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Home राष्ट्रीय

नितिन गडकरी को पीएम पद का ऑफर देना गलत नहीं: संजय राउत

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September 15, 2024
in राष्ट्रीय
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नितिन गडकरी को पीएम पद का ऑफर देना गलत नहीं: संजय राउत
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मुंबई,15 सितंबर(आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव 2024 के कई महीने बाद केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के एक नेता ने उन्हें पीएम पद का ऑफर दिया था। उनके इस बयान के बाद राजनीति गरमा गई है। शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को इस पर प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने कहा, “नितिन गडकरी भाजपा के सबसे सर्वमान्य नेता हैं और मुझे नहीं लगता कि किसी ने उनसे प्रधानमंत्री पद के लिए पैरवी करने को कहा होगा। जिस तरह से इस देश में तानाशाही चल रही है और जिस तरह से दस साल पहले आपातकाल की शुरुआत हुई थी। उन्हें अगर यह सलाह किसी ने दी है, विपक्ष के किसी नेता ने दी है तो मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता।”

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संजय राउत ने कहा, “मुझे लगता है कि अगर कोई मौजूदा सरकार में रहते हुए भी इस देश के मूल्यों, लोकतंत्र, न्यायपालिका और स्वतंत्रता से नहीं जुड़ता है, तो यह राष्ट्रीय अपराध है। नितिन गडकरी ने हमेशा इन सबके खिलाफ बोला है, आवाज उठाई है और अपने विचार व्यक्त किए हैं । इसलिए अगर विपक्ष के किसी बड़े नेता ने, जिनका वह बहुत सम्मान करते हैं, उन्हें कुछ सलाह दी है, तो इसमें दुखी होने की जरूरत नहीं है । जगजीवन राम ने इन्हीं मूल्यों के कारण 1977 में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी और इंदिरा गांधी की हार हुई थी। अगर देश में आजादी, लोकतंत्र और न्यायपालिका को बनाए रखना है, तो सत्ता में बैठे कुछ लोगों की बलि देकर आजादी हासिल करनी होगी ।”

आपको बता दें कि नितिन गडकरी ने यह खुलासा लोकसभा चुनाव संपन्न होने के करीब 3 महीने बाद किया है। उन्होंने यह खुलासा शनिवार को नागपुर में पत्रकारिता पुरस्कार समारोह के दौरान किया । हालांकि, 21 अगस्त 2023 को शिवसेना (यूबीटी) नेता विनायक राउत का एक बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को इंडी गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया था। विनायक राउत ने कहा था कि उनकी पार्टी गडकरी को अगला प्रधानमंत्री बनाने की कोशिश करेगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व गडकरी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार मानता है और उनके राजनीतिक करियर को खत्म करने की साजिश कर रहा है।

–आईएनएस

आरके/केआर

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मुंबई,15 सितंबर(आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव 2024 के कई महीने बाद केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के एक नेता ने उन्हें पीएम पद का ऑफर दिया था। उनके इस बयान के बाद राजनीति गरमा गई है। शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को इस पर प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने कहा, “नितिन गडकरी भाजपा के सबसे सर्वमान्य नेता हैं और मुझे नहीं लगता कि किसी ने उनसे प्रधानमंत्री पद के लिए पैरवी करने को कहा होगा। जिस तरह से इस देश में तानाशाही चल रही है और जिस तरह से दस साल पहले आपातकाल की शुरुआत हुई थी। उन्हें अगर यह सलाह किसी ने दी है, विपक्ष के किसी नेता ने दी है तो मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता।”

संजय राउत ने कहा, “मुझे लगता है कि अगर कोई मौजूदा सरकार में रहते हुए भी इस देश के मूल्यों, लोकतंत्र, न्यायपालिका और स्वतंत्रता से नहीं जुड़ता है, तो यह राष्ट्रीय अपराध है। नितिन गडकरी ने हमेशा इन सबके खिलाफ बोला है, आवाज उठाई है और अपने विचार व्यक्त किए हैं । इसलिए अगर विपक्ष के किसी बड़े नेता ने, जिनका वह बहुत सम्मान करते हैं, उन्हें कुछ सलाह दी है, तो इसमें दुखी होने की जरूरत नहीं है । जगजीवन राम ने इन्हीं मूल्यों के कारण 1977 में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी और इंदिरा गांधी की हार हुई थी। अगर देश में आजादी, लोकतंत्र और न्यायपालिका को बनाए रखना है, तो सत्ता में बैठे कुछ लोगों की बलि देकर आजादी हासिल करनी होगी ।”

