बरनाला, 7 मार्च (आईएएनएस)। पंजाब सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के उद्देश्य से एक बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत सरकारी अस्पतालों का प्रबंधन निजी हाथों में देने का प्रस्ताव है। सरकार के इस फैसले का विरोध शुरू हो गया है।
पंजाब सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने बरनाला में एक कार्यक्रम के दौरान सरकारी अस्पतालों का प्रबंधन निजी हाथों में देने का ऐलान किया। उनका कहना है कि यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और निजी संस्थाओं के निवेश से सरकारी अस्पतालों को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए उठाया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री के ऐलान के बाद अस्पताल सुरक्षा समिति और सरकारी अस्पताल बचाओ कमेटी के सदस्य इस फैसले को लेकर कड़ा विरोध जता रहे हैं। सरकारी अस्पताल बचाओ कमेटी के सदस्य सोहन सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री के फैसले पर तल्ख टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों को निजी हाथों में सौंपना पूरी तरह से गलत है और वह इसका पुरजोर विरोध करेंगे। उन्होंने दावा किया कि यह निर्णय सरकारी अस्पतालों की स्वायत्तता को खत्म कर देगा और आम जनता के लिए स्वास्थ्य सेवाएं महंगी हो सकती हैं।
बलबीर सिंह ने कहा था कि कई निजी संस्थाएं पंजाब में सरकारी अस्पतालों के लिए 11,500 करोड़ रुपये का निवेश करने को तैयार हैं। उनका उद्देश्य सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों की कमी को दूर करना है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हो सके। सरकार इस फैसले को एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू करेगी, जिसमें कुछ सरकारी अस्पतालों को निजी हाथों में सौंपा जाएगा।
–आईएएनएस
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