deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home खेल

पर्थ की उछाल और तेज गति वाली पिच करेगी टीम इंडिया का स्वागत

by
November 12, 2024
in खेल
0
पर्थ की उछाल और तेज गति वाली पिच करेगी टीम इंडिया का स्वागत
0
SHARES
2
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

पर्थ, 12 नवम्बर (आईएएनएस)। घरेलू धरती पर धूल भरी पिचों से निकलकर, और पहले टेस्ट से पहले अपना एकमात्र प्रैक्टिस मैच स्थगित करने का निर्णय लेने के बाद, भारत को ऑस्ट्रेलियाई हालात में कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। भारत का पहला मैच ऑप्टस स्टेडियम में है और उम्मीद है कि यहां की पिच वाका ग्राउंड की तरह (तेज़ और उछाल भरी) ही होगी, जो भारत के लिए काफ़ी चुनौतीपूर्ण होगा।

READ ALSO

फ्रेंच ओपन : एलेक्सी पोपिरिन को हराकर पहली बार क्वार्टर फाइनल में पहुंचे टॉमी पॉल

पीकेएल 12 ऑक्शन : पहले दिन 10 करोड़पति के बाद दूसरे दिन अनिल मोहन ने रचा इतिहास

बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफ़ी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला मुक़ाबला 22 नवंबर से है। सीरीज़ के पहले मैच के लिए ड्रॉप-इन पिच को पिछले महीने ऑप्टस स्टेडियम में लगाया गया था। इस पिच को बनाने की तैयारी सितंबर से चल रही थी। इसमें वही स्थानीय मिट्टी और घास की प्रजातियां हैं जो वाका की पिचों में पाई जाती हैं। शेफ़ील्ड शील्ड सीज़न के दौरान पिचें अपेक्षाकृत काफ़ी तेज़ और उछाल भरी थीं।

इस स्टेडियम में यह पांचवां टेस्ट होगा और इसकी क्षमता 60000 दर्शकों की है। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में स्थित इस मैदान पर अब तक ज़्यादा दर्शकों को आकर्षित नहीं किया जा सका है। हालांकि उम्मीद है कि बॉर्डर-गावस्कर जैसी प्रतिष्ठित और बहुप्रतीक्षित सीरीज़ के जरिए यहां टेस्ट क्रिकेट को दर्शकों के बीच बढ़ावा मिलेगा। शुरुआती नज़र में इस पिच पर तेज़ गेंदबाज़ों के लिए अच्छी-ख़ासी उछाल और गति मौजूद रहेगी।

डब्लूए क्रिकेट के मुख्य क्यूरेटर आइज़क मैकडोनाल्ड ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा, “यह ऑस्ट्रेलिया है, यह पर्थ है… मैं ऐसी पिच तैयार कर रहा हूं, जिसमें शानदार गति, उछाल और बेहतरीन कैरी हो। मैं चाहता हूं कि इस मैच का परिणाम पिछले साल खेले गए मैच की तरह ही हो।”

मैकडोनाल्ड और उनकी टीम को पिछले साल ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच टेस्ट मैच से पहले काफ़ी दबाव का सामना करना पड़ा था, क्योंकि पिछले गर्मी में खेले गए ऑस्ट्रेलिया-वेस्टइंडीज़ मैच में एक साधारण पिच के कारण मुक़ाबला नीरस हो गया था, जिसे वेस्टइंडीज़ ने पांचवे दिन तक खींच लिया था।

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ डेविड वॉर्नर के शतक के साथ मैच की शुरुआत हुई, लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, पिच की स्थिति बिगड़ती गई। पिच में बड़ी दरारें साफ़ दिखाई दे रही थीं, जिससे बल्लेबाज़ों के लिए तेज़ गेंदबाज़ों के खिलाफ खेलना काफ़ी मुश्किल हो गया था।

उस मैच में पाकिस्तान अपनी दूसरी पारी में चौथे दिन के अंत में 30.2 ओवर में 89 रन पर ढेर हो गया था। ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ मार्नस लाबुशेन को तीसरे दिन शॉर्ट-बॉल पर उंगली में चोट लगी गई थी। उन्होंने मैच के बाद कहा था कि यह उनके द्वारा खेली गई सबसे कठिन पिचों में से एक थी।

उस पिच पर 10 मिलीमीटर घास छोड़ा गया था। मैकडोनाल्ड ने कहा, “यह (10 मिमी घास) एक अच्छा शुरुआती बिंदु है। पिछले साल की परिस्थितियों में यह काफ़ी अच्छी शुरुआत थी और पहले कुछ दिनों तक इसके कारण पिच सही दिख रही थी। पिच पर घास की मौजूदगी गति प्रदान करती है।”

–आईएएनएस

आरआर/

ADVERTISEMENT

पर्थ, 12 नवम्बर (आईएएनएस)। घरेलू धरती पर धूल भरी पिचों से निकलकर, और पहले टेस्ट से पहले अपना एकमात्र प्रैक्टिस मैच स्थगित करने का निर्णय लेने के बाद, भारत को ऑस्ट्रेलियाई हालात में कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। भारत का पहला मैच ऑप्टस स्टेडियम में है और उम्मीद है कि यहां की पिच वाका ग्राउंड की तरह (तेज़ और उछाल भरी) ही होगी, जो भारत के लिए काफ़ी चुनौतीपूर्ण होगा।

बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफ़ी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला मुक़ाबला 22 नवंबर से है। सीरीज़ के पहले मैच के लिए ड्रॉप-इन पिच को पिछले महीने ऑप्टस स्टेडियम में लगाया गया था। इस पिच को बनाने की तैयारी सितंबर से चल रही थी। इसमें वही स्थानीय मिट्टी और घास की प्रजातियां हैं जो वाका की पिचों में पाई जाती हैं। शेफ़ील्ड शील्ड सीज़न के दौरान पिचें अपेक्षाकृत काफ़ी तेज़ और उछाल भरी थीं।

इस स्टेडियम में यह पांचवां टेस्ट होगा और इसकी क्षमता 60000 दर्शकों की है। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में स्थित इस मैदान पर अब तक ज़्यादा दर्शकों को आकर्षित नहीं किया जा सका है। हालांकि उम्मीद है कि बॉर्डर-गावस्कर जैसी प्रतिष्ठित और बहुप्रतीक्षित सीरीज़ के जरिए यहां टेस्ट क्रिकेट को दर्शकों के बीच बढ़ावा मिलेगा। शुरुआती नज़र में इस पिच पर तेज़ गेंदबाज़ों के लिए अच्छी-ख़ासी उछाल और गति मौजूद रहेगी।

डब्लूए क्रिकेट के मुख्य क्यूरेटर आइज़क मैकडोनाल्ड ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा, “यह ऑस्ट्रेलिया है, यह पर्थ है… मैं ऐसी पिच तैयार कर रहा हूं, जिसमें शानदार गति, उछाल और बेहतरीन कैरी हो। मैं चाहता हूं कि इस मैच का परिणाम पिछले साल खेले गए मैच की तरह ही हो।”

मैकडोनाल्ड और उनकी टीम को पिछले साल ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच टेस्ट मैच से पहले काफ़ी दबाव का सामना करना पड़ा था, क्योंकि पिछले गर्मी में खेले गए ऑस्ट्रेलिया-वेस्टइंडीज़ मैच में एक साधारण पिच के कारण मुक़ाबला नीरस हो गया था, जिसे वेस्टइंडीज़ ने पांचवे दिन तक खींच लिया था।

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ डेविड वॉर्नर के शतक के साथ मैच की शुरुआत हुई, लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, पिच की स्थिति बिगड़ती गई। पिच में बड़ी दरारें साफ़ दिखाई दे रही थीं, जिससे बल्लेबाज़ों के लिए तेज़ गेंदबाज़ों के खिलाफ खेलना काफ़ी मुश्किल हो गया था।

उस मैच में पाकिस्तान अपनी दूसरी पारी में चौथे दिन के अंत में 30.2 ओवर में 89 रन पर ढेर हो गया था। ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ मार्नस लाबुशेन को तीसरे दिन शॉर्ट-बॉल पर उंगली में चोट लगी गई थी। उन्होंने मैच के बाद कहा था कि यह उनके द्वारा खेली गई सबसे कठिन पिचों में से एक थी।

