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Home ताज़ा समाचार

दिल्ली हाईकोर्ट ने कर्मचारियों को वेतन न देने पर वक्फ बोर्ड के सीईओ को तलब किया

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June 17, 2023
in ताज़ा समाचार
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दिल्ली हाईकोर्ट ने कर्मचारियों को वेतन न देने पर वक्फ बोर्ड के सीईओ को तलब किया
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नई दिल्ली, 17 जून (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ को अदालत में पेश होने और लंबित बकाये का भुगतान करने संबंधी एक अदालत के आदेश के बावजूद कई महीनों तक बोर्ड के कर्मचारियों को वेतन नहीं दिए जाने के कारण बताने का आदेश दिया है।

याचिकाकर्ता एसोसिएशन और एक व्यक्तिगत कर्मचारी ने अक्टूबर 2022 से वेतन का भुगतान न करने का दावा करते हुए इस साल की शुरुआत में अदालत का दरवाजा खटखटाया था। न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कर्मचारियों को लगभग नौ महीने से वेतन नहीं मिला है, जो एक चिंताजनक स्थिति को दर्शाता है।

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न्यायाधीश ने कर्मचारियों की दुर्दशा के प्रति असंवेदनशील होने के लिए अधिकारियों की आलोचना की, क्योंकि कर्मचारी अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे थे।

अदालत ने अदालत के आदेशों के प्रति सम्मान की कमी और अपर्याप्त फंड के बहाने वेतन का भुगतान कब किया जाएगा, इस बारे में निश्चितता की कमी देखी।

अदालत ने तब सीईओ को अगली सुनवाई में उपस्थित होने, अदालती आदेशों के कथित गैर-अनुपालन और कर्मचारियों को वेतन व भत्ते का भुगतान करने के लिए बोर्ड के वैधानिक दायित्व को पूरा करने में विफलता को स्पष्ट करने का निर्देश दिया।

अदालत ने कहा कि प्रतिवादियों ने उसके आदेशों के प्रति बहुत कम सम्मान दिखाया, क्योंकि पिछली सुनवाई के दौरान दो सप्ताह के भीतर बकाया राशि के भुगतान के संबंध में दिया गया आश्वासन पूरा नहीं किया गया था।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

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नई दिल्ली, 17 जून (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ को अदालत में पेश होने और लंबित बकाये का भुगतान करने संबंधी एक अदालत के आदेश के बावजूद कई महीनों तक बोर्ड के कर्मचारियों को वेतन नहीं दिए जाने के कारण बताने का आदेश दिया है।

याचिकाकर्ता एसोसिएशन और एक व्यक्तिगत कर्मचारी ने अक्टूबर 2022 से वेतन का भुगतान न करने का दावा करते हुए इस साल की शुरुआत में अदालत का दरवाजा खटखटाया था। न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कर्मचारियों को लगभग नौ महीने से वेतन नहीं मिला है, जो एक चिंताजनक स्थिति को दर्शाता है।

न्यायाधीश ने कर्मचारियों की दुर्दशा के प्रति असंवेदनशील होने के लिए अधिकारियों की आलोचना की, क्योंकि कर्मचारी अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे थे।

अदालत ने अदालत के आदेशों के प्रति सम्मान की कमी और अपर्याप्त फंड के बहाने वेतन का भुगतान कब किया जाएगा, इस बारे में निश्चितता की कमी देखी।

अदालत ने तब सीईओ को अगली सुनवाई में उपस्थित होने, अदालती आदेशों के कथित गैर-अनुपालन और कर्मचारियों को वेतन व भत्ते का भुगतान करने के लिए बोर्ड के वैधानिक दायित्व को पूरा करने में विफलता को स्पष्ट करने का निर्देश दिया।

अदालत ने कहा कि प्रतिवादियों ने उसके आदेशों के प्रति बहुत कम सम्मान दिखाया, क्योंकि पिछली सुनवाई के दौरान दो सप्ताह के भीतर बकाया राशि के भुगतान के संबंध में दिया गया आश्वासन पूरा नहीं किया गया था।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

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नई दिल्ली, 17 जून (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ को अदालत में पेश होने और लंबित बकाये का भुगतान करने संबंधी एक अदालत के आदेश के बावजूद कई महीनों तक बोर्ड के कर्मचारियों को वेतन नहीं दिए जाने के कारण बताने का आदेश दिया है।

