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नागालैंड चुनाव : छिटफुट हिंसा के बीच 83 फीसदी से अधिक मतदान दर्ज (राउंडअप)

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February 27, 2023
in Uncategorized, ताज़ा समाचार
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नागालैंड चुनाव : छिटफुट हिंसा के बीच 83 फीसदी से अधिक मतदान दर्ज (राउंडअप)
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कोहिमा, 27 फरवरी (आईएएनएस)। नागालैंड के 13.16 लाख मतदाताओं में से 83.36 प्रतिशत से अधिक ने सोमवार को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच विधानसभा चुनाव में मतदान किया।

अधिकारियों ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनावों में मतदान प्रतिशत 83.85 था और सभी रिटर्निग अधिकारियों की रिपोर्ट आने के बाद 2023 में मतदान प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।

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चुनाव अधिकारियों के अनुसार, पांच जिलों – मोकोकचुंग, वोखा, मोन, जुन्हेबोटो और त्सेमिन्यु में हिंसा की कुछ घटनाओं को छोड़कर पूरे पूर्वोत्तर राज्य में मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा।

वोखा जिले के भंडारी विधानसभा क्षेत्र के अकुक गांव में एक प्रत्याशी के समर्थकों ने विरोधी दल के कार्यकर्ताओं पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया, जिसमें तीन लोग घायल हो गए। वोखा और मोन जिलों में भूमिगत उग्रवादियों द्वारा गोलीबारी और प्रतिद्वंद्वी पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा पथराव किए जाने की भी खबर है, जिसमें दो सुरक्षाकर्मियों सहित पांच लोग घायल हो गए।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी. शशांक शेखर ने सोमवार रात मीडिया को बताया कि पूरे राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में और शांतिपूर्ण है। सभी 2,315 मतदान केंद्रों पर मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।

2,315 मतदान केंद्रों में सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ और शाम 4 बजे समाप्त हुआ। मतदान कराने में 11,500 कर्मचारी लगे हुए थे।

सीईओ ने कहा कि 6,55,144 महिलाओं सहित लगभग 13.16 लाख मतदाताओं को चार महिलाओं सहित 183 उम्मीदवारों की चुनावी संभावना तय करनी थी। साल 2018 के विधानसभा चुनावों में पांच महिलाओं सहित 190 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था।

उनके एकमात्र प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस के उम्मीदवार खेकाशे सुमी के उम्मीदवारी वापस लेने के बाद भाजपा उम्मीदवार कजेतो किनिमी को अकुलुतो विधानसभा क्षेत्र से निर्विरोध निर्वाचित किया गया।

स्वतंत्र, निष्पक्ष और हिंसा मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 305 कंपनियां भेजी थीं, जबकि राज्य सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया था।

राष्ट्रीय और राज्यीय दलों सहित 12 दल मैदान में हैं। सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी और उसकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी, विपक्षी कांग्रेस और नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीपी) चुनावी लड़ाई में मुख्य दावेदार हैं।

साल 2003 तक राज्य पर शासन करने वाली कांग्रेस ने 23 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जबकि नागा पीपुल्स फ्रंट 22 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। राजद, लोजपा के रामविलास पासवान गुट, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी और राकांपा सहित 19 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे।

मुख्यमंत्री और एनडीपीपी के वरिष्ठ नेता नेफिउ रियो (उत्तरी अंगामी-द्वितीय), उपमुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता यानथुंगो पैटन (त्यूई), पूर्व मुख्यमंत्री तादितुई रंगकौ जेलियांग (पेरेन), नागालैंड इकाई के भाजपा अध्यक्ष तेमजेन इम्ना अलोंग (अलोंगटाकी), नागालैंड कांग्रेस अध्यक्ष केवेखापे थेरी (दीमापुर) फिर से चुनाव लड़ रहे हैं।

दशकों पुराने नागा राजनीतिक संकट का समाधान न होना, अलग राज्य फ्रंटियर नागालैंड की मांग, बेरोजगारी, अवैध ड्रग्स का खतरा, इसके अलावा विभिन्न सत्ता-विरोधी कारक चुनाव में मुख्य मुद्दे थे।

नगालैंड में दो मार्च को मेघालय और त्रिपुरा के साथ मतगणना होगी।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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कोहिमा, 27 फरवरी (आईएएनएस)। नागालैंड के 13.16 लाख मतदाताओं में से 83.36 प्रतिशत से अधिक ने सोमवार को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच विधानसभा चुनाव में मतदान किया।

अधिकारियों ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनावों में मतदान प्रतिशत 83.85 था और सभी रिटर्निग अधिकारियों की रिपोर्ट आने के बाद 2023 में मतदान प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।

चुनाव अधिकारियों के अनुसार, पांच जिलों – मोकोकचुंग, वोखा, मोन, जुन्हेबोटो और त्सेमिन्यु में हिंसा की कुछ घटनाओं को छोड़कर पूरे पूर्वोत्तर राज्य में मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा।

वोखा जिले के भंडारी विधानसभा क्षेत्र के अकुक गांव में एक प्रत्याशी के समर्थकों ने विरोधी दल के कार्यकर्ताओं पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया, जिसमें तीन लोग घायल हो गए। वोखा और मोन जिलों में भूमिगत उग्रवादियों द्वारा गोलीबारी और प्रतिद्वंद्वी पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा पथराव किए जाने की भी खबर है, जिसमें दो सुरक्षाकर्मियों सहित पांच लोग घायल हो गए।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी. शशांक शेखर ने सोमवार रात मीडिया को बताया कि पूरे राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में और शांतिपूर्ण है। सभी 2,315 मतदान केंद्रों पर मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।

2,315 मतदान केंद्रों में सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ और शाम 4 बजे समाप्त हुआ। मतदान कराने में 11,500 कर्मचारी लगे हुए थे।

सीईओ ने कहा कि 6,55,144 महिलाओं सहित लगभग 13.16 लाख मतदाताओं को चार महिलाओं सहित 183 उम्मीदवारों की चुनावी संभावना तय करनी थी। साल 2018 के विधानसभा चुनावों में पांच महिलाओं सहित 190 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था।

उनके एकमात्र प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस के उम्मीदवार खेकाशे सुमी के उम्मीदवारी वापस लेने के बाद भाजपा उम्मीदवार कजेतो किनिमी को अकुलुतो विधानसभा क्षेत्र से निर्विरोध निर्वाचित किया गया।

स्वतंत्र, निष्पक्ष और हिंसा मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 305 कंपनियां भेजी थीं, जबकि राज्य सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया था।

राष्ट्रीय और राज्यीय दलों सहित 12 दल मैदान में हैं। सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी और उसकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी, विपक्षी कांग्रेस और नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीपी) चुनावी लड़ाई में मुख्य दावेदार हैं।

साल 2003 तक राज्य पर शासन करने वाली कांग्रेस ने 23 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जबकि नागा पीपुल्स फ्रंट 22 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। राजद, लोजपा के रामविलास पासवान गुट, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी और राकांपा सहित 19 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे।

मुख्यमंत्री और एनडीपीपी के वरिष्ठ नेता नेफिउ रियो (उत्तरी अंगामी-द्वितीय), उपमुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता यानथुंगो पैटन (त्यूई), पूर्व मुख्यमंत्री तादितुई रंगकौ जेलियांग (पेरेन), नागालैंड इकाई के भाजपा अध्यक्ष तेमजेन इम्ना अलोंग (अलोंगटाकी), नागालैंड कांग्रेस अध्यक्ष केवेखापे थेरी (दीमापुर) फिर से चुनाव लड़ रहे हैं।

