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Home ताज़ा समाचार

पति-पत्नी और सत्ता, झारखंड में अनोखा ‘प्रयोग’ या सियासी ‘संयोग’

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July 5, 2024
in ताज़ा समाचार
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रांची, 5 जुलाई (आईएएनएस)। हेमंत सोरेन ने पांच महीने बाद झारखंड में एक बार फिर सत्ता की ड्राइविंग सीट संभाल ली है और इस बार उनके साथ को-ड्राइवर की सीट पर कोई और नहीं, बल्कि उनकी पत्नी कल्पना सोरेन हैं। 28 जून को हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद से ही कल्पना हर पल साए की तरह उनके साथ-साथ चल रही हैं।

पिछले आठ दिनों के दौरान सार्वजनिक कार्यक्रमों में दोनों की जो केमिस्ट्री दिखी है, उसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। गुरुवार को सीएम पद की शपथ लेने के एक घंटे बाद ही हेमंत सोरेन झारखंड मंत्रालय स्थित कार्यालय में कल्पना सोरेन के साथ पहुंचे और पदभार संभाला। वहां से वापस आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने अपनी कार खुद ड्राइव की। ड्राइविंग सीट पर बैठने के पहले उन्होंने पत्रकारों से मजाकिया लहजे में कहा, “यार, सामने से हट जाओ… पांच महीने बाद ड्राइव कर रहा हूं… बहुत सारी ताकतें लगी थी, हमें रोकने में… पता नहीं किसे चोट लग जाए… मैं ड्राइवर हूं और कल्पना को-ड्राइवर।”

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हेमंत सोरेन ने यह बात भले ही हल्के-फुल्के अंदाज में कही, लेकिन सच यही है कि अब हर सियासी निर्णय में कल्पना सोरेन उनकी सबसे खास सलाहकार और सहयोगी हैं। 31 जनवरी को जेल जाने के पहले हेमंत सोरेन पहले कल्पना सोरेन को ही सीएम की कुर्सी सौंपना चाहते थे, लेकिन तब कुछ विधायकों और घर में ही भाभी की ओर से विरोध की वजह से उनका प्लान धरातल पर नहीं उतर पाया।

हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना सोरेन ने सत्ता न सही, लेकिन सियासी मोर्चे पर उनकी खाली जगह बखूबी संभाली और बेहद कम समय में एक मंझे हुए लीडर के तौर पर उनका उभार हुआ। हेमंत सोरेन जब तक जेल में रहे, उनका सोशल मीडिया हैंडल कल्पना ने ही संभाला और लोगों से भावनात्मक स्तर पर कनेक्ट होने में काफी हद तक सफल रहीं।

गुरुवार शाम कार ड्राइव कर ऑफिस से आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने राज्य की जनता के नाम एक वीडियो संदेश बनाया, जिसे को-ड्राइवर सीट पर बैठी कल्पना ने ही अपने मोबाइल से रिकॉर्ड किया। कल्पना सोरेन ने शुक्रवार को यह वीडियो संदेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया। बाद में हेमंत सोरेन ने इसे रिपोस्ट किया।

हेमंत सोरेन ने इस वीडियो में अपनी जेल यात्रा और राज्य की राजनीतिक स्थितियों से लेकर पलायन, बेरोजगारी जैसी समस्याओं का जिक्र किया और राज्य के विकास को गति देने के संकल्पों को दोहराया।

इसके पहले बीते आठ दिनों में अपने आवास पर कार्यकर्ताओं-समर्थकों के बीच संबोधन, संथाल हूल दिवस पर साहिबगंज के भोगनाडीह में आयोजित कार्यक्रम, सरकार बनाने की दावेदारी के लिए राज्यपाल से मुलाकात, शुक्रवार को चीफ जस्टिस के शपथ ग्रहण समारोह और उसके बाद रांची के बगलामुखी मंदिर में पूजा के कार्यक्रम में हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन साथ-साथ दिखे।

हेमंत सोरेन की सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत परीक्षण के लिए 8 जुलाई को एक दिन का विशेष सत्र आहूत किया है। झारखंड के विधानसभा के इतिहास में उस दिन यह पहली बार होगा, जब पति-पत्नी (हेमंत-कल्पना) की जोड़ी एक साथ सदन में मौजूद होगी। कल्पना सोरेन हाल में गांडेय विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज कर विधायक बन चुकी हैं।

–आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम

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रांची, 5 जुलाई (आईएएनएस)। हेमंत सोरेन ने पांच महीने बाद झारखंड में एक बार फिर सत्ता की ड्राइविंग सीट संभाल ली है और इस बार उनके साथ को-ड्राइवर की सीट पर कोई और नहीं, बल्कि उनकी पत्नी कल्पना सोरेन हैं। 28 जून को हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद से ही कल्पना हर पल साए की तरह उनके साथ-साथ चल रही हैं।

पिछले आठ दिनों के दौरान सार्वजनिक कार्यक्रमों में दोनों की जो केमिस्ट्री दिखी है, उसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। गुरुवार को सीएम पद की शपथ लेने के एक घंटे बाद ही हेमंत सोरेन झारखंड मंत्रालय स्थित कार्यालय में कल्पना सोरेन के साथ पहुंचे और पदभार संभाला। वहां से वापस आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने अपनी कार खुद ड्राइव की। ड्राइविंग सीट पर बैठने के पहले उन्होंने पत्रकारों से मजाकिया लहजे में कहा, “यार, सामने से हट जाओ… पांच महीने बाद ड्राइव कर रहा हूं… बहुत सारी ताकतें लगी थी, हमें रोकने में… पता नहीं किसे चोट लग जाए… मैं ड्राइवर हूं और कल्पना को-ड्राइवर।”

हेमंत सोरेन ने यह बात भले ही हल्के-फुल्के अंदाज में कही, लेकिन सच यही है कि अब हर सियासी निर्णय में कल्पना सोरेन उनकी सबसे खास सलाहकार और सहयोगी हैं। 31 जनवरी को जेल जाने के पहले हेमंत सोरेन पहले कल्पना सोरेन को ही सीएम की कुर्सी सौंपना चाहते थे, लेकिन तब कुछ विधायकों और घर में ही भाभी की ओर से विरोध की वजह से उनका प्लान धरातल पर नहीं उतर पाया।

हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना सोरेन ने सत्ता न सही, लेकिन सियासी मोर्चे पर उनकी खाली जगह बखूबी संभाली और बेहद कम समय में एक मंझे हुए लीडर के तौर पर उनका उभार हुआ। हेमंत सोरेन जब तक जेल में रहे, उनका सोशल मीडिया हैंडल कल्पना ने ही संभाला और लोगों से भावनात्मक स्तर पर कनेक्ट होने में काफी हद तक सफल रहीं।

गुरुवार शाम कार ड्राइव कर ऑफिस से आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने राज्य की जनता के नाम एक वीडियो संदेश बनाया, जिसे को-ड्राइवर सीट पर बैठी कल्पना ने ही अपने मोबाइल से रिकॉर्ड किया। कल्पना सोरेन ने शुक्रवार को यह वीडियो संदेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया। बाद में हेमंत सोरेन ने इसे रिपोस्ट किया।

हेमंत सोरेन ने इस वीडियो में अपनी जेल यात्रा और राज्य की राजनीतिक स्थितियों से लेकर पलायन, बेरोजगारी जैसी समस्याओं का जिक्र किया और राज्य के विकास को गति देने के संकल्पों को दोहराया।

इसके पहले बीते आठ दिनों में अपने आवास पर कार्यकर्ताओं-समर्थकों के बीच संबोधन, संथाल हूल दिवस पर साहिबगंज के भोगनाडीह में आयोजित कार्यक्रम, सरकार बनाने की दावेदारी के लिए राज्यपाल से मुलाकात, शुक्रवार को चीफ जस्टिस के शपथ ग्रहण समारोह और उसके बाद रांची के बगलामुखी मंदिर में पूजा के कार्यक्रम में हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन साथ-साथ दिखे।

