जबलपुर. दो साल से मोटरेबल पुल नहीं होने के कारण क्षेत्र को लोगों को परेशानी का सामना करना पड रहा है. लोगों को मजबूर 40 किलोमीटर लंबा बाईपास लेकर जाना पडता है. इतना ही नहीं मोटरेबल पुल नहीं होने के कारण क्षेत्र आर्थिक, शिक्षा सहित अन्य क्षेत्र में पिछड़ रहा है. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस सुरेश कुमार कैत तथा जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
कटनी जिले के कैमोर निवासी अधिवक्ता ब्रम्हमूर्ति तिवारी की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि कटनी व बहरी के बीच स्थित छोटी महानदी का पुल जर्जर हो गया था. जिसके कारण जिला कलेक्टर ने साल 2022 में पुल से यातायात प्रतिबंधित कर दिया था. मोटरेवल पुल नहीं होने के कारण लोगों को जिला मुख्यालय जाने के लिए 40 किलोमीटर लंबा बाईपास लेना पड़ता है. जिसके कारण उनके समय का नुकसान होता है और आर्थिक बोझ भी बढ़ता है.
याचिका में कहा गया था कि मोटरेवल पुल नहीं होने के कारण व्यापारिक,आर्थिक तथा शिक्षा भी प्रभावित हो रही है. विधानसभा में भी इस संबंध में प्रश्न उठाया जा चुका है. याचिका के साथ एक फोटो भी प्रस्तुत की गयी थी. जिसमें मोटरेबल पुल नहीं होने के कारण लाश को व्यक्ति कंधे में उठाकर हुए है.
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याचिका में प्रदेश सरकार सहित जल संसाधन विभाग के अधिकारियों तथा जिला कलेक्टर को अनावेदक बनाया गया था. युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई 10 दिसंबर को निर्धारित की गयी है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता हिमांशु मिश्रा ने पैरवी की.