तिरुवनंतपुरम, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन उनसे नहीं मिल रहे हैं और उन्हें विधेयकों के बारे में जानकारी नहीं दे रहे हैं, मुख्यमंत्री ने गुरुवार को कहा कि ऐसी कोई प्रथा नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “मुझे नहीं पता कि राज्यपाल ऐसा रुख क्यों अपना रहे हैं। ऐसी कोई प्रथा नहीं है। मैं उनसे नहीं मिला तो क्या हुआ, लेकिन संबंधित मंत्री ने राज्यपाल को विधेयकों के बारे में जानकारी दी है, जैसा कि नियम है।”
राज्यपाल ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि वह विजयन के आने और अपनी शंकाओं का समाधान करने का इंतजार कर रहे हैं।
विजयन और उनकी सरकार इस बात से नाराज है कि खान अपने पास आठ महत्वपूर्ण विधेयक रखे हुए हैं, इनमें से तीन विधेयक उनके पास (एक साल से अधिक समय से) और एक लगभग 22 महीने से पड़ा हुआ है। जबकि तीन और बिल करीब एक साल से उनके पास हैं, जबकि दो बिल एक साल से भी कम समय से उनके पास हैं।
विजयन ने पिछले महीने कहा था कि वे विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं करने के लिए राज्यपाल के खिलाफ कानूनी कदम उठाने पर विचार कर रहे हैं।
केरल सरकार ने न्यायविद् फली एस.नरीमन की कानूनी सलाह भी ली है और शीर्ष अदालत में राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए अनुभवी वकील के.के.वेणुगोपाल से भी बात की है।
–आईएएनएस
एसजीके
तिरुवनंतपुरम, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन उनसे नहीं मिल रहे हैं और उन्हें विधेयकों के बारे में जानकारी नहीं दे रहे हैं, मुख्यमंत्री ने गुरुवार को कहा कि ऐसी कोई प्रथा नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “मुझे नहीं पता कि राज्यपाल ऐसा रुख क्यों अपना रहे हैं। ऐसी कोई प्रथा नहीं है। मैं उनसे नहीं मिला तो क्या हुआ, लेकिन संबंधित मंत्री ने राज्यपाल को विधेयकों के बारे में जानकारी दी है, जैसा कि नियम है।”
राज्यपाल ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि वह विजयन के आने और अपनी शंकाओं का समाधान करने का इंतजार कर रहे हैं।
विजयन और उनकी सरकार इस बात से नाराज है कि खान अपने पास आठ महत्वपूर्ण विधेयक रखे हुए हैं, इनमें से तीन विधेयक उनके पास (एक साल से अधिक समय से) और एक लगभग 22 महीने से पड़ा हुआ है। जबकि तीन और बिल करीब एक साल से उनके पास हैं, जबकि दो बिल एक साल से भी कम समय से उनके पास हैं।
विजयन ने पिछले महीने कहा था कि वे विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं करने के लिए राज्यपाल के खिलाफ कानूनी कदम उठाने पर विचार कर रहे हैं।
केरल सरकार ने न्यायविद् फली एस.नरीमन की कानूनी सलाह भी ली है और शीर्ष अदालत में राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए अनुभवी वकील के.के.वेणुगोपाल से भी बात की है।
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