आपको बता दें कि नितिन गडकरी ने यह खुलासा लोकसभा चुनाव संपन्न होने के करीब 3 महीने बाद किया है। उन्होंने यह खुलासा शनिवार को नागपुर में पत्रकारिता पुरस्कार समारोह के दौरान किया । हालांकि, 21 अगस्त 2023 को शिवसेना (यूबीटी) नेता विनायक राउत का एक बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को इंडी गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया था। विनायक राउत ने कहा था कि उनकी पार्टी गडकरी को अगला प्रधानमंत्री बनाने की कोशिश करेगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व गडकरी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार मानता है और उनके राजनीतिक करियर को खत्म करने की साजिश कर रहा है।

–आईएनएस

आरके/केआर

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मुंबई,15 सितंबर(आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव 2024 के कई महीने बाद केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के एक नेता ने उन्हें पीएम पद का ऑफर दिया था। उनके इस बयान के बाद राजनीति गरमा गई है। शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को इस पर प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने कहा, “नितिन गडकरी भाजपा के सबसे सर्वमान्य नेता हैं और मुझे नहीं लगता कि किसी ने उनसे प्रधानमंत्री पद के लिए पैरवी करने को कहा होगा। जिस तरह से इस देश में तानाशाही चल रही है और जिस तरह से दस साल पहले आपातकाल की शुरुआत हुई थी। उन्हें अगर यह सलाह किसी ने दी है, विपक्ष के किसी नेता ने दी है तो मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता।”

संजय राउत ने कहा, “मुझे लगता है कि अगर कोई मौजूदा सरकार में रहते हुए भी इस देश के मूल्यों, लोकतंत्र, न्यायपालिका और स्वतंत्रता से नहीं जुड़ता है, तो यह राष्ट्रीय अपराध है। नितिन गडकरी ने हमेशा इन सबके खिलाफ बोला है, आवाज उठाई है और अपने विचार व्यक्त किए हैं । इसलिए अगर विपक्ष के किसी बड़े नेता ने, जिनका वह बहुत सम्मान करते हैं, उन्हें कुछ सलाह दी है, तो इसमें दुखी होने की जरूरत नहीं है । जगजीवन राम ने इन्हीं मूल्यों के कारण 1977 में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी और इंदिरा गांधी की हार हुई थी। अगर देश में आजादी, लोकतंत्र और न्यायपालिका को बनाए रखना है, तो सत्ता में बैठे कुछ लोगों की बलि देकर आजादी हासिल करनी होगी ।”

आपको बता दें कि नितिन गडकरी ने यह खुलासा लोकसभा चुनाव संपन्न होने के करीब 3 महीने बाद किया है। उन्होंने यह खुलासा शनिवार को नागपुर में पत्रकारिता पुरस्कार समारोह के दौरान किया । हालांकि, 21 अगस्त 2023 को शिवसेना (यूबीटी) नेता विनायक राउत का एक बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को इंडी गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया था। विनायक राउत ने कहा था कि उनकी पार्टी गडकरी को अगला प्रधानमंत्री बनाने की कोशिश करेगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व गडकरी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार मानता है और उनके राजनीतिक करियर को खत्म करने की साजिश कर रहा है।

–आईएनएस

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मुंबई,15 सितंबर(आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव 2024 के कई महीने बाद केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के एक नेता ने उन्हें पीएम पद का ऑफर दिया था। उनके इस बयान के बाद राजनीति गरमा गई है। शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को इस पर प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने कहा, “नितिन गडकरी भाजपा के सबसे सर्वमान्य नेता हैं और मुझे नहीं लगता कि किसी ने उनसे प्रधानमंत्री पद के लिए पैरवी करने को कहा होगा। जिस तरह से इस देश में तानाशाही चल रही है और जिस तरह से दस साल पहले आपातकाल की शुरुआत हुई थी। उन्हें अगर यह सलाह किसी ने दी है, विपक्ष के किसी नेता ने दी है तो मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता।”

संजय राउत ने कहा, “मुझे लगता है कि अगर कोई मौजूदा सरकार में रहते हुए भी इस देश के मूल्यों, लोकतंत्र, न्यायपालिका और स्वतंत्रता से नहीं जुड़ता है, तो यह राष्ट्रीय अपराध है। नितिन गडकरी ने हमेशा इन सबके खिलाफ बोला है, आवाज उठाई है और अपने विचार व्यक्त किए हैं । इसलिए अगर विपक्ष के किसी बड़े नेता ने, जिनका वह बहुत सम्मान करते हैं, उन्हें कुछ सलाह दी है, तो इसमें दुखी होने की जरूरत नहीं है । जगजीवन राम ने इन्हीं मूल्यों के कारण 1977 में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी और इंदिरा गांधी की हार हुई थी। अगर देश में आजादी, लोकतंत्र और न्यायपालिका को बनाए रखना है, तो सत्ता में बैठे कुछ लोगों की बलि देकर आजादी हासिल करनी होगी ।”