याचिकाकर्ता एसोसिएशन और एक व्यक्तिगत कर्मचारी ने अक्टूबर 2022 से वेतन का भुगतान न करने का दावा करते हुए इस साल की शुरुआत में अदालत का दरवाजा खटखटाया था। न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कर्मचारियों को लगभग नौ महीने से वेतन नहीं मिला है, जो एक चिंताजनक स्थिति को दर्शाता है।

न्यायाधीश ने कर्मचारियों की दुर्दशा के प्रति असंवेदनशील होने के लिए अधिकारियों की आलोचना की, क्योंकि कर्मचारी अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे थे।

अदालत ने अदालत के आदेशों के प्रति सम्मान की कमी और अपर्याप्त फंड के बहाने वेतन का भुगतान कब किया जाएगा, इस बारे में निश्चितता की कमी देखी।

अदालत ने तब सीईओ को अगली सुनवाई में उपस्थित होने, अदालती आदेशों के कथित गैर-अनुपालन और कर्मचारियों को वेतन व भत्ते का भुगतान करने के लिए बोर्ड के वैधानिक दायित्व को पूरा करने में विफलता को स्पष्ट करने का निर्देश दिया।

अदालत ने कहा कि प्रतिवादियों ने उसके आदेशों के प्रति बहुत कम सम्मान दिखाया, क्योंकि पिछली सुनवाई के दौरान दो सप्ताह के भीतर बकाया राशि के भुगतान के संबंध में दिया गया आश्वासन पूरा नहीं किया गया था।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

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नई दिल्ली, 17 जून (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ को अदालत में पेश होने और लंबित बकाये का भुगतान करने संबंधी एक अदालत के आदेश के बावजूद कई महीनों तक बोर्ड के कर्मचारियों को वेतन नहीं दिए जाने के कारण बताने का आदेश दिया है।

याचिकाकर्ता एसोसिएशन और एक व्यक्तिगत कर्मचारी ने अक्टूबर 2022 से वेतन का भुगतान न करने का दावा करते हुए इस साल की शुरुआत में अदालत का दरवाजा खटखटाया था। न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कर्मचारियों को लगभग नौ महीने से वेतन नहीं मिला है, जो एक चिंताजनक स्थिति को दर्शाता है।

न्यायाधीश ने कर्मचारियों की दुर्दशा के प्रति असंवेदनशील होने के लिए अधिकारियों की आलोचना की, क्योंकि कर्मचारी अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे थे।

अदालत ने अदालत के आदेशों के प्रति सम्मान की कमी और अपर्याप्त फंड के बहाने वेतन का भुगतान कब किया जाएगा, इस बारे में निश्चितता की कमी देखी।

अदालत ने तब सीईओ को अगली सुनवाई में उपस्थित होने, अदालती आदेशों के कथित गैर-अनुपालन और कर्मचारियों को वेतन व भत्ते का भुगतान करने के लिए बोर्ड के वैधानिक दायित्व को पूरा करने में विफलता को स्पष्ट करने का निर्देश दिया।

अदालत ने कहा कि प्रतिवादियों ने उसके आदेशों के प्रति बहुत कम सम्मान दिखाया, क्योंकि पिछली सुनवाई के दौरान दो सप्ताह के भीतर बकाया राशि के भुगतान के संबंध में दिया गया आश्वासन पूरा नहीं किया गया था।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 17 जून (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ को अदालत में पेश होने और लंबित बकाये का भुगतान करने संबंधी एक अदालत के आदेश के बावजूद कई महीनों तक बोर्ड के कर्मचारियों को वेतन नहीं दिए जाने के कारण बताने का आदेश दिया है।

याचिकाकर्ता एसोसिएशन और एक व्यक्तिगत कर्मचारी ने अक्टूबर 2022 से वेतन का भुगतान न करने का दावा करते हुए इस साल की शुरुआत में अदालत का दरवाजा खटखटाया था। न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कर्मचारियों को लगभग नौ महीने से वेतन नहीं मिला है, जो एक चिंताजनक स्थिति को दर्शाता है।

न्यायाधीश ने कर्मचारियों की दुर्दशा के प्रति असंवेदनशील होने के लिए अधिकारियों की आलोचना की, क्योंकि कर्मचारी अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे थे।

अदालत ने अदालत के आदेशों के प्रति सम्मान की कमी और अपर्याप्त फंड के बहाने वेतन का भुगतान कब किया जाएगा, इस बारे में निश्चितता की कमी देखी।