उस पिच पर 10 मिलीमीटर घास छोड़ा गया था। मैकडोनाल्ड ने कहा, “यह (10 मिमी घास) एक अच्छा शुरुआती बिंदु है। पिछले साल की परिस्थितियों में यह काफ़ी अच्छी शुरुआत थी और पहले कुछ दिनों तक इसके कारण पिच सही दिख रही थी। पिच पर घास की मौजूदगी गति प्रदान करती है।”

–आईएएनएस

आरआर/

ADVERTISEMENT

पर्थ, 12 नवम्बर (आईएएनएस)। घरेलू धरती पर धूल भरी पिचों से निकलकर, और पहले टेस्ट से पहले अपना एकमात्र प्रैक्टिस मैच स्थगित करने का निर्णय लेने के बाद, भारत को ऑस्ट्रेलियाई हालात में कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। भारत का पहला मैच ऑप्टस स्टेडियम में है और उम्मीद है कि यहां की पिच वाका ग्राउंड की तरह (तेज़ और उछाल भरी) ही होगी, जो भारत के लिए काफ़ी चुनौतीपूर्ण होगा।

बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफ़ी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला मुक़ाबला 22 नवंबर से है। सीरीज़ के पहले मैच के लिए ड्रॉप-इन पिच को पिछले महीने ऑप्टस स्टेडियम में लगाया गया था। इस पिच को बनाने की तैयारी सितंबर से चल रही थी। इसमें वही स्थानीय मिट्टी और घास की प्रजातियां हैं जो वाका की पिचों में पाई जाती हैं। शेफ़ील्ड शील्ड सीज़न के दौरान पिचें अपेक्षाकृत काफ़ी तेज़ और उछाल भरी थीं।

इस स्टेडियम में यह पांचवां टेस्ट होगा और इसकी क्षमता 60000 दर्शकों की है। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में स्थित इस मैदान पर अब तक ज़्यादा दर्शकों को आकर्षित नहीं किया जा सका है। हालांकि उम्मीद है कि बॉर्डर-गावस्कर जैसी प्रतिष्ठित और बहुप्रतीक्षित सीरीज़ के जरिए यहां टेस्ट क्रिकेट को दर्शकों के बीच बढ़ावा मिलेगा। शुरुआती नज़र में इस पिच पर तेज़ गेंदबाज़ों के लिए अच्छी-ख़ासी उछाल और गति मौजूद रहेगी।

डब्लूए क्रिकेट के मुख्य क्यूरेटर आइज़क मैकडोनाल्ड ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा, “यह ऑस्ट्रेलिया है, यह पर्थ है… मैं ऐसी पिच तैयार कर रहा हूं, जिसमें शानदार गति, उछाल और बेहतरीन कैरी हो। मैं चाहता हूं कि इस मैच का परिणाम पिछले साल खेले गए मैच की तरह ही हो।”

मैकडोनाल्ड और उनकी टीम को पिछले साल ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच टेस्ट मैच से पहले काफ़ी दबाव का सामना करना पड़ा था, क्योंकि पिछले गर्मी में खेले गए ऑस्ट्रेलिया-वेस्टइंडीज़ मैच में एक साधारण पिच के कारण मुक़ाबला नीरस हो गया था, जिसे वेस्टइंडीज़ ने पांचवे दिन तक खींच लिया था।

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ डेविड वॉर्नर के शतक के साथ मैच की शुरुआत हुई, लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, पिच की स्थिति बिगड़ती गई। पिच में बड़ी दरारें साफ़ दिखाई दे रही थीं, जिससे बल्लेबाज़ों के लिए तेज़ गेंदबाज़ों के खिलाफ खेलना काफ़ी मुश्किल हो गया था।

उस मैच में पाकिस्तान अपनी दूसरी पारी में चौथे दिन के अंत में 30.2 ओवर में 89 रन पर ढेर हो गया था। ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ मार्नस लाबुशेन को तीसरे दिन शॉर्ट-बॉल पर उंगली में चोट लगी गई थी। उन्होंने मैच के बाद कहा था कि यह उनके द्वारा खेली गई सबसे कठिन पिचों में से एक थी।

उस पिच पर 10 मिलीमीटर घास छोड़ा गया था। मैकडोनाल्ड ने कहा, “यह (10 मिमी घास) एक अच्छा शुरुआती बिंदु है। पिछले साल की परिस्थितियों में यह काफ़ी अच्छी शुरुआत थी और पहले कुछ दिनों तक इसके कारण पिच सही दिख रही थी। पिच पर घास की मौजूदगी गति प्रदान करती है।”

–आईएएनएस

आरआर/

ADVERTISEMENT

पर्थ, 12 नवम्बर (आईएएनएस)। घरेलू धरती पर धूल भरी पिचों से निकलकर, और पहले टेस्ट से पहले अपना एकमात्र प्रैक्टिस मैच स्थगित करने का निर्णय लेने के बाद, भारत को ऑस्ट्रेलियाई हालात में कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। भारत का पहला मैच ऑप्टस स्टेडियम में है और उम्मीद है कि यहां की पिच वाका ग्राउंड की तरह (तेज़ और उछाल भरी) ही होगी, जो भारत के लिए काफ़ी चुनौतीपूर्ण होगा।

बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफ़ी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला मुक़ाबला 22 नवंबर से है। सीरीज़ के पहले मैच के लिए ड्रॉप-इन पिच को पिछले महीने ऑप्टस स्टेडियम में लगाया गया था। इस पिच को बनाने की तैयारी सितंबर से चल रही थी। इसमें वही स्थानीय मिट्टी और घास की प्रजातियां हैं जो वाका की पिचों में पाई जाती हैं। शेफ़ील्ड शील्ड सीज़न के दौरान पिचें अपेक्षाकृत काफ़ी तेज़ और उछाल भरी थीं।

इस स्टेडियम में यह पांचवां टेस्ट होगा और इसकी क्षमता 60000 दर्शकों की है। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में स्थित इस मैदान पर अब तक ज़्यादा दर्शकों को आकर्षित नहीं किया जा सका है। हालांकि उम्मीद है कि बॉर्डर-गावस्कर जैसी प्रतिष्ठित और बहुप्रतीक्षित सीरीज़ के जरिए यहां टेस्ट क्रिकेट को दर्शकों के बीच बढ़ावा मिलेगा। शुरुआती नज़र में इस पिच पर तेज़ गेंदबाज़ों के लिए अच्छी-ख़ासी उछाल और गति मौजूद रहेगी।

डब्लूए क्रिकेट के मुख्य क्यूरेटर आइज़क मैकडोनाल्ड ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा, “यह ऑस्ट्रेलिया है, यह पर्थ है… मैं ऐसी पिच तैयार कर रहा हूं, जिसमें शानदार गति, उछाल और बेहतरीन कैरी हो। मैं चाहता हूं कि इस मैच का परिणाम पिछले साल खेले गए मैच की तरह ही हो।”

मैकडोनाल्ड और उनकी टीम को पिछले साल ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच टेस्ट मैच से पहले काफ़ी दबाव का सामना करना पड़ा था, क्योंकि पिछले गर्मी में खेले गए ऑस्ट्रेलिया-वेस्टइंडीज़ मैच में एक साधारण पिच के कारण मुक़ाबला नीरस हो गया था, जिसे वेस्टइंडीज़ ने पांचवे दिन तक खींच लिया था।

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ डेविड वॉर्नर के शतक के साथ मैच की शुरुआत हुई, लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, पिच की स्थिति बिगड़ती गई। पिच में बड़ी दरारें साफ़ दिखाई दे रही थीं, जिससे बल्लेबाज़ों के लिए तेज़ गेंदबाज़ों के खिलाफ खेलना काफ़ी मुश्किल हो गया था।

उस मैच में पाकिस्तान अपनी दूसरी पारी में चौथे दिन के अंत में 30.2 ओवर में 89 रन पर ढेर हो गया था। ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ मार्नस लाबुशेन को तीसरे दिन शॉर्ट-बॉल पर उंगली में चोट लगी गई थी। उन्होंने मैच के बाद कहा था कि यह उनके द्वारा खेली गई सबसे कठिन पिचों में से एक थी।

उस पिच पर 10 मिलीमीटर घास छोड़ा गया था। मैकडोनाल्ड ने कहा, “यह (10 मिमी घास) एक अच्छा शुरुआती बिंदु है। पिछले साल की परिस्थितियों में यह काफ़ी अच्छी शुरुआत थी और पहले कुछ दिनों तक इसके कारण पिच सही दिख रही थी। पिच पर घास की मौजूदगी गति प्रदान करती है।”