हेमंत सोरेन की सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत परीक्षण के लिए 8 जुलाई को एक दिन का विशेष सत्र आहूत किया है। झारखंड के विधानसभा के इतिहास में उस दिन यह पहली बार होगा, जब पति-पत्नी (हेमंत-कल्पना) की जोड़ी एक साथ सदन में मौजूद होगी। कल्पना सोरेन हाल में गांडेय विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज कर विधायक बन चुकी हैं।

–आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम

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रांची, 5 जुलाई (आईएएनएस)। हेमंत सोरेन ने पांच महीने बाद झारखंड में एक बार फिर सत्ता की ड्राइविंग सीट संभाल ली है और इस बार उनके साथ को-ड्राइवर की सीट पर कोई और नहीं, बल्कि उनकी पत्नी कल्पना सोरेन हैं। 28 जून को हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद से ही कल्पना हर पल साए की तरह उनके साथ-साथ चल रही हैं।

पिछले आठ दिनों के दौरान सार्वजनिक कार्यक्रमों में दोनों की जो केमिस्ट्री दिखी है, उसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। गुरुवार को सीएम पद की शपथ लेने के एक घंटे बाद ही हेमंत सोरेन झारखंड मंत्रालय स्थित कार्यालय में कल्पना सोरेन के साथ पहुंचे और पदभार संभाला। वहां से वापस आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने अपनी कार खुद ड्राइव की। ड्राइविंग सीट पर बैठने के पहले उन्होंने पत्रकारों से मजाकिया लहजे में कहा, “यार, सामने से हट जाओ… पांच महीने बाद ड्राइव कर रहा हूं… बहुत सारी ताकतें लगी थी, हमें रोकने में… पता नहीं किसे चोट लग जाए… मैं ड्राइवर हूं और कल्पना को-ड्राइवर।”

हेमंत सोरेन ने यह बात भले ही हल्के-फुल्के अंदाज में कही, लेकिन सच यही है कि अब हर सियासी निर्णय में कल्पना सोरेन उनकी सबसे खास सलाहकार और सहयोगी हैं। 31 जनवरी को जेल जाने के पहले हेमंत सोरेन पहले कल्पना सोरेन को ही सीएम की कुर्सी सौंपना चाहते थे, लेकिन तब कुछ विधायकों और घर में ही भाभी की ओर से विरोध की वजह से उनका प्लान धरातल पर नहीं उतर पाया।

हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना सोरेन ने सत्ता न सही, लेकिन सियासी मोर्चे पर उनकी खाली जगह बखूबी संभाली और बेहद कम समय में एक मंझे हुए लीडर के तौर पर उनका उभार हुआ। हेमंत सोरेन जब तक जेल में रहे, उनका सोशल मीडिया हैंडल कल्पना ने ही संभाला और लोगों से भावनात्मक स्तर पर कनेक्ट होने में काफी हद तक सफल रहीं।

गुरुवार शाम कार ड्राइव कर ऑफिस से आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने राज्य की जनता के नाम एक वीडियो संदेश बनाया, जिसे को-ड्राइवर सीट पर बैठी कल्पना ने ही अपने मोबाइल से रिकॉर्ड किया। कल्पना सोरेन ने शुक्रवार को यह वीडियो संदेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया। बाद में हेमंत सोरेन ने इसे रिपोस्ट किया।

हेमंत सोरेन ने इस वीडियो में अपनी जेल यात्रा और राज्य की राजनीतिक स्थितियों से लेकर पलायन, बेरोजगारी जैसी समस्याओं का जिक्र किया और राज्य के विकास को गति देने के संकल्पों को दोहराया।

इसके पहले बीते आठ दिनों में अपने आवास पर कार्यकर्ताओं-समर्थकों के बीच संबोधन, संथाल हूल दिवस पर साहिबगंज के भोगनाडीह में आयोजित कार्यक्रम, सरकार बनाने की दावेदारी के लिए राज्यपाल से मुलाकात, शुक्रवार को चीफ जस्टिस के शपथ ग्रहण समारोह और उसके बाद रांची के बगलामुखी मंदिर में पूजा के कार्यक्रम में हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन साथ-साथ दिखे।

हेमंत सोरेन की सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत परीक्षण के लिए 8 जुलाई को एक दिन का विशेष सत्र आहूत किया है। झारखंड के विधानसभा के इतिहास में उस दिन यह पहली बार होगा, जब पति-पत्नी (हेमंत-कल्पना) की जोड़ी एक साथ सदन में मौजूद होगी। कल्पना सोरेन हाल में गांडेय विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज कर विधायक बन चुकी हैं।

–आईएएनएस

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रांची, 5 जुलाई (आईएएनएस)। हेमंत सोरेन ने पांच महीने बाद झारखंड में एक बार फिर सत्ता की ड्राइविंग सीट संभाल ली है और इस बार उनके साथ को-ड्राइवर की सीट पर कोई और नहीं, बल्कि उनकी पत्नी कल्पना सोरेन हैं। 28 जून को हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद से ही कल्पना हर पल साए की तरह उनके साथ-साथ चल रही हैं।

पिछले आठ दिनों के दौरान सार्वजनिक कार्यक्रमों में दोनों की जो केमिस्ट्री दिखी है, उसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। गुरुवार को सीएम पद की शपथ लेने के एक घंटे बाद ही हेमंत सोरेन झारखंड मंत्रालय स्थित कार्यालय में कल्पना सोरेन के साथ पहुंचे और पदभार संभाला। वहां से वापस आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने अपनी कार खुद ड्राइव की। ड्राइविंग सीट पर बैठने के पहले उन्होंने पत्रकारों से मजाकिया लहजे में कहा, “यार, सामने से हट जाओ… पांच महीने बाद ड्राइव कर रहा हूं… बहुत सारी ताकतें लगी थी, हमें रोकने में… पता नहीं किसे चोट लग जाए… मैं ड्राइवर हूं और कल्पना को-ड्राइवर।”

हेमंत सोरेन ने यह बात भले ही हल्के-फुल्के अंदाज में कही, लेकिन सच यही है कि अब हर सियासी निर्णय में कल्पना सोरेन उनकी सबसे खास सलाहकार और सहयोगी हैं। 31 जनवरी को जेल जाने के पहले हेमंत सोरेन पहले कल्पना सोरेन को ही सीएम की कुर्सी सौंपना चाहते थे, लेकिन तब कुछ विधायकों और घर में ही भाभी की ओर से विरोध की वजह से उनका प्लान धरातल पर नहीं उतर पाया।

हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना सोरेन ने सत्ता न सही, लेकिन सियासी मोर्चे पर उनकी खाली जगह बखूबी संभाली और बेहद कम समय में एक मंझे हुए लीडर के तौर पर उनका उभार हुआ। हेमंत सोरेन जब तक जेल में रहे, उनका सोशल मीडिया हैंडल कल्पना ने ही संभाला और लोगों से भावनात्मक स्तर पर कनेक्ट होने में काफी हद तक सफल रहीं।

गुरुवार शाम कार ड्राइव कर ऑफिस से आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने राज्य की जनता के नाम एक वीडियो संदेश बनाया, जिसे को-ड्राइवर सीट पर बैठी कल्पना ने ही अपने मोबाइल से रिकॉर्ड किया। कल्पना सोरेन ने शुक्रवार को यह वीडियो संदेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया। बाद में हेमंत सोरेन ने इसे रिपोस्ट किया।

हेमंत सोरेन ने इस वीडियो में अपनी जेल यात्रा और राज्य की राजनीतिक स्थितियों से लेकर पलायन, बेरोजगारी जैसी समस्याओं का जिक्र किया और राज्य के विकास को गति देने के संकल्पों को दोहराया।