दशकों पुराने नागा राजनीतिक संकट का समाधान न होना, अलग राज्य फ्रंटियर नागालैंड की मांग, बेरोजगारी, अवैध ड्रग्स का खतरा, इसके अलावा विभिन्न सत्ता-विरोधी कारक चुनाव में मुख्य मुद्दे थे।

नगालैंड में दो मार्च को मेघालय और त्रिपुरा के साथ मतगणना होगी।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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कोहिमा, 27 फरवरी (आईएएनएस)। नागालैंड के 13.16 लाख मतदाताओं में से 83.36 प्रतिशत से अधिक ने सोमवार को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच विधानसभा चुनाव में मतदान किया।

अधिकारियों ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनावों में मतदान प्रतिशत 83.85 था और सभी रिटर्निग अधिकारियों की रिपोर्ट आने के बाद 2023 में मतदान प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।

चुनाव अधिकारियों के अनुसार, पांच जिलों – मोकोकचुंग, वोखा, मोन, जुन्हेबोटो और त्सेमिन्यु में हिंसा की कुछ घटनाओं को छोड़कर पूरे पूर्वोत्तर राज्य में मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा।

वोखा जिले के भंडारी विधानसभा क्षेत्र के अकुक गांव में एक प्रत्याशी के समर्थकों ने विरोधी दल के कार्यकर्ताओं पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया, जिसमें तीन लोग घायल हो गए। वोखा और मोन जिलों में भूमिगत उग्रवादियों द्वारा गोलीबारी और प्रतिद्वंद्वी पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा पथराव किए जाने की भी खबर है, जिसमें दो सुरक्षाकर्मियों सहित पांच लोग घायल हो गए।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी. शशांक शेखर ने सोमवार रात मीडिया को बताया कि पूरे राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में और शांतिपूर्ण है। सभी 2,315 मतदान केंद्रों पर मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।

2,315 मतदान केंद्रों में सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ और शाम 4 बजे समाप्त हुआ। मतदान कराने में 11,500 कर्मचारी लगे हुए थे।

सीईओ ने कहा कि 6,55,144 महिलाओं सहित लगभग 13.16 लाख मतदाताओं को चार महिलाओं सहित 183 उम्मीदवारों की चुनावी संभावना तय करनी थी। साल 2018 के विधानसभा चुनावों में पांच महिलाओं सहित 190 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था।

उनके एकमात्र प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस के उम्मीदवार खेकाशे सुमी के उम्मीदवारी वापस लेने के बाद भाजपा उम्मीदवार कजेतो किनिमी को अकुलुतो विधानसभा क्षेत्र से निर्विरोध निर्वाचित किया गया।

स्वतंत्र, निष्पक्ष और हिंसा मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 305 कंपनियां भेजी थीं, जबकि राज्य सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया था।

राष्ट्रीय और राज्यीय दलों सहित 12 दल मैदान में हैं। सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी और उसकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी, विपक्षी कांग्रेस और नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीपी) चुनावी लड़ाई में मुख्य दावेदार हैं।

साल 2003 तक राज्य पर शासन करने वाली कांग्रेस ने 23 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जबकि नागा पीपुल्स फ्रंट 22 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। राजद, लोजपा के रामविलास पासवान गुट, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी और राकांपा सहित 19 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे।

मुख्यमंत्री और एनडीपीपी के वरिष्ठ नेता नेफिउ रियो (उत्तरी अंगामी-द्वितीय), उपमुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता यानथुंगो पैटन (त्यूई), पूर्व मुख्यमंत्री तादितुई रंगकौ जेलियांग (पेरेन), नागालैंड इकाई के भाजपा अध्यक्ष तेमजेन इम्ना अलोंग (अलोंगटाकी), नागालैंड कांग्रेस अध्यक्ष केवेखापे थेरी (दीमापुर) फिर से चुनाव लड़ रहे हैं।

दशकों पुराने नागा राजनीतिक संकट का समाधान न होना, अलग राज्य फ्रंटियर नागालैंड की मांग, बेरोजगारी, अवैध ड्रग्स का खतरा, इसके अलावा विभिन्न सत्ता-विरोधी कारक चुनाव में मुख्य मुद्दे थे।

नगालैंड में दो मार्च को मेघालय और त्रिपुरा के साथ मतगणना होगी।

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कोहिमा, 27 फरवरी (आईएएनएस)। नागालैंड के 13.16 लाख मतदाताओं में से 83.36 प्रतिशत से अधिक ने सोमवार को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच विधानसभा चुनाव में मतदान किया।

अधिकारियों ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनावों में मतदान प्रतिशत 83.85 था और सभी रिटर्निग अधिकारियों की रिपोर्ट आने के बाद 2023 में मतदान प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।

चुनाव अधिकारियों के अनुसार, पांच जिलों – मोकोकचुंग, वोखा, मोन, जुन्हेबोटो और त्सेमिन्यु में हिंसा की कुछ घटनाओं को छोड़कर पूरे पूर्वोत्तर राज्य में मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा।

वोखा जिले के भंडारी विधानसभा क्षेत्र के अकुक गांव में एक प्रत्याशी के समर्थकों ने विरोधी दल के कार्यकर्ताओं पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया, जिसमें तीन लोग घायल हो गए। वोखा और मोन जिलों में भूमिगत उग्रवादियों द्वारा गोलीबारी और प्रतिद्वंद्वी पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा पथराव किए जाने की भी खबर है, जिसमें दो सुरक्षाकर्मियों सहित पांच लोग घायल हो गए।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी. शशांक शेखर ने सोमवार रात मीडिया को बताया कि पूरे राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में और शांतिपूर्ण है। सभी 2,315 मतदान केंद्रों पर मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।

2,315 मतदान केंद्रों में सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ और शाम 4 बजे समाप्त हुआ। मतदान कराने में 11,500 कर्मचारी लगे हुए थे।

सीईओ ने कहा कि 6,55,144 महिलाओं सहित लगभग 13.16 लाख मतदाताओं को चार महिलाओं सहित 183 उम्मीदवारों की चुनावी संभावना तय करनी थी। साल 2018 के विधानसभा चुनावों में पांच महिलाओं सहित 190 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था।

उनके एकमात्र प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस के उम्मीदवार खेकाशे सुमी के उम्मीदवारी वापस लेने के बाद भाजपा उम्मीदवार कजेतो किनिमी को अकुलुतो विधानसभा क्षेत्र से निर्विरोध निर्वाचित किया गया।

स्वतंत्र, निष्पक्ष और हिंसा मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 305 कंपनियां भेजी थीं, जबकि राज्य सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया था।

राष्ट्रीय और राज्यीय दलों सहित 12 दल मैदान में हैं। सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी और उसकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी, विपक्षी कांग्रेस और नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीपी) चुनावी लड़ाई में मुख्य दावेदार हैं।

साल 2003 तक राज्य पर शासन करने वाली कांग्रेस ने 23 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जबकि नागा पीपुल्स फ्रंट 22 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। राजद, लोजपा के रामविलास पासवान गुट, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी और राकांपा सहित 19 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे।

मुख्यमंत्री और एनडीपीपी के वरिष्ठ नेता नेफिउ रियो (उत्तरी अंगामी-द्वितीय), उपमुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता यानथुंगो पैटन (त्यूई), पूर्व मुख्यमंत्री तादितुई रंगकौ जेलियांग (पेरेन), नागालैंड इकाई के भाजपा अध्यक्ष तेमजेन इम्ना अलोंग (अलोंगटाकी), नागालैंड कांग्रेस अध्यक्ष केवेखापे थेरी (दीमापुर) फिर से चुनाव लड़ रहे हैं।

