नई दिल्ली, 15 मार्च (आईएएनएस)। कभी सोचा है कि अगर दो या चार आंख वाला बटन नहीं होता तो क्या होता? क्या इस नन्हे से प्रोडक्ट की इतनी औकात है कि एक पूरा सप्ताह इसके नाम कर दिया जाए? जवाब बहुत सादा और साधारण है- हां। अमेरिका ने इस छोटी सी गैर-जरूरी चीज को बड़ा मान दिया है। वहां विभिन्न शहरों में 10 मार्च से 17 मार्च के बीच नेशनल बटन वीक मनाया जाता है।
बटन कई भूमिकाएं निभाते हैं, कपड़ों को कसने से लेकर स्टाइल बढ़ाने तक में इनका कोई सानी नहीं। यहां राष्ट्रीय बटन सप्ताह के दौरान, इस अनदेखी एक्सेसरी को वह पहचान मिलती है जिसकी वह हकदार है, जो लोगों को बटन को न केवल एक आम सामान के रूप में बल्कि स्टाइल और रचनात्मकता के प्रतीक के रूप में देखने के लिए प्रेरित करती है।
अपने कार्यात्मक उद्देश्य से परे, बटन रचनात्मकता को बढ़ावा देते हैं। यह विशेष सप्ताह सभी को बटन के उपयोग करने के नए तरीकों के बारे में सोचने के लिए प्रोत्साहित करता है, चाहे वह कला, शिल्प या घरेलू काम ही क्यों न हो।
बटन के शौकीन और शिल्पकार समान रूप से संभावनाओं का पता लगाते हैं – आभूषण बनाना, सजावट डिजाइन करना, या बटन के साथ कलाकृति बनाना। सवाल उठता है कि आखिर राष्ट्रीय बटन सप्ताह ने आकार कैसे और कब लिया?
नेशनल बटन वीक की शुरुआत 1989 में ‘नेशनल बटन सोसाइटी’ (1938 में गठित) के प्रयासों से हुई थी। बटनों को इकट्ठा करने और संरक्षित करने के लिए जुनूनी यह संगठन इन छोटी, अक्सर अनदेखी की जाने वाली वस्तुओं का जश्न मनाने के लिए एक विशेष समय समर्पित करना चाहता था।
उनका उद्देश्य बटनों पर न केवल फास्टनर के रूप में बल्कि अद्वितीय डिजाइन और कहानियों के साथ कलाकृतियों और ऐतिहासिक स्मृति चिन्हों के रूप में ध्यान आकर्षित करना था। शुरुआती दिनों में, नेशनल बटन वीक ने विभिन्न स्थानों से ‘बटन के फैंस’ को एकजुट करने का प्रयास किया।
इस सप्ताह ने जल्दी ही लोकप्रियता हासिल कर ली, लोगों को सभी प्रकार के बटन साझा करने, व्यापार करने और इकट्ठा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। उत्सव के माध्यम से, बटन संग्रहकर्ता जुड़े और दुर्लभ या असामान्य खोजों की कहानियाँ साझा कीं।
सोसाइटी प्रदर्शनियों और आयोजनों के माध्यम से बटनों के इतिहास और सुंदरता को संरक्षित करने की वकालत करती आई है। वो इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि कैसे इन छोटी चीजों ने सदियों से फैशन और संस्कृति की खूबसूरती में चार चांद लगाए हैं।
–आईएएनएस
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