इसके पहले बीते आठ दिनों में अपने आवास पर कार्यकर्ताओं-समर्थकों के बीच संबोधन, संथाल हूल दिवस पर साहिबगंज के भोगनाडीह में आयोजित कार्यक्रम, सरकार बनाने की दावेदारी के लिए राज्यपाल से मुलाकात, शुक्रवार को चीफ जस्टिस के शपथ ग्रहण समारोह और उसके बाद रांची के बगलामुखी मंदिर में पूजा के कार्यक्रम में हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन साथ-साथ दिखे।

हेमंत सोरेन की सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत परीक्षण के लिए 8 जुलाई को एक दिन का विशेष सत्र आहूत किया है। झारखंड के विधानसभा के इतिहास में उस दिन यह पहली बार होगा, जब पति-पत्नी (हेमंत-कल्पना) की जोड़ी एक साथ सदन में मौजूद होगी। कल्पना सोरेन हाल में गांडेय विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज कर विधायक बन चुकी हैं।

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रांची, 5 जुलाई (आईएएनएस)। हेमंत सोरेन ने पांच महीने बाद झारखंड में एक बार फिर सत्ता की ड्राइविंग सीट संभाल ली है और इस बार उनके साथ को-ड्राइवर की सीट पर कोई और नहीं, बल्कि उनकी पत्नी कल्पना सोरेन हैं। 28 जून को हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद से ही कल्पना हर पल साए की तरह उनके साथ-साथ चल रही हैं।

पिछले आठ दिनों के दौरान सार्वजनिक कार्यक्रमों में दोनों की जो केमिस्ट्री दिखी है, उसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। गुरुवार को सीएम पद की शपथ लेने के एक घंटे बाद ही हेमंत सोरेन झारखंड मंत्रालय स्थित कार्यालय में कल्पना सोरेन के साथ पहुंचे और पदभार संभाला। वहां से वापस आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने अपनी कार खुद ड्राइव की। ड्राइविंग सीट पर बैठने के पहले उन्होंने पत्रकारों से मजाकिया लहजे में कहा, “यार, सामने से हट जाओ… पांच महीने बाद ड्राइव कर रहा हूं… बहुत सारी ताकतें लगी थी, हमें रोकने में… पता नहीं किसे चोट लग जाए… मैं ड्राइवर हूं और कल्पना को-ड्राइवर।”

हेमंत सोरेन ने यह बात भले ही हल्के-फुल्के अंदाज में कही, लेकिन सच यही है कि अब हर सियासी निर्णय में कल्पना सोरेन उनकी सबसे खास सलाहकार और सहयोगी हैं। 31 जनवरी को जेल जाने के पहले हेमंत सोरेन पहले कल्पना सोरेन को ही सीएम की कुर्सी सौंपना चाहते थे, लेकिन तब कुछ विधायकों और घर में ही भाभी की ओर से विरोध की वजह से उनका प्लान धरातल पर नहीं उतर पाया।

हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना सोरेन ने सत्ता न सही, लेकिन सियासी मोर्चे पर उनकी खाली जगह बखूबी संभाली और बेहद कम समय में एक मंझे हुए लीडर के तौर पर उनका उभार हुआ। हेमंत सोरेन जब तक जेल में रहे, उनका सोशल मीडिया हैंडल कल्पना ने ही संभाला और लोगों से भावनात्मक स्तर पर कनेक्ट होने में काफी हद तक सफल रहीं।

गुरुवार शाम कार ड्राइव कर ऑफिस से आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने राज्य की जनता के नाम एक वीडियो संदेश बनाया, जिसे को-ड्राइवर सीट पर बैठी कल्पना ने ही अपने मोबाइल से रिकॉर्ड किया। कल्पना सोरेन ने शुक्रवार को यह वीडियो संदेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया। बाद में हेमंत सोरेन ने इसे रिपोस्ट किया।

हेमंत सोरेन ने इस वीडियो में अपनी जेल यात्रा और राज्य की राजनीतिक स्थितियों से लेकर पलायन, बेरोजगारी जैसी समस्याओं का जिक्र किया और राज्य के विकास को गति देने के संकल्पों को दोहराया।

इसके पहले बीते आठ दिनों में अपने आवास पर कार्यकर्ताओं-समर्थकों के बीच संबोधन, संथाल हूल दिवस पर साहिबगंज के भोगनाडीह में आयोजित कार्यक्रम, सरकार बनाने की दावेदारी के लिए राज्यपाल से मुलाकात, शुक्रवार को चीफ जस्टिस के शपथ ग्रहण समारोह और उसके बाद रांची के बगलामुखी मंदिर में पूजा के कार्यक्रम में हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन साथ-साथ दिखे।

हेमंत सोरेन की सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत परीक्षण के लिए 8 जुलाई को एक दिन का विशेष सत्र आहूत किया है। झारखंड के विधानसभा के इतिहास में उस दिन यह पहली बार होगा, जब पति-पत्नी (हेमंत-कल्पना) की जोड़ी एक साथ सदन में मौजूद होगी। कल्पना सोरेन हाल में गांडेय विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज कर विधायक बन चुकी हैं।

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पिछले आठ दिनों के दौरान सार्वजनिक कार्यक्रमों में दोनों की जो केमिस्ट्री दिखी है, उसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। गुरुवार को सीएम पद की शपथ लेने के एक घंटे बाद ही हेमंत सोरेन झारखंड मंत्रालय स्थित कार्यालय में कल्पना सोरेन के साथ पहुंचे और पदभार संभाला। वहां से वापस आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने अपनी कार खुद ड्राइव की। ड्राइविंग सीट पर बैठने के पहले उन्होंने पत्रकारों से मजाकिया लहजे में कहा, “यार, सामने से हट जाओ… पांच महीने बाद ड्राइव कर रहा हूं… बहुत सारी ताकतें लगी थी, हमें रोकने में… पता नहीं किसे चोट लग जाए… मैं ड्राइवर हूं और कल्पना को-ड्राइवर।”

हेमंत सोरेन ने यह बात भले ही हल्के-फुल्के अंदाज में कही, लेकिन सच यही है कि अब हर सियासी निर्णय में कल्पना सोरेन उनकी सबसे खास सलाहकार और सहयोगी हैं। 31 जनवरी को जेल जाने के पहले हेमंत सोरेन पहले कल्पना सोरेन को ही सीएम की कुर्सी सौंपना चाहते थे, लेकिन तब कुछ विधायकों और घर में ही भाभी की ओर से विरोध की वजह से उनका प्लान धरातल पर नहीं उतर पाया।

हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना सोरेन ने सत्ता न सही, लेकिन सियासी मोर्चे पर उनकी खाली जगह बखूबी संभाली और बेहद कम समय में एक मंझे हुए लीडर के तौर पर उनका उभार हुआ। हेमंत सोरेन जब तक जेल में रहे, उनका सोशल मीडिया हैंडल कल्पना ने ही संभाला और लोगों से भावनात्मक स्तर पर कनेक्ट होने में काफी हद तक सफल रहीं।

गुरुवार शाम कार ड्राइव कर ऑफिस से आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने राज्य की जनता के नाम एक वीडियो संदेश बनाया, जिसे को-ड्राइवर सीट पर बैठी कल्पना ने ही अपने मोबाइल से रिकॉर्ड किया। कल्पना सोरेन ने शुक्रवार को यह वीडियो संदेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया। बाद में हेमंत सोरेन ने इसे रिपोस्ट किया।

हेमंत सोरेन ने इस वीडियो में अपनी जेल यात्रा और राज्य की राजनीतिक स्थितियों से लेकर पलायन, बेरोजगारी जैसी समस्याओं का जिक्र किया और राज्य के विकास को गति देने के संकल्पों को दोहराया।

