चंडीगढ़, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को पंचायत चुनाव से संबंधित सभी याचिकाएं खारिज कर दीं। इसके साथ ही 250 से ज्यादा पंचायतों में चुनावी प्रक्रिया पर लगी रोक को भी हटा दिया। हाई कोर्ट के इस फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही जा रही है।
पंजाब सरकार के आग्रह पर कोर्ट ने सभी याचिकाओं पर एक साथ आठ अलग-अलग विषयों पर सुनवाई शुरू की। इसमें वार्डबंदी, नामांकन खारिज करने, वीडियोग्राफी और अन्य मामले शामिल थे। कोर्ट ने वीडियोग्राफी की मांग की याचिका को छोड़कर सभी याचिकाएं खारिज कर दीं हैं।
इस सुनवाई के संबंध में शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता और अधिवक्ता अर्शदीप सिंह का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, “पंजाब पंचायत चुनाव में किस तरह की धांधली हो रही है, यह हम सभी लोगों के सामने है। यह बात अब किसी से छिपी नहीं है। पहले तो इन लोगों ने नामांकन पत्र दाखिल नहीं करने दिया और जिन लोगों ने दाखिल करने की कोशिश की, उन्हें धक्के मारकर बाहर कर दिया गया है। इस संबंध में कोर्ट में हजारों याचिका दाखिल की थी। ऐसा लग रहा है जैसे सरकारी तंत्र ने आम आदमी पार्टी के आगे घुटने टेक दिए हों। इसी वजह से इस तरह की स्थिति पैदा हुई है।”
उन्होंने आगे कहा, “आज फिर इस मामले की सुनवाई हुई। मौजूदा स्थिति से यह साफ हो रहा है कि आम आदमी पार्टी के नेताओं को पंचायती चुनाव में निर्विरोध जिताने का काम किया जा रहा है और यह सब सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करते हुए किया जा रहा है, जिसे किसी भी कीमत में स्वीकार नहीं किया जा सकता है।”
उन्होंने कहा, “मौजूदा स्थिति से साफ हो चुका है कि किस तरह से पंजाब में आम आदमी पार्टी के नेतृत्व में तानाशाही फैलाने की कोशिश की जा रही है। सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कुछ लोग अपने फायदे के लिए कर रहे हैं।”
–आईएएनएस
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