पटना, 9 जनवरी (आईएएनएस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को पटना में निर्माणाधीन राष्ट्रीय डॉल्फिन अनुसंधान केन्द्र का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने नये राष्ट्रीय डॉल्फिन अनुसंधान केन्द्र के अंतर्गत निर्माण किए जा रहे विभिन्न भागों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को निर्माण कार्य जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय डॉल्फिन अनुसंधान केन्द्र के निर्माण के पीछे की अवधारणा है कि एक ही छत के नीचे भारत के राष्ट्रीय जलीय पशु गंगा डॉल्फिन से संबंधित सभी प्रकार के अनुसंधान किये जा सकेंगे और उनका संरक्षण हो सकेगा। यह शोध संस्थान अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त भारत के राष्ट्रीय जीव गंगा डॉल्फिन के लिये एक प्रमुख शोध केन्द्र बनेगा, जो पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी उत्कृष्ट होगा।
गंगा नदी के इस अनुसंधान केन्द्र से सटे होने से डाल्फिन के व्यवहार का अध्ययन किया जा सकेगा। वर्ष 2009 से डॉल्फिन के संरक्षण के लिये राज्य सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर प्रयास प्रारंभ किये गये।
5 अक्टूबर 2009 को दिल्ली में राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की प्रथम बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह के समक्ष गांगेय डॉल्फिन को राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित करने की मांग की थी।
उसके बाद तत्कालीन पर्यावरण एवं वन मंत्री जयराम रमेश के प्रयासों से 5 अक्टूबर 2009 को ही गांगेय डॉल्फिन को राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया गया।
राष्ट्रीय डॉल्फिन अनुसंधान केन्द्र का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। जब इस केन्द्र का संचालन शुरू हो जायेगा तो यह केन्द्र गंगा डॉल्फिन के संरक्षण और अध्ययन में अपना महत्वपूर्ण योगदान देगा।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की सचिव बंदना प्रेयसी ने निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री को बताया कि इस जी प्लस टू संरचना में पुस्तकालय, सेमिनार और अकादमिक हॉल के साथ विभिन्न प्रयोगशालायें होंगी।
–आईएएनएस
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