इसके पहले बीते आठ दिनों में अपने आवास पर कार्यकर्ताओं-समर्थकों के बीच संबोधन, संथाल हूल दिवस पर साहिबगंज के भोगनाडीह में आयोजित कार्यक्रम, सरकार बनाने की दावेदारी के लिए राज्यपाल से मुलाकात, शुक्रवार को चीफ जस्टिस के शपथ ग्रहण समारोह और उसके बाद रांची के बगलामुखी मंदिर में पूजा के कार्यक्रम में हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन साथ-साथ दिखे।

हेमंत सोरेन की सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत परीक्षण के लिए 8 जुलाई को एक दिन का विशेष सत्र आहूत किया है। झारखंड के विधानसभा के इतिहास में उस दिन यह पहली बार होगा, जब पति-पत्नी (हेमंत-कल्पना) की जोड़ी एक साथ सदन में मौजूद होगी। कल्पना सोरेन हाल में गांडेय विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज कर विधायक बन चुकी हैं।

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पिछले आठ दिनों के दौरान सार्वजनिक कार्यक्रमों में दोनों की जो केमिस्ट्री दिखी है, उसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। गुरुवार को सीएम पद की शपथ लेने के एक घंटे बाद ही हेमंत सोरेन झारखंड मंत्रालय स्थित कार्यालय में कल्पना सोरेन के साथ पहुंचे और पदभार संभाला। वहां से वापस आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने अपनी कार खुद ड्राइव की। ड्राइविंग सीट पर बैठने के पहले उन्होंने पत्रकारों से मजाकिया लहजे में कहा, “यार, सामने से हट जाओ… पांच महीने बाद ड्राइव कर रहा हूं… बहुत सारी ताकतें लगी थी, हमें रोकने में… पता नहीं किसे चोट लग जाए… मैं ड्राइवर हूं और कल्पना को-ड्राइवर।”

हेमंत सोरेन ने यह बात भले ही हल्के-फुल्के अंदाज में कही, लेकिन सच यही है कि अब हर सियासी निर्णय में कल्पना सोरेन उनकी सबसे खास सलाहकार और सहयोगी हैं। 31 जनवरी को जेल जाने के पहले हेमंत सोरेन पहले कल्पना सोरेन को ही सीएम की कुर्सी सौंपना चाहते थे, लेकिन तब कुछ विधायकों और घर में ही भाभी की ओर से विरोध की वजह से उनका प्लान धरातल पर नहीं उतर पाया।

हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना सोरेन ने सत्ता न सही, लेकिन सियासी मोर्चे पर उनकी खाली जगह बखूबी संभाली और बेहद कम समय में एक मंझे हुए लीडर के तौर पर उनका उभार हुआ। हेमंत सोरेन जब तक जेल में रहे, उनका सोशल मीडिया हैंडल कल्पना ने ही संभाला और लोगों से भावनात्मक स्तर पर कनेक्ट होने में काफी हद तक सफल रहीं।

गुरुवार शाम कार ड्राइव कर ऑफिस से आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने राज्य की जनता के नाम एक वीडियो संदेश बनाया, जिसे को-ड्राइवर सीट पर बैठी कल्पना ने ही अपने मोबाइल से रिकॉर्ड किया। कल्पना सोरेन ने शुक्रवार को यह वीडियो संदेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया। बाद में हेमंत सोरेन ने इसे रिपोस्ट किया।

हेमंत सोरेन ने इस वीडियो में अपनी जेल यात्रा और राज्य की राजनीतिक स्थितियों से लेकर पलायन, बेरोजगारी जैसी समस्याओं का जिक्र किया और राज्य के विकास को गति देने के संकल्पों को दोहराया।

इसके पहले बीते आठ दिनों में अपने आवास पर कार्यकर्ताओं-समर्थकों के बीच संबोधन, संथाल हूल दिवस पर साहिबगंज के भोगनाडीह में आयोजित कार्यक्रम, सरकार बनाने की दावेदारी के लिए राज्यपाल से मुलाकात, शुक्रवार को चीफ जस्टिस के शपथ ग्रहण समारोह और उसके बाद रांची के बगलामुखी मंदिर में पूजा के कार्यक्रम में हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन साथ-साथ दिखे।

हेमंत सोरेन की सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत परीक्षण के लिए 8 जुलाई को एक दिन का विशेष सत्र आहूत किया है। झारखंड के विधानसभा के इतिहास में उस दिन यह पहली बार होगा, जब पति-पत्नी (हेमंत-कल्पना) की जोड़ी एक साथ सदन में मौजूद होगी। कल्पना सोरेन हाल में गांडेय विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज कर विधायक बन चुकी हैं।

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रांची, 5 जुलाई (आईएएनएस)। हेमंत सोरेन ने पांच महीने बाद झारखंड में एक बार फिर सत्ता की ड्राइविंग सीट संभाल ली है और इस बार उनके साथ को-ड्राइवर की सीट पर कोई और नहीं, बल्कि उनकी पत्नी कल्पना सोरेन हैं। 28 जून को हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद से ही कल्पना हर पल साए की तरह उनके साथ-साथ चल रही हैं।

पिछले आठ दिनों के दौरान सार्वजनिक कार्यक्रमों में दोनों की जो केमिस्ट्री दिखी है, उसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। गुरुवार को सीएम पद की शपथ लेने के एक घंटे बाद ही हेमंत सोरेन झारखंड मंत्रालय स्थित कार्यालय में कल्पना सोरेन के साथ पहुंचे और पदभार संभाला। वहां से वापस आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने अपनी कार खुद ड्राइव की। ड्राइविंग सीट पर बैठने के पहले उन्होंने पत्रकारों से मजाकिया लहजे में कहा, “यार, सामने से हट जाओ… पांच महीने बाद ड्राइव कर रहा हूं… बहुत सारी ताकतें लगी थी, हमें रोकने में… पता नहीं किसे चोट लग जाए… मैं ड्राइवर हूं और कल्पना को-ड्राइवर।”

हेमंत सोरेन ने यह बात भले ही हल्के-फुल्के अंदाज में कही, लेकिन सच यही है कि अब हर सियासी निर्णय में कल्पना सोरेन उनकी सबसे खास सलाहकार और सहयोगी हैं। 31 जनवरी को जेल जाने के पहले हेमंत सोरेन पहले कल्पना सोरेन को ही सीएम की कुर्सी सौंपना चाहते थे, लेकिन तब कुछ विधायकों और घर में ही भाभी की ओर से विरोध की वजह से उनका प्लान धरातल पर नहीं उतर पाया।

हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना सोरेन ने सत्ता न सही, लेकिन सियासी मोर्चे पर उनकी खाली जगह बखूबी संभाली और बेहद कम समय में एक मंझे हुए लीडर के तौर पर उनका उभार हुआ। हेमंत सोरेन जब तक जेल में रहे, उनका सोशल मीडिया हैंडल कल्पना ने ही संभाला और लोगों से भावनात्मक स्तर पर कनेक्ट होने में काफी हद तक सफल रहीं।

गुरुवार शाम कार ड्राइव कर ऑफिस से आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने राज्य की जनता के नाम एक वीडियो संदेश बनाया, जिसे को-ड्राइवर सीट पर बैठी कल्पना ने ही अपने मोबाइल से रिकॉर्ड किया। कल्पना सोरेन ने शुक्रवार को यह वीडियो संदेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया। बाद में हेमंत सोरेन ने इसे रिपोस्ट किया।

हेमंत सोरेन ने इस वीडियो में अपनी जेल यात्रा और राज्य की राजनीतिक स्थितियों से लेकर पलायन, बेरोजगारी जैसी समस्याओं का जिक्र किया और राज्य के विकास को गति देने के संकल्पों को दोहराया।

इसके पहले बीते आठ दिनों में अपने आवास पर कार्यकर्ताओं-समर्थकों के बीच संबोधन, संथाल हूल दिवस पर साहिबगंज के भोगनाडीह में आयोजित कार्यक्रम, सरकार बनाने की दावेदारी के लिए राज्यपाल से मुलाकात, शुक्रवार को चीफ जस्टिस के शपथ ग्रहण समारोह और उसके बाद रांची के बगलामुखी मंदिर में पूजा के कार्यक्रम में हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन साथ-साथ दिखे।