दशकों पुराने नागा राजनीतिक संकट का समाधान न होना, अलग राज्य फ्रंटियर नागालैंड की मांग, बेरोजगारी, अवैध ड्रग्स का खतरा, इसके अलावा विभिन्न सत्ता-विरोधी कारक चुनाव में मुख्य मुद्दे थे।

नगालैंड में दो मार्च को मेघालय और त्रिपुरा के साथ मतगणना होगी।

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कोहिमा, 27 फरवरी (आईएएनएस)। नागालैंड के 13.16 लाख मतदाताओं में से 83.36 प्रतिशत से अधिक ने सोमवार को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच विधानसभा चुनाव में मतदान किया।

अधिकारियों ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनावों में मतदान प्रतिशत 83.85 था और सभी रिटर्निग अधिकारियों की रिपोर्ट आने के बाद 2023 में मतदान प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।

चुनाव अधिकारियों के अनुसार, पांच जिलों – मोकोकचुंग, वोखा, मोन, जुन्हेबोटो और त्सेमिन्यु में हिंसा की कुछ घटनाओं को छोड़कर पूरे पूर्वोत्तर राज्य में मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा।

वोखा जिले के भंडारी विधानसभा क्षेत्र के अकुक गांव में एक प्रत्याशी के समर्थकों ने विरोधी दल के कार्यकर्ताओं पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया, जिसमें तीन लोग घायल हो गए। वोखा और मोन जिलों में भूमिगत उग्रवादियों द्वारा गोलीबारी और प्रतिद्वंद्वी पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा पथराव किए जाने की भी खबर है, जिसमें दो सुरक्षाकर्मियों सहित पांच लोग घायल हो गए।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी. शशांक शेखर ने सोमवार रात मीडिया को बताया कि पूरे राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में और शांतिपूर्ण है। सभी 2,315 मतदान केंद्रों पर मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।

2,315 मतदान केंद्रों में सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ और शाम 4 बजे समाप्त हुआ। मतदान कराने में 11,500 कर्मचारी लगे हुए थे।

सीईओ ने कहा कि 6,55,144 महिलाओं सहित लगभग 13.16 लाख मतदाताओं को चार महिलाओं सहित 183 उम्मीदवारों की चुनावी संभावना तय करनी थी। साल 2018 के विधानसभा चुनावों में पांच महिलाओं सहित 190 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था।

उनके एकमात्र प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस के उम्मीदवार खेकाशे सुमी के उम्मीदवारी वापस लेने के बाद भाजपा उम्मीदवार कजेतो किनिमी को अकुलुतो विधानसभा क्षेत्र से निर्विरोध निर्वाचित किया गया।

स्वतंत्र, निष्पक्ष और हिंसा मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 305 कंपनियां भेजी थीं, जबकि राज्य सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया था।

राष्ट्रीय और राज्यीय दलों सहित 12 दल मैदान में हैं। सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी और उसकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी, विपक्षी कांग्रेस और नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीपी) चुनावी लड़ाई में मुख्य दावेदार हैं।

साल 2003 तक राज्य पर शासन करने वाली कांग्रेस ने 23 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जबकि नागा पीपुल्स फ्रंट 22 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। राजद, लोजपा के रामविलास पासवान गुट, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी और राकांपा सहित 19 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे।

मुख्यमंत्री और एनडीपीपी के वरिष्ठ नेता नेफिउ रियो (उत्तरी अंगामी-द्वितीय), उपमुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता यानथुंगो पैटन (त्यूई), पूर्व मुख्यमंत्री तादितुई रंगकौ जेलियांग (पेरेन), नागालैंड इकाई के भाजपा अध्यक्ष तेमजेन इम्ना अलोंग (अलोंगटाकी), नागालैंड कांग्रेस अध्यक्ष केवेखापे थेरी (दीमापुर) फिर से चुनाव लड़ रहे हैं।

दशकों पुराने नागा राजनीतिक संकट का समाधान न होना, अलग राज्य फ्रंटियर नागालैंड की मांग, बेरोजगारी, अवैध ड्रग्स का खतरा, इसके अलावा विभिन्न सत्ता-विरोधी कारक चुनाव में मुख्य मुद्दे थे।

नगालैंड में दो मार्च को मेघालय और त्रिपुरा के साथ मतगणना होगी।

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अधिकारियों ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनावों में मतदान प्रतिशत 83.85 था और सभी रिटर्निग अधिकारियों की रिपोर्ट आने के बाद 2023 में मतदान प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।

चुनाव अधिकारियों के अनुसार, पांच जिलों – मोकोकचुंग, वोखा, मोन, जुन्हेबोटो और त्सेमिन्यु में हिंसा की कुछ घटनाओं को छोड़कर पूरे पूर्वोत्तर राज्य में मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा।

वोखा जिले के भंडारी विधानसभा क्षेत्र के अकुक गांव में एक प्रत्याशी के समर्थकों ने विरोधी दल के कार्यकर्ताओं पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया, जिसमें तीन लोग घायल हो गए। वोखा और मोन जिलों में भूमिगत उग्रवादियों द्वारा गोलीबारी और प्रतिद्वंद्वी पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा पथराव किए जाने की भी खबर है, जिसमें दो सुरक्षाकर्मियों सहित पांच लोग घायल हो गए।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी. शशांक शेखर ने सोमवार रात मीडिया को बताया कि पूरे राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में और शांतिपूर्ण है। सभी 2,315 मतदान केंद्रों पर मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।

2,315 मतदान केंद्रों में सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ और शाम 4 बजे समाप्त हुआ। मतदान कराने में 11,500 कर्मचारी लगे हुए थे।

सीईओ ने कहा कि 6,55,144 महिलाओं सहित लगभग 13.16 लाख मतदाताओं को चार महिलाओं सहित 183 उम्मीदवारों की चुनावी संभावना तय करनी थी। साल 2018 के विधानसभा चुनावों में पांच महिलाओं सहित 190 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था।

उनके एकमात्र प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस के उम्मीदवार खेकाशे सुमी के उम्मीदवारी वापस लेने के बाद भाजपा उम्मीदवार कजेतो किनिमी को अकुलुतो विधानसभा क्षेत्र से निर्विरोध निर्वाचित किया गया।

स्वतंत्र, निष्पक्ष और हिंसा मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 305 कंपनियां भेजी थीं, जबकि राज्य सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया था।

राष्ट्रीय और राज्यीय दलों सहित 12 दल मैदान में हैं। सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी और उसकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी, विपक्षी कांग्रेस और नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीपी) चुनावी लड़ाई में मुख्य दावेदार हैं।

साल 2003 तक राज्य पर शासन करने वाली कांग्रेस ने 23 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जबकि नागा पीपुल्स फ्रंट 22 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। राजद, लोजपा के रामविलास पासवान गुट, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी और राकांपा सहित 19 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे।

मुख्यमंत्री और एनडीपीपी के वरिष्ठ नेता नेफिउ रियो (उत्तरी अंगामी-द्वितीय), उपमुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता यानथुंगो पैटन (त्यूई), पूर्व मुख्यमंत्री तादितुई रंगकौ जेलियांग (पेरेन), नागालैंड इकाई के भाजपा अध्यक्ष तेमजेन इम्ना अलोंग (अलोंगटाकी), नागालैंड कांग्रेस अध्यक्ष केवेखापे थेरी (दीमापुर) फिर से चुनाव लड़ रहे हैं।