–आईएएनएस

आरआर/

ADVERTISEMENT

पर्थ, 12 नवम्बर (आईएएनएस)। घरेलू धरती पर धूल भरी पिचों से निकलकर, और पहले टेस्ट से पहले अपना एकमात्र प्रैक्टिस मैच स्थगित करने का निर्णय लेने के बाद, भारत को ऑस्ट्रेलियाई हालात में कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। भारत का पहला मैच ऑप्टस स्टेडियम में है और उम्मीद है कि यहां की पिच वाका ग्राउंड की तरह (तेज़ और उछाल भरी) ही होगी, जो भारत के लिए काफ़ी चुनौतीपूर्ण होगा।

बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफ़ी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला मुक़ाबला 22 नवंबर से है। सीरीज़ के पहले मैच के लिए ड्रॉप-इन पिच को पिछले महीने ऑप्टस स्टेडियम में लगाया गया था। इस पिच को बनाने की तैयारी सितंबर से चल रही थी। इसमें वही स्थानीय मिट्टी और घास की प्रजातियां हैं जो वाका की पिचों में पाई जाती हैं। शेफ़ील्ड शील्ड सीज़न के दौरान पिचें अपेक्षाकृत काफ़ी तेज़ और उछाल भरी थीं।

इस स्टेडियम में यह पांचवां टेस्ट होगा और इसकी क्षमता 60000 दर्शकों की है। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में स्थित इस मैदान पर अब तक ज़्यादा दर्शकों को आकर्षित नहीं किया जा सका है। हालांकि उम्मीद है कि बॉर्डर-गावस्कर जैसी प्रतिष्ठित और बहुप्रतीक्षित सीरीज़ के जरिए यहां टेस्ट क्रिकेट को दर्शकों के बीच बढ़ावा मिलेगा। शुरुआती नज़र में इस पिच पर तेज़ गेंदबाज़ों के लिए अच्छी-ख़ासी उछाल और गति मौजूद रहेगी।

डब्लूए क्रिकेट के मुख्य क्यूरेटर आइज़क मैकडोनाल्ड ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा, “यह ऑस्ट्रेलिया है, यह पर्थ है… मैं ऐसी पिच तैयार कर रहा हूं, जिसमें शानदार गति, उछाल और बेहतरीन कैरी हो। मैं चाहता हूं कि इस मैच का परिणाम पिछले साल खेले गए मैच की तरह ही हो।”

मैकडोनाल्ड और उनकी टीम को पिछले साल ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच टेस्ट मैच से पहले काफ़ी दबाव का सामना करना पड़ा था, क्योंकि पिछले गर्मी में खेले गए ऑस्ट्रेलिया-वेस्टइंडीज़ मैच में एक साधारण पिच के कारण मुक़ाबला नीरस हो गया था, जिसे वेस्टइंडीज़ ने पांचवे दिन तक खींच लिया था।

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ डेविड वॉर्नर के शतक के साथ मैच की शुरुआत हुई, लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, पिच की स्थिति बिगड़ती गई। पिच में बड़ी दरारें साफ़ दिखाई दे रही थीं, जिससे बल्लेबाज़ों के लिए तेज़ गेंदबाज़ों के खिलाफ खेलना काफ़ी मुश्किल हो गया था।

उस मैच में पाकिस्तान अपनी दूसरी पारी में चौथे दिन के अंत में 30.2 ओवर में 89 रन पर ढेर हो गया था। ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ मार्नस लाबुशेन को तीसरे दिन शॉर्ट-बॉल पर उंगली में चोट लगी गई थी। उन्होंने मैच के बाद कहा था कि यह उनके द्वारा खेली गई सबसे कठिन पिचों में से एक थी।

उस पिच पर 10 मिलीमीटर घास छोड़ा गया था। मैकडोनाल्ड ने कहा, “यह (10 मिमी घास) एक अच्छा शुरुआती बिंदु है। पिछले साल की परिस्थितियों में यह काफ़ी अच्छी शुरुआत थी और पहले कुछ दिनों तक इसके कारण पिच सही दिख रही थी। पिच पर घास की मौजूदगी गति प्रदान करती है।”

–आईएएनएस

आरआर/

ADVERTISEMENT

पर्थ, 12 नवम्बर (आईएएनएस)। घरेलू धरती पर धूल भरी पिचों से निकलकर, और पहले टेस्ट से पहले अपना एकमात्र प्रैक्टिस मैच स्थगित करने का निर्णय लेने के बाद, भारत को ऑस्ट्रेलियाई हालात में कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। भारत का पहला मैच ऑप्टस स्टेडियम में है और उम्मीद है कि यहां की पिच वाका ग्राउंड की तरह (तेज़ और उछाल भरी) ही होगी, जो भारत के लिए काफ़ी चुनौतीपूर्ण होगा।

बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफ़ी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला मुक़ाबला 22 नवंबर से है। सीरीज़ के पहले मैच के लिए ड्रॉप-इन पिच को पिछले महीने ऑप्टस स्टेडियम में लगाया गया था। इस पिच को बनाने की तैयारी सितंबर से चल रही थी। इसमें वही स्थानीय मिट्टी और घास की प्रजातियां हैं जो वाका की पिचों में पाई जाती हैं। शेफ़ील्ड शील्ड सीज़न के दौरान पिचें अपेक्षाकृत काफ़ी तेज़ और उछाल भरी थीं।

इस स्टेडियम में यह पांचवां टेस्ट होगा और इसकी क्षमता 60000 दर्शकों की है। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में स्थित इस मैदान पर अब तक ज़्यादा दर्शकों को आकर्षित नहीं किया जा सका है। हालांकि उम्मीद है कि बॉर्डर-गावस्कर जैसी प्रतिष्ठित और बहुप्रतीक्षित सीरीज़ के जरिए यहां टेस्ट क्रिकेट को दर्शकों के बीच बढ़ावा मिलेगा। शुरुआती नज़र में इस पिच पर तेज़ गेंदबाज़ों के लिए अच्छी-ख़ासी उछाल और गति मौजूद रहेगी।

डब्लूए क्रिकेट के मुख्य क्यूरेटर आइज़क मैकडोनाल्ड ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा, “यह ऑस्ट्रेलिया है, यह पर्थ है… मैं ऐसी पिच तैयार कर रहा हूं, जिसमें शानदार गति, उछाल और बेहतरीन कैरी हो। मैं चाहता हूं कि इस मैच का परिणाम पिछले साल खेले गए मैच की तरह ही हो।”

मैकडोनाल्ड और उनकी टीम को पिछले साल ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच टेस्ट मैच से पहले काफ़ी दबाव का सामना करना पड़ा था, क्योंकि पिछले गर्मी में खेले गए ऑस्ट्रेलिया-वेस्टइंडीज़ मैच में एक साधारण पिच के कारण मुक़ाबला नीरस हो गया था, जिसे वेस्टइंडीज़ ने पांचवे दिन तक खींच लिया था।

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ डेविड वॉर्नर के शतक के साथ मैच की शुरुआत हुई, लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, पिच की स्थिति बिगड़ती गई। पिच में बड़ी दरारें साफ़ दिखाई दे रही थीं, जिससे बल्लेबाज़ों के लिए तेज़ गेंदबाज़ों के खिलाफ खेलना काफ़ी मुश्किल हो गया था।

उस मैच में पाकिस्तान अपनी दूसरी पारी में चौथे दिन के अंत में 30.2 ओवर में 89 रन पर ढेर हो गया था। ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ मार्नस लाबुशेन को तीसरे दिन शॉर्ट-बॉल पर उंगली में चोट लगी गई थी। उन्होंने मैच के बाद कहा था कि यह उनके द्वारा खेली गई सबसे कठिन पिचों में से एक थी।

उस पिच पर 10 मिलीमीटर घास छोड़ा गया था। मैकडोनाल्ड ने कहा, “यह (10 मिमी घास) एक अच्छा शुरुआती बिंदु है। पिछले साल की परिस्थितियों में यह काफ़ी अच्छी शुरुआत थी और पहले कुछ दिनों तक इसके कारण पिच सही दिख रही थी। पिच पर घास की मौजूदगी गति प्रदान करती है।”

–आईएएनएस

आरआर/

ADVERTISEMENT

पर्थ, 12 नवम्बर (आईएएनएस)। घरेलू धरती पर धूल भरी पिचों से निकलकर, और पहले टेस्ट से पहले अपना एकमात्र प्रैक्टिस मैच स्थगित करने का निर्णय लेने के बाद, भारत को ऑस्ट्रेलियाई हालात में कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। भारत का पहला मैच ऑप्टस स्टेडियम में है और उम्मीद है कि यहां की पिच वाका ग्राउंड की तरह (तेज़ और उछाल भरी) ही होगी, जो भारत के लिए काफ़ी चुनौतीपूर्ण होगा।

बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफ़ी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला मुक़ाबला 22 नवंबर से है। सीरीज़ के पहले मैच के लिए ड्रॉप-इन पिच को पिछले महीने ऑप्टस स्टेडियम में लगाया गया था। इस पिच को बनाने की तैयारी सितंबर से चल रही थी। इसमें वही स्थानीय मिट्टी और घास की प्रजातियां हैं जो वाका की पिचों में पाई जाती हैं। शेफ़ील्ड शील्ड सीज़न के दौरान पिचें अपेक्षाकृत काफ़ी तेज़ और उछाल भरी थीं।

इस स्टेडियम में यह पांचवां टेस्ट होगा और इसकी क्षमता 60000 दर्शकों की है। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में स्थित इस मैदान पर अब तक ज़्यादा दर्शकों को आकर्षित नहीं किया जा सका है। हालांकि उम्मीद है कि बॉर्डर-गावस्कर जैसी प्रतिष्ठित और बहुप्रतीक्षित सीरीज़ के जरिए यहां टेस्ट क्रिकेट को दर्शकों के बीच बढ़ावा मिलेगा। शुरुआती नज़र में इस पिच पर तेज़ गेंदबाज़ों के लिए अच्छी-ख़ासी उछाल और गति मौजूद रहेगी।

डब्लूए क्रिकेट के मुख्य क्यूरेटर आइज़क मैकडोनाल्ड ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा, “यह ऑस्ट्रेलिया है, यह पर्थ है… मैं ऐसी पिच तैयार कर रहा हूं, जिसमें शानदार गति, उछाल और बेहतरीन कैरी हो। मैं चाहता हूं कि इस मैच का परिणाम पिछले साल खेले गए मैच की तरह ही हो।”

मैकडोनाल्ड और उनकी टीम को पिछले साल ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच टेस्ट मैच से पहले काफ़ी दबाव का सामना करना पड़ा था, क्योंकि पिछले गर्मी में खेले गए ऑस्ट्रेलिया-वेस्टइंडीज़ मैच में एक साधारण पिच के कारण मुक़ाबला नीरस हो गया था, जिसे वेस्टइंडीज़ ने पांचवे दिन तक खींच लिया था।

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ डेविड वॉर्नर के शतक के साथ मैच की शुरुआत हुई, लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, पिच की स्थिति बिगड़ती गई। पिच में बड़ी दरारें साफ़ दिखाई दे रही थीं, जिससे बल्लेबाज़ों के लिए तेज़ गेंदबाज़ों के खिलाफ खेलना काफ़ी मुश्किल हो गया था।

उस मैच में पाकिस्तान अपनी दूसरी पारी में चौथे दिन के अंत में 30.2 ओवर में 89 रन पर ढेर हो गया था। ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ मार्नस लाबुशेन को तीसरे दिन शॉर्ट-बॉल पर उंगली में चोट लगी गई थी। उन्होंने मैच के बाद कहा था कि यह उनके द्वारा खेली गई सबसे कठिन पिचों में से एक थी।

उस पिच पर 10 मिलीमीटर घास छोड़ा गया था। मैकडोनाल्ड ने कहा, “यह (10 मिमी घास) एक अच्छा शुरुआती बिंदु है। पिछले साल की परिस्थितियों में यह काफ़ी अच्छी शुरुआत थी और पहले कुछ दिनों तक इसके कारण पिच सही दिख रही थी। पिच पर घास की मौजूदगी गति प्रदान करती है।”

–आईएएनएस

आरआर/

ADVERTISEMENT

पर्थ, 12 नवम्बर (आईएएनएस)। घरेलू धरती पर धूल भरी पिचों से निकलकर, और पहले टेस्ट से पहले अपना एकमात्र प्रैक्टिस मैच स्थगित करने का निर्णय लेने के बाद, भारत को ऑस्ट्रेलियाई हालात में कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। भारत का पहला मैच ऑप्टस स्टेडियम में है और उम्मीद है कि यहां की पिच वाका ग्राउंड की तरह (तेज़ और उछाल भरी) ही होगी, जो भारत के लिए काफ़ी चुनौतीपूर्ण होगा।

बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफ़ी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला मुक़ाबला 22 नवंबर से है। सीरीज़ के पहले मैच के लिए ड्रॉप-इन पिच को पिछले महीने ऑप्टस स्टेडियम में लगाया गया था। इस पिच को बनाने की तैयारी सितंबर से चल रही थी। इसमें वही स्थानीय मिट्टी और घास की प्रजातियां हैं जो वाका की पिचों में पाई जाती हैं। शेफ़ील्ड शील्ड सीज़न के दौरान पिचें अपेक्षाकृत काफ़ी तेज़ और उछाल भरी थीं।

इस स्टेडियम में यह पांचवां टेस्ट होगा और इसकी क्षमता 60000 दर्शकों की है। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में स्थित इस मैदान पर अब तक ज़्यादा दर्शकों को आकर्षित नहीं किया जा सका है। हालांकि उम्मीद है कि बॉर्डर-गावस्कर जैसी प्रतिष्ठित और बहुप्रतीक्षित सीरीज़ के जरिए यहां टेस्ट क्रिकेट को दर्शकों के बीच बढ़ावा मिलेगा। शुरुआती नज़र में इस पिच पर तेज़ गेंदबाज़ों के लिए अच्छी-ख़ासी उछाल और गति मौजूद रहेगी।

डब्लूए क्रिकेट के मुख्य क्यूरेटर आइज़क मैकडोनाल्ड ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा, “यह ऑस्ट्रेलिया है, यह पर्थ है… मैं ऐसी पिच तैयार कर रहा हूं, जिसमें शानदार गति, उछाल और बेहतरीन कैरी हो। मैं चाहता हूं कि इस मैच का परिणाम पिछले साल खेले गए मैच की तरह ही हो।”

मैकडोनाल्ड और उनकी टीम को पिछले साल ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच टेस्ट मैच से पहले काफ़ी दबाव का सामना करना पड़ा था, क्योंकि पिछले गर्मी में खेले गए ऑस्ट्रेलिया-वेस्टइंडीज़ मैच में एक साधारण पिच के कारण मुक़ाबला नीरस हो गया था, जिसे वेस्टइंडीज़ ने पांचवे दिन तक खींच लिया था।

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ डेविड वॉर्नर के शतक के साथ मैच की शुरुआत हुई, लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, पिच की स्थिति बिगड़ती गई। पिच में बड़ी दरारें साफ़ दिखाई दे रही थीं, जिससे बल्लेबाज़ों के लिए तेज़ गेंदबाज़ों के खिलाफ खेलना काफ़ी मुश्किल हो गया था।

उस मैच में पाकिस्तान अपनी दूसरी पारी में चौथे दिन के अंत में 30.2 ओवर में 89 रन पर ढेर हो गया था। ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ मार्नस लाबुशेन को तीसरे दिन शॉर्ट-बॉल पर उंगली में चोट लगी गई थी। उन्होंने मैच के बाद कहा था कि यह उनके द्वारा खेली गई सबसे कठिन पिचों में से एक थी।

उस पिच पर 10 मिलीमीटर घास छोड़ा गया था। मैकडोनाल्ड ने कहा, “यह (10 मिमी घास) एक अच्छा शुरुआती बिंदु है। पिछले साल की परिस्थितियों में यह काफ़ी अच्छी शुरुआत थी और पहले कुछ दिनों तक इसके कारण पिच सही दिख रही थी। पिच पर घास की मौजूदगी गति प्रदान करती है।”

–आईएएनएस

आरआर/

पर्थ, 12 नवम्बर (आईएएनएस)। घरेलू धरती पर धूल भरी पिचों से निकलकर, और पहले टेस्ट से पहले अपना एकमात्र प्रैक्टिस मैच स्थगित करने का निर्णय लेने के बाद, भारत को ऑस्ट्रेलियाई हालात में कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। भारत का पहला मैच ऑप्टस स्टेडियम में है और उम्मीद है कि यहां की पिच वाका ग्राउंड की तरह (तेज़ और उछाल भरी) ही होगी, जो भारत के लिए काफ़ी चुनौतीपूर्ण होगा।

बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफ़ी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला मुक़ाबला 22 नवंबर से है। सीरीज़ के पहले मैच के लिए ड्रॉप-इन पिच को पिछले महीने ऑप्टस स्टेडियम में लगाया गया था। इस पिच को बनाने की तैयारी सितंबर से चल रही थी। इसमें वही स्थानीय मिट्टी और घास की प्रजातियां हैं जो वाका की पिचों में पाई जाती हैं। शेफ़ील्ड शील्ड सीज़न के दौरान पिचें अपेक्षाकृत काफ़ी तेज़ और उछाल भरी थीं।

इस स्टेडियम में यह पांचवां टेस्ट होगा और इसकी क्षमता 60000 दर्शकों की है। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में स्थित इस मैदान पर अब तक ज़्यादा दर्शकों को आकर्षित नहीं किया जा सका है। हालांकि उम्मीद है कि बॉर्डर-गावस्कर जैसी प्रतिष्ठित और बहुप्रतीक्षित सीरीज़ के जरिए यहां टेस्ट क्रिकेट को दर्शकों के बीच बढ़ावा मिलेगा। शुरुआती नज़र में इस पिच पर तेज़ गेंदबाज़ों के लिए अच्छी-ख़ासी उछाल और गति मौजूद रहेगी।

डब्लूए क्रिकेट के मुख्य क्यूरेटर आइज़क मैकडोनाल्ड ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा, “यह ऑस्ट्रेलिया है, यह पर्थ है… मैं ऐसी पिच तैयार कर रहा हूं, जिसमें शानदार गति, उछाल और बेहतरीन कैरी हो। मैं चाहता हूं कि इस मैच का परिणाम पिछले साल खेले गए मैच की तरह ही हो।”

मैकडोनाल्ड और उनकी टीम को पिछले साल ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच टेस्ट मैच से पहले काफ़ी दबाव का सामना करना पड़ा था, क्योंकि पिछले गर्मी में खेले गए ऑस्ट्रेलिया-वेस्टइंडीज़ मैच में एक साधारण पिच के कारण मुक़ाबला नीरस हो गया था, जिसे वेस्टइंडीज़ ने पांचवे दिन तक खींच लिया था।

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ डेविड वॉर्नर के शतक के साथ मैच की शुरुआत हुई, लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, पिच की स्थिति बिगड़ती गई। पिच में बड़ी दरारें साफ़ दिखाई दे रही थीं, जिससे बल्लेबाज़ों के लिए तेज़ गेंदबाज़ों के खिलाफ खेलना काफ़ी मुश्किल हो गया था।

उस मैच में पाकिस्तान अपनी दूसरी पारी में चौथे दिन के अंत में 30.2 ओवर में 89 रन पर ढेर हो गया था। ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ मार्नस लाबुशेन को तीसरे दिन शॉर्ट-बॉल पर उंगली में चोट लगी गई थी। उन्होंने मैच के बाद कहा था कि यह उनके द्वारा खेली गई सबसे कठिन पिचों में से एक थी।

उस पिच पर 10 मिलीमीटर घास छोड़ा गया था। मैकडोनाल्ड ने कहा, “यह (10 मिमी घास) एक अच्छा शुरुआती बिंदु है। पिछले साल की परिस्थितियों में यह काफ़ी अच्छी शुरुआत थी और पहले कुछ दिनों तक इसके कारण पिच सही दिख रही थी। पिच पर घास की मौजूदगी गति प्रदान करती है।”

–आईएएनएस

आरआर/

ADVERTISEMENT

पर्थ, 12 नवम्बर (आईएएनएस)। घरेलू धरती पर धूल भरी पिचों से निकलकर, और पहले टेस्ट से पहले अपना एकमात्र प्रैक्टिस मैच स्थगित करने का निर्णय लेने के बाद, भारत को ऑस्ट्रेलियाई हालात में कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। भारत का पहला मैच ऑप्टस स्टेडियम में है और उम्मीद है कि यहां की पिच वाका ग्राउंड की तरह (तेज़ और उछाल भरी) ही होगी, जो भारत के लिए काफ़ी चुनौतीपूर्ण होगा।

बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफ़ी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला मुक़ाबला 22 नवंबर से है। सीरीज़ के पहले मैच के लिए ड्रॉप-इन पिच को पिछले महीने ऑप्टस स्टेडियम में लगाया गया था। इस पिच को बनाने की तैयारी सितंबर से चल रही थी। इसमें वही स्थानीय मिट्टी और घास की प्रजातियां हैं जो वाका की पिचों में पाई जाती हैं। शेफ़ील्ड शील्ड सीज़न के दौरान पिचें अपेक्षाकृत काफ़ी तेज़ और उछाल भरी थीं।

इस स्टेडियम में यह पांचवां टेस्ट होगा और इसकी क्षमता 60000 दर्शकों की है। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में स्थित इस मैदान पर अब तक ज़्यादा दर्शकों को आकर्षित नहीं किया जा सका है। हालांकि उम्मीद है कि बॉर्डर-गावस्कर जैसी प्रतिष्ठित और बहुप्रतीक्षित सीरीज़ के जरिए यहां टेस्ट क्रिकेट को दर्शकों के बीच बढ़ावा मिलेगा। शुरुआती नज़र में इस पिच पर तेज़ गेंदबाज़ों के लिए अच्छी-ख़ासी उछाल और गति मौजूद रहेगी।

डब्लूए क्रिकेट के मुख्य क्यूरेटर आइज़क मैकडोनाल्ड ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा, “यह ऑस्ट्रेलिया है, यह पर्थ है… मैं ऐसी पिच तैयार कर रहा हूं, जिसमें शानदार गति, उछाल और बेहतरीन कैरी हो। मैं चाहता हूं कि इस मैच का परिणाम पिछले साल खेले गए मैच की तरह ही हो।”

मैकडोनाल्ड और उनकी टीम को पिछले साल ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच टेस्ट मैच से पहले काफ़ी दबाव का सामना करना पड़ा था, क्योंकि पिछले गर्मी में खेले गए ऑस्ट्रेलिया-वेस्टइंडीज़ मैच में एक साधारण पिच के कारण मुक़ाबला नीरस हो गया था, जिसे वेस्टइंडीज़ ने पांचवे दिन तक खींच लिया था।

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ डेविड वॉर्नर के शतक के साथ मैच की शुरुआत हुई, लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, पिच की स्थिति बिगड़ती गई। पिच में बड़ी दरारें साफ़ दिखाई दे रही थीं, जिससे बल्लेबाज़ों के लिए तेज़ गेंदबाज़ों के खिलाफ खेलना काफ़ी मुश्किल हो गया था।

उस मैच में पाकिस्तान अपनी दूसरी पारी में चौथे दिन के अंत में 30.2 ओवर में 89 रन पर ढेर हो गया था। ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ मार्नस लाबुशेन को तीसरे दिन शॉर्ट-बॉल पर उंगली में चोट लगी गई थी। उन्होंने मैच के बाद कहा था कि यह उनके द्वारा खेली गई सबसे कठिन पिचों में से एक थी।

उस पिच पर 10 मिलीमीटर घास छोड़ा गया था। मैकडोनाल्ड ने कहा, “यह (10 मिमी घास) एक अच्छा शुरुआती बिंदु है। पिछले साल की परिस्थितियों में यह काफ़ी अच्छी शुरुआत थी और पहले कुछ दिनों तक इसके कारण पिच सही दिख रही थी। पिच पर घास की मौजूदगी गति प्रदान करती है।”

–आईएएनएस

आरआर/

ADVERTISEMENT

पर्थ, 12 नवम्बर (आईएएनएस)। घरेलू धरती पर धूल भरी पिचों से निकलकर, और पहले टेस्ट से पहले अपना एकमात्र प्रैक्टिस मैच स्थगित करने का निर्णय लेने के बाद, भारत को ऑस्ट्रेलियाई हालात में कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। भारत का पहला मैच ऑप्टस स्टेडियम में है और उम्मीद है कि यहां की पिच वाका ग्राउंड की तरह (तेज़ और उछाल भरी) ही होगी, जो भारत के लिए काफ़ी चुनौतीपूर्ण होगा।

बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफ़ी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला मुक़ाबला 22 नवंबर से है। सीरीज़ के पहले मैच के लिए ड्रॉप-इन पिच को पिछले महीने ऑप्टस स्टेडियम में लगाया गया था। इस पिच को बनाने की तैयारी सितंबर से चल रही थी। इसमें वही स्थानीय मिट्टी और घास की प्रजातियां हैं जो वाका की पिचों में पाई जाती हैं। शेफ़ील्ड शील्ड सीज़न के दौरान पिचें अपेक्षाकृत काफ़ी तेज़ और उछाल भरी थीं।