आपको बता दें कि नितिन गडकरी ने यह खुलासा लोकसभा चुनाव संपन्न होने के करीब 3 महीने बाद किया है। उन्होंने यह खुलासा शनिवार को नागपुर में पत्रकारिता पुरस्कार समारोह के दौरान किया । हालांकि, 21 अगस्त 2023 को शिवसेना (यूबीटी) नेता विनायक राउत का एक बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को इंडी गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया था। विनायक राउत ने कहा था कि उनकी पार्टी गडकरी को अगला प्रधानमंत्री बनाने की कोशिश करेगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व गडकरी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार मानता है और उनके राजनीतिक करियर को खत्म करने की साजिश कर रहा है।

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उन्होंने कहा, “नितिन गडकरी भाजपा के सबसे सर्वमान्य नेता हैं और मुझे नहीं लगता कि किसी ने उनसे प्रधानमंत्री पद के लिए पैरवी करने को कहा होगा। जिस तरह से इस देश में तानाशाही चल रही है और जिस तरह से दस साल पहले आपातकाल की शुरुआत हुई थी। उन्हें अगर यह सलाह किसी ने दी है, विपक्ष के किसी नेता ने दी है तो मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता।”

संजय राउत ने कहा, “मुझे लगता है कि अगर कोई मौजूदा सरकार में रहते हुए भी इस देश के मूल्यों, लोकतंत्र, न्यायपालिका और स्वतंत्रता से नहीं जुड़ता है, तो यह राष्ट्रीय अपराध है। नितिन गडकरी ने हमेशा इन सबके खिलाफ बोला है, आवाज उठाई है और अपने विचार व्यक्त किए हैं । इसलिए अगर विपक्ष के किसी बड़े नेता ने, जिनका वह बहुत सम्मान करते हैं, उन्हें कुछ सलाह दी है, तो इसमें दुखी होने की जरूरत नहीं है । जगजीवन राम ने इन्हीं मूल्यों के कारण 1977 में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी और इंदिरा गांधी की हार हुई थी। अगर देश में आजादी, लोकतंत्र और न्यायपालिका को बनाए रखना है, तो सत्ता में बैठे कुछ लोगों की बलि देकर आजादी हासिल करनी होगी ।”

आपको बता दें कि नितिन गडकरी ने यह खुलासा लोकसभा चुनाव संपन्न होने के करीब 3 महीने बाद किया है। उन्होंने यह खुलासा शनिवार को नागपुर में पत्रकारिता पुरस्कार समारोह के दौरान किया । हालांकि, 21 अगस्त 2023 को शिवसेना (यूबीटी) नेता विनायक राउत का एक बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को इंडी गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया था। विनायक राउत ने कहा था कि उनकी पार्टी गडकरी को अगला प्रधानमंत्री बनाने की कोशिश करेगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व गडकरी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार मानता है और उनके राजनीतिक करियर को खत्म करने की साजिश कर रहा है।

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उन्होंने कहा, “नितिन गडकरी भाजपा के सबसे सर्वमान्य नेता हैं और मुझे नहीं लगता कि किसी ने उनसे प्रधानमंत्री पद के लिए पैरवी करने को कहा होगा। जिस तरह से इस देश में तानाशाही चल रही है और जिस तरह से दस साल पहले आपातकाल की शुरुआत हुई थी। उन्हें अगर यह सलाह किसी ने दी है, विपक्ष के किसी नेता ने दी है तो मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता।”

संजय राउत ने कहा, “मुझे लगता है कि अगर कोई मौजूदा सरकार में रहते हुए भी इस देश के मूल्यों, लोकतंत्र, न्यायपालिका और स्वतंत्रता से नहीं जुड़ता है, तो यह राष्ट्रीय अपराध है। नितिन गडकरी ने हमेशा इन सबके खिलाफ बोला है, आवाज उठाई है और अपने विचार व्यक्त किए हैं । इसलिए अगर विपक्ष के किसी बड़े नेता ने, जिनका वह बहुत सम्मान करते हैं, उन्हें कुछ सलाह दी है, तो इसमें दुखी होने की जरूरत नहीं है । जगजीवन राम ने इन्हीं मूल्यों के कारण 1977 में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी और इंदिरा गांधी की हार हुई थी। अगर देश में आजादी, लोकतंत्र और न्यायपालिका को बनाए रखना है, तो सत्ता में बैठे कुछ लोगों की बलि देकर आजादी हासिल करनी होगी ।”

आपको बता दें कि नितिन गडकरी ने यह खुलासा लोकसभा चुनाव संपन्न होने के करीब 3 महीने बाद किया है। उन्होंने यह खुलासा शनिवार को नागपुर में पत्रकारिता पुरस्कार समारोह के दौरान किया । हालांकि, 21 अगस्त 2023 को शिवसेना (यूबीटी) नेता विनायक राउत का एक बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को इंडी गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया था। विनायक राउत ने कहा था कि उनकी पार्टी गडकरी को अगला प्रधानमंत्री बनाने की कोशिश करेगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व गडकरी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार मानता है और उनके राजनीतिक करियर को खत्म करने की साजिश कर रहा है।