दशकों पुराने नागा राजनीतिक संकट का समाधान न होना, अलग राज्य फ्रंटियर नागालैंड की मांग, बेरोजगारी, अवैध ड्रग्स का खतरा, इसके अलावा विभिन्न सत्ता-विरोधी कारक चुनाव में मुख्य मुद्दे थे।

नगालैंड में दो मार्च को मेघालय और त्रिपुरा के साथ मतगणना होगी।

–आईएएनएस

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अधिकारियों ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनावों में मतदान प्रतिशत 83.85 था और सभी रिटर्निग अधिकारियों की रिपोर्ट आने के बाद 2023 में मतदान प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।

चुनाव अधिकारियों के अनुसार, पांच जिलों – मोकोकचुंग, वोखा, मोन, जुन्हेबोटो और त्सेमिन्यु में हिंसा की कुछ घटनाओं को छोड़कर पूरे पूर्वोत्तर राज्य में मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा।

वोखा जिले के भंडारी विधानसभा क्षेत्र के अकुक गांव में एक प्रत्याशी के समर्थकों ने विरोधी दल के कार्यकर्ताओं पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया, जिसमें तीन लोग घायल हो गए। वोखा और मोन जिलों में भूमिगत उग्रवादियों द्वारा गोलीबारी और प्रतिद्वंद्वी पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा पथराव किए जाने की भी खबर है, जिसमें दो सुरक्षाकर्मियों सहित पांच लोग घायल हो गए।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी. शशांक शेखर ने सोमवार रात मीडिया को बताया कि पूरे राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में और शांतिपूर्ण है। सभी 2,315 मतदान केंद्रों पर मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।

2,315 मतदान केंद्रों में सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ और शाम 4 बजे समाप्त हुआ। मतदान कराने में 11,500 कर्मचारी लगे हुए थे।

सीईओ ने कहा कि 6,55,144 महिलाओं सहित लगभग 13.16 लाख मतदाताओं को चार महिलाओं सहित 183 उम्मीदवारों की चुनावी संभावना तय करनी थी। साल 2018 के विधानसभा चुनावों में पांच महिलाओं सहित 190 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था।

उनके एकमात्र प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस के उम्मीदवार खेकाशे सुमी के उम्मीदवारी वापस लेने के बाद भाजपा उम्मीदवार कजेतो किनिमी को अकुलुतो विधानसभा क्षेत्र से निर्विरोध निर्वाचित किया गया।

स्वतंत्र, निष्पक्ष और हिंसा मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 305 कंपनियां भेजी थीं, जबकि राज्य सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया था।

राष्ट्रीय और राज्यीय दलों सहित 12 दल मैदान में हैं। सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी और उसकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी, विपक्षी कांग्रेस और नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीपी) चुनावी लड़ाई में मुख्य दावेदार हैं।

साल 2003 तक राज्य पर शासन करने वाली कांग्रेस ने 23 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जबकि नागा पीपुल्स फ्रंट 22 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। राजद, लोजपा के रामविलास पासवान गुट, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी और राकांपा सहित 19 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे।

मुख्यमंत्री और एनडीपीपी के वरिष्ठ नेता नेफिउ रियो (उत्तरी अंगामी-द्वितीय), उपमुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता यानथुंगो पैटन (त्यूई), पूर्व मुख्यमंत्री तादितुई रंगकौ जेलियांग (पेरेन), नागालैंड इकाई के भाजपा अध्यक्ष तेमजेन इम्ना अलोंग (अलोंगटाकी), नागालैंड कांग्रेस अध्यक्ष केवेखापे थेरी (दीमापुर) फिर से चुनाव लड़ रहे हैं।

दशकों पुराने नागा राजनीतिक संकट का समाधान न होना, अलग राज्य फ्रंटियर नागालैंड की मांग, बेरोजगारी, अवैध ड्रग्स का खतरा, इसके अलावा विभिन्न सत्ता-विरोधी कारक चुनाव में मुख्य मुद्दे थे।

नगालैंड में दो मार्च को मेघालय और त्रिपुरा के साथ मतगणना होगी।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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कोहिमा, 27 फरवरी (आईएएनएस)। नागालैंड के 13.16 लाख मतदाताओं में से 83.36 प्रतिशत से अधिक ने सोमवार को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच विधानसभा चुनाव में मतदान किया।

अधिकारियों ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनावों में मतदान प्रतिशत 83.85 था और सभी रिटर्निग अधिकारियों की रिपोर्ट आने के बाद 2023 में मतदान प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।

चुनाव अधिकारियों के अनुसार, पांच जिलों – मोकोकचुंग, वोखा, मोन, जुन्हेबोटो और त्सेमिन्यु में हिंसा की कुछ घटनाओं को छोड़कर पूरे पूर्वोत्तर राज्य में मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा।

वोखा जिले के भंडारी विधानसभा क्षेत्र के अकुक गांव में एक प्रत्याशी के समर्थकों ने विरोधी दल के कार्यकर्ताओं पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया, जिसमें तीन लोग घायल हो गए। वोखा और मोन जिलों में भूमिगत उग्रवादियों द्वारा गोलीबारी और प्रतिद्वंद्वी पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा पथराव किए जाने की भी खबर है, जिसमें दो सुरक्षाकर्मियों सहित पांच लोग घायल हो गए।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी. शशांक शेखर ने सोमवार रात मीडिया को बताया कि पूरे राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में और शांतिपूर्ण है। सभी 2,315 मतदान केंद्रों पर मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।

2,315 मतदान केंद्रों में सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ और शाम 4 बजे समाप्त हुआ। मतदान कराने में 11,500 कर्मचारी लगे हुए थे।

सीईओ ने कहा कि 6,55,144 महिलाओं सहित लगभग 13.16 लाख मतदाताओं को चार महिलाओं सहित 183 उम्मीदवारों की चुनावी संभावना तय करनी थी। साल 2018 के विधानसभा चुनावों में पांच महिलाओं सहित 190 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था।

उनके एकमात्र प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस के उम्मीदवार खेकाशे सुमी के उम्मीदवारी वापस लेने के बाद भाजपा उम्मीदवार कजेतो किनिमी को अकुलुतो विधानसभा क्षेत्र से निर्विरोध निर्वाचित किया गया।

स्वतंत्र, निष्पक्ष और हिंसा मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 305 कंपनियां भेजी थीं, जबकि राज्य सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया था।

राष्ट्रीय और राज्यीय दलों सहित 12 दल मैदान में हैं। सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी और उसकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी, विपक्षी कांग्रेस और नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीपी) चुनावी लड़ाई में मुख्य दावेदार हैं।

साल 2003 तक राज्य पर शासन करने वाली कांग्रेस ने 23 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जबकि नागा पीपुल्स फ्रंट 22 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। राजद, लोजपा के रामविलास पासवान गुट, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी और राकांपा सहित 19 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे।

मुख्यमंत्री और एनडीपीपी के वरिष्ठ नेता नेफिउ रियो (उत्तरी अंगामी-द्वितीय), उपमुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता यानथुंगो पैटन (त्यूई), पूर्व मुख्यमंत्री तादितुई रंगकौ जेलियांग (पेरेन), नागालैंड इकाई के भाजपा अध्यक्ष तेमजेन इम्ना अलोंग (अलोंगटाकी), नागालैंड कांग्रेस अध्यक्ष केवेखापे थेरी (दीमापुर) फिर से चुनाव लड़ रहे हैं।