इस स्टेडियम में यह पांचवां टेस्ट होगा और इसकी क्षमता 60000 दर्शकों की है। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में स्थित इस मैदान पर अब तक ज़्यादा दर्शकों को आकर्षित नहीं किया जा सका है। हालांकि उम्मीद है कि बॉर्डर-गावस्कर जैसी प्रतिष्ठित और बहुप्रतीक्षित सीरीज़ के जरिए यहां टेस्ट क्रिकेट को दर्शकों के बीच बढ़ावा मिलेगा। शुरुआती नज़र में इस पिच पर तेज़ गेंदबाज़ों के लिए अच्छी-ख़ासी उछाल और गति मौजूद रहेगी।

डब्लूए क्रिकेट के मुख्य क्यूरेटर आइज़क मैकडोनाल्ड ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा, “यह ऑस्ट्रेलिया है, यह पर्थ है… मैं ऐसी पिच तैयार कर रहा हूं, जिसमें शानदार गति, उछाल और बेहतरीन कैरी हो। मैं चाहता हूं कि इस मैच का परिणाम पिछले साल खेले गए मैच की तरह ही हो।”

मैकडोनाल्ड और उनकी टीम को पिछले साल ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच टेस्ट मैच से पहले काफ़ी दबाव का सामना करना पड़ा था, क्योंकि पिछले गर्मी में खेले गए ऑस्ट्रेलिया-वेस्टइंडीज़ मैच में एक साधारण पिच के कारण मुक़ाबला नीरस हो गया था, जिसे वेस्टइंडीज़ ने पांचवे दिन तक खींच लिया था।

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ डेविड वॉर्नर के शतक के साथ मैच की शुरुआत हुई, लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, पिच की स्थिति बिगड़ती गई। पिच में बड़ी दरारें साफ़ दिखाई दे रही थीं, जिससे बल्लेबाज़ों के लिए तेज़ गेंदबाज़ों के खिलाफ खेलना काफ़ी मुश्किल हो गया था।

उस मैच में पाकिस्तान अपनी दूसरी पारी में चौथे दिन के अंत में 30.2 ओवर में 89 रन पर ढेर हो गया था। ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ मार्नस लाबुशेन को तीसरे दिन शॉर्ट-बॉल पर उंगली में चोट लगी गई थी। उन्होंने मैच के बाद कहा था कि यह उनके द्वारा खेली गई सबसे कठिन पिचों में से एक थी।

उस पिच पर 10 मिलीमीटर घास छोड़ा गया था। मैकडोनाल्ड ने कहा, “यह (10 मिमी घास) एक अच्छा शुरुआती बिंदु है। पिछले साल की परिस्थितियों में यह काफ़ी अच्छी शुरुआत थी और पहले कुछ दिनों तक इसके कारण पिच सही दिख रही थी। पिच पर घास की मौजूदगी गति प्रदान करती है।”

–आईएएनएस

आरआर/

ADVERTISEMENT

पर्थ, 12 नवम्बर (आईएएनएस)। घरेलू धरती पर धूल भरी पिचों से निकलकर, और पहले टेस्ट से पहले अपना एकमात्र प्रैक्टिस मैच स्थगित करने का निर्णय लेने के बाद, भारत को ऑस्ट्रेलियाई हालात में कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। भारत का पहला मैच ऑप्टस स्टेडियम में है और उम्मीद है कि यहां की पिच वाका ग्राउंड की तरह (तेज़ और उछाल भरी) ही होगी, जो भारत के लिए काफ़ी चुनौतीपूर्ण होगा।

बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफ़ी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला मुक़ाबला 22 नवंबर से है। सीरीज़ के पहले मैच के लिए ड्रॉप-इन पिच को पिछले महीने ऑप्टस स्टेडियम में लगाया गया था। इस पिच को बनाने की तैयारी सितंबर से चल रही थी। इसमें वही स्थानीय मिट्टी और घास की प्रजातियां हैं जो वाका की पिचों में पाई जाती हैं। शेफ़ील्ड शील्ड सीज़न के दौरान पिचें अपेक्षाकृत काफ़ी तेज़ और उछाल भरी थीं।

इस स्टेडियम में यह पांचवां टेस्ट होगा और इसकी क्षमता 60000 दर्शकों की है। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में स्थित इस मैदान पर अब तक ज़्यादा दर्शकों को आकर्षित नहीं किया जा सका है। हालांकि उम्मीद है कि बॉर्डर-गावस्कर जैसी प्रतिष्ठित और बहुप्रतीक्षित सीरीज़ के जरिए यहां टेस्ट क्रिकेट को दर्शकों के बीच बढ़ावा मिलेगा। शुरुआती नज़र में इस पिच पर तेज़ गेंदबाज़ों के लिए अच्छी-ख़ासी उछाल और गति मौजूद रहेगी।

डब्लूए क्रिकेट के मुख्य क्यूरेटर आइज़क मैकडोनाल्ड ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा, “यह ऑस्ट्रेलिया है, यह पर्थ है… मैं ऐसी पिच तैयार कर रहा हूं, जिसमें शानदार गति, उछाल और बेहतरीन कैरी हो। मैं चाहता हूं कि इस मैच का परिणाम पिछले साल खेले गए मैच की तरह ही हो।”

मैकडोनाल्ड और उनकी टीम को पिछले साल ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच टेस्ट मैच से पहले काफ़ी दबाव का सामना करना पड़ा था, क्योंकि पिछले गर्मी में खेले गए ऑस्ट्रेलिया-वेस्टइंडीज़ मैच में एक साधारण पिच के कारण मुक़ाबला नीरस हो गया था, जिसे वेस्टइंडीज़ ने पांचवे दिन तक खींच लिया था।

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ डेविड वॉर्नर के शतक के साथ मैच की शुरुआत हुई, लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, पिच की स्थिति बिगड़ती गई। पिच में बड़ी दरारें साफ़ दिखाई दे रही थीं, जिससे बल्लेबाज़ों के लिए तेज़ गेंदबाज़ों के खिलाफ खेलना काफ़ी मुश्किल हो गया था।

उस मैच में पाकिस्तान अपनी दूसरी पारी में चौथे दिन के अंत में 30.2 ओवर में 89 रन पर ढेर हो गया था। ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ मार्नस लाबुशेन को तीसरे दिन शॉर्ट-बॉल पर उंगली में चोट लगी गई थी। उन्होंने मैच के बाद कहा था कि यह उनके द्वारा खेली गई सबसे कठिन पिचों में से एक थी।

उस पिच पर 10 मिलीमीटर घास छोड़ा गया था। मैकडोनाल्ड ने कहा, “यह (10 मिमी घास) एक अच्छा शुरुआती बिंदु है। पिछले साल की परिस्थितियों में यह काफ़ी अच्छी शुरुआत थी और पहले कुछ दिनों तक इसके कारण पिच सही दिख रही थी। पिच पर घास की मौजूदगी गति प्रदान करती है।”

–आईएएनएस

आरआर/

ADVERTISEMENT

पर्थ, 12 नवम्बर (आईएएनएस)। घरेलू धरती पर धूल भरी पिचों से निकलकर, और पहले टेस्ट से पहले अपना एकमात्र प्रैक्टिस मैच स्थगित करने का निर्णय लेने के बाद, भारत को ऑस्ट्रेलियाई हालात में कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। भारत का पहला मैच ऑप्टस स्टेडियम में है और उम्मीद है कि यहां की पिच वाका ग्राउंड की तरह (तेज़ और उछाल भरी) ही होगी, जो भारत के लिए काफ़ी चुनौतीपूर्ण होगा।

बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफ़ी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला मुक़ाबला 22 नवंबर से है। सीरीज़ के पहले मैच के लिए ड्रॉप-इन पिच को पिछले महीने ऑप्टस स्टेडियम में लगाया गया था। इस पिच को बनाने की तैयारी सितंबर से चल रही थी। इसमें वही स्थानीय मिट्टी और घास की प्रजातियां हैं जो वाका की पिचों में पाई जाती हैं। शेफ़ील्ड शील्ड सीज़न के दौरान पिचें अपेक्षाकृत काफ़ी तेज़ और उछाल भरी थीं।

