नई दिल्ली, 25 अप्रैल (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की प्रवेश नीति को बरकरार रखा है, जिसमें विदेशी भाषाओं में तीन वर्षीय बीए (ऑनर्स) प्रोग्राम के पहले वर्ष में उन छात्रों के लिए 80 प्रतिशत कोटा आवंटित किया गया है, जिन्होंने हाल ही में कक्षा 12 की परीक्षा पूरी की है।
न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर ने कहा कि इस निर्णय का उद्देश्य करंट नॉलेज से लैस नई प्रतिभाओं को बढ़ावा देना है, साथ ही पुराने छात्रों के लिए 20 प्रतिशत सीटें आरक्षित कर उन्हें भी अवसर प्रदान करना है।
यह फैसला वैभव नाम के एक छात्र की याचिका के जवाब में आया, जिसने 2023-2024 शैक्षणिक सत्र के लिए जेएनयू की प्रवेश नीति के खंड 12 की वैधता को चुनौती दी थी।
2021 में 12वीं कक्षा पूरी करने वाले वैभव ने तर्क दिया कि उसे कोड 2 स्थिति के कारण चाइनीज पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने से गलत तरीके से रोका गया। ये कोड उन छात्रों के लिए है जिन्होंने प्रवेश के वर्ष या उससे पहले वर्ष में 12वीं कक्षा पूरी नहीं की थी।
न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि जेएनयू की नीति ने किसी भी वैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन नहीं किया है। हाल के और पुराने स्नातकों के बीच किया गया अंतर एक समझदारी योग्य अंतर है। अदालत ने कहा कि नीति गलत नहीं है।
–आईएएनएस
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