नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। संसद को सोमवार को यह जानकारी दी गई कि भारत में जनवरी-मई अवधि में विदेशी पर्यटकों के आने (एफटीए) में 9.1 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो पिछले साल जनवरी-मई में 37.32 लाख की तुलना में 40.72 लाख थी। यह दर्शाता है कि देश में पर्यटन क्षेत्र का समग्र आर्थिक विकास हो रहा है और इस क्षेत्र पर इस विकास का सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
लोकसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि इस अवधि के दौरान विदेशी मुद्रा आय (एफईई) 1,08,362 करोड़ रुपये रही, जो जनवरी-मई 2023 में 88,441 करोड़ रुपये थी। यह (साल-दर-साल) 22.52 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
मई महीने में विदेशी मुद्रा आय 17,762 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल मई में 17,206 करोड़ रुपये थी, यानी इसमें 3.23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
इसी तरह, मई 2023 में 5.98 लाख की तुलना में मई 2024 में 6 लाख विदेशी पर्यटक आए, यानी इसमें भी 0.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
मंत्री ने कहा, “यह आंकड़ा विदेशी पर्यटकों के आने में आई तेजी और विदेशी मुद्रा आय में लगातार वृद्धि को दर्शाता है, जो एक मजबूत और बढ़ते पर्यटन उद्योग की तरफ इशारा कर रहा है।”
वहीं, सरकार महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और धार्मिक स्थलों के विकास पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है।
केंद्रीय बजट में भारत में पर्यटन के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व पर भी जोर दिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार में विष्णुपद मंदिर कॉरिडोर और महाबोधि मंदिर कॉरिडोर के “व्यापक विकास” की घोषणा की।
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए, सरकार ने पर्यटन मंत्रालय के लिए लगभग 2,478 करोड़ रुपये के बजट निर्धारित किए हैं – जो कि पिछले वर्ष वित्त वर्ष 2024 में आवंटित 2,400 करोड़ रुपये के लगभग समान है। जबकि, पिछले वर्ष इस क्षेत्र में बजट राशि में से 1,692 करोड़ रुपये ही खर्च हुआ था।
इस बीच, फिक्की-नांगिया नॉलेज पेपर के अनुसार, “देश में आउटबाउंड पर्यटन बाजार 2034 तक 55.3 बिलियन डॉलर से अधिक होने का अनुमान है, जो 2024 में 18.8 बिलियन डॉलर से अधिक था।”
भारत का ऑनलाइन ट्रैवल बाजार 2024-29 के बीच 10.5 प्रतिशत की सीएजीआर पर 17.24 बिलियन डॉलर से बढ़कर 28.40 बिलियन डॉलर होने की उम्मीद है।
–आईएएनएस
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