अदालत ने तब सीईओ को अगली सुनवाई में उपस्थित होने, अदालती आदेशों के कथित गैर-अनुपालन और कर्मचारियों को वेतन व भत्ते का भुगतान करने के लिए बोर्ड के वैधानिक दायित्व को पूरा करने में विफलता को स्पष्ट करने का निर्देश दिया।

अदालत ने कहा कि प्रतिवादियों ने उसके आदेशों के प्रति बहुत कम सम्मान दिखाया, क्योंकि पिछली सुनवाई के दौरान दो सप्ताह के भीतर बकाया राशि के भुगतान के संबंध में दिया गया आश्वासन पूरा नहीं किया गया था।

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याचिकाकर्ता एसोसिएशन और एक व्यक्तिगत कर्मचारी ने अक्टूबर 2022 से वेतन का भुगतान न करने का दावा करते हुए इस साल की शुरुआत में अदालत का दरवाजा खटखटाया था। न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कर्मचारियों को लगभग नौ महीने से वेतन नहीं मिला है, जो एक चिंताजनक स्थिति को दर्शाता है।

न्यायाधीश ने कर्मचारियों की दुर्दशा के प्रति असंवेदनशील होने के लिए अधिकारियों की आलोचना की, क्योंकि कर्मचारी अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे थे।

अदालत ने अदालत के आदेशों के प्रति सम्मान की कमी और अपर्याप्त फंड के बहाने वेतन का भुगतान कब किया जाएगा, इस बारे में निश्चितता की कमी देखी।

अदालत ने तब सीईओ को अगली सुनवाई में उपस्थित होने, अदालती आदेशों के कथित गैर-अनुपालन और कर्मचारियों को वेतन व भत्ते का भुगतान करने के लिए बोर्ड के वैधानिक दायित्व को पूरा करने में विफलता को स्पष्ट करने का निर्देश दिया।

अदालत ने कहा कि प्रतिवादियों ने उसके आदेशों के प्रति बहुत कम सम्मान दिखाया, क्योंकि पिछली सुनवाई के दौरान दो सप्ताह के भीतर बकाया राशि के भुगतान के संबंध में दिया गया आश्वासन पूरा नहीं किया गया था।

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याचिकाकर्ता एसोसिएशन और एक व्यक्तिगत कर्मचारी ने अक्टूबर 2022 से वेतन का भुगतान न करने का दावा करते हुए इस साल की शुरुआत में अदालत का दरवाजा खटखटाया था। न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कर्मचारियों को लगभग नौ महीने से वेतन नहीं मिला है, जो एक चिंताजनक स्थिति को दर्शाता है।

न्यायाधीश ने कर्मचारियों की दुर्दशा के प्रति असंवेदनशील होने के लिए अधिकारियों की आलोचना की, क्योंकि कर्मचारी अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे थे।

अदालत ने अदालत के आदेशों के प्रति सम्मान की कमी और अपर्याप्त फंड के बहाने वेतन का भुगतान कब किया जाएगा, इस बारे में निश्चितता की कमी देखी।

अदालत ने तब सीईओ को अगली सुनवाई में उपस्थित होने, अदालती आदेशों के कथित गैर-अनुपालन और कर्मचारियों को वेतन व भत्ते का भुगतान करने के लिए बोर्ड के वैधानिक दायित्व को पूरा करने में विफलता को स्पष्ट करने का निर्देश दिया।

अदालत ने कहा कि प्रतिवादियों ने उसके आदेशों के प्रति बहुत कम सम्मान दिखाया, क्योंकि पिछली सुनवाई के दौरान दो सप्ताह के भीतर बकाया राशि के भुगतान के संबंध में दिया गया आश्वासन पूरा नहीं किया गया था।

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याचिकाकर्ता एसोसिएशन और एक व्यक्तिगत कर्मचारी ने अक्टूबर 2022 से वेतन का भुगतान न करने का दावा करते हुए इस साल की शुरुआत में अदालत का दरवाजा खटखटाया था। न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कर्मचारियों को लगभग नौ महीने से वेतन नहीं मिला है, जो एक चिंताजनक स्थिति को दर्शाता है।

न्यायाधीश ने कर्मचारियों की दुर्दशा के प्रति असंवेदनशील होने के लिए अधिकारियों की आलोचना की, क्योंकि कर्मचारी अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे थे।

