चंडीगढ़, 27 जुलाई (आईएएनएस)। नशा विरोधी अभियान के तहत पंजाब पुलिस को गुरुवार को बड़ी सफलता मिली, जब संगरूर जिले के कम से कम 67 गांव और 20 वार्डों ने ड्रग्स बेचने वालों का विरोध और सामाजिक बहिष्कार करने तथा अपने गांव को नशा मुक्त बनाने का प्रस्ताव पारित किया।
यह उपलब्धि राज्य को नशा मुक्त और अपराध मुक्त राज्य बनाने के लिए पुलिस द्वारा मादक पदार्थों की तस्करी, असामाजिक तत्वों और अपराधियों पर केंद्रित कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन (सीएएसओ) की श्रृंखला के बीच मिली।
श्री मुक्तसर साहिब जिले के दो कुख्यात इलाकों, जिनमें गांव मिड्डा और मलोट का मोहल्ला छजघर शामिल हैं, के निवासियों ने बुधवार को नशे से दूर रहने का संकल्प लिया।
अभियान के चौथे दिन पुलिस महानिदेशक गौरव यादव के निर्देश पर पटियाला रेंज के दो जिलों – संगरूर और बरनाला – में ऑपरेशन चलाया गया।
पूरा ऑपरेशन पुलिस महानिरीक्षक, पटियाला रेंज, मुखविंदर सिंह छीना की निगरानी में चलाया गया। एसएसपी को इस ऑपरेशन की सावधानीपूर्वक योजना बनाने और अधिकतम पुलिस बल तैनात करने का निर्देश दिया गया।
विशेष डीजीपी, कानून एवं व्यवस्था, अर्पित शुक्ला ने जनता से राज्य से ड्रग्स के खतरे को खत्म करने और इसे ‘रंगला पंजाब’ में बदलने के लिए आगे आने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि पुलिस ड्रग्स की आपूर्ति को तोड़ने के लिए तस्करों को पकड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है, लेकिन मांग में कटौती के लिए जनता का समर्थन जरूरी है।
विशेष डीजीपी ने अधिक जानकारी देते हुए कहा कि पुलिस टीमों ने ऑपरेशन के दौरान आठ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद 11 असामाजिक तत्वों को गिरफ्तार किया है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा पुलिस टीमों ने 60 संदिग्ध लोगों को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।
विशेष डीजीपी ने कहा कि एसएसपी संगरूर सुरेंद्र लांबा और एसएसपी बरनाला संदीप कुमार मलिक की देखरेख में 1,200 से अधिक पुलिस कर्मियों के मजबूत बल ने अपने-अपने जिलों में पहचाने गए ड्रग हॉटस्पॉट में ऑपरेशन चलाया।
इस बीच, आईजीपी छीना ने नशीली दवाओं के खिलाफ लड़ाई में उनके प्रयासों की सराहना करने के लिए ऐसी 10 पंचायतों को विशेष रूप से एक बैठक के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने राज्य से नशे को खत्म करने के लिए अधिक से अधिक लोगों से पंजाब पुलिस के साथ हाथ मिलाने का आग्रह किया।
–आईएएनएस
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