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उन्होंने कहा, “नितिन गडकरी भाजपा के सबसे सर्वमान्य नेता हैं और मुझे नहीं लगता कि किसी ने उनसे प्रधानमंत्री पद के लिए पैरवी करने को कहा होगा। जिस तरह से इस देश में तानाशाही चल रही है और जिस तरह से दस साल पहले आपातकाल की शुरुआत हुई थी। उन्हें अगर यह सलाह किसी ने दी है, विपक्ष के किसी नेता ने दी है तो मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता।”

संजय राउत ने कहा, “मुझे लगता है कि अगर कोई मौजूदा सरकार में रहते हुए भी इस देश के मूल्यों, लोकतंत्र, न्यायपालिका और स्वतंत्रता से नहीं जुड़ता है, तो यह राष्ट्रीय अपराध है। नितिन गडकरी ने हमेशा इन सबके खिलाफ बोला है, आवाज उठाई है और अपने विचार व्यक्त किए हैं । इसलिए अगर विपक्ष के किसी बड़े नेता ने, जिनका वह बहुत सम्मान करते हैं, उन्हें कुछ सलाह दी है, तो इसमें दुखी होने की जरूरत नहीं है । जगजीवन राम ने इन्हीं मूल्यों के कारण 1977 में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी और इंदिरा गांधी की हार हुई थी। अगर देश में आजादी, लोकतंत्र और न्यायपालिका को बनाए रखना है, तो सत्ता में बैठे कुछ लोगों की बलि देकर आजादी हासिल करनी होगी ।”

आपको बता दें कि नितिन गडकरी ने यह खुलासा लोकसभा चुनाव संपन्न होने के करीब 3 महीने बाद किया है। उन्होंने यह खुलासा शनिवार को नागपुर में पत्रकारिता पुरस्कार समारोह के दौरान किया । हालांकि, 21 अगस्त 2023 को शिवसेना (यूबीटी) नेता विनायक राउत का एक बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को इंडी गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया था। विनायक राउत ने कहा था कि उनकी पार्टी गडकरी को अगला प्रधानमंत्री बनाने की कोशिश करेगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व गडकरी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार मानता है और उनके राजनीतिक करियर को खत्म करने की साजिश कर रहा है।

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उन्होंने कहा, “नितिन गडकरी भाजपा के सबसे सर्वमान्य नेता हैं और मुझे नहीं लगता कि किसी ने उनसे प्रधानमंत्री पद के लिए पैरवी करने को कहा होगा। जिस तरह से इस देश में तानाशाही चल रही है और जिस तरह से दस साल पहले आपातकाल की शुरुआत हुई थी। उन्हें अगर यह सलाह किसी ने दी है, विपक्ष के किसी नेता ने दी है तो मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता।”

संजय राउत ने कहा, “मुझे लगता है कि अगर कोई मौजूदा सरकार में रहते हुए भी इस देश के मूल्यों, लोकतंत्र, न्यायपालिका और स्वतंत्रता से नहीं जुड़ता है, तो यह राष्ट्रीय अपराध है। नितिन गडकरी ने हमेशा इन सबके खिलाफ बोला है, आवाज उठाई है और अपने विचार व्यक्त किए हैं । इसलिए अगर विपक्ष के किसी बड़े नेता ने, जिनका वह बहुत सम्मान करते हैं, उन्हें कुछ सलाह दी है, तो इसमें दुखी होने की जरूरत नहीं है । जगजीवन राम ने इन्हीं मूल्यों के कारण 1977 में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी और इंदिरा गांधी की हार हुई थी। अगर देश में आजादी, लोकतंत्र और न्यायपालिका को बनाए रखना है, तो सत्ता में बैठे कुछ लोगों की बलि देकर आजादी हासिल करनी होगी ।”

आपको बता दें कि नितिन गडकरी ने यह खुलासा लोकसभा चुनाव संपन्न होने के करीब 3 महीने बाद किया है। उन्होंने यह खुलासा शनिवार को नागपुर में पत्रकारिता पुरस्कार समारोह के दौरान किया । हालांकि, 21 अगस्त 2023 को शिवसेना (यूबीटी) नेता विनायक राउत का एक बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को इंडी गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया था। विनायक राउत ने कहा था कि उनकी पार्टी गडकरी को अगला प्रधानमंत्री बनाने की कोशिश करेगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व गडकरी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार मानता है और उनके राजनीतिक करियर को खत्म करने की साजिश कर रहा है।