इस स्टेडियम में यह पांचवां टेस्ट होगा और इसकी क्षमता 60000 दर्शकों की है। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में स्थित इस मैदान पर अब तक ज़्यादा दर्शकों को आकर्षित नहीं किया जा सका है। हालांकि उम्मीद है कि बॉर्डर-गावस्कर जैसी प्रतिष्ठित और बहुप्रतीक्षित सीरीज़ के जरिए यहां टेस्ट क्रिकेट को दर्शकों के बीच बढ़ावा मिलेगा। शुरुआती नज़र में इस पिच पर तेज़ गेंदबाज़ों के लिए अच्छी-ख़ासी उछाल और गति मौजूद रहेगी।

डब्लूए क्रिकेट के मुख्य क्यूरेटर आइज़क मैकडोनाल्ड ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा, “यह ऑस्ट्रेलिया है, यह पर्थ है… मैं ऐसी पिच तैयार कर रहा हूं, जिसमें शानदार गति, उछाल और बेहतरीन कैरी हो। मैं चाहता हूं कि इस मैच का परिणाम पिछले साल खेले गए मैच की तरह ही हो।”

मैकडोनाल्ड और उनकी टीम को पिछले साल ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच टेस्ट मैच से पहले काफ़ी दबाव का सामना करना पड़ा था, क्योंकि पिछले गर्मी में खेले गए ऑस्ट्रेलिया-वेस्टइंडीज़ मैच में एक साधारण पिच के कारण मुक़ाबला नीरस हो गया था, जिसे वेस्टइंडीज़ ने पांचवे दिन तक खींच लिया था।

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ डेविड वॉर्नर के शतक के साथ मैच की शुरुआत हुई, लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, पिच की स्थिति बिगड़ती गई। पिच में बड़ी दरारें साफ़ दिखाई दे रही थीं, जिससे बल्लेबाज़ों के लिए तेज़ गेंदबाज़ों के खिलाफ खेलना काफ़ी मुश्किल हो गया था।

उस मैच में पाकिस्तान अपनी दूसरी पारी में चौथे दिन के अंत में 30.2 ओवर में 89 रन पर ढेर हो गया था। ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ मार्नस लाबुशेन को तीसरे दिन शॉर्ट-बॉल पर उंगली में चोट लगी गई थी। उन्होंने मैच के बाद कहा था कि यह उनके द्वारा खेली गई सबसे कठिन पिचों में से एक थी।

उस पिच पर 10 मिलीमीटर घास छोड़ा गया था। मैकडोनाल्ड ने कहा, “यह (10 मिमी घास) एक अच्छा शुरुआती बिंदु है। पिछले साल की परिस्थितियों में यह काफ़ी अच्छी शुरुआत थी और पहले कुछ दिनों तक इसके कारण पिच सही दिख रही थी। पिच पर घास की मौजूदगी गति प्रदान करती है।”

–आईएएनएस

आरआर/

ADVERTISEMENT

पर्थ, 12 नवम्बर (आईएएनएस)। घरेलू धरती पर धूल भरी पिचों से निकलकर, और पहले टेस्ट से पहले अपना एकमात्र प्रैक्टिस मैच स्थगित करने का निर्णय लेने के बाद, भारत को ऑस्ट्रेलियाई हालात में कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। भारत का पहला मैच ऑप्टस स्टेडियम में है और उम्मीद है कि यहां की पिच वाका ग्राउंड की तरह (तेज़ और उछाल भरी) ही होगी, जो भारत के लिए काफ़ी चुनौतीपूर्ण होगा।

बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफ़ी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला मुक़ाबला 22 नवंबर से है। सीरीज़ के पहले मैच के लिए ड्रॉप-इन पिच को पिछले महीने ऑप्टस स्टेडियम में लगाया गया था। इस पिच को बनाने की तैयारी सितंबर से चल रही थी। इसमें वही स्थानीय मिट्टी और घास की प्रजातियां हैं जो वाका की पिचों में पाई जाती हैं। शेफ़ील्ड शील्ड सीज़न के दौरान पिचें अपेक्षाकृत काफ़ी तेज़ और उछाल भरी थीं।

इस स्टेडियम में यह पांचवां टेस्ट होगा और इसकी क्षमता 60000 दर्शकों की है। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में स्थित इस मैदान पर अब तक ज़्यादा दर्शकों को आकर्षित नहीं किया जा सका है। हालांकि उम्मीद है कि बॉर्डर-गावस्कर जैसी प्रतिष्ठित और बहुप्रतीक्षित सीरीज़ के जरिए यहां टेस्ट क्रिकेट को दर्शकों के बीच बढ़ावा मिलेगा। शुरुआती नज़र में इस पिच पर तेज़ गेंदबाज़ों के लिए अच्छी-ख़ासी उछाल और गति मौजूद रहेगी।

डब्लूए क्रिकेट के मुख्य क्यूरेटर आइज़क मैकडोनाल्ड ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा, “यह ऑस्ट्रेलिया है, यह पर्थ है… मैं ऐसी पिच तैयार कर रहा हूं, जिसमें शानदार गति, उछाल और बेहतरीन कैरी हो। मैं चाहता हूं कि इस मैच का परिणाम पिछले साल खेले गए मैच की तरह ही हो।”

मैकडोनाल्ड और उनकी टीम को पिछले साल ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच टेस्ट मैच से पहले काफ़ी दबाव का सामना करना पड़ा था, क्योंकि पिछले गर्मी में खेले गए ऑस्ट्रेलिया-वेस्टइंडीज़ मैच में एक साधारण पिच के कारण मुक़ाबला नीरस हो गया था, जिसे वेस्टइंडीज़ ने पांचवे दिन तक खींच लिया था।

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ डेविड वॉर्नर के शतक के साथ मैच की शुरुआत हुई, लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, पिच की स्थिति बिगड़ती गई। पिच में बड़ी दरारें साफ़ दिखाई दे रही थीं, जिससे बल्लेबाज़ों के लिए तेज़ गेंदबाज़ों के खिलाफ खेलना काफ़ी मुश्किल हो गया था।

उस मैच में पाकिस्तान अपनी दूसरी पारी में चौथे दिन के अंत में 30.2 ओवर में 89 रन पर ढेर हो गया था। ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ मार्नस लाबुशेन को तीसरे दिन शॉर्ट-बॉल पर उंगली में चोट लगी गई थी। उन्होंने मैच के बाद कहा था कि यह उनके द्वारा खेली गई सबसे कठिन पिचों में से एक थी।

उस पिच पर 10 मिलीमीटर घास छोड़ा गया था। मैकडोनाल्ड ने कहा, “यह (10 मिमी घास) एक अच्छा शुरुआती बिंदु है। पिछले साल की परिस्थितियों में यह काफ़ी अच्छी शुरुआत थी और पहले कुछ दिनों तक इसके कारण पिच सही दिख रही थी। पिच पर घास की मौजूदगी गति प्रदान करती है।”

–आईएएनएस

आरआर/

ADVERTISEMENT

पर्थ, 12 नवम्बर (आईएएनएस)। घरेलू धरती पर धूल भरी पिचों से निकलकर, और पहले टेस्ट से पहले अपना एकमात्र प्रैक्टिस मैच स्थगित करने का निर्णय लेने के बाद, भारत को ऑस्ट्रेलियाई हालात में कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। भारत का पहला मैच ऑप्टस स्टेडियम में है और उम्मीद है कि यहां की पिच वाका ग्राउंड की तरह (तेज़ और उछाल भरी) ही होगी, जो भारत के लिए काफ़ी चुनौतीपूर्ण होगा।

बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफ़ी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला मुक़ाबला 22 नवंबर से है। सीरीज़ के पहले मैच के लिए ड्रॉप-इन पिच को पिछले महीने ऑप्टस स्टेडियम में लगाया गया था। इस पिच को बनाने की तैयारी सितंबर से चल रही थी। इसमें वही स्थानीय मिट्टी और घास की प्रजातियां हैं जो वाका की पिचों में पाई जाती हैं। शेफ़ील्ड शील्ड सीज़न के दौरान पिचें अपेक्षाकृत काफ़ी तेज़ और उछाल भरी थीं।