अदालत ने अदालत के आदेशों के प्रति सम्मान की कमी और अपर्याप्त फंड के बहाने वेतन का भुगतान कब किया जाएगा, इस बारे में निश्चितता की कमी देखी।

अदालत ने तब सीईओ को अगली सुनवाई में उपस्थित होने, अदालती आदेशों के कथित गैर-अनुपालन और कर्मचारियों को वेतन व भत्ते का भुगतान करने के लिए बोर्ड के वैधानिक दायित्व को पूरा करने में विफलता को स्पष्ट करने का निर्देश दिया।

अदालत ने कहा कि प्रतिवादियों ने उसके आदेशों के प्रति बहुत कम सम्मान दिखाया, क्योंकि पिछली सुनवाई के दौरान दो सप्ताह के भीतर बकाया राशि के भुगतान के संबंध में दिया गया आश्वासन पूरा नहीं किया गया था।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 17 जून (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ को अदालत में पेश होने और लंबित बकाये का भुगतान करने संबंधी एक अदालत के आदेश के बावजूद कई महीनों तक बोर्ड के कर्मचारियों को वेतन नहीं दिए जाने के कारण बताने का आदेश दिया है।

याचिकाकर्ता एसोसिएशन और एक व्यक्तिगत कर्मचारी ने अक्टूबर 2022 से वेतन का भुगतान न करने का दावा करते हुए इस साल की शुरुआत में अदालत का दरवाजा खटखटाया था। न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कर्मचारियों को लगभग नौ महीने से वेतन नहीं मिला है, जो एक चिंताजनक स्थिति को दर्शाता है।

न्यायाधीश ने कर्मचारियों की दुर्दशा के प्रति असंवेदनशील होने के लिए अधिकारियों की आलोचना की, क्योंकि कर्मचारी अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे थे।

अदालत ने अदालत के आदेशों के प्रति सम्मान की कमी और अपर्याप्त फंड के बहाने वेतन का भुगतान कब किया जाएगा, इस बारे में निश्चितता की कमी देखी।

अदालत ने तब सीईओ को अगली सुनवाई में उपस्थित होने, अदालती आदेशों के कथित गैर-अनुपालन और कर्मचारियों को वेतन व भत्ते का भुगतान करने के लिए बोर्ड के वैधानिक दायित्व को पूरा करने में विफलता को स्पष्ट करने का निर्देश दिया।

अदालत ने कहा कि प्रतिवादियों ने उसके आदेशों के प्रति बहुत कम सम्मान दिखाया, क्योंकि पिछली सुनवाई के दौरान दो सप्ताह के भीतर बकाया राशि के भुगतान के संबंध में दिया गया आश्वासन पूरा नहीं किया गया था।

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याचिकाकर्ता एसोसिएशन और एक व्यक्तिगत कर्मचारी ने अक्टूबर 2022 से वेतन का भुगतान न करने का दावा करते हुए इस साल की शुरुआत में अदालत का दरवाजा खटखटाया था। न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कर्मचारियों को लगभग नौ महीने से वेतन नहीं मिला है, जो एक चिंताजनक स्थिति को दर्शाता है।

न्यायाधीश ने कर्मचारियों की दुर्दशा के प्रति असंवेदनशील होने के लिए अधिकारियों की आलोचना की, क्योंकि कर्मचारी अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे थे।

अदालत ने अदालत के आदेशों के प्रति सम्मान की कमी और अपर्याप्त फंड के बहाने वेतन का भुगतान कब किया जाएगा, इस बारे में निश्चितता की कमी देखी।

अदालत ने तब सीईओ को अगली सुनवाई में उपस्थित होने, अदालती आदेशों के कथित गैर-अनुपालन और कर्मचारियों को वेतन व भत्ते का भुगतान करने के लिए बोर्ड के वैधानिक दायित्व को पूरा करने में विफलता को स्पष्ट करने का निर्देश दिया।

अदालत ने कहा कि प्रतिवादियों ने उसके आदेशों के प्रति बहुत कम सम्मान दिखाया, क्योंकि पिछली सुनवाई के दौरान दो सप्ताह के भीतर बकाया राशि के भुगतान के संबंध में दिया गया आश्वासन पूरा नहीं किया गया था।

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याचिकाकर्ता एसोसिएशन और एक व्यक्तिगत कर्मचारी ने अक्टूबर 2022 से वेतन का भुगतान न करने का दावा करते हुए इस साल की शुरुआत में अदालत का दरवाजा खटखटाया था। न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कर्मचारियों को लगभग नौ महीने से वेतन नहीं मिला है, जो एक चिंताजनक स्थिति को दर्शाता है।