–आईएनएस

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मुंबई,15 सितंबर(आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव 2024 के कई महीने बाद केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के एक नेता ने उन्हें पीएम पद का ऑफर दिया था। उनके इस बयान के बाद राजनीति गरमा गई है। शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को इस पर प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने कहा, “नितिन गडकरी भाजपा के सबसे सर्वमान्य नेता हैं और मुझे नहीं लगता कि किसी ने उनसे प्रधानमंत्री पद के लिए पैरवी करने को कहा होगा। जिस तरह से इस देश में तानाशाही चल रही है और जिस तरह से दस साल पहले आपातकाल की शुरुआत हुई थी। उन्हें अगर यह सलाह किसी ने दी है, विपक्ष के किसी नेता ने दी है तो मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता।”

संजय राउत ने कहा, “मुझे लगता है कि अगर कोई मौजूदा सरकार में रहते हुए भी इस देश के मूल्यों, लोकतंत्र, न्यायपालिका और स्वतंत्रता से नहीं जुड़ता है, तो यह राष्ट्रीय अपराध है। नितिन गडकरी ने हमेशा इन सबके खिलाफ बोला है, आवाज उठाई है और अपने विचार व्यक्त किए हैं । इसलिए अगर विपक्ष के किसी बड़े नेता ने, जिनका वह बहुत सम्मान करते हैं, उन्हें कुछ सलाह दी है, तो इसमें दुखी होने की जरूरत नहीं है । जगजीवन राम ने इन्हीं मूल्यों के कारण 1977 में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी और इंदिरा गांधी की हार हुई थी। अगर देश में आजादी, लोकतंत्र और न्यायपालिका को बनाए रखना है, तो सत्ता में बैठे कुछ लोगों की बलि देकर आजादी हासिल करनी होगी ।”

आपको बता दें कि नितिन गडकरी ने यह खुलासा लोकसभा चुनाव संपन्न होने के करीब 3 महीने बाद किया है। उन्होंने यह खुलासा शनिवार को नागपुर में पत्रकारिता पुरस्कार समारोह के दौरान किया । हालांकि, 21 अगस्त 2023 को शिवसेना (यूबीटी) नेता विनायक राउत का एक बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को इंडी गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया था। विनायक राउत ने कहा था कि उनकी पार्टी गडकरी को अगला प्रधानमंत्री बनाने की कोशिश करेगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व गडकरी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार मानता है और उनके राजनीतिक करियर को खत्म करने की साजिश कर रहा है।

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उन्होंने कहा, “नितिन गडकरी भाजपा के सबसे सर्वमान्य नेता हैं और मुझे नहीं लगता कि किसी ने उनसे प्रधानमंत्री पद के लिए पैरवी करने को कहा होगा। जिस तरह से इस देश में तानाशाही चल रही है और जिस तरह से दस साल पहले आपातकाल की शुरुआत हुई थी। उन्हें अगर यह सलाह किसी ने दी है, विपक्ष के किसी नेता ने दी है तो मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता।”

संजय राउत ने कहा, “मुझे लगता है कि अगर कोई मौजूदा सरकार में रहते हुए भी इस देश के मूल्यों, लोकतंत्र, न्यायपालिका और स्वतंत्रता से नहीं जुड़ता है, तो यह राष्ट्रीय अपराध है। नितिन गडकरी ने हमेशा इन सबके खिलाफ बोला है, आवाज उठाई है और अपने विचार व्यक्त किए हैं । इसलिए अगर विपक्ष के किसी बड़े नेता ने, जिनका वह बहुत सम्मान करते हैं, उन्हें कुछ सलाह दी है, तो इसमें दुखी होने की जरूरत नहीं है । जगजीवन राम ने इन्हीं मूल्यों के कारण 1977 में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी और इंदिरा गांधी की हार हुई थी। अगर देश में आजादी, लोकतंत्र और न्यायपालिका को बनाए रखना है, तो सत्ता में बैठे कुछ लोगों की बलि देकर आजादी हासिल करनी होगी ।”

आपको बता दें कि नितिन गडकरी ने यह खुलासा लोकसभा चुनाव संपन्न होने के करीब 3 महीने बाद किया है। उन्होंने यह खुलासा शनिवार को नागपुर में पत्रकारिता पुरस्कार समारोह के दौरान किया । हालांकि, 21 अगस्त 2023 को शिवसेना (यूबीटी) नेता विनायक राउत का एक बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को इंडी गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया था। विनायक राउत ने कहा था कि उनकी पार्टी गडकरी को अगला प्रधानमंत्री बनाने की कोशिश करेगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व गडकरी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार मानता है और उनके राजनीतिक करियर को खत्म करने की साजिश कर रहा है।

