बीजिंग, 18 जून (आईएएनएस)। चीन दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है और क्षेत्रफल में तीसरा सबसे बड़ा देश है। इसकी अर्थव्यवस्था, जो पहले से ही विशाल है, किसी भी बड़े राष्ट्र की तुलना में सबसे तेज गति से बढ़ रही है। जाहिर है इसकी पर्यावरण संबंधी समस्याएं किसी भी बड़े देश की तुलना में सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण होंगी।
चीनी लोग, जिनमें इसके नेता भी शामिल हैं, इन समस्याओं से अवगत हैं और उन्होंने इनसे निपटने की कोशिश की है। पिछले कई सालों में बड़े स्तर पर चीजों में सुधार हुआ है, जैसे बीजिंग और कुछ अन्य बड़े शहरों में हवा की गुणवत्ता इसके सफल उदाहरण है। चीन में कई पर्यावरणीय समस्याओं को बढ़ाने वाला एक कारक यह है कि, एक विश्व कारखाने के रूप में, चीन उत्पादों का निर्यात करता है, लेकिन उसके लिए प्राकृतिक संसाधनों का उपभोग भी करता है जिसके कारण प्रदूषण भी उत्पन्न होता है। हालांकि, चीन का प्रति व्यक्ति पर्यावरणीय प्रभाव अभी भी विकसित देशों की तुलना में बहुत कम है। इसका कारण यहां की जागरूक जनता और सरकार द्वारा उठाये गये बेहद महत्वपूर्ण कदम हैं।
जैसे की जैव विविधता उनके प्राकृतिक वातावरण में जीवित प्रजातियों (पौधों, जानवरों और सूक्ष्म जीवों) की विविधता और संबंधित पारिस्थितिक प्रक्रियाओं के समुच्चय को संदर्भित करती है। इसे तीन स्तरों पर मापा जाता है: जीन, प्रजाति और पारिस्थितिक तंत्र। चीन ने अपनी जैव विधिवता को संजो कर रखा है और उसमें कोई इंसानी दखल ना हो इसके पर्याप्त इंतजाम किए हैं।
चीन ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी नादियो को बचाने की बेहतरीन कोशिश की है जिसका परिणाम आज साफ देखने को मिलता है। नदियों का स्वस्थ होना एक सभ्यता का स्वस्थ होना बताया जाता है जिसका जीता-जागता उदाहरण है जि़याओलिंग नदी का पुनर्जन्म। लगभग 20-30 साल पहले जि़याओलिंग नदी में बदबू उठती थी, इसमें रहने वाली मछलियों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता था। यहां के स्थानीय निवासी भी इस नदी में से पकड़ी गई मछलियों को खाना पसंद नहीं करते थे। मगर, जब सन 2014 में नदी को पुनर्जीवित करने और सुरक्षित करने का काम शुरू किया गया तब इस शहर ने अपनी नदियों के साथ पर्यावरण में सुधार के लिए व्यापक उपाय किए और इसने नदी के किनारे 10 किलोमीटर से अधिक की
एक ग्रीन बेल्ट भी बनाई है, जिससे एक रिबन के आकार का एक रिवरसाइड फिटनेस और रिक्रिएशन पार्क बनाया गया है।
इस तरह के कई अनगिनत स़ख्त, व्यापक और कारगर कदम उठाने के बाद और लोगो में पर्यावरण के प्रति प्रेम की भावना को देखने के बाद आज चीन का पर्यावरण किसी भी पश्चिमी देश से कई गुना बेहतर मालूम होता है। आप चाहे यहां के जंगलों की बात कर लें, नदियों की बात करें या वायु की गुणवत्ता की और ध्यान दें आपको हर तरफ यही दिखाई पड़ेगा कि चीन और यहां के लोग पर्यावरण के प्रति कितने संवेदनशील हैं, सरकार का पर्यावरण के प्रति कितना ध्यान है।
किसी भी योजना चाहे वो बड़ी हो या छोटी, लागू करने से पहले हर पहलू से पर्यावरण को ध्यान में रखा जाता है। चीन द्वारा पर्यावरण के प्रति प्रेम दर्शाता है कि हम सबको अपने पर्यावरण के प्रति हमेशा सजग और संवेदनशील रहना चाहिए जिससे आने वाली पीढ़ी के लिये हम एक बेहतर, स्वस्थ और खुशनुमा दुनिया छोड़ कर जाये।
(रिपोर्टर-देवेंद्र सिंह)
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
–आईएएनएस
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