लंदन, 1 जनवरी (आईएएनएस)। ब्रिटिश गृह सचिव जेम्स क्लेवरली ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अपने परिवार को ब्रिटेन लाने की ‘अनुचित प्रथा’ आज से वीजा मार्गों पर प्रतिबंध लागू होने के साथ समाप्त हो जाएगी।
विदेशी छात्रों के साथ जुड़ने वाले परिवार के सदस्यों की संख्या में लगभग आठ गुना वृद्धि के कारण यूके सरकार ने पिछले साल सरकारी योजनाओं के तहत “उच्च-मूल्य” डिग्री का अध्ययन नहीं करने वालों के लिए प्रतिबंध की घोषणा की थी।
इसके अलावा, वीज़ा प्रणाली के दुरुपयोग को रोकने के लिए, विदेशी छात्रों को उनकी पढ़ाई पूरी होने तक छात्र वीज़ा मार्ग से कार्य मार्गों पर स्विच करने से रोक दिया जाएगा।
इवनिंग स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, क्लेवरली ने कहा कि सरकार हजारों लोगों के प्रवासन में कटौती करने और लोगों को ब्रिटेन की आव्रजन प्रणाली में हेरफेर करने से रोकने के लिए एक “कठिन योजना” बनाकर ब्रिटिश जनता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पूरा कर रही है।
उन्होंने कहा,“आज, उस योजना का एक बड़ा हिस्सा प्रभाव में आ गया है, इससे विदेशी छात्रों द्वारा अपने परिवार के सदस्यों को यूके लाने की अनुचित प्रथा समाप्त हो गई है। इससे हजारों की संख्या में प्रवासन में तेजी से कमी आएगी और तीन लाख लोगों को ब्रिटेन आने से रोकने की हमारी रणनीति में सफल होगी।”
पिछले महीने जारी संशोधित राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (ओएनएस) के आंकड़ों से पता चला है कि दिसंबर 2022 तक शुद्ध प्रवासन वर्ष में 7लाख 45 हजार के रिकॉर्ड आंकड़े पर चला गया।
सितंबर 2023 को समाप्त वर्ष में छात्रों के परिवारों को 152,980 वीजा जारी किए गए।
2020-21 के आंकड़ों के अनुसार, ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में विदेश से अध्ययन के लिए आने वालों में चीन के बाद सबसे अधिक संख्या भारतीय छात्रों की है। इस दौरान चीन के 99,965 छात्रों की तुलना में भारत के 87,045 छात्रों ने नामांकन कराया।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, 2022 में पढ़ाई के लिए यूके जाने वाले भारतीय छात्रों (परिवारों को छोड़कर) की संख्या 1,39,539 थी।
शिक्षा विशेषज्ञों ने इस कदम पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि अगर अंतरराष्ट्रीय छात्रों को ब्रिटेन आने से हतोत्साहित किया जाएगा, तो वे प्रतिस्पर्धी देशों में चले जाएंगे।
हायर एजुकेशन पॉलिसी इंस्टीट्यूट (हेपी) थिंक टैंक के निदेशक निक हिलमैन ने द स्टैंडर्ड को बताया, “मैं नए बदलावों का जश्न नहीं मनाता…।”
“अंतर्राष्ट्रीय छात्र हर तरह से यूके को लाभान्वित करते हैं। उदाहरण के लिए, वे हमारे विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय क्षेत्र को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि उनकी फीस घरेलू छात्रों के शिक्षण को क्रॉस-सब्सिडी देती है और यूके अनुसंधान को वित्तपोषित करने में भी मदद करती है।
अनुमान के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय छात्र ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में प्रति वर्ष 35 अरब पाउंड जोड़ते हैं।
यूके स्थित न्यू वे कंसल्टेंसी के अनुसार, विदेशी छात्रों और उनके परिवारों ने यूके की अर्थव्यवस्था में न केवल 10,000 पाउंड से 26,000 पाउंड की फीस के माध्यम से योगदान दिया, बल्कि छात्र के लिए प्रति वर्ष 400 पाउंड और आश्रित के लिए 600 पाउंड के एनएचएस अधिभार के माध्यम से भी योगदान दिया। .
–आईएएनएस
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