हेमंत सोरेन की सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत परीक्षण के लिए 8 जुलाई को एक दिन का विशेष सत्र आहूत किया है। झारखंड के विधानसभा के इतिहास में उस दिन यह पहली बार होगा, जब पति-पत्नी (हेमंत-कल्पना) की जोड़ी एक साथ सदन में मौजूद होगी। कल्पना सोरेन हाल में गांडेय विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज कर विधायक बन चुकी हैं।

–आईएएनएस

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रांची, 5 जुलाई (आईएएनएस)। हेमंत सोरेन ने पांच महीने बाद झारखंड में एक बार फिर सत्ता की ड्राइविंग सीट संभाल ली है और इस बार उनके साथ को-ड्राइवर की सीट पर कोई और नहीं, बल्कि उनकी पत्नी कल्पना सोरेन हैं। 28 जून को हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद से ही कल्पना हर पल साए की तरह उनके साथ-साथ चल रही हैं।

पिछले आठ दिनों के दौरान सार्वजनिक कार्यक्रमों में दोनों की जो केमिस्ट्री दिखी है, उसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। गुरुवार को सीएम पद की शपथ लेने के एक घंटे बाद ही हेमंत सोरेन झारखंड मंत्रालय स्थित कार्यालय में कल्पना सोरेन के साथ पहुंचे और पदभार संभाला। वहां से वापस आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने अपनी कार खुद ड्राइव की। ड्राइविंग सीट पर बैठने के पहले उन्होंने पत्रकारों से मजाकिया लहजे में कहा, “यार, सामने से हट जाओ… पांच महीने बाद ड्राइव कर रहा हूं… बहुत सारी ताकतें लगी थी, हमें रोकने में… पता नहीं किसे चोट लग जाए… मैं ड्राइवर हूं और कल्पना को-ड्राइवर।”

हेमंत सोरेन ने यह बात भले ही हल्के-फुल्के अंदाज में कही, लेकिन सच यही है कि अब हर सियासी निर्णय में कल्पना सोरेन उनकी सबसे खास सलाहकार और सहयोगी हैं। 31 जनवरी को जेल जाने के पहले हेमंत सोरेन पहले कल्पना सोरेन को ही सीएम की कुर्सी सौंपना चाहते थे, लेकिन तब कुछ विधायकों और घर में ही भाभी की ओर से विरोध की वजह से उनका प्लान धरातल पर नहीं उतर पाया।

हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना सोरेन ने सत्ता न सही, लेकिन सियासी मोर्चे पर उनकी खाली जगह बखूबी संभाली और बेहद कम समय में एक मंझे हुए लीडर के तौर पर उनका उभार हुआ। हेमंत सोरेन जब तक जेल में रहे, उनका सोशल मीडिया हैंडल कल्पना ने ही संभाला और लोगों से भावनात्मक स्तर पर कनेक्ट होने में काफी हद तक सफल रहीं।

गुरुवार शाम कार ड्राइव कर ऑफिस से आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने राज्य की जनता के नाम एक वीडियो संदेश बनाया, जिसे को-ड्राइवर सीट पर बैठी कल्पना ने ही अपने मोबाइल से रिकॉर्ड किया। कल्पना सोरेन ने शुक्रवार को यह वीडियो संदेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया। बाद में हेमंत सोरेन ने इसे रिपोस्ट किया।

हेमंत सोरेन ने इस वीडियो में अपनी जेल यात्रा और राज्य की राजनीतिक स्थितियों से लेकर पलायन, बेरोजगारी जैसी समस्याओं का जिक्र किया और राज्य के विकास को गति देने के संकल्पों को दोहराया।

इसके पहले बीते आठ दिनों में अपने आवास पर कार्यकर्ताओं-समर्थकों के बीच संबोधन, संथाल हूल दिवस पर साहिबगंज के भोगनाडीह में आयोजित कार्यक्रम, सरकार बनाने की दावेदारी के लिए राज्यपाल से मुलाकात, शुक्रवार को चीफ जस्टिस के शपथ ग्रहण समारोह और उसके बाद रांची के बगलामुखी मंदिर में पूजा के कार्यक्रम में हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन साथ-साथ दिखे।

हेमंत सोरेन की सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत परीक्षण के लिए 8 जुलाई को एक दिन का विशेष सत्र आहूत किया है। झारखंड के विधानसभा के इतिहास में उस दिन यह पहली बार होगा, जब पति-पत्नी (हेमंत-कल्पना) की जोड़ी एक साथ सदन में मौजूद होगी। कल्पना सोरेन हाल में गांडेय विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज कर विधायक बन चुकी हैं।

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रांची, 5 जुलाई (आईएएनएस)। हेमंत सोरेन ने पांच महीने बाद झारखंड में एक बार फिर सत्ता की ड्राइविंग सीट संभाल ली है और इस बार उनके साथ को-ड्राइवर की सीट पर कोई और नहीं, बल्कि उनकी पत्नी कल्पना सोरेन हैं। 28 जून को हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद से ही कल्पना हर पल साए की तरह उनके साथ-साथ चल रही हैं।

पिछले आठ दिनों के दौरान सार्वजनिक कार्यक्रमों में दोनों की जो केमिस्ट्री दिखी है, उसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। गुरुवार को सीएम पद की शपथ लेने के एक घंटे बाद ही हेमंत सोरेन झारखंड मंत्रालय स्थित कार्यालय में कल्पना सोरेन के साथ पहुंचे और पदभार संभाला। वहां से वापस आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने अपनी कार खुद ड्राइव की। ड्राइविंग सीट पर बैठने के पहले उन्होंने पत्रकारों से मजाकिया लहजे में कहा, “यार, सामने से हट जाओ… पांच महीने बाद ड्राइव कर रहा हूं… बहुत सारी ताकतें लगी थी, हमें रोकने में… पता नहीं किसे चोट लग जाए… मैं ड्राइवर हूं और कल्पना को-ड्राइवर।”

हेमंत सोरेन ने यह बात भले ही हल्के-फुल्के अंदाज में कही, लेकिन सच यही है कि अब हर सियासी निर्णय में कल्पना सोरेन उनकी सबसे खास सलाहकार और सहयोगी हैं। 31 जनवरी को जेल जाने के पहले हेमंत सोरेन पहले कल्पना सोरेन को ही सीएम की कुर्सी सौंपना चाहते थे, लेकिन तब कुछ विधायकों और घर में ही भाभी की ओर से विरोध की वजह से उनका प्लान धरातल पर नहीं उतर पाया।

हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना सोरेन ने सत्ता न सही, लेकिन सियासी मोर्चे पर उनकी खाली जगह बखूबी संभाली और बेहद कम समय में एक मंझे हुए लीडर के तौर पर उनका उभार हुआ। हेमंत सोरेन जब तक जेल में रहे, उनका सोशल मीडिया हैंडल कल्पना ने ही संभाला और लोगों से भावनात्मक स्तर पर कनेक्ट होने में काफी हद तक सफल रहीं।

गुरुवार शाम कार ड्राइव कर ऑफिस से आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने राज्य की जनता के नाम एक वीडियो संदेश बनाया, जिसे को-ड्राइवर सीट पर बैठी कल्पना ने ही अपने मोबाइल से रिकॉर्ड किया। कल्पना सोरेन ने शुक्रवार को यह वीडियो संदेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया। बाद में हेमंत सोरेन ने इसे रिपोस्ट किया।

हेमंत सोरेन ने इस वीडियो में अपनी जेल यात्रा और राज्य की राजनीतिक स्थितियों से लेकर पलायन, बेरोजगारी जैसी समस्याओं का जिक्र किया और राज्य के विकास को गति देने के संकल्पों को दोहराया।