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उन्होंने कहा, “नितिन गडकरी भाजपा के सबसे सर्वमान्य नेता हैं और मुझे नहीं लगता कि किसी ने उनसे प्रधानमंत्री पद के लिए पैरवी करने को कहा होगा। जिस तरह से इस देश में तानाशाही चल रही है और जिस तरह से दस साल पहले आपातकाल की शुरुआत हुई थी। उन्हें अगर यह सलाह किसी ने दी है, विपक्ष के किसी नेता ने दी है तो मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता।”

संजय राउत ने कहा, “मुझे लगता है कि अगर कोई मौजूदा सरकार में रहते हुए भी इस देश के मूल्यों, लोकतंत्र, न्यायपालिका और स्वतंत्रता से नहीं जुड़ता है, तो यह राष्ट्रीय अपराध है। नितिन गडकरी ने हमेशा इन सबके खिलाफ बोला है, आवाज उठाई है और अपने विचार व्यक्त किए हैं । इसलिए अगर विपक्ष के किसी बड़े नेता ने, जिनका वह बहुत सम्मान करते हैं, उन्हें कुछ सलाह दी है, तो इसमें दुखी होने की जरूरत नहीं है । जगजीवन राम ने इन्हीं मूल्यों के कारण 1977 में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी और इंदिरा गांधी की हार हुई थी। अगर देश में आजादी, लोकतंत्र और न्यायपालिका को बनाए रखना है, तो सत्ता में बैठे कुछ लोगों की बलि देकर आजादी हासिल करनी होगी ।”

आपको बता दें कि नितिन गडकरी ने यह खुलासा लोकसभा चुनाव संपन्न होने के करीब 3 महीने बाद किया है। उन्होंने यह खुलासा शनिवार को नागपुर में पत्रकारिता पुरस्कार समारोह के दौरान किया । हालांकि, 21 अगस्त 2023 को शिवसेना (यूबीटी) नेता विनायक राउत का एक बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को इंडी गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया था। विनायक राउत ने कहा था कि उनकी पार्टी गडकरी को अगला प्रधानमंत्री बनाने की कोशिश करेगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व गडकरी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार मानता है और उनके राजनीतिक करियर को खत्म करने की साजिश कर रहा है।

–आईएनएस

आरके/केआर

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मुंबई,15 सितंबर(आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव 2024 के कई महीने बाद केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के एक नेता ने उन्हें पीएम पद का ऑफर दिया था। उनके इस बयान के बाद राजनीति गरमा गई है। शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को इस पर प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने कहा, “नितिन गडकरी भाजपा के सबसे सर्वमान्य नेता हैं और मुझे नहीं लगता कि किसी ने उनसे प्रधानमंत्री पद के लिए पैरवी करने को कहा होगा। जिस तरह से इस देश में तानाशाही चल रही है और जिस तरह से दस साल पहले आपातकाल की शुरुआत हुई थी। उन्हें अगर यह सलाह किसी ने दी है, विपक्ष के किसी नेता ने दी है तो मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता।”

संजय राउत ने कहा, “मुझे लगता है कि अगर कोई मौजूदा सरकार में रहते हुए भी इस देश के मूल्यों, लोकतंत्र, न्यायपालिका और स्वतंत्रता से नहीं जुड़ता है, तो यह राष्ट्रीय अपराध है। नितिन गडकरी ने हमेशा इन सबके खिलाफ बोला है, आवाज उठाई है और अपने विचार व्यक्त किए हैं । इसलिए अगर विपक्ष के किसी बड़े नेता ने, जिनका वह बहुत सम्मान करते हैं, उन्हें कुछ सलाह दी है, तो इसमें दुखी होने की जरूरत नहीं है । जगजीवन राम ने इन्हीं मूल्यों के कारण 1977 में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी और इंदिरा गांधी की हार हुई थी। अगर देश में आजादी, लोकतंत्र और न्यायपालिका को बनाए रखना है, तो सत्ता में बैठे कुछ लोगों की बलि देकर आजादी हासिल करनी होगी ।”

आपको बता दें कि नितिन गडकरी ने यह खुलासा लोकसभा चुनाव संपन्न होने के करीब 3 महीने बाद किया है। उन्होंने यह खुलासा शनिवार को नागपुर में पत्रकारिता पुरस्कार समारोह के दौरान किया । हालांकि, 21 अगस्त 2023 को शिवसेना (यूबीटी) नेता विनायक राउत का एक बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को इंडी गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया था। विनायक राउत ने कहा था कि उनकी पार्टी गडकरी को अगला प्रधानमंत्री बनाने की कोशिश करेगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व गडकरी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार मानता है और उनके राजनीतिक करियर को खत्म करने की साजिश कर रहा है।

