नई दिल्ली, 26 मार्च (आईएएनएस)। जी-20 पर्यावरण और जलवायु स्थिरता कार्य समूह (ईसीएसडब्ल्यूजी) की दूसरी बैठक में 11 आमंत्रित देशों और 14 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ जी-20 सदस्य देशों के 130 प्रतिनिधि भाग लेंगे। बैठक में नमामि गंगे, जलवायु के अनुकूल अवसंरचना, सहभागितापूर्ण भूजल प्रबंधन, जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन जैसी प्रमुख पहलों पर विशेष प्रस्तुतियां भी दी जाएंगी।
सोमवार से गांधीनगर में शुरू हो रही इस तीन दिवसीय बैठक में भूमि क्षरण को रोकने, पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली में तेजी लाने और जैव विविधता को समृद्ध करने, संसाधन दक्षता और चक्रीय अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने और जलवायु के अनुकूल ब्लू इकोनॉमी को बढ़ावा देने जैसे विषयगत क्षेत्रों पर विचार विमर्श किया जाएगा।
पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक, बैठक के भाग के रूप में आयोजित भ्रमणों के दौरान प्रतिनिधियों को आधुनिकता और परंपरा का मिश्रण देखने का अवसर मिलेगा। प्राचीन बावड़ी अडालज वाव में भारत की प्राचीन जल प्रबंधन पद्धतियों का प्रदर्शन किया जाएगा और साबरमती साइफन में भारत की इंजीनियरिंग कौशल का प्रदर्शन किया जाएगा। प्रतिनिधियों को विशेष रूप से नृत्य और संगीत की प्रस्तुतियों के माध्यम से गुजरात की जीवंत सांस्कृतिक परंपराओं का अनुभव करने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा उन्हें अपनी यात्रा के दौरान स्थानीय व्यंजनों का स्वाद चखने का अवसर भी मिलेगा।
सम्मेलन का आरंभ जल शक्ति मंत्रालय के नेतृत्व में जल संसाधन प्रबंधन पर एक साइड इवेंट के साथ होगा, जिसमें जी-20 सदस्य देश इस विषय के संबंध में सर्वोत्तम पद्धतियों पर प्रस्तुतियां देंगे। अंतिम दिन और भी तकनीकी सत्र होंगे और अंतिम मंत्रिस्तरीय वक्तव्य की रूपरेखा पर चर्चा होगी। यह जानकारी पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के संयुक्त सचिव नीलेश के साह ने दी।
बैठक के दौरान जल शक्ति मंत्रालय के तहत विभिन्न संगठन अटल भुजल योजना, स्वच्छ भारत अभियान, जल जीवन मिशन, नमामि गंगे, जल शक्ति अभियान, राष्ट्रीय जल मिशन आदि विषयों पर स्टाल लगाएंगे और प्रतिनिधियों को अपने उच्च गुणवत्ता वाले कार्यो की जानकारी देंगे।
ईसीएसडब्ल्यूजी की दूसरी बैठक सतत और लचीले भविष्य के प्रति जी-20 देशों, आमंत्रित देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रयासों को बढ़ावा देने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
–आईएएनएस
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