इस स्टेडियम में यह पांचवां टेस्ट होगा और इसकी क्षमता 60000 दर्शकों की है। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में स्थित इस मैदान पर अब तक ज़्यादा दर्शकों को आकर्षित नहीं किया जा सका है। हालांकि उम्मीद है कि बॉर्डर-गावस्कर जैसी प्रतिष्ठित और बहुप्रतीक्षित सीरीज़ के जरिए यहां टेस्ट क्रिकेट को दर्शकों के बीच बढ़ावा मिलेगा। शुरुआती नज़र में इस पिच पर तेज़ गेंदबाज़ों के लिए अच्छी-ख़ासी उछाल और गति मौजूद रहेगी।

डब्लूए क्रिकेट के मुख्य क्यूरेटर आइज़क मैकडोनाल्ड ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा, “यह ऑस्ट्रेलिया है, यह पर्थ है… मैं ऐसी पिच तैयार कर रहा हूं, जिसमें शानदार गति, उछाल और बेहतरीन कैरी हो। मैं चाहता हूं कि इस मैच का परिणाम पिछले साल खेले गए मैच की तरह ही हो।”

मैकडोनाल्ड और उनकी टीम को पिछले साल ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच टेस्ट मैच से पहले काफ़ी दबाव का सामना करना पड़ा था, क्योंकि पिछले गर्मी में खेले गए ऑस्ट्रेलिया-वेस्टइंडीज़ मैच में एक साधारण पिच के कारण मुक़ाबला नीरस हो गया था, जिसे वेस्टइंडीज़ ने पांचवे दिन तक खींच लिया था।

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ डेविड वॉर्नर के शतक के साथ मैच की शुरुआत हुई, लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, पिच की स्थिति बिगड़ती गई। पिच में बड़ी दरारें साफ़ दिखाई दे रही थीं, जिससे बल्लेबाज़ों के लिए तेज़ गेंदबाज़ों के खिलाफ खेलना काफ़ी मुश्किल हो गया था।

उस मैच में पाकिस्तान अपनी दूसरी पारी में चौथे दिन के अंत में 30.2 ओवर में 89 रन पर ढेर हो गया था। ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ मार्नस लाबुशेन को तीसरे दिन शॉर्ट-बॉल पर उंगली में चोट लगी गई थी। उन्होंने मैच के बाद कहा था कि यह उनके द्वारा खेली गई सबसे कठिन पिचों में से एक थी।

उस पिच पर 10 मिलीमीटर घास छोड़ा गया था। मैकडोनाल्ड ने कहा, “यह (10 मिमी घास) एक अच्छा शुरुआती बिंदु है। पिछले साल की परिस्थितियों में यह काफ़ी अच्छी शुरुआत थी और पहले कुछ दिनों तक इसके कारण पिच सही दिख रही थी। पिच पर घास की मौजूदगी गति प्रदान करती है।”

–आईएएनएस

आरआर/

ADVERTISEMENT

पर्थ, 12 नवम्बर (आईएएनएस)। घरेलू धरती पर धूल भरी पिचों से निकलकर, और पहले टेस्ट से पहले अपना एकमात्र प्रैक्टिस मैच स्थगित करने का निर्णय लेने के बाद, भारत को ऑस्ट्रेलियाई हालात में कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। भारत का पहला मैच ऑप्टस स्टेडियम में है और उम्मीद है कि यहां की पिच वाका ग्राउंड की तरह (तेज़ और उछाल भरी) ही होगी, जो भारत के लिए काफ़ी चुनौतीपूर्ण होगा।

बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफ़ी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला मुक़ाबला 22 नवंबर से है। सीरीज़ के पहले मैच के लिए ड्रॉप-इन पिच को पिछले महीने ऑप्टस स्टेडियम में लगाया गया था। इस पिच को बनाने की तैयारी सितंबर से चल रही थी। इसमें वही स्थानीय मिट्टी और घास की प्रजातियां हैं जो वाका की पिचों में पाई जाती हैं। शेफ़ील्ड शील्ड सीज़न के दौरान पिचें अपेक्षाकृत काफ़ी तेज़ और उछाल भरी थीं।

इस स्टेडियम में यह पांचवां टेस्ट होगा और इसकी क्षमता 60000 दर्शकों की है। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में स्थित इस मैदान पर अब तक ज़्यादा दर्शकों को आकर्षित नहीं किया जा सका है। हालांकि उम्मीद है कि बॉर्डर-गावस्कर जैसी प्रतिष्ठित और बहुप्रतीक्षित सीरीज़ के जरिए यहां टेस्ट क्रिकेट को दर्शकों के बीच बढ़ावा मिलेगा। शुरुआती नज़र में इस पिच पर तेज़ गेंदबाज़ों के लिए अच्छी-ख़ासी उछाल और गति मौजूद रहेगी।

डब्लूए क्रिकेट के मुख्य क्यूरेटर आइज़क मैकडोनाल्ड ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा, “यह ऑस्ट्रेलिया है, यह पर्थ है… मैं ऐसी पिच तैयार कर रहा हूं, जिसमें शानदार गति, उछाल और बेहतरीन कैरी हो। मैं चाहता हूं कि इस मैच का परिणाम पिछले साल खेले गए मैच की तरह ही हो।”

मैकडोनाल्ड और उनकी टीम को पिछले साल ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच टेस्ट मैच से पहले काफ़ी दबाव का सामना करना पड़ा था, क्योंकि पिछले गर्मी में खेले गए ऑस्ट्रेलिया-वेस्टइंडीज़ मैच में एक साधारण पिच के कारण मुक़ाबला नीरस हो गया था, जिसे वेस्टइंडीज़ ने पांचवे दिन तक खींच लिया था।

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ डेविड वॉर्नर के शतक के साथ मैच की शुरुआत हुई, लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, पिच की स्थिति बिगड़ती गई। पिच में बड़ी दरारें साफ़ दिखाई दे रही थीं, जिससे बल्लेबाज़ों के लिए तेज़ गेंदबाज़ों के खिलाफ खेलना काफ़ी मुश्किल हो गया था।

उस मैच में पाकिस्तान अपनी दूसरी पारी में चौथे दिन के अंत में 30.2 ओवर में 89 रन पर ढेर हो गया था। ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ मार्नस लाबुशेन को तीसरे दिन शॉर्ट-बॉल पर उंगली में चोट लगी गई थी। उन्होंने मैच के बाद कहा था कि यह उनके द्वारा खेली गई सबसे कठिन पिचों में से एक थी।

उस पिच पर 10 मिलीमीटर घास छोड़ा गया था। मैकडोनाल्ड ने कहा, “यह (10 मिमी घास) एक अच्छा शुरुआती बिंदु है। पिछले साल की परिस्थितियों में यह काफ़ी अच्छी शुरुआत थी और पहले कुछ दिनों तक इसके कारण पिच सही दिख रही थी। पिच पर घास की मौजूदगी गति प्रदान करती है।”

–आईएएनएस

आरआर/

Related Posts

खेल

फ्रेंच ओपन : एलेक्सी पोपिरिन को हराकर पहली बार क्वार्टर फाइनल में पहुंचे टॉमी पॉल

June 1, 2025
पीकेएल 12 ऑक्शन : पहले दिन 10 करोड़पति के बाद दूसरे दिन अनिल मोहन ने रचा इतिहास
खेल

पीकेएल 12 ऑक्शन : पहले दिन 10 करोड़पति के बाद दूसरे दिन अनिल मोहन ने रचा इतिहास

June 1, 2025
आईपीएल 2025 : पंजाब किंग्स ने जीता टॉस, मुंबई इंडियंस पहले करेगी बल्लेबाजी
खेल

आईपीएल 2025 : पंजाब किंग्स ने जीता टॉस, मुंबई इंडियंस पहले करेगी बल्लेबाजी

June 1, 2025
आईपीएल 2025: मुंबई इंडियंस और पंजाब किंग्स के बीच क्वालिफायर-2 को लेकर फैंस उत्साहित
खेल

आईपीएल 2025: मुंबई इंडियंस और पंजाब किंग्स के बीच क्वालिफायर-2 को लेकर फैंस उत्साहित

June 1, 2025
आईसीसी ने वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम पर लगाया धीमी ओवर गति के लिए जुर्माना
खेल

आईसीसी ने वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम पर लगाया धीमी ओवर गति के लिए जुर्माना

June 1, 2025
फोर नेशंस टूर्नामेंट : भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम ने शूटआउट में उरुग्वे को हराया
खेल

फोर नेशंस टूर्नामेंट : भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम ने शूटआउट में उरुग्वे को हराया

June 1, 2025
Next Post

गेमिंग सेक्टर में बूम के संकेत, गैर-मेट्रो सिटी का रहेगा दबदबा

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

083209
Total views : 5884704
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In