–आईएनएस

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मुंबई,15 सितंबर(आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव 2024 के कई महीने बाद केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के एक नेता ने उन्हें पीएम पद का ऑफर दिया था। उनके इस बयान के बाद राजनीति गरमा गई है। शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को इस पर प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने कहा, “नितिन गडकरी भाजपा के सबसे सर्वमान्य नेता हैं और मुझे नहीं लगता कि किसी ने उनसे प्रधानमंत्री पद के लिए पैरवी करने को कहा होगा। जिस तरह से इस देश में तानाशाही चल रही है और जिस तरह से दस साल पहले आपातकाल की शुरुआत हुई थी। उन्हें अगर यह सलाह किसी ने दी है, विपक्ष के किसी नेता ने दी है तो मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता।”

संजय राउत ने कहा, “मुझे लगता है कि अगर कोई मौजूदा सरकार में रहते हुए भी इस देश के मूल्यों, लोकतंत्र, न्यायपालिका और स्वतंत्रता से नहीं जुड़ता है, तो यह राष्ट्रीय अपराध है। नितिन गडकरी ने हमेशा इन सबके खिलाफ बोला है, आवाज उठाई है और अपने विचार व्यक्त किए हैं । इसलिए अगर विपक्ष के किसी बड़े नेता ने, जिनका वह बहुत सम्मान करते हैं, उन्हें कुछ सलाह दी है, तो इसमें दुखी होने की जरूरत नहीं है । जगजीवन राम ने इन्हीं मूल्यों के कारण 1977 में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी और इंदिरा गांधी की हार हुई थी। अगर देश में आजादी, लोकतंत्र और न्यायपालिका को बनाए रखना है, तो सत्ता में बैठे कुछ लोगों की बलि देकर आजादी हासिल करनी होगी ।”

आपको बता दें कि नितिन गडकरी ने यह खुलासा लोकसभा चुनाव संपन्न होने के करीब 3 महीने बाद किया है। उन्होंने यह खुलासा शनिवार को नागपुर में पत्रकारिता पुरस्कार समारोह के दौरान किया । हालांकि, 21 अगस्त 2023 को शिवसेना (यूबीटी) नेता विनायक राउत का एक बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को इंडी गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया था। विनायक राउत ने कहा था कि उनकी पार्टी गडकरी को अगला प्रधानमंत्री बनाने की कोशिश करेगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व गडकरी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार मानता है और उनके राजनीतिक करियर को खत्म करने की साजिश कर रहा है।

–आईएनएस

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मुंबई,15 सितंबर(आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव 2024 के कई महीने बाद केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के एक नेता ने उन्हें पीएम पद का ऑफर दिया था। उनके इस बयान के बाद राजनीति गरमा गई है। शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को इस पर प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने कहा, “नितिन गडकरी भाजपा के सबसे सर्वमान्य नेता हैं और मुझे नहीं लगता कि किसी ने उनसे प्रधानमंत्री पद के लिए पैरवी करने को कहा होगा। जिस तरह से इस देश में तानाशाही चल रही है और जिस तरह से दस साल पहले आपातकाल की शुरुआत हुई थी। उन्हें अगर यह सलाह किसी ने दी है, विपक्ष के किसी नेता ने दी है तो मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता।”

संजय राउत ने कहा, “मुझे लगता है कि अगर कोई मौजूदा सरकार में रहते हुए भी इस देश के मूल्यों, लोकतंत्र, न्यायपालिका और स्वतंत्रता से नहीं जुड़ता है, तो यह राष्ट्रीय अपराध है। नितिन गडकरी ने हमेशा इन सबके खिलाफ बोला है, आवाज उठाई है और अपने विचार व्यक्त किए हैं । इसलिए अगर विपक्ष के किसी बड़े नेता ने, जिनका वह बहुत सम्मान करते हैं, उन्हें कुछ सलाह दी है, तो इसमें दुखी होने की जरूरत नहीं है । जगजीवन राम ने इन्हीं मूल्यों के कारण 1977 में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी और इंदिरा गांधी की हार हुई थी। अगर देश में आजादी, लोकतंत्र और न्यायपालिका को बनाए रखना है, तो सत्ता में बैठे कुछ लोगों की बलि देकर आजादी हासिल करनी होगी ।”

आपको बता दें कि नितिन गडकरी ने यह खुलासा लोकसभा चुनाव संपन्न होने के करीब 3 महीने बाद किया है। उन्होंने यह खुलासा शनिवार को नागपुर में पत्रकारिता पुरस्कार समारोह के दौरान किया । हालांकि, 21 अगस्त 2023 को शिवसेना (यूबीटी) नेता विनायक राउत का एक बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को इंडी गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया था। विनायक राउत ने कहा था कि उनकी पार्टी गडकरी को अगला प्रधानमंत्री बनाने की कोशिश करेगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व गडकरी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार मानता है और उनके राजनीतिक करियर को खत्म करने की साजिश कर रहा है।

