाग्रह से प्रेरित है।”

–आईएएनएस

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एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में कनाडाई दूतावास दोपहर दो बजे के बाद बंद कर दिया गया।

सूत्र ने कहा कि दूतावास में कार्यरत स्थानीय कर्मचारियों को मौजूदा राजनयिक तनाव को देखते हुए तुरंत परिसर खाली करने के लिए कहा गया।

सूत्र ने आगे कहा कि एक ईमेल संचार में दूतावास के अधिकारियों द्वारा सभी कर्मचारियों को किसी भी मीडिया से बात नहीं करने या सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट नहीं करने के लिए कहा गया है।

हालांकि, संपर्क करने पर कनाडाई दूतावास के अधिकारियों ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

भारत और कनाडा के बीच बिगड़ते राजनयिक संबंधों के बीच भारत सरकार ने मंगलवार को यहां स्थित एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया और उन्हें अगले पांच दिनों के भीतर देश छोड़ने के लिए कहा गया है।

भारत में कनाडा के उच्चायुक्त (कैमरून मैके) को मंगलवार को समन मिला, जिसके दौरान भारत सरकार ने वर्तमान में देश में तैनात एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने के अपने फैसले से अवगत कराया।

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि संबंधित राजनयिक को आधिकारिक तौर पर अगले पांच दिनों के भीतर भारत से प्रस्थान करने का निर्देश दिया गया है।

बयान में कहा गया, “यह निर्णय हमारे आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी पर भारत सरकार की बढ़ती चिंता को दर्शाता है।”

यह निर्णय तब लिया गया, जब कनाडा सरकार ने एक उच्च पदस्थ भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया।

यह घटनाक्रम तब शुरू हुआ, जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा सोमवार को संसद में एक आपातकालीन बयान में भारत सरकार पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्‍या में संलिप्‍त होने का आरोप लगाया।

ट्रूडो ने कहा कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियां जून में ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और भारत सरकार के एजेंटों के बीच संभावित संबंध की जांच कर रही हैं।

भारत ने कनाडा सरकार के उन दावों को खारिज कर दिया है कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में उसकी संलिप्तता थी।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ” हम कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और उनके विदेश मंत्री के संसद में दिए बयान को खारिज करते हैं। निज्जर की हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता का आरोप बेतुका और पूर्वाग्रह से प्रेरित है।”

–आईएएनएस

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एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में कनाडाई दूतावास दोपहर दो बजे के बाद बंद कर दिया गया।

सूत्र ने कहा कि दूतावास में कार्यरत स्थानीय कर्मचारियों को मौजूदा राजनयिक तनाव को देखते हुए तुरंत परिसर खाली करने के लिए कहा गया।

सूत्र ने आगे कहा कि एक ईमेल संचार में दूतावास के अधिकारियों द्वारा सभी कर्मचारियों को किसी भी मीडिया से बात नहीं करने या सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट नहीं करने के लिए कहा गया है।

हालांकि, संपर्क करने पर कनाडाई दूतावास के अधिकारियों ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

भारत और कनाडा के बीच बिगड़ते राजनयिक संबंधों के बीच भारत सरकार ने मंगलवार को यहां स्थित एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया और उन्हें अगले पांच दिनों के भीतर देश छोड़ने के लिए कहा गया है।

भारत में कनाडा के उच्चायुक्त (कैमरून मैके) को मंगलवार को समन मिला, जिसके दौरान भारत सरकार ने वर्तमान में देश में तैनात एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने के अपने फैसले से अवगत कराया।

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि संबंधित राजनयिक को आधिकारिक तौर पर अगले पांच दिनों के भीतर भारत से प्रस्थान करने का निर्देश दिया गया है।

बयान में कहा गया, “यह निर्णय हमारे आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी पर भारत सरकार की बढ़ती चिंता को दर्शाता है।”

यह निर्णय तब लिया गया, जब कनाडा सरकार ने एक उच्च पदस्थ भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया।

यह घटनाक्रम तब शुरू हुआ, जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा सोमवार को संसद में एक आपातकालीन बयान में भारत सरकार पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्‍या में संलिप्‍त होने का आरोप लगाया।

ट्रूडो ने कहा कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियां जून में ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और भारत सरकार के एजेंटों के बीच संभावित संबंध की जांच कर रही हैं।

भारत ने कनाडा सरकार के उन दावों को खारिज कर दिया है कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में उसकी संलिप्तता थी।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ” हम कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और उनके विदेश मंत्री के संसद में दिए बयान को खारिज करते हैं। निज्जर की हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता का आरोप बेतुका और पूर्वाग्रह से प्रेरित है।”

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एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में कनाडाई दूतावास दोपहर दो बजे के बाद बंद कर दिया गया।

सूत्र ने कहा कि दूतावास में कार्यरत स्थानीय कर्मचारियों को मौजूदा राजनयिक तनाव को देखते हुए तुरंत परिसर खाली करने के लिए कहा गया।

सूत्र ने आगे कहा कि एक ईमेल संचार में दूतावास के अधिकारियों द्वारा सभी कर्मचारियों को किसी भी मीडिया से बात नहीं करने या सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट नहीं करने के लिए कहा गया है।

हालांकि, संपर्क करने पर कनाडाई दूतावास के अधिकारियों ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

भारत और कनाडा के बीच बिगड़ते राजनयिक संबंधों के बीच भारत सरकार ने मंगलवार को यहां स्थित एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया और उन्हें अगले पांच दिनों के भीतर देश छोड़ने के लिए कहा गया है।