न्यायाधीश ने कर्मचारियों की दुर्दशा के प्रति असंवेदनशील होने के लिए अधिकारियों की आलोचना की, क्योंकि कर्मचारी अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे थे।

अदालत ने अदालत के आदेशों के प्रति सम्मान की कमी और अपर्याप्त फंड के बहाने वेतन का भुगतान कब किया जाएगा, इस बारे में निश्चितता की कमी देखी।

अदालत ने तब सीईओ को अगली सुनवाई में उपस्थित होने, अदालती आदेशों के कथित गैर-अनुपालन और कर्मचारियों को वेतन व भत्ते का भुगतान करने के लिए बोर्ड के वैधानिक दायित्व को पूरा करने में विफलता को स्पष्ट करने का निर्देश दिया।

अदालत ने कहा कि प्रतिवादियों ने उसके आदेशों के प्रति बहुत कम सम्मान दिखाया, क्योंकि पिछली सुनवाई के दौरान दो सप्ताह के भीतर बकाया राशि के भुगतान के संबंध में दिया गया आश्वासन पूरा नहीं किया गया था।

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याचिकाकर्ता एसोसिएशन और एक व्यक्तिगत कर्मचारी ने अक्टूबर 2022 से वेतन का भुगतान न करने का दावा करते हुए इस साल की शुरुआत में अदालत का दरवाजा खटखटाया था। न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कर्मचारियों को लगभग नौ महीने से वेतन नहीं मिला है, जो एक चिंताजनक स्थिति को दर्शाता है।

न्यायाधीश ने कर्मचारियों की दुर्दशा के प्रति असंवेदनशील होने के लिए अधिकारियों की आलोचना की, क्योंकि कर्मचारी अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे थे।

अदालत ने अदालत के आदेशों के प्रति सम्मान की कमी और अपर्याप्त फंड के बहाने वेतन का भुगतान कब किया जाएगा, इस बारे में निश्चितता की कमी देखी।

अदालत ने तब सीईओ को अगली सुनवाई में उपस्थित होने, अदालती आदेशों के कथित गैर-अनुपालन और कर्मचारियों को वेतन व भत्ते का भुगतान करने के लिए बोर्ड के वैधानिक दायित्व को पूरा करने में विफलता को स्पष्ट करने का निर्देश दिया।

अदालत ने कहा कि प्रतिवादियों ने उसके आदेशों के प्रति बहुत कम सम्मान दिखाया, क्योंकि पिछली सुनवाई के दौरान दो सप्ताह के भीतर बकाया राशि के भुगतान के संबंध में दिया गया आश्वासन पूरा नहीं किया गया था।

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याचिकाकर्ता एसोसिएशन और एक व्यक्तिगत कर्मचारी ने अक्टूबर 2022 से वेतन का भुगतान न करने का दावा करते हुए इस साल की शुरुआत में अदालत का दरवाजा खटखटाया था। न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कर्मचारियों को लगभग नौ महीने से वेतन नहीं मिला है, जो एक चिंताजनक स्थिति को दर्शाता है।

न्यायाधीश ने कर्मचारियों की दुर्दशा के प्रति असंवेदनशील होने के लिए अधिकारियों की आलोचना की, क्योंकि कर्मचारी अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे थे।

अदालत ने अदालत के आदेशों के प्रति सम्मान की कमी और अपर्याप्त फंड के बहाने वेतन का भुगतान कब किया जाएगा, इस बारे में निश्चितता की कमी देखी।

अदालत ने तब सीईओ को अगली सुनवाई में उपस्थित होने, अदालती आदेशों के कथित गैर-अनुपालन और कर्मचारियों को वेतन व भत्ते का भुगतान करने के लिए बोर्ड के वैधानिक दायित्व को पूरा करने में विफलता को स्पष्ट करने का निर्देश दिया।

अदालत ने कहा कि प्रतिवादियों ने उसके आदेशों के प्रति बहुत कम सम्मान दिखाया, क्योंकि पिछली सुनवाई के दौरान दो सप्ताह के भीतर बकाया राशि के भुगतान के संबंध में दिया गया आश्वासन पूरा नहीं किया गया था।