इसके पहले बीते आठ दिनों में अपने आवास पर कार्यकर्ताओं-समर्थकों के बीच संबोधन, संथाल हूल दिवस पर साहिबगंज के भोगनाडीह में आयोजित कार्यक्रम, सरकार बनाने की दावेदारी के लिए राज्यपाल से मुलाकात, शुक्रवार को चीफ जस्टिस के शपथ ग्रहण समारोह और उसके बाद रांची के बगलामुखी मंदिर में पूजा के कार्यक्रम में हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन साथ-साथ दिखे।

हेमंत सोरेन की सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत परीक्षण के लिए 8 जुलाई को एक दिन का विशेष सत्र आहूत किया है। झारखंड के विधानसभा के इतिहास में उस दिन यह पहली बार होगा, जब पति-पत्नी (हेमंत-कल्पना) की जोड़ी एक साथ सदन में मौजूद होगी। कल्पना सोरेन हाल में गांडेय विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज कर विधायक बन चुकी हैं।

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रांची, 5 जुलाई (आईएएनएस)। हेमंत सोरेन ने पांच महीने बाद झारखंड में एक बार फिर सत्ता की ड्राइविंग सीट संभाल ली है और इस बार उनके साथ को-ड्राइवर की सीट पर कोई और नहीं, बल्कि उनकी पत्नी कल्पना सोरेन हैं। 28 जून को हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद से ही कल्पना हर पल साए की तरह उनके साथ-साथ चल रही हैं।

पिछले आठ दिनों के दौरान सार्वजनिक कार्यक्रमों में दोनों की जो केमिस्ट्री दिखी है, उसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। गुरुवार को सीएम पद की शपथ लेने के एक घंटे बाद ही हेमंत सोरेन झारखंड मंत्रालय स्थित कार्यालय में कल्पना सोरेन के साथ पहुंचे और पदभार संभाला। वहां से वापस आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने अपनी कार खुद ड्राइव की। ड्राइविंग सीट पर बैठने के पहले उन्होंने पत्रकारों से मजाकिया लहजे में कहा, “यार, सामने से हट जाओ… पांच महीने बाद ड्राइव कर रहा हूं… बहुत सारी ताकतें लगी थी, हमें रोकने में… पता नहीं किसे चोट लग जाए… मैं ड्राइवर हूं और कल्पना को-ड्राइवर।”

हेमंत सोरेन ने यह बात भले ही हल्के-फुल्के अंदाज में कही, लेकिन सच यही है कि अब हर सियासी निर्णय में कल्पना सोरेन उनकी सबसे खास सलाहकार और सहयोगी हैं। 31 जनवरी को जेल जाने के पहले हेमंत सोरेन पहले कल्पना सोरेन को ही सीएम की कुर्सी सौंपना चाहते थे, लेकिन तब कुछ विधायकों और घर में ही भाभी की ओर से विरोध की वजह से उनका प्लान धरातल पर नहीं उतर पाया।

हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना सोरेन ने सत्ता न सही, लेकिन सियासी मोर्चे पर उनकी खाली जगह बखूबी संभाली और बेहद कम समय में एक मंझे हुए लीडर के तौर पर उनका उभार हुआ। हेमंत सोरेन जब तक जेल में रहे, उनका सोशल मीडिया हैंडल कल्पना ने ही संभाला और लोगों से भावनात्मक स्तर पर कनेक्ट होने में काफी हद तक सफल रहीं।

गुरुवार शाम कार ड्राइव कर ऑफिस से आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने राज्य की जनता के नाम एक वीडियो संदेश बनाया, जिसे को-ड्राइवर सीट पर बैठी कल्पना ने ही अपने मोबाइल से रिकॉर्ड किया। कल्पना सोरेन ने शुक्रवार को यह वीडियो संदेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया। बाद में हेमंत सोरेन ने इसे रिपोस्ट किया।

हेमंत सोरेन ने इस वीडियो में अपनी जेल यात्रा और राज्य की राजनीतिक स्थितियों से लेकर पलायन, बेरोजगारी जैसी समस्याओं का जिक्र किया और राज्य के विकास को गति देने के संकल्पों को दोहराया।

इसके पहले बीते आठ दिनों में अपने आवास पर कार्यकर्ताओं-समर्थकों के बीच संबोधन, संथाल हूल दिवस पर साहिबगंज के भोगनाडीह में आयोजित कार्यक्रम, सरकार बनाने की दावेदारी के लिए राज्यपाल से मुलाकात, शुक्रवार को चीफ जस्टिस के शपथ ग्रहण समारोह और उसके बाद रांची के बगलामुखी मंदिर में पूजा के कार्यक्रम में हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन साथ-साथ दिखे।

हेमंत सोरेन की सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत परीक्षण के लिए 8 जुलाई को एक दिन का विशेष सत्र आहूत किया है। झारखंड के विधानसभा के इतिहास में उस दिन यह पहली बार होगा, जब पति-पत्नी (हेमंत-कल्पना) की जोड़ी एक साथ सदन में मौजूद होगी। कल्पना सोरेन हाल में गांडेय विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज कर विधायक बन चुकी हैं।

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पिछले आठ दिनों के दौरान सार्वजनिक कार्यक्रमों में दोनों की जो केमिस्ट्री दिखी है, उसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। गुरुवार को सीएम पद की शपथ लेने के एक घंटे बाद ही हेमंत सोरेन झारखंड मंत्रालय स्थित कार्यालय में कल्पना सोरेन के साथ पहुंचे और पदभार संभाला। वहां से वापस आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने अपनी कार खुद ड्राइव की। ड्राइविंग सीट पर बैठने के पहले उन्होंने पत्रकारों से मजाकिया लहजे में कहा, “यार, सामने से हट जाओ… पांच महीने बाद ड्राइव कर रहा हूं… बहुत सारी ताकतें लगी थी, हमें रोकने में… पता नहीं किसे चोट लग जाए… मैं ड्राइवर हूं और कल्पना को-ड्राइवर।”

हेमंत सोरेन ने यह बात भले ही हल्के-फुल्के अंदाज में कही, लेकिन सच यही है कि अब हर सियासी निर्णय में कल्पना सोरेन उनकी सबसे खास सलाहकार और सहयोगी हैं। 31 जनवरी को जेल जाने के पहले हेमंत सोरेन पहले कल्पना सोरेन को ही सीएम की कुर्सी सौंपना चाहते थे, लेकिन तब कुछ विधायकों और घर में ही भाभी की ओर से विरोध की वजह से उनका प्लान धरातल पर नहीं उतर पाया।

हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना सोरेन ने सत्ता न सही, लेकिन सियासी मोर्चे पर उनकी खाली जगह बखूबी संभाली और बेहद कम समय में एक मंझे हुए लीडर के तौर पर उनका उभार हुआ। हेमंत सोरेन जब तक जेल में रहे, उनका सोशल मीडिया हैंडल कल्पना ने ही संभाला और लोगों से भावनात्मक स्तर पर कनेक्ट होने में काफी हद तक सफल रहीं।

गुरुवार शाम कार ड्राइव कर ऑफिस से आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने राज्य की जनता के नाम एक वीडियो संदेश बनाया, जिसे को-ड्राइवर सीट पर बैठी कल्पना ने ही अपने मोबाइल से रिकॉर्ड किया। कल्पना सोरेन ने शुक्रवार को यह वीडियो संदेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया। बाद में हेमंत सोरेन ने इसे रिपोस्ट किया।

हेमंत सोरेन ने इस वीडियो में अपनी जेल यात्रा और राज्य की राजनीतिक स्थितियों से लेकर पलायन, बेरोजगारी जैसी समस्याओं का जिक्र किया और राज्य के विकास को गति देने के संकल्पों को दोहराया।