दशकों पुराने नागा राजनीतिक संकट का समाधान न होना, अलग राज्य फ्रंटियर नागालैंड की मांग, बेरोजगारी, अवैध ड्रग्स का खतरा, इसके अलावा विभिन्न सत्ता-विरोधी कारक चुनाव में मुख्य मुद्दे थे।

नगालैंड में दो मार्च को मेघालय और त्रिपुरा के साथ मतगणना होगी।

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कोहिमा, 27 फरवरी (आईएएनएस)। नागालैंड के 13.16 लाख मतदाताओं में से 83.36 प्रतिशत से अधिक ने सोमवार को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच विधानसभा चुनाव में मतदान किया।

अधिकारियों ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनावों में मतदान प्रतिशत 83.85 था और सभी रिटर्निग अधिकारियों की रिपोर्ट आने के बाद 2023 में मतदान प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।

चुनाव अधिकारियों के अनुसार, पांच जिलों – मोकोकचुंग, वोखा, मोन, जुन्हेबोटो और त्सेमिन्यु में हिंसा की कुछ घटनाओं को छोड़कर पूरे पूर्वोत्तर राज्य में मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा।

वोखा जिले के भंडारी विधानसभा क्षेत्र के अकुक गांव में एक प्रत्याशी के समर्थकों ने विरोधी दल के कार्यकर्ताओं पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया, जिसमें तीन लोग घायल हो गए। वोखा और मोन जिलों में भूमिगत उग्रवादियों द्वारा गोलीबारी और प्रतिद्वंद्वी पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा पथराव किए जाने की भी खबर है, जिसमें दो सुरक्षाकर्मियों सहित पांच लोग घायल हो गए।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी. शशांक शेखर ने सोमवार रात मीडिया को बताया कि पूरे राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में और शांतिपूर्ण है। सभी 2,315 मतदान केंद्रों पर मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।

2,315 मतदान केंद्रों में सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ और शाम 4 बजे समाप्त हुआ। मतदान कराने में 11,500 कर्मचारी लगे हुए थे।

सीईओ ने कहा कि 6,55,144 महिलाओं सहित लगभग 13.16 लाख मतदाताओं को चार महिलाओं सहित 183 उम्मीदवारों की चुनावी संभावना तय करनी थी। साल 2018 के विधानसभा चुनावों में पांच महिलाओं सहित 190 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था।

उनके एकमात्र प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस के उम्मीदवार खेकाशे सुमी के उम्मीदवारी वापस लेने के बाद भाजपा उम्मीदवार कजेतो किनिमी को अकुलुतो विधानसभा क्षेत्र से निर्विरोध निर्वाचित किया गया।

स्वतंत्र, निष्पक्ष और हिंसा मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 305 कंपनियां भेजी थीं, जबकि राज्य सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया था।

राष्ट्रीय और राज्यीय दलों सहित 12 दल मैदान में हैं। सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी और उसकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी, विपक्षी कांग्रेस और नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीपी) चुनावी लड़ाई में मुख्य दावेदार हैं।

साल 2003 तक राज्य पर शासन करने वाली कांग्रेस ने 23 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जबकि नागा पीपुल्स फ्रंट 22 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। राजद, लोजपा के रामविलास पासवान गुट, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी और राकांपा सहित 19 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे।

मुख्यमंत्री और एनडीपीपी के वरिष्ठ नेता नेफिउ रियो (उत्तरी अंगामी-द्वितीय), उपमुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता यानथुंगो पैटन (त्यूई), पूर्व मुख्यमंत्री तादितुई रंगकौ जेलियांग (पेरेन), नागालैंड इकाई के भाजपा अध्यक्ष तेमजेन इम्ना अलोंग (अलोंगटाकी), नागालैंड कांग्रेस अध्यक्ष केवेखापे थेरी (दीमापुर) फिर से चुनाव लड़ रहे हैं।

दशकों पुराने नागा राजनीतिक संकट का समाधान न होना, अलग राज्य फ्रंटियर नागालैंड की मांग, बेरोजगारी, अवैध ड्रग्स का खतरा, इसके अलावा विभिन्न सत्ता-विरोधी कारक चुनाव में मुख्य मुद्दे थे।

नगालैंड में दो मार्च को मेघालय और त्रिपुरा के साथ मतगणना होगी।

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कोहिमा, 27 फरवरी (आईएएनएस)। नागालैंड के 13.16 लाख मतदाताओं में से 83.36 प्रतिशत से अधिक ने सोमवार को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच विधानसभा चुनाव में मतदान किया।

अधिकारियों ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनावों में मतदान प्रतिशत 83.85 था और सभी रिटर्निग अधिकारियों की रिपोर्ट आने के बाद 2023 में मतदान प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।

चुनाव अधिकारियों के अनुसार, पांच जिलों – मोकोकचुंग, वोखा, मोन, जुन्हेबोटो और त्सेमिन्यु में हिंसा की कुछ घटनाओं को छोड़कर पूरे पूर्वोत्तर राज्य में मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा।

वोखा जिले के भंडारी विधानसभा क्षेत्र के अकुक गांव में एक प्रत्याशी के समर्थकों ने विरोधी दल के कार्यकर्ताओं पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया, जिसमें तीन लोग घायल हो गए। वोखा और मोन जिलों में भूमिगत उग्रवादियों द्वारा गोलीबारी और प्रतिद्वंद्वी पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा पथराव किए जाने की भी खबर है, जिसमें दो सुरक्षाकर्मियों सहित पांच लोग घायल हो गए।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी. शशांक शेखर ने सोमवार रात मीडिया को बताया कि पूरे राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में और शांतिपूर्ण है। सभी 2,315 मतदान केंद्रों पर मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।

2,315 मतदान केंद्रों में सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ और शाम 4 बजे समाप्त हुआ। मतदान कराने में 11,500 कर्मचारी लगे हुए थे।

सीईओ ने कहा कि 6,55,144 महिलाओं सहित लगभग 13.16 लाख मतदाताओं को चार महिलाओं सहित 183 उम्मीदवारों की चुनावी संभावना तय करनी थी। साल 2018 के विधानसभा चुनावों में पांच महिलाओं सहित 190 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था।

उनके एकमात्र प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस के उम्मीदवार खेकाशे सुमी के उम्मीदवारी वापस लेने के बाद भाजपा उम्मीदवार कजेतो किनिमी को अकुलुतो विधानसभा क्षेत्र से निर्विरोध निर्वाचित किया गया।

स्वतंत्र, निष्पक्ष और हिंसा मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 305 कंपनियां भेजी थीं, जबकि राज्य सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया था।

राष्ट्रीय और राज्यीय दलों सहित 12 दल मैदान में हैं। सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी और उसकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी, विपक्षी कांग्रेस और नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीपी) चुनावी लड़ाई में मुख्य दावेदार हैं।

साल 2003 तक राज्य पर शासन करने वाली कांग्रेस ने 23 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जबकि नागा पीपुल्स फ्रंट 22 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। राजद, लोजपा के रामविलास पासवान गुट, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी और राकांपा सहित 19 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे।

