नोएडा, 19 फरवरी (आईएएनएस)। नोएडा प्राधिकरण ने बिल्डर के खिलाफ वित्तीय अनियमितता की जांच के लिए दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) से आग्रह किया है।
प्राधिकरण ने जानकारी दी कि जीएच-4 सेक्टर-78 में 61,594 वर्गमीटर क्षेत्रफल में से जीएच-4ए सेक्टर-78 में करीब 30,797 वर्गमीटर का सब डिवीजन 27 जुलाई 2010 को मेसर्स एसोटेक लिमिटेड के पक्ष में किया गया था। इसके बाद 12 अगस्त 2010 को लीज डीड की गई और 13 अगस्त 2010 को कब्जा दे दिया गया। कुछ किस्तों का भुगतान करने के बाद बिल्डर ने बाकी की राशि जमा नहीं की।
प्राधिकरण के अनुसार, बिल्डर पर करीब 88 करोड़ रुपए बकाया है। बकाए की वसूली के लिए प्राधिकरण ने कई बार नोटिस जारी किए, लेकिन बिल्डर की ओर से कोई जवाब नहीं आया और न ही बकाया राशि जमा की गई। इस परियोजना के प्रमोटर संजीव श्रीवास्तव, प्रिया श्रीवास्तव, मदन प्रसाद श्रीवास्तव, मनेंद्र कुमार राय, मनोज श्रीवास्तव और राजीव राय ने परियोजना के फ्लैट्स को बेचकर तृतीय पक्ष को लाभ पहुंचाया।
इसके अलावा, उन्होंने प्राधिकरण में जमा किए गए पैसे को अन्य परियोजनाओं में डायवर्ट कर दिया, जिसके कारण प्राधिकरण को वित्तीय हानि हुई और खरीदारों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस स्थिति के मद्देनजर प्राधिकरण ने ईओडब्ल्यू से संबंधित बिल्डर और प्रमोटर के खिलाफ वित्तीय अनियमितता की जांच करने की अपील की है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी नोएडा प्राधिकरण कई बिल्डर्स के खिलाफ जांच के लिए अपनी आवेदन दे चुका है और बकाया राशि पर लगातार काम किया जा रहा है, जो भी बिल्डर बकाया राशि की जद में आते हैं, उनकी लिस्ट भी प्राधिकरण तैयार कर रहा है और उन पर भी आने वाले समय में कार्यवाही की जाएगी।
–आईएएनएस
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