भारत में कनाडा के उच्चायुक्त (कैमरून मैके) को मंगलवार को समन मिला, जिसके दौरान भारत सरकार ने वर्तमान में देश में तैनात एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने के अपने फैसले से अवगत कराया।

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि संबंधित राजनयिक को आधिकारिक तौर पर अगले पांच दिनों के भीतर भारत से प्रस्थान करने का निर्देश दिया गया है।

बयान में कहा गया, “यह निर्णय हमारे आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी पर भारत सरकार की बढ़ती चिंता को दर्शाता है।”

यह निर्णय तब लिया गया, जब कनाडा सरकार ने एक उच्च पदस्थ भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया।

यह घटनाक्रम तब शुरू हुआ, जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा सोमवार को संसद में एक आपातकालीन बयान में भारत सरकार पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्‍या में संलिप्‍त होने का आरोप लगाया।

ट्रूडो ने कहा कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियां जून में ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और भारत सरकार के एजेंटों के बीच संभावित संबंध की जांच कर रही हैं।

भारत ने कनाडा सरकार के उन दावों को खारिज कर दिया है कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में उसकी संलिप्तता थी।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ” हम कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और उनके विदेश मंत्री के संसद में दिए बयान को खारिज करते हैं। निज्जर की हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता का आरोप बेतुका और पूर्वाग्रह से प्रेरित है।”

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एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में कनाडाई दूतावास दोपहर दो बजे के बाद बंद कर दिया गया।

सूत्र ने कहा कि दूतावास में कार्यरत स्थानीय कर्मचारियों को मौजूदा राजनयिक तनाव को देखते हुए तुरंत परिसर खाली करने के लिए कहा गया।

सूत्र ने आगे कहा कि एक ईमेल संचार में दूतावास के अधिकारियों द्वारा सभी कर्मचारियों को किसी भी मीडिया से बात नहीं करने या सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट नहीं करने के लिए कहा गया है।

हालांकि, संपर्क करने पर कनाडाई दूतावास के अधिकारियों ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

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भारत में कनाडा के उच्चायुक्त (कैमरून मैके) को मंगलवार को समन मिला, जिसके दौरान भारत सरकार ने वर्तमान में देश में तैनात एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने के अपने फैसले से अवगत कराया।

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि संबंधित राजनयिक को आधिकारिक तौर पर अगले पांच दिनों के भीतर भारत से प्रस्थान करने का निर्देश दिया गया है।

बयान में कहा गया, “यह निर्णय हमारे आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी पर भारत सरकार की बढ़ती चिंता को दर्शाता है।”

यह निर्णय तब लिया गया, जब कनाडा सरकार ने एक उच्च पदस्थ भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया।

यह घटनाक्रम तब शुरू हुआ, जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा सोमवार को संसद में एक आपातकालीन बयान में भारत सरकार पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्‍या में संलिप्‍त होने का आरोप लगाया।

ट्रूडो ने कहा कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियां जून में ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और भारत सरकार के एजेंटों के बीच संभावित संबंध की जांच कर रही हैं।

भारत ने कनाडा सरकार के उन दावों को खारिज कर दिया है कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में उसकी संलिप्तता थी।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ” हम कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और उनके विदेश मंत्री के संसद में दिए बयान को खारिज करते हैं। निज्जर की हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता का आरोप बेतुका और पूर्वाग्रह से प्रेरित है।”

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एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में कनाडाई दूतावास दोपहर दो बजे के बाद बंद कर दिया गया।

सूत्र ने कहा कि दूतावास में कार्यरत स्थानीय कर्मचारियों को मौजूदा राजनयिक तनाव को देखते हुए तुरंत परिसर खाली करने के लिए कहा गया।

सूत्र ने आगे कहा कि एक ईमेल संचार में दूतावास के अधिकारियों द्वारा सभी कर्मचारियों को किसी भी मीडिया से बात नहीं करने या सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट नहीं करने के लिए कहा गया है।

हालांकि, संपर्क करने पर कनाडाई दूतावास के अधिकारियों ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

भारत और कनाडा के बीच बिगड़ते राजनयिक संबंधों के बीच भारत सरकार ने मंगलवार को यहां स्थित एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया और उन्हें अगले पांच दिनों के भीतर देश छोड़ने के लिए कहा गया है।

भारत में कनाडा के उच्चायुक्त (कैमरून मैके) को मंगलवार को समन मिला, जिसके दौरान भारत सरकार ने वर्तमान में देश में तैनात एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने के अपने फैसले से अवगत कराया।

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि संबंधित राजनयिक को आधिकारिक तौर पर अगले पांच दिनों के भीतर भारत से प्रस्थान करने का निर्देश दिया गया है।

बयान में कहा गया, “यह निर्णय हमारे आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी पर भारत सरकार की बढ़ती चिंता को दर्शाता है।”

यह निर्णय तब लिया गया, जब कनाडा सरकार ने एक उच्च पदस्थ भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया।

यह घटनाक्रम तब शुरू हुआ, जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा सोमवार को संसद में एक आपातकालीन बयान में भारत सरकार पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्‍या में संलिप्‍त होने का आरोप लगाया।

ट्रूडो ने कहा कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियां जून में ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और भारत सरकार के एजेंटों के बीच संभावित संबंध की जांच कर रही हैं।

भारत ने कनाडा सरकार के उन दावों को खारिज कर दिया है कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में उसकी संलिप्तता थी।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ” हम कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और उनके विदेश मंत्री के संसद में दिए बयान को खारिज करते हैं। निज्जर की हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता का आरोप बेतुका और पूर्वाग्रह से प्रेरित है।”

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