मुख्यमंत्री और एनडीपीपी के वरिष्ठ नेता नेफिउ रियो (उत्तरी अंगामी-द्वितीय), उपमुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता यानथुंगो पैटन (त्यूई), पूर्व मुख्यमंत्री तादितुई रंगकौ जेलियांग (पेरेन), नागालैंड इकाई के भाजपा अध्यक्ष तेमजेन इम्ना अलोंग (अलोंगटाकी), नागालैंड कांग्रेस अध्यक्ष केवेखापे थेरी (दीमापुर) फिर से चुनाव लड़ रहे हैं।

दशकों पुराने नागा राजनीतिक संकट का समाधान न होना, अलग राज्य फ्रंटियर नागालैंड की मांग, बेरोजगारी, अवैध ड्रग्स का खतरा, इसके अलावा विभिन्न सत्ता-विरोधी कारक चुनाव में मुख्य मुद्दे थे।

नगालैंड में दो मार्च को मेघालय और त्रिपुरा के साथ मतगणना होगी।

–आईएएनएस

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अधिकारियों ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनावों में मतदान प्रतिशत 83.85 था और सभी रिटर्निग अधिकारियों की रिपोर्ट आने के बाद 2023 में मतदान प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।

चुनाव अधिकारियों के अनुसार, पांच जिलों – मोकोकचुंग, वोखा, मोन, जुन्हेबोटो और त्सेमिन्यु में हिंसा की कुछ घटनाओं को छोड़कर पूरे पूर्वोत्तर राज्य में मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा।

वोखा जिले के भंडारी विधानसभा क्षेत्र के अकुक गांव में एक प्रत्याशी के समर्थकों ने विरोधी दल के कार्यकर्ताओं पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया, जिसमें तीन लोग घायल हो गए। वोखा और मोन जिलों में भूमिगत उग्रवादियों द्वारा गोलीबारी और प्रतिद्वंद्वी पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा पथराव किए जाने की भी खबर है, जिसमें दो सुरक्षाकर्मियों सहित पांच लोग घायल हो गए।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी. शशांक शेखर ने सोमवार रात मीडिया को बताया कि पूरे राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में और शांतिपूर्ण है। सभी 2,315 मतदान केंद्रों पर मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।

2,315 मतदान केंद्रों में सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ और शाम 4 बजे समाप्त हुआ। मतदान कराने में 11,500 कर्मचारी लगे हुए थे।

सीईओ ने कहा कि 6,55,144 महिलाओं सहित लगभग 13.16 लाख मतदाताओं को चार महिलाओं सहित 183 उम्मीदवारों की चुनावी संभावना तय करनी थी। साल 2018 के विधानसभा चुनावों में पांच महिलाओं सहित 190 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था।

उनके एकमात्र प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस के उम्मीदवार खेकाशे सुमी के उम्मीदवारी वापस लेने के बाद भाजपा उम्मीदवार कजेतो किनिमी को अकुलुतो विधानसभा क्षेत्र से निर्विरोध निर्वाचित किया गया।

स्वतंत्र, निष्पक्ष और हिंसा मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 305 कंपनियां भेजी थीं, जबकि राज्य सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया था।

राष्ट्रीय और राज्यीय दलों सहित 12 दल मैदान में हैं। सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी और उसकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी, विपक्षी कांग्रेस और नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीपी) चुनावी लड़ाई में मुख्य दावेदार हैं।

साल 2003 तक राज्य पर शासन करने वाली कांग्रेस ने 23 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जबकि नागा पीपुल्स फ्रंट 22 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। राजद, लोजपा के रामविलास पासवान गुट, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी और राकांपा सहित 19 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे।

मुख्यमंत्री और एनडीपीपी के वरिष्ठ नेता नेफिउ रियो (उत्तरी अंगामी-द्वितीय), उपमुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता यानथुंगो पैटन (त्यूई), पूर्व मुख्यमंत्री तादितुई रंगकौ जेलियांग (पेरेन), नागालैंड इकाई के भाजपा अध्यक्ष तेमजेन इम्ना अलोंग (अलोंगटाकी), नागालैंड कांग्रेस अध्यक्ष केवेखापे थेरी (दीमापुर) फिर से चुनाव लड़ रहे हैं।

दशकों पुराने नागा राजनीतिक संकट का समाधान न होना, अलग राज्य फ्रंटियर नागालैंड की मांग, बेरोजगारी, अवैध ड्रग्स का खतरा, इसके अलावा विभिन्न सत्ता-विरोधी कारक चुनाव में मुख्य मुद्दे थे।

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अधिकारियों ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनावों में मतदान प्रतिशत 83.85 था और सभी रिटर्निग अधिकारियों की रिपोर्ट आने के बाद 2023 में मतदान प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।

चुनाव अधिकारियों के अनुसार, पांच जिलों – मोकोकचुंग, वोखा, मोन, जुन्हेबोटो और त्सेमिन्यु में हिंसा की कुछ घटनाओं को छोड़कर पूरे पूर्वोत्तर राज्य में मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा।

वोखा जिले के भंडारी विधानसभा क्षेत्र के अकुक गांव में एक प्रत्याशी के समर्थकों ने विरोधी दल के कार्यकर्ताओं पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया, जिसमें तीन लोग घायल हो गए। वोखा और मोन जिलों में भूमिगत उग्रवादियों द्वारा गोलीबारी और प्रतिद्वंद्वी पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा पथराव किए जाने की भी खबर है, जिसमें दो सुरक्षाकर्मियों सहित पांच लोग घायल हो गए।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी. शशांक शेखर ने सोमवार रात मीडिया को बताया कि पूरे राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में और शांतिपूर्ण है। सभी 2,315 मतदान केंद्रों पर मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।

2,315 मतदान केंद्रों में सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ और शाम 4 बजे समाप्त हुआ। मतदान कराने में 11,500 कर्मचारी लगे हुए थे।

सीईओ ने कहा कि 6,55,144 महिलाओं सहित लगभग 13.16 लाख मतदाताओं को चार महिलाओं सहित 183 उम्मीदवारों की चुनावी संभावना तय करनी थी। साल 2018 के विधानसभा चुनावों में पांच महिलाओं सहित 190 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था।

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स्वतंत्र, निष्पक्ष और हिंसा मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 305 कंपनियां भेजी थीं, जबकि राज्य सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया था।

राष्ट्रीय और राज्यीय दलों सहित 12 दल मैदान में हैं। सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी और उसकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी, विपक्षी कांग्रेस और नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीपी) चुनावी लड़ाई में मुख्य दावेदार हैं।

साल 2003 तक राज्य पर शासन करने वाली कांग्रेस ने 23 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जबकि नागा पीपुल्स फ्रंट 22 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। राजद, लोजपा के रामविलास पासवान गुट, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी और राकांपा सहित 19 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे।

मुख्यमंत्री और एनडीपीपी के वरिष्ठ नेता नेफिउ रियो (उत्तरी अंगामी-द्वितीय), उपमुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता यानथुंगो पैटन (त्यूई), पूर्व मुख्यमंत्री तादितुई रंगकौ जेलियांग (पेरेन), नागालैंड इकाई के भाजपा अध्यक्ष तेमजेन इम्ना अलोंग (अलोंगटाकी), नागालैंड कांग्रेस अध्यक्ष केवेखापे थेरी (दीमापुर) फिर से चुनाव लड़ रहे हैं।

दशकों पुराने नागा राजनीतिक संकट का समाधान न होना, अलग राज्य फ्रंटियर नागालैंड की मांग, बेरोजगारी, अवैध ड्रग्स का खतरा, इसके अलावा विभिन्न सत्ता-विरोधी कारक चुनाव में मुख्य मुद्दे थे।