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मुंबई,15 सितंबर(आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव 2024 के कई महीने बाद केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के एक नेता ने उन्हें पीएम पद का ऑफर दिया था। उनके इस बयान के बाद राजनीति गरमा गई है। शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को इस पर प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने कहा, “नितिन गडकरी भाजपा के सबसे सर्वमान्य नेता हैं और मुझे नहीं लगता कि किसी ने उनसे प्रधानमंत्री पद के लिए पैरवी करने को कहा होगा। जिस तरह से इस देश में तानाशाही चल रही है और जिस तरह से दस साल पहले आपातकाल की शुरुआत हुई थी। उन्हें अगर यह सलाह किसी ने दी है, विपक्ष के किसी नेता ने दी है तो मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता।”

संजय राउत ने कहा, “मुझे लगता है कि अगर कोई मौजूदा सरकार में रहते हुए भी इस देश के मूल्यों, लोकतंत्र, न्यायपालिका और स्वतंत्रता से नहीं जुड़ता है, तो यह राष्ट्रीय अपराध है। नितिन गडकरी ने हमेशा इन सबके खिलाफ बोला है, आवाज उठाई है और अपने विचार व्यक्त किए हैं । इसलिए अगर विपक्ष के किसी बड़े नेता ने, जिनका वह बहुत सम्मान करते हैं, उन्हें कुछ सलाह दी है, तो इसमें दुखी होने की जरूरत नहीं है । जगजीवन राम ने इन्हीं मूल्यों के कारण 1977 में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी और इंदिरा गांधी की हार हुई थी। अगर देश में आजादी, लोकतंत्र और न्यायपालिका को बनाए रखना है, तो सत्ता में बैठे कुछ लोगों की बलि देकर आजादी हासिल करनी होगी ।”

आपको बता दें कि नितिन गडकरी ने यह खुलासा लोकसभा चुनाव संपन्न होने के करीब 3 महीने बाद किया है। उन्होंने यह खुलासा शनिवार को नागपुर में पत्रकारिता पुरस्कार समारोह के दौरान किया । हालांकि, 21 अगस्त 2023 को शिवसेना (यूबीटी) नेता विनायक राउत का एक बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को इंडी गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया था। विनायक राउत ने कहा था कि उनकी पार्टी गडकरी को अगला प्रधानमंत्री बनाने की कोशिश करेगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व गडकरी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार मानता है और उनके राजनीतिक करियर को खत्म करने की साजिश कर रहा है।

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उन्होंने कहा, “नितिन गडकरी भाजपा के सबसे सर्वमान्य नेता हैं और मुझे नहीं लगता कि किसी ने उनसे प्रधानमंत्री पद के लिए पैरवी करने को कहा होगा। जिस तरह से इस देश में तानाशाही चल रही है और जिस तरह से दस साल पहले आपातकाल की शुरुआत हुई थी। उन्हें अगर यह सलाह किसी ने दी है, विपक्ष के किसी नेता ने दी है तो मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता।”

संजय राउत ने कहा, “मुझे लगता है कि अगर कोई मौजूदा सरकार में रहते हुए भी इस देश के मूल्यों, लोकतंत्र, न्यायपालिका और स्वतंत्रता से नहीं जुड़ता है, तो यह राष्ट्रीय अपराध है। नितिन गडकरी ने हमेशा इन सबके खिलाफ बोला है, आवाज उठाई है और अपने विचार व्यक्त किए हैं । इसलिए अगर विपक्ष के किसी बड़े नेता ने, जिनका वह बहुत सम्मान करते हैं, उन्हें कुछ सलाह दी है, तो इसमें दुखी होने की जरूरत नहीं है । जगजीवन राम ने इन्हीं मूल्यों के कारण 1977 में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी और इंदिरा गांधी की हार हुई थी। अगर देश में आजादी, लोकतंत्र और न्यायपालिका को बनाए रखना है, तो सत्ता में बैठे कुछ लोगों की बलि देकर आजादी हासिल करनी होगी ।”

आपको बता दें कि नितिन गडकरी ने यह खुलासा लोकसभा चुनाव संपन्न होने के करीब 3 महीने बाद किया है। उन्होंने यह खुलासा शनिवार को नागपुर में पत्रकारिता पुरस्कार समारोह के दौरान किया । हालांकि, 21 अगस्त 2023 को शिवसेना (यूबीटी) नेता विनायक राउत का एक बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को इंडी गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया था। विनायक राउत ने कहा था कि उनकी पार्टी गडकरी को अगला प्रधानमंत्री बनाने की कोशिश करेगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व गडकरी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार मानता है और उनके राजनीतिक करियर को खत्म करने की साजिश कर रहा है।

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