इसके पहले बीते आठ दिनों में अपने आवास पर कार्यकर्ताओं-समर्थकों के बीच संबोधन, संथाल हूल दिवस पर साहिबगंज के भोगनाडीह में आयोजित कार्यक्रम, सरकार बनाने की दावेदारी के लिए राज्यपाल से मुलाकात, शुक्रवार को चीफ जस्टिस के शपथ ग्रहण समारोह और उसके बाद रांची के बगलामुखी मंदिर में पूजा के कार्यक्रम में हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन साथ-साथ दिखे।

हेमंत सोरेन की सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत परीक्षण के लिए 8 जुलाई को एक दिन का विशेष सत्र आहूत किया है। झारखंड के विधानसभा के इतिहास में उस दिन यह पहली बार होगा, जब पति-पत्नी (हेमंत-कल्पना) की जोड़ी एक साथ सदन में मौजूद होगी। कल्पना सोरेन हाल में गांडेय विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज कर विधायक बन चुकी हैं।

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पिछले आठ दिनों के दौरान सार्वजनिक कार्यक्रमों में दोनों की जो केमिस्ट्री दिखी है, उसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। गुरुवार को सीएम पद की शपथ लेने के एक घंटे बाद ही हेमंत सोरेन झारखंड मंत्रालय स्थित कार्यालय में कल्पना सोरेन के साथ पहुंचे और पदभार संभाला। वहां से वापस आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने अपनी कार खुद ड्राइव की। ड्राइविंग सीट पर बैठने के पहले उन्होंने पत्रकारों से मजाकिया लहजे में कहा, “यार, सामने से हट जाओ… पांच महीने बाद ड्राइव कर रहा हूं… बहुत सारी ताकतें लगी थी, हमें रोकने में… पता नहीं किसे चोट लग जाए… मैं ड्राइवर हूं और कल्पना को-ड्राइवर।”

हेमंत सोरेन ने यह बात भले ही हल्के-फुल्के अंदाज में कही, लेकिन सच यही है कि अब हर सियासी निर्णय में कल्पना सोरेन उनकी सबसे खास सलाहकार और सहयोगी हैं। 31 जनवरी को जेल जाने के पहले हेमंत सोरेन पहले कल्पना सोरेन को ही सीएम की कुर्सी सौंपना चाहते थे, लेकिन तब कुछ विधायकों और घर में ही भाभी की ओर से विरोध की वजह से उनका प्लान धरातल पर नहीं उतर पाया।

हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना सोरेन ने सत्ता न सही, लेकिन सियासी मोर्चे पर उनकी खाली जगह बखूबी संभाली और बेहद कम समय में एक मंझे हुए लीडर के तौर पर उनका उभार हुआ। हेमंत सोरेन जब तक जेल में रहे, उनका सोशल मीडिया हैंडल कल्पना ने ही संभाला और लोगों से भावनात्मक स्तर पर कनेक्ट होने में काफी हद तक सफल रहीं।

गुरुवार शाम कार ड्राइव कर ऑफिस से आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने राज्य की जनता के नाम एक वीडियो संदेश बनाया, जिसे को-ड्राइवर सीट पर बैठी कल्पना ने ही अपने मोबाइल से रिकॉर्ड किया। कल्पना सोरेन ने शुक्रवार को यह वीडियो संदेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया। बाद में हेमंत सोरेन ने इसे रिपोस्ट किया।

हेमंत सोरेन ने इस वीडियो में अपनी जेल यात्रा और राज्य की राजनीतिक स्थितियों से लेकर पलायन, बेरोजगारी जैसी समस्याओं का जिक्र किया और राज्य के विकास को गति देने के संकल्पों को दोहराया।

इसके पहले बीते आठ दिनों में अपने आवास पर कार्यकर्ताओं-समर्थकों के बीच संबोधन, संथाल हूल दिवस पर साहिबगंज के भोगनाडीह में आयोजित कार्यक्रम, सरकार बनाने की दावेदारी के लिए राज्यपाल से मुलाकात, शुक्रवार को चीफ जस्टिस के शपथ ग्रहण समारोह और उसके बाद रांची के बगलामुखी मंदिर में पूजा के कार्यक्रम में हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन साथ-साथ दिखे।

हेमंत सोरेन की सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत परीक्षण के लिए 8 जुलाई को एक दिन का विशेष सत्र आहूत किया है। झारखंड के विधानसभा के इतिहास में उस दिन यह पहली बार होगा, जब पति-पत्नी (हेमंत-कल्पना) की जोड़ी एक साथ सदन में मौजूद होगी। कल्पना सोरेन हाल में गांडेय विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज कर विधायक बन चुकी हैं।

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पिछले आठ दिनों के दौरान सार्वजनिक कार्यक्रमों में दोनों की जो केमिस्ट्री दिखी है, उसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। गुरुवार को सीएम पद की शपथ लेने के एक घंटे बाद ही हेमंत सोरेन झारखंड मंत्रालय स्थित कार्यालय में कल्पना सोरेन के साथ पहुंचे और पदभार संभाला। वहां से वापस आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने अपनी कार खुद ड्राइव की। ड्राइविंग सीट पर बैठने के पहले उन्होंने पत्रकारों से मजाकिया लहजे में कहा, “यार, सामने से हट जाओ… पांच महीने बाद ड्राइव कर रहा हूं… बहुत सारी ताकतें लगी थी, हमें रोकने में… पता नहीं किसे चोट लग जाए… मैं ड्राइवर हूं और कल्पना को-ड्राइवर।”

हेमंत सोरेन ने यह बात भले ही हल्के-फुल्के अंदाज में कही, लेकिन सच यही है कि अब हर सियासी निर्णय में कल्पना सोरेन उनकी सबसे खास सलाहकार और सहयोगी हैं। 31 जनवरी को जेल जाने के पहले हेमंत सोरेन पहले कल्पना सोरेन को ही सीएम की कुर्सी सौंपना चाहते थे, लेकिन तब कुछ विधायकों और घर में ही भाभी की ओर से विरोध की वजह से उनका प्लान धरातल पर नहीं उतर पाया।

हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना सोरेन ने सत्ता न सही, लेकिन सियासी मोर्चे पर उनकी खाली जगह बखूबी संभाली और बेहद कम समय में एक मंझे हुए लीडर के तौर पर उनका उभार हुआ। हेमंत सोरेन जब तक जेल में रहे, उनका सोशल मीडिया हैंडल कल्पना ने ही संभाला और लोगों से भावनात्मक स्तर पर कनेक्ट होने में काफी हद तक सफल रहीं।

गुरुवार शाम कार ड्राइव कर ऑफिस से आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने राज्य की जनता के नाम एक वीडियो संदेश बनाया, जिसे को-ड्राइवर सीट पर बैठी कल्पना ने ही अपने मोबाइल से रिकॉर्ड किया। कल्पना सोरेन ने शुक्रवार को यह वीडियो संदेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया। बाद में हेमंत सोरेन ने इसे रिपोस्ट किया।

हेमंत सोरेन ने इस वीडियो में अपनी जेल यात्रा और राज्य की राजनीतिक स्थितियों से लेकर पलायन, बेरोजगारी जैसी समस्याओं का जिक्र किया और राज्य के विकास को गति देने के संकल्पों को दोहराया।

इसके पहले बीते आठ दिनों में अपने आवास पर कार्यकर्ताओं-समर्थकों के बीच संबोधन, संथाल हूल दिवस पर साहिबगंज के भोगनाडीह में आयोजित कार्यक्रम, सरकार बनाने की दावेदारी के लिए राज्यपाल से मुलाकात, शुक्रवार को चीफ जस्टिस के शपथ ग्रहण समारोह और उसके बाद रांची के बगलामुखी मंदिर में पूजा के कार्यक्रम में हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन साथ-साथ दिखे।

हेमंत सोरेन की सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत परीक्षण के लिए 8 जुलाई को एक दिन का विशेष सत्र आहूत किया है। झारखंड के विधानसभा के इतिहास में उस दिन यह पहली बार होगा, जब पति-पत्नी (हेमंत-कल्पना) की जोड़ी एक साथ सदन में मौजूद होगी। कल्पना सोरेन हाल में गांडेय विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज कर विधायक बन चुकी हैं।