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अधिकारियों ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनावों में मतदान प्रतिशत 83.85 था और सभी रिटर्निग अधिकारियों की रिपोर्ट आने के बाद 2023 में मतदान प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।

चुनाव अधिकारियों के अनुसार, पांच जिलों – मोकोकचुंग, वोखा, मोन, जुन्हेबोटो और त्सेमिन्यु में हिंसा की कुछ घटनाओं को छोड़कर पूरे पूर्वोत्तर राज्य में मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा।

वोखा जिले के भंडारी विधानसभा क्षेत्र के अकुक गांव में एक प्रत्याशी के समर्थकों ने विरोधी दल के कार्यकर्ताओं पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया, जिसमें तीन लोग घायल हो गए। वोखा और मोन जिलों में भूमिगत उग्रवादियों द्वारा गोलीबारी और प्रतिद्वंद्वी पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा पथराव किए जाने की भी खबर है, जिसमें दो सुरक्षाकर्मियों सहित पांच लोग घायल हो गए।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी. शशांक शेखर ने सोमवार रात मीडिया को बताया कि पूरे राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में और शांतिपूर्ण है। सभी 2,315 मतदान केंद्रों पर मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।

2,315 मतदान केंद्रों में सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ और शाम 4 बजे समाप्त हुआ। मतदान कराने में 11,500 कर्मचारी लगे हुए थे।

सीईओ ने कहा कि 6,55,144 महिलाओं सहित लगभग 13.16 लाख मतदाताओं को चार महिलाओं सहित 183 उम्मीदवारों की चुनावी संभावना तय करनी थी। साल 2018 के विधानसभा चुनावों में पांच महिलाओं सहित 190 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था।

उनके एकमात्र प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस के उम्मीदवार खेकाशे सुमी के उम्मीदवारी वापस लेने के बाद भाजपा उम्मीदवार कजेतो किनिमी को अकुलुतो विधानसभा क्षेत्र से निर्विरोध निर्वाचित किया गया।

स्वतंत्र, निष्पक्ष और हिंसा मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 305 कंपनियां भेजी थीं, जबकि राज्य सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया था।

राष्ट्रीय और राज्यीय दलों सहित 12 दल मैदान में हैं। सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी और उसकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी, विपक्षी कांग्रेस और नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीपी) चुनावी लड़ाई में मुख्य दावेदार हैं।

साल 2003 तक राज्य पर शासन करने वाली कांग्रेस ने 23 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जबकि नागा पीपुल्स फ्रंट 22 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। राजद, लोजपा के रामविलास पासवान गुट, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी और राकांपा सहित 19 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे।

मुख्यमंत्री और एनडीपीपी के वरिष्ठ नेता नेफिउ रियो (उत्तरी अंगामी-द्वितीय), उपमुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता यानथुंगो पैटन (त्यूई), पूर्व मुख्यमंत्री तादितुई रंगकौ जेलियांग (पेरेन), नागालैंड इकाई के भाजपा अध्यक्ष तेमजेन इम्ना अलोंग (अलोंगटाकी), नागालैंड कांग्रेस अध्यक्ष केवेखापे थेरी (दीमापुर) फिर से चुनाव लड़ रहे हैं।

दशकों पुराने नागा राजनीतिक संकट का समाधान न होना, अलग राज्य फ्रंटियर नागालैंड की मांग, बेरोजगारी, अवैध ड्रग्स का खतरा, इसके अलावा विभिन्न सत्ता-विरोधी कारक चुनाव में मुख्य मुद्दे थे।

नगालैंड में दो मार्च को मेघालय और त्रिपुरा के साथ मतगणना होगी।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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कोहिमा, 27 फरवरी (आईएएनएस)। नागालैंड के 13.16 लाख मतदाताओं में से 83.36 प्रतिशत से अधिक ने सोमवार को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच विधानसभा चुनाव में मतदान किया।

अधिकारियों ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनावों में मतदान प्रतिशत 83.85 था और सभी रिटर्निग अधिकारियों की रिपोर्ट आने के बाद 2023 में मतदान प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।

चुनाव अधिकारियों के अनुसार, पांच जिलों – मोकोकचुंग, वोखा, मोन, जुन्हेबोटो और त्सेमिन्यु में हिंसा की कुछ घटनाओं को छोड़कर पूरे पूर्वोत्तर राज्य में मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा।

वोखा जिले के भंडारी विधानसभा क्षेत्र के अकुक गांव में एक प्रत्याशी के समर्थकों ने विरोधी दल के कार्यकर्ताओं पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया, जिसमें तीन लोग घायल हो गए। वोखा और मोन जिलों में भूमिगत उग्रवादियों द्वारा गोलीबारी और प्रतिद्वंद्वी पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा पथराव किए जाने की भी खबर है, जिसमें दो सुरक्षाकर्मियों सहित पांच लोग घायल हो गए।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी. शशांक शेखर ने सोमवार रात मीडिया को बताया कि पूरे राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में और शांतिपूर्ण है। सभी 2,315 मतदान केंद्रों पर मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।

2,315 मतदान केंद्रों में सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ और शाम 4 बजे समाप्त हुआ। मतदान कराने में 11,500 कर्मचारी लगे हुए थे।

सीईओ ने कहा कि 6,55,144 महिलाओं सहित लगभग 13.16 लाख मतदाताओं को चार महिलाओं सहित 183 उम्मीदवारों की चुनावी संभावना तय करनी थी। साल 2018 के विधानसभा चुनावों में पांच महिलाओं सहित 190 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था।

उनके एकमात्र प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस के उम्मीदवार खेकाशे सुमी के उम्मीदवारी वापस लेने के बाद भाजपा उम्मीदवार कजेतो किनिमी को अकुलुतो विधानसभा क्षेत्र से निर्विरोध निर्वाचित किया गया।

स्वतंत्र, निष्पक्ष और हिंसा मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 305 कंपनियां भेजी थीं, जबकि राज्य सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया था।

राष्ट्रीय और राज्यीय दलों सहित 12 दल मैदान में हैं। सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी और उसकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी, विपक्षी कांग्रेस और नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीपी) चुनावी लड़ाई में मुख्य दावेदार हैं।

साल 2003 तक राज्य पर शासन करने वाली कांग्रेस ने 23 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जबकि नागा पीपुल्स फ्रंट 22 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। राजद, लोजपा के रामविलास पासवान गुट, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी और राकांपा सहित 19 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे।

मुख्यमंत्री और एनडीपीपी के वरिष्ठ नेता नेफिउ रियो (उत्तरी अंगामी-द्वितीय), उपमुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता यानथुंगो पैटन (त्यूई), पूर्व मुख्यमंत्री तादितुई रंगकौ जेलियांग (पेरेन), नागालैंड इकाई के भाजपा अध्यक्ष तेमजेन इम्ना अलोंग (अलोंगटाकी), नागालैंड कांग्रेस अध्यक्ष केवेखापे थेरी (दीमापुर) फिर से चुनाव लड़ रहे हैं।

दशकों पुराने नागा राजनीतिक संकट का समाधान न होना, अलग राज्य फ्रंटियर नागालैंड की मांग, बेरोजगारी, अवैध ड्रग्स का खतरा, इसके अलावा विभिन्न सत्ता-विरोधी कारक चुनाव में मुख्य मुद्दे थे।

नगालैंड में दो मार्च को मेघालय और त्रिपुरा के साथ मतगणना होगी।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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कोहिमा, 27 फरवरी (आईएएनएस)। नागालैंड के 13.16 लाख मतदाताओं में से 83.36 प्रतिशत से अधिक ने सोमवार को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच विधानसभा चुनाव में मतदान किया।