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याचिकाकर्ता एसोसिएशन और एक व्यक्तिगत कर्मचारी ने अक्टूबर 2022 से वेतन का भुगतान न करने का दावा करते हुए इस साल की शुरुआत में अदालत का दरवाजा खटखटाया था। न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कर्मचारियों को लगभग नौ महीने से वेतन नहीं मिला है, जो एक चिंताजनक स्थिति को दर्शाता है।

न्यायाधीश ने कर्मचारियों की दुर्दशा के प्रति असंवेदनशील होने के लिए अधिकारियों की आलोचना की, क्योंकि कर्मचारी अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे थे।

अदालत ने अदालत के आदेशों के प्रति सम्मान की कमी और अपर्याप्त फंड के बहाने वेतन का भुगतान कब किया जाएगा, इस बारे में निश्चितता की कमी देखी।

अदालत ने तब सीईओ को अगली सुनवाई में उपस्थित होने, अदालती आदेशों के कथित गैर-अनुपालन और कर्मचारियों को वेतन व भत्ते का भुगतान करने के लिए बोर्ड के वैधानिक दायित्व को पूरा करने में विफलता को स्पष्ट करने का निर्देश दिया।

अदालत ने कहा कि प्रतिवादियों ने उसके आदेशों के प्रति बहुत कम सम्मान दिखाया, क्योंकि पिछली सुनवाई के दौरान दो सप्ताह के भीतर बकाया राशि के भुगतान के संबंध में दिया गया आश्वासन पूरा नहीं किया गया था।

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न्यायाधीश ने कर्मचारियों की दुर्दशा के प्रति असंवेदनशील होने के लिए अधिकारियों की आलोचना की, क्योंकि कर्मचारी अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे थे।

अदालत ने अदालत के आदेशों के प्रति सम्मान की कमी और अपर्याप्त फंड के बहाने वेतन का भुगतान कब किया जाएगा, इस बारे में निश्चितता की कमी देखी।

अदालत ने तब सीईओ को अगली सुनवाई में उपस्थित होने, अदालती आदेशों के कथित गैर-अनुपालन और कर्मचारियों को वेतन व भत्ते का भुगतान करने के लिए बोर्ड के वैधानिक दायित्व को पूरा करने में विफलता को स्पष्ट करने का निर्देश दिया।

अदालत ने कहा कि प्रतिवादियों ने उसके आदेशों के प्रति बहुत कम सम्मान दिखाया, क्योंकि पिछली सुनवाई के दौरान दो सप्ताह के भीतर बकाया राशि के भुगतान के संबंध में दिया गया आश्वासन पूरा नहीं किया गया था।

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नई दिल्ली, 17 जून (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ को अदालत में पेश होने और लंबित बकाये का भुगतान करने संबंधी एक अदालत के आदेश के बावजूद कई महीनों तक बोर्ड के कर्मचारियों को वेतन नहीं दिए जाने के कारण बताने का आदेश दिया है।

याचिकाकर्ता एसोसिएशन और एक व्यक्तिगत कर्मचारी ने अक्टूबर 2022 से वेतन का भुगतान न करने का दावा करते हुए इस साल की शुरुआत में अदालत का दरवाजा खटखटाया था। न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कर्मचारियों को लगभग नौ महीने से वेतन नहीं मिला है, जो एक चिंताजनक स्थिति को दर्शाता है।

न्यायाधीश ने कर्मचारियों की दुर्दशा के प्रति असंवेदनशील होने के लिए अधिकारियों की आलोचना की, क्योंकि कर्मचारी अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे थे।

अदालत ने अदालत के आदेशों के प्रति सम्मान की कमी और अपर्याप्त फंड के बहाने वेतन का भुगतान कब किया जाएगा, इस बारे में निश्चितता की कमी देखी।

अदालत ने तब सीईओ को अगली सुनवाई में उपस्थित होने, अदालती आदेशों के कथित गैर-अनुपालन और कर्मचारियों को वेतन व भत्ते का भुगतान करने के लिए बोर्ड के वैधानिक दायित्व को पूरा करने में विफलता को स्पष्ट करने का निर्देश दिया।

अदालत ने कहा कि प्रतिवादियों ने उसके आदेशों के प्रति बहुत कम सम्मान दिखाया, क्योंकि पिछली सुनवाई के दौरान दो सप्ताह के भीतर बकाया राशि के भुगतान के संबंध में दिया गया आश्वासन पूरा नहीं किया गया था।

–आईएएनएस

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