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पिछले आठ दिनों के दौरान सार्वजनिक कार्यक्रमों में दोनों की जो केमिस्ट्री दिखी है, उसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। गुरुवार को सीएम पद की शपथ लेने के एक घंटे बाद ही हेमंत सोरेन झारखंड मंत्रालय स्थित कार्यालय में कल्पना सोरेन के साथ पहुंचे और पदभार संभाला। वहां से वापस आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने अपनी कार खुद ड्राइव की। ड्राइविंग सीट पर बैठने के पहले उन्होंने पत्रकारों से मजाकिया लहजे में कहा, “यार, सामने से हट जाओ… पांच महीने बाद ड्राइव कर रहा हूं… बहुत सारी ताकतें लगी थी, हमें रोकने में… पता नहीं किसे चोट लग जाए… मैं ड्राइवर हूं और कल्पना को-ड्राइवर।”

हेमंत सोरेन ने यह बात भले ही हल्के-फुल्के अंदाज में कही, लेकिन सच यही है कि अब हर सियासी निर्णय में कल्पना सोरेन उनकी सबसे खास सलाहकार और सहयोगी हैं। 31 जनवरी को जेल जाने के पहले हेमंत सोरेन पहले कल्पना सोरेन को ही सीएम की कुर्सी सौंपना चाहते थे, लेकिन तब कुछ विधायकों और घर में ही भाभी की ओर से विरोध की वजह से उनका प्लान धरातल पर नहीं उतर पाया।

हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना सोरेन ने सत्ता न सही, लेकिन सियासी मोर्चे पर उनकी खाली जगह बखूबी संभाली और बेहद कम समय में एक मंझे हुए लीडर के तौर पर उनका उभार हुआ। हेमंत सोरेन जब तक जेल में रहे, उनका सोशल मीडिया हैंडल कल्पना ने ही संभाला और लोगों से भावनात्मक स्तर पर कनेक्ट होने में काफी हद तक सफल रहीं।

गुरुवार शाम कार ड्राइव कर ऑफिस से आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने राज्य की जनता के नाम एक वीडियो संदेश बनाया, जिसे को-ड्राइवर सीट पर बैठी कल्पना ने ही अपने मोबाइल से रिकॉर्ड किया। कल्पना सोरेन ने शुक्रवार को यह वीडियो संदेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया। बाद में हेमंत सोरेन ने इसे रिपोस्ट किया।

हेमंत सोरेन ने इस वीडियो में अपनी जेल यात्रा और राज्य की राजनीतिक स्थितियों से लेकर पलायन, बेरोजगारी जैसी समस्याओं का जिक्र किया और राज्य के विकास को गति देने के संकल्पों को दोहराया।

इसके पहले बीते आठ दिनों में अपने आवास पर कार्यकर्ताओं-समर्थकों के बीच संबोधन, संथाल हूल दिवस पर साहिबगंज के भोगनाडीह में आयोजित कार्यक्रम, सरकार बनाने की दावेदारी के लिए राज्यपाल से मुलाकात, शुक्रवार को चीफ जस्टिस के शपथ ग्रहण समारोह और उसके बाद रांची के बगलामुखी मंदिर में पूजा के कार्यक्रम में हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन साथ-साथ दिखे।

हेमंत सोरेन की सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत परीक्षण के लिए 8 जुलाई को एक दिन का विशेष सत्र आहूत किया है। झारखंड के विधानसभा के इतिहास में उस दिन यह पहली बार होगा, जब पति-पत्नी (हेमंत-कल्पना) की जोड़ी एक साथ सदन में मौजूद होगी। कल्पना सोरेन हाल में गांडेय विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज कर विधायक बन चुकी हैं।

–आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम

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रांची, 5 जुलाई (आईएएनएस)। हेमंत सोरेन ने पांच महीने बाद झारखंड में एक बार फिर सत्ता की ड्राइविंग सीट संभाल ली है और इस बार उनके साथ को-ड्राइवर की सीट पर कोई और नहीं, बल्कि उनकी पत्नी कल्पना सोरेन हैं। 28 जून को हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद से ही कल्पना हर पल साए की तरह उनके साथ-साथ चल रही हैं।

पिछले आठ दिनों के दौरान सार्वजनिक कार्यक्रमों में दोनों की जो केमिस्ट्री दिखी है, उसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। गुरुवार को सीएम पद की शपथ लेने के एक घंटे बाद ही हेमंत सोरेन झारखंड मंत्रालय स्थित कार्यालय में कल्पना सोरेन के साथ पहुंचे और पदभार संभाला। वहां से वापस आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने अपनी कार खुद ड्राइव की। ड्राइविंग सीट पर बैठने के पहले उन्होंने पत्रकारों से मजाकिया लहजे में कहा, “यार, सामने से हट जाओ… पांच महीने बाद ड्राइव कर रहा हूं… बहुत सारी ताकतें लगी थी, हमें रोकने में… पता नहीं किसे चोट लग जाए… मैं ड्राइवर हूं और कल्पना को-ड्राइवर।”

हेमंत सोरेन ने यह बात भले ही हल्के-फुल्के अंदाज में कही, लेकिन सच यही है कि अब हर सियासी निर्णय में कल्पना सोरेन उनकी सबसे खास सलाहकार और सहयोगी हैं। 31 जनवरी को जेल जाने के पहले हेमंत सोरेन पहले कल्पना सोरेन को ही सीएम की कुर्सी सौंपना चाहते थे, लेकिन तब कुछ विधायकों और घर में ही भाभी की ओर से विरोध की वजह से उनका प्लान धरातल पर नहीं उतर पाया।

हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना सोरेन ने सत्ता न सही, लेकिन सियासी मोर्चे पर उनकी खाली जगह बखूबी संभाली और बेहद कम समय में एक मंझे हुए लीडर के तौर पर उनका उभार हुआ। हेमंत सोरेन जब तक जेल में रहे, उनका सोशल मीडिया हैंडल कल्पना ने ही संभाला और लोगों से भावनात्मक स्तर पर कनेक्ट होने में काफी हद तक सफल रहीं।

गुरुवार शाम कार ड्राइव कर ऑफिस से आवास लौटते हुए हेमंत सोरेन ने राज्य की जनता के नाम एक वीडियो संदेश बनाया, जिसे को-ड्राइवर सीट पर बैठी कल्पना ने ही अपने मोबाइल से रिकॉर्ड किया। कल्पना सोरेन ने शुक्रवार को यह वीडियो संदेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया। बाद में हेमंत सोरेन ने इसे रिपोस्ट किया।

हेमंत सोरेन ने इस वीडियो में अपनी जेल यात्रा और राज्य की राजनीतिक स्थितियों से लेकर पलायन, बेरोजगारी जैसी समस्याओं का जिक्र किया और राज्य के विकास को गति देने के संकल्पों को दोहराया।

इसके पहले बीते आठ दिनों में अपने आवास पर कार्यकर्ताओं-समर्थकों के बीच संबोधन, संथाल हूल दिवस पर साहिबगंज के भोगनाडीह में आयोजित कार्यक्रम, सरकार बनाने की दावेदारी के लिए राज्यपाल से मुलाकात, शुक्रवार को चीफ जस्टिस के शपथ ग्रहण समारोह और उसके बाद रांची के बगलामुखी मंदिर में पूजा के कार्यक्रम में हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन साथ-साथ दिखे।

हेमंत सोरेन की सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत परीक्षण के लिए 8 जुलाई को एक दिन का विशेष सत्र आहूत किया है। झारखंड के विधानसभा के इतिहास में उस दिन यह पहली बार होगा, जब पति-पत्नी (हेमंत-कल्पना) की जोड़ी एक साथ सदन में मौजूद होगी। कल्पना सोरेन हाल में गांडेय विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज कर विधायक बन चुकी हैं।

–आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम

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