अधिकारियों ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनावों में मतदान प्रतिशत 83.85 था और सभी रिटर्निग अधिकारियों की रिपोर्ट आने के बाद 2023 में मतदान प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।

चुनाव अधिकारियों के अनुसार, पांच जिलों – मोकोकचुंग, वोखा, मोन, जुन्हेबोटो और त्सेमिन्यु में हिंसा की कुछ घटनाओं को छोड़कर पूरे पूर्वोत्तर राज्य में मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा।

वोखा जिले के भंडारी विधानसभा क्षेत्र के अकुक गांव में एक प्रत्याशी के समर्थकों ने विरोधी दल के कार्यकर्ताओं पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया, जिसमें तीन लोग घायल हो गए। वोखा और मोन जिलों में भूमिगत उग्रवादियों द्वारा गोलीबारी और प्रतिद्वंद्वी पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा पथराव किए जाने की भी खबर है, जिसमें दो सुरक्षाकर्मियों सहित पांच लोग घायल हो गए।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी. शशांक शेखर ने सोमवार रात मीडिया को बताया कि पूरे राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में और शांतिपूर्ण है। सभी 2,315 मतदान केंद्रों पर मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।

2,315 मतदान केंद्रों में सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ और शाम 4 बजे समाप्त हुआ। मतदान कराने में 11,500 कर्मचारी लगे हुए थे।

सीईओ ने कहा कि 6,55,144 महिलाओं सहित लगभग 13.16 लाख मतदाताओं को चार महिलाओं सहित 183 उम्मीदवारों की चुनावी संभावना तय करनी थी। साल 2018 के विधानसभा चुनावों में पांच महिलाओं सहित 190 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था।

उनके एकमात्र प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस के उम्मीदवार खेकाशे सुमी के उम्मीदवारी वापस लेने के बाद भाजपा उम्मीदवार कजेतो किनिमी को अकुलुतो विधानसभा क्षेत्र से निर्विरोध निर्वाचित किया गया।

स्वतंत्र, निष्पक्ष और हिंसा मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 305 कंपनियां भेजी थीं, जबकि राज्य सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया था।

राष्ट्रीय और राज्यीय दलों सहित 12 दल मैदान में हैं। सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी और उसकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी, विपक्षी कांग्रेस और नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीपी) चुनावी लड़ाई में मुख्य दावेदार हैं।

साल 2003 तक राज्य पर शासन करने वाली कांग्रेस ने 23 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जबकि नागा पीपुल्स फ्रंट 22 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। राजद, लोजपा के रामविलास पासवान गुट, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी और राकांपा सहित 19 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे।

मुख्यमंत्री और एनडीपीपी के वरिष्ठ नेता नेफिउ रियो (उत्तरी अंगामी-द्वितीय), उपमुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता यानथुंगो पैटन (त्यूई), पूर्व मुख्यमंत्री तादितुई रंगकौ जेलियांग (पेरेन), नागालैंड इकाई के भाजपा अध्यक्ष तेमजेन इम्ना अलोंग (अलोंगटाकी), नागालैंड कांग्रेस अध्यक्ष केवेखापे थेरी (दीमापुर) फिर से चुनाव लड़ रहे हैं।

दशकों पुराने नागा राजनीतिक संकट का समाधान न होना, अलग राज्य फ्रंटियर नागालैंड की मांग, बेरोजगारी, अवैध ड्रग्स का खतरा, इसके अलावा विभिन्न सत्ता-विरोधी कारक चुनाव में मुख्य मुद्दे थे।

नगालैंड में दो मार्च को मेघालय और त्रिपुरा के साथ मतगणना होगी।

–आईएएनएस

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कोहिमा, 27 फरवरी (आईएएनएस)। नागालैंड के 13.16 लाख मतदाताओं में से 83.36 प्रतिशत से अधिक ने सोमवार को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच विधानसभा चुनाव में मतदान किया।

अधिकारियों ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनावों में मतदान प्रतिशत 83.85 था और सभी रिटर्निग अधिकारियों की रिपोर्ट आने के बाद 2023 में मतदान प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।

चुनाव अधिकारियों के अनुसार, पांच जिलों – मोकोकचुंग, वोखा, मोन, जुन्हेबोटो और त्सेमिन्यु में हिंसा की कुछ घटनाओं को छोड़कर पूरे पूर्वोत्तर राज्य में मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा।

वोखा जिले के भंडारी विधानसभा क्षेत्र के अकुक गांव में एक प्रत्याशी के समर्थकों ने विरोधी दल के कार्यकर्ताओं पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया, जिसमें तीन लोग घायल हो गए। वोखा और मोन जिलों में भूमिगत उग्रवादियों द्वारा गोलीबारी और प्रतिद्वंद्वी पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा पथराव किए जाने की भी खबर है, जिसमें दो सुरक्षाकर्मियों सहित पांच लोग घायल हो गए।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी. शशांक शेखर ने सोमवार रात मीडिया को बताया कि पूरे राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में और शांतिपूर्ण है। सभी 2,315 मतदान केंद्रों पर मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।

2,315 मतदान केंद्रों में सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ और शाम 4 बजे समाप्त हुआ। मतदान कराने में 11,500 कर्मचारी लगे हुए थे।

सीईओ ने कहा कि 6,55,144 महिलाओं सहित लगभग 13.16 लाख मतदाताओं को चार महिलाओं सहित 183 उम्मीदवारों की चुनावी संभावना तय करनी थी। साल 2018 के विधानसभा चुनावों में पांच महिलाओं सहित 190 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था।

उनके एकमात्र प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस के उम्मीदवार खेकाशे सुमी के उम्मीदवारी वापस लेने के बाद भाजपा उम्मीदवार कजेतो किनिमी को अकुलुतो विधानसभा क्षेत्र से निर्विरोध निर्वाचित किया गया।

स्वतंत्र, निष्पक्ष और हिंसा मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 305 कंपनियां भेजी थीं, जबकि राज्य सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया था।

राष्ट्रीय और राज्यीय दलों सहित 12 दल मैदान में हैं। सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी और उसकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी, विपक्षी कांग्रेस और नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीपी) चुनावी लड़ाई में मुख्य दावेदार हैं।

साल 2003 तक राज्य पर शासन करने वाली कांग्रेस ने 23 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जबकि नागा पीपुल्स फ्रंट 22 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। राजद, लोजपा के रामविलास पासवान गुट, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी और राकांपा सहित 19 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे।

मुख्यमंत्री और एनडीपीपी के वरिष्ठ नेता नेफिउ रियो (उत्तरी अंगामी-द्वितीय), उपमुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता यानथुंगो पैटन (त्यूई), पूर्व मुख्यमंत्री तादितुई रंगकौ जेलियांग (पेरेन), नागालैंड इकाई के भाजपा अध्यक्ष तेमजेन इम्ना अलोंग (अलोंगटाकी), नागालैंड कांग्रेस अध्यक्ष केवेखापे थेरी (दीमापुर) फिर से चुनाव लड़ रहे हैं।

दशकों पुराने नागा राजनीतिक संकट का समाधान न होना, अलग राज्य फ्रंटियर नागालैंड की मांग, बेरोजगारी, अवैध ड्रग्स का खतरा, इसके अलावा विभिन्न सत्ता-विरोधी कारक चुनाव में मुख